Saturday, August 30, 2014

On yhe ocation of lord ganesha celibrate

गणपति बप्पा मोरिया के जयघोष के साथ फ्राइडे देर शाम शहर के विभिन्न पंडालों और घरों में गणपति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्राण प्रतिष्ठा के लिए सुबह से ही झांकियों और जुलूस का क्रम शुरू हो गया था. श्रद्धालु नाचते-गाते गणेश प्रतिमा को पंडालों तक ले गए, जहां विधिवत स्थापना की गई. स्थापना के लिए शहर की कई समितियों की ओर से भव्य जुलूस का आयोजन और अन्य कार्यक्रम ऑर्गनाइज किए गए.

जुलूस में रहा उल्लास का माहौल

शहर में कई समितियों की ओर से फ्राइडे को शोभायात्रा निकाली गई. किला थाने से निकाली गए लड्डू जुलूस में करीब भ् हजार श्रद्धालु मौजूद रहे. जुलूस में गणेश व अन्य देवी देवताओं समेत शिव परिवार की झांकी आकर्षण का केंद्र रही. जुलूस दोपहर करीब क्ख् बजे किला थाना से प्रारम्भ होकर सिविल लाइंस हनुमान मंदिर पर समाप्त हुआ. वहीं श्री गणेश पूजन समारोह समिति की ओर से दोपहर करीब तीन बजे चौकी चौराहा से शोभयात्रा निकाली गई, जो हनुमान मंदिर पर समाप्त हुई. शोभायात्रा में गणेश जी की विशाल प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बनी रही.

यहां सजाए गए पंडाल

शोभायात्रा और जुलूस का दौर देर शाम समाप्त होने के बाद पंडालों में प्राण प्रतिष्ठा का सिलसिला शुरू हुआ. शहर के कई इलाकों समेत मंदिर कमेटी की ओर से गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई. इसमें मराठा बुलियंस, विभूति नारायण मंदिर, बड़ी बबनपुरी दुर्गा मंदिर, मठ की चौकी, दो पांडाल करगैना, आलमगीरी, सौदाकरन, चौकी चौराहा समेत करीब क्ब् विशाल पांडाल सजाए गए हैं. इन सभी पांडालों में देर शाम गणपति बप्पा की विधिवत पूजा अर्चना, मंत्रोच्चार के साथ स्थापना की गई. वहीं देर शाम सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर में हिन्दू जागरण एकता समिति की ओर से महाआरती और महाभोग का कार्यक्रम आयोजित किया गया. महाभोग में क्70 किलो का एक लड्डू श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण बना रहा.

ऑर्गनाइज किए गए प्रोग्राम

गणेश चतुर्थी के मौके पर शहर की समितियों की ओर से कई कल्चरल प्रोग्राम ऑर्गनाइज किए गए. श्री गणेश पूजन समारोह समिति की ओर से रात करीब नौ बजे मां भगवती के जागरण से ख्फ्वें गणेश महोत्सव का शुभारंभ किया गया. वहीं हिन्दू जागरण एकता समिति की ओर से सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर में देर शाम से मध्यरात्रि तक कल्चरल प्रोग्राम, झांकियां, क्वेश्चन क्विज और डांडिया का कार्यक्रम ऑर्गनाइज किया गया. साथ ही मराठा बुलियंस समिति की ओर से देर शाम छह बजे बैंड बाजों की धुनों से भजन संध्या का आयोजन किया गया. 

 
 

Police negligence exposed again

घाटमपुर के भीतरगांव का बवाल अभी ठंडा भी नहीं हो पाया है कि मंगलवार को पुलिस की सुस्ती से एक और बड़ा बवाल होते-होते बच गया. इस बार फिर पुलिस ने अपनी कलाकारी दिखाई और हादसे में मरे युवक का पंचनामा लावारिश में कर दिया. इससे गुस्साए लोग रोड पर उतर आए और शव को रोड पर रखकर जमकर हंगामा किया. कुछ उपद्रवियों ने मौका देखकर मामले को बिगाड़ने के लिए पत्थर भी फेंके, लेकिन ऊपर वाले का शुक्र था कि मामला निपट गया. इससे पूर्व मामला बढ़ने की सूचना जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के पास पहुंची तो उनके होश उड़ गए. आनन-फानन में आला अधिकारियों ने मौके पर जाकर गुस्साए लोगों को समझाकर शांत कराया. साथ ही उन्होंने पीडि़त परिवार को ख्भ् हजार का मुआवजा दिया और अन्य सहायता दिलाने का आश्वासन दिया. तब जाकर मामला शांत हुआ.

क्या था मामला?

बकरमण्डी के मिश्री बाजार में रहने वाले जियाउल हक का बेटा फैसल चप्पल कारखाने में काम करता था. वो सोमवार को पैदल परेड चौराहे की ओर जा रहा था कि रास्ते में एकता चौकी के पास डीसीएम ने उसको टक्कर मार दी थी. जिसमें उसकी मौके पर मौत हो गई थी. पुलिस ने आनन-फानन में लावारिश में शव का पंचनामा कर उसको पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. आरोप है कि पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में लेने के बाद उसे डीसीएम समेत छोड़ दिया था. युवक केदेर तक घर नहीं लौटने पर परिजनों को चिंता हुई, तो उन लोगों ने उसकी आस-पास खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. इधर, मंगलवार की सुबह लोगों को परेड पर हादसे की जानकारी मिली, तो वो लोग पोस्टमार्टम पहुंच गए. वहां पर उन्होंने शव की शिनाख्त कर सारी जानकारी की, तो पुलिस की पोल खुल गई. जिससे वे भड़क गए. परिजन घर पहुंचे फिर उनके साथ सैकड़ों लोग रोड पर उतर आए. उन लोगों ने चौकी के बाहर शव रखकर हंगामा कर दिया. गुस्साए लोग तोड़फोड़ करने लगे. पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

लगा लंबा जाम, पब्लिक परेशान

एकता चौकी, परेड पर लोगों ने धावा बोल दिया. उग्र भीड़ ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. फिर क्या था देखते ही देखते लोगों की संख्या बढ़ गई. लोगों ने रोड जाम कर दी. देखते ही देखते रोड के दोनों ओर लंबा जाम लग गया. एक तरफ पीपीएन कॉलेज तक और दूसरी तरफ लैंडमार्क होटल तक जाम लग गया. बवाल बढ़ता देख लोग इधर-उधर गलियों में घुसने लगे. खैर, देर से पहुंची पुलिस ने दोनों ओर का ट्रैफिक रोक-कर लोगों को वापस किया. करीब आधे घंटे तक परेड पर जमकर बवाल हुआ. लेकिन फिर अधिकारियों की मुस्तैदी से बड़ा बवाल होते-होते बच गया.

University banned employee rights in agra

 छात्र नेता द्वारा कर्मचारी के साथ गाली गलौज करने पर हुई कार्रवाई

आगरा. रजिस्ट्रार और चीफ प्रॉक्टर पर अपनी नाराजगी जाहिर करना यूनिवर्सिटी के कर्मचारी को भारी पड़ गया. वीसी के आदेश पर कर्मचारी के अधिकारों पर बंदिशें लगा दी गई. कर्मचारी का दुस्साहस केवल इतना था कि उसने यूनिवर्सिटी में अधिकारियों के न बैठने पर आए दिन लोगों के गुस्सा होने का विरोध किया था. साथ ही यूनिवर्सिटी में तैनात सिक्योरिटी द्वारा कोई एक्शन न लिए जाने की भी कंप्लेन की गई थी.

छात्र नेता द्वारा की गई थी अभद्रता

25 अगस्त की शाम को छात्र नेता अमित राज चौहान द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस में घुसकर कर्मचारियों के साथ अभद्रता की थी. यहां तक कि कर्मचारी रोहित शर्मा के साथ गाली गलौज तक की गई. इतना ही नहीं छात्र नेता द्वारा कर्मचारी को अपने साथ रजिस्ट्रार आवास पर ले जाया गया जहां रजिस्ट्रार के न मिलने पर छात्र नेता के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा.

कर्मचारी ने की थी नाराजगी जाहिर

कर्मचारी रोहित शर्मा द्वारा रजिस्ट्रार और चीफ प्रॉक्टर के साथ फोन पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. कर्मचारी द्वारा ऐसे माहौल में काम करने से भी साफ इंकार कर दिया गया था. इतना ही नहीं कर्मचारी द्वारा यूनिवर्सिटी में तैनात सिक्योरिटी द्वारा मामले में हस्तक्षेप न करने की शिकायत भी की गई थी.

अधिकारों पर लगा दीं बंदिशें

कर्मचारी द्वारा यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करना भारी पड़ गया. यूनिवर्सिटी ने कर्मचारी को हटाया भी नहीं और उसके अधिकारों पर बंदिशें लगाते हुए उसके ऊपर फाइनेंस ऑफीसर के ऑफिस में रहे ललित शर्मा को तैनाती दे दी गई.

रजिस्ट्रार बीके पांडे ने बताया कि किसी को हटाया नहीं गया है, काम अधिक होने पर ललित शर्मा को ऑफिस में लगाया गया है ताकि काम आसानी से पूरा किया जा सके.

Rape with sutdent

 उतरांव थाना क्षेत्र के इनायतपट्टी के मजरा ढोरहा गांव में तमंचे के जोर पर गुरुवार देर रात कक्षा सात की एक छात्रा से दुराचार किया गया. चीख पुकार सुनकर चंद कदम दूर सो रही पीडि़ता की मां की नींद खुली तो आरोपी धमकी देता हुआ भाग निकला. शुक्रवार सुबह ग्रामीणों को जानकारी हुई तो बड़ी संख्या में आरोपी के घर पहुंचकर पथराव कर दिया. घर के मुख्य द्वार पर लगे दरवाजे को तोड़ डाला. घटना के बाद दो समुदाय के बीच तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है.

छात्रा से किया दुराचार

ढोरहा गांव का रहने वाला एक व्यक्ति दूसरे प्रदेश में कोई काम करता है. यहां घर पर उसकी पत्‍‌नी अपनी क्ख् वर्ष की पुत्री व दो छोटे बच्चों के साथ रहती है. उसकी पुत्री कक्षा सात में पढ़ती है. गुरुवार रात सभी घर के बाहर चारपाई पर सो रहे थे. छात्रा दरवाजे के पास अकेले सो रही थी. देर रात इनायतपट्टी गांव का रहने वाला शमशाद उसके पास पहुंचा और तमंचा सटाते हुए उसके साथ दुराचार किया. उसने आवाज लगानी चाही, लेकिन उसने गोली मारने की धमकी दी.

धमकी देते हुए भाग निकला

इसी बीच चीख पुकार सुनकर छात्रा की मां की नींद खुली और उसने मोबाइल से ग्रामीणों व रिश्तेदारों को फोन कर जानकारी देने की कोशिश की, जिस पर शमशाद ने मोबाइल छीन लिया और जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकला. शुक्रवार सुबह इसकी जानकारी गांव के लोगों को हुई तो वह आक्रोशित हो गए. आसपास के भी गांव के काफी लोग मौके पर पहुंचे और फिर आरोपी के घर चढ़ गए. घर पर ताला लगा देख ग्रामीण पथराव करने लगे. दरवाजा तोड़ डाला. सूचना पाकर एसओ उतरांव मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया. शमशाद के खिलाफ दुराचार समेत कई अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई.

 
 

Transport department take disision

आईएसबीटी के अंदर से सिटी बस और विक्रम का संचालन फिलहाल नहीं हो पायेगा. क्योंकि आईएसबीटी में संचालन को लेकर रैंम्के कंपनी द्वारा दूसरा गेट बनवाया जा रहा है. फिलहाल आईएसबीटी में रोडवेज और बस के निकलने का एक ही गेट है जहां से सिटी बस और विक्रम का एक साथ निकल पाना संभव नहीं है. ऐसे में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी.

विक्रमों का संचालन हो पायेगा

इसलिए रैम्के कंपनी द्वारा दूसरा गेट बनवाया जा रहा है. इसके लिए आईएसबीटी परिसर क्षेत्र में गड्ढो को भरा जा रहा है. एसपी ट्रैफिक प्रदीप ने बताया कि आईएसबीटी में दूसरा गेट बनने के बाद ही अड्डे के अंदर से सिटी बस और विक्रमों का संचालन हो पायेगा. जहां तक अड्डे के बाहर संचालन का सवाल है तो सड़क पर जो भी वाहन अनावश्यक खड़ा मिल रहा है उसका चालान किया जा रहा है. 

 

ETM not working

एक तरफ यूपी रोडवेज यात्रियों के बेहतर सुविधा के लिए स्मार्ट कार्ड फैसिलिटी शुरू की है. वहीं स्मार्ट कार्ड यात्रियों के साथ आए दिन कंडक्टर बदसलूकी कर रहे हैं. यह मामला तब प्रकाश में आया जब सेंट जोसेफ वूमेन डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा को रोडवेज बस कंडक्टर ने बीच रास्ते में इसलिए उतार दिया क्योंकि उसके पास स्मार्ट कार्ड था और कंडक्टर के पास ईटीएम नहीं था. छात्रा जब इस मामले की शिकायत के लिए गोरखपुर डिपो के जेएसआई और एसएस के पास पहुंची तो दोनों ही अधिकारी जेएसआई और एसएस अपने ऑफिस से गायब मिले.

बीच रास्ते में उतार दिया

चौरीचौरा की कंचन सिंह सेंट जोसेफ वूमेन डिग्री कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रही है. वह वेंस्डे की दोपहर रोडवेज बस नंबर यूपी-भ्फ् एटी फ्9क्9 में गोरखपुर से चौरीचौरा के लिए बैठी थी. कूड़ाघाट के पास पहुंचते ही कंचन ने जब बस कंडक्टर को एमएसटी (जीकेपीजीके क्ब्000म्99ब्) दिखाया तो कंडक्टर ने ईटीएम न होने की बात कहते हुए उससे उतरने को कहने लगा, लेकिन छात्रा ने इंकार कर दिया. इसके बाद बस कंडक्टर ने लड़की से अभद्र भाषा में बात की और उसे बीच रास्ते में उतार दिया. जबकि नियमानुसार कोई भी स्मार्ट कार्ड लेकर चलने वाले यात्री को कोई भी कंडक्टर ईटीएम के अभाव में उतार नहीं सकता है. वह अपने मार्ग पत्र पर यात्री का रिसीविंग देखकर उसे यात्रा करा सकता है. लेकिन उतार नहीं सकता है.

कई चक्कर लगाए, लेकिन नहीं मिले अधिकारी

छात्रा ने कंडक्टर के खिलाफ कार्रवाई की शिकायत के लिए थर्सडे को गोरखपुर डिपो पर अपनी फ्रेंड्स के साथ आई. लेकिन जब वह स्टेशन सुप्रीटेंडेट के पास शिकायत के लिए पहुंची मौके पर न तो कोई जेएसआई मिला और ना ही स्टेशन सुप्रिटेंडेंट. घंटों बस स्टेशन पर अधिकारियों की खोजबीन करने के बाद किसी के न मिलने पर वह मायूस होकर चली गई. छात्रा का यह भी कहना था कि उसने हेल्प लाइन नंबर क्800क्80ख्877 पर भी कंप्लेंट करने की कोशिश की थी, लेकिन उस पर भी कंप्लेंट नहीं दर्ज हुई.

क्98 में से म्ख् ईटीएम खराब

गोरखपुर डिपो कंडक्टरों की माने तो करीब भ्भ्0 से ज्यादा कंडक्टर हैं, लेकिन वर्तमान में मात्र में क्98 ईटीएम है. जिसमें म्ख् खराब है और जो है भी वह ठीक से चलते नहीं हैं. जब भी ड्यूटी पर ईटीएम लेकर जाओ तो बीच रास्ते में स्मार्ट कार्ड को स्वैप करने पर रूट नॉट फाउंड लिखकर आता है. जिसके चलते काफी प्रॉब्लम आती हैं. समय से कभी भी हमें ईटीएम नहीं दिए जाते हैं. जबकि ईटीएम को तुरंत दिया जाना चाहिए. यहीं नहीं कई बार तो बीच रास्ते में ईटीएम आपरेट करते समय यात्रियों की संख्या भी नहीं शो करती है. जिसके चलते बीच रास्ते में प्रॉब्लम आती है. चार्जर तक नहीं है. जिससे की ईटीएम चार्ज किए जा सकें. उधर बीच रास्ते में अगर अधिकारियों ने चेक किया तो जबरदस्ती डब्लू टी बना दिया जाता है.

वर्जन..

कंडक्टर द्वारा छात्रा के साथ बदसलूकी का मामला गंभीर है. इसके लिए कंडक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. रहा सवाल खराब ईटीएम प्राब्लम का तो वह रिपेयरिंग के लिए गए हुए हैं. जैसे ही आ जाएंगे. यह समस्या दूर कर ली जाएगी.

सुग्रीव कुमार राय,

आरएम, यूपी रोडवेज गोरखपुर रीजन 

shweta kidnapping case turns to love affair matter

शहर का चर्चित अपहरण का एक मामला आखिरकार प्रेम प्रसंग का निकला. अपहरण का मामला 18 अगस्त को बारीडीह के रहनेवाले नागेंद्र कुमार ने मानगो थाना में दर्ज कराया था. मामला दर्ज होते ही मानगो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लड़का के पिता रविंद्र सिंह, मामा तथा बड़े पापा शैलेंद्र सिंह को जेल भेज दिया था. इस मामले में शुक्रवार को श्वेता सिंह ने अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय में 164 का बयान दिया. अपने बयान में श्वेता सिंह ने कहा कि वह अपनी मर्जी से रविंद्र सिंह के पुत्र अमित कुमार सिंह के साथ पुणे से लखनऊ जाकर आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली है.

जान को है खतरा

श्वेता सिंह ने कहा कि उसने इंटर कास्ट मैरिज की है, इसलिए उसे व उसके पति के अलावा ससुराल वालों को उनके पिता एमएम सिंह, चाचा नागेंद्र सिंह, भाई व परिवार के अन्य सदस्यों से जान का खतरा है. इसलिए वह पुलिस की सुरक्षा में अपने पति के साथ रहना चाहती है. युवती का बयान सुनने के बाद न्यायालय ने अनुसंधानकर्ता पुलिस अधिकारी मो अख्तर अली से लड़की को वहां ले जाने को कहा, जहां वह जाना चाहती है. इतना ही नहीं उसे पूरी सुरक्षा में ले जाने को भी कहा गया.

दादा श्वसुर के घर गई श्वेता

कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस चौकस हो गई. पुलिस की पूरी सुरक्षा के बीच युवती को दादा ससुर ओंकारनाथ सिंह के घर ले जाया गया. लड़का के पक्ष के वकील में सीनियर वकील तापस मित्रा, केएम सिंह, प्रकाश झा, सुशील कुमार, प्रिया शर्मा व अनिल शामिल थे. वहीं दूसरे पक्ष के लाला अजित कुमार अंबष्ठ व पूर्व एपीपी जयप्रकाश ने बहस की.

फैमिली मेंबर्स की बातों पर नहीं दिया ध्यान

श्वेता सिंह के परिवार वाले को जैसे ही जानकारी मिली कि, वह कोर्ट में सरेंडर कर चुकी है. दर्जनों की संख्या में परिवार के लोग कोर्ट परिसर पहुंच गए. श्वेता की मां ने अपनी पुत्री को वापस घर चलने की काफी दुहाई दी, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुई. श्वेता की मां घंटो कोर्ट गेट के पास रही. दूसरी ओर जब न्यायालय ने श्वेता को ससुराल जाने का निर्देश जारी किया तो उसके चाचा नागेंद्र सिंह ने भी उससे घर जाने को कहा.

 
 

Varanasi News

 प्राच्य विद्या के फ्0 हजार दुर्लभ ग्रंथ धूल फांक रहे हैं. उनका अस्तित्व खतरे में है. कई दुर्लभ किताबें नष्ट होने के कगार पर पहुंच गई हैं. सिचुएशन यह है कि संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी के डिजिटलाइजेशन के लिए चार साल पहले मंगाए गया स्कैनर और अन्य मशीनें अब भी कार्टून से बाहर निकल नहीं पाए हैं. वे डिब्बे में जस के तस रखे हुए हैं. ऐसे में लाइब्रेरी को ऑनलाइन कर लोगों तक इनकी पहुंच सुलभ बनाने की परिकल्पना साकार होती नहीं दिख रही है. कुल मिलाकर संरक्षण की कवायद भी दूर की कौड़ी साबित हो रही है. इसके चलते इन दुर्लभ ग्रंथों की बड़ी पूंजी के हाथ से निकलने का खतरा बढ़ गया है. इसे समय रहते हुए बचाना होगा.

बुक्स को चाट रहे दीमक

यूनिवर्सिटी स्थित सरस्वती भवन लाइब्रेरी में एक लाख से अधिक मैनुस्क्रिप्ट के अलावा फ्0 हजार दुर्लभ किताबें भी रखी हुई हैं. इनके रखरखाव के अभाव में कई दुर्लभ ग्रंथ नष्ट हो चुके हैं. यहां तक कि कुछ बुक्स को तो दीमक चाट गया है. यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने दुर्लभ ग्रंथों को संरक्षित करने के लिए उनका डिजिटलाइजेशन करने का डिसीजन लिया था. इसके तहत एक बड़े स्कैनर के साथ ही कई और मशीनें मंगाई गई थीं. आलम यह है कि इनको अभी तक इंस्टॉल नहीं किया गया. इसके चलते दुर्लभ ग्रंथों के ऑटोमेशन का अभी तक श्री गणेश नहीं हो सका है.

डीवीडी में पहुंची पांडुलिपियां

एक तरफ जहां सरस्वती भवन लाइब्रेरी में रखी दुर्लभ किताबों को डिजिटाइज्ड नहीं किया जा सका है तो वहीं दूसरी ओर लाल पोटली में सहेज कर रखी गई दुर्लभ पांडुलिपियां अब डीवीडी में पहुंच पाई हैं. ख्8भ् डीवीडी कैसेट्स में एक लाख क्क् हजार क्फ्ख् पांडुलिपियां समाई हैं. अब इन्हें कंप्यूटर की हार्डडिस्क में कॉपी करने का डिसीजन लिया गया है ताकि ये नष्ट न हो सकें. लाइब्रेरियन सूर्यकांत का कहना है कि समय-समय पर लाइब्रेरी में रखी दुर्लभ किताबों व पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए प्रस्ताव बनाए गए लेकिन ये इन्होंने अंजाम तक पहुंचने से पहले ही हर बार दम तोड़ दिया. चार वर्ष पहले जो स्कैनर मंगाया गया वह किताबें स्कैन करने में सक्षम नहीं है. जबकि इस नये स्कैनर को अब तक इंस्टॉल तक नहीं किया गया है. बिना यूज में लाए ही इसकी वारंटी तक खत्म हो चुकी है. 

108 ambulance accident

लोगों की जान बचाने वाली क्08 एंबुलेंस ने गुरुवार को मोहनलालगंज में दो लोगों को मौत की नींद सुला दिया. विपरीत दिशा से आ रही एंबुलेंस ने डयूटी पर जा रहे बाइक पर सवार दो लोगों को कुचल डाला. इस हादसे में बीडीओ ऑफिस में कार्यरत असिस्टेंट एकाउंटेंट ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि बाइक पर पीछे बैठे सफाई कर्मचारी की इलाज के दौरान ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई. हादसे से नाराज ब्लॉक कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस को घेर लिया और ड्राइवर की जमकर पिटाई कर दी. जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया है.

ऑफिस के सामने हुई दुर्घटना

मोहनलालगंज के उतरेठिया निवासी अशोक कुमार शुक्ला (भ्फ्) बीडीओ ऑफिस में असिस्टेंड एकाउंटेंट थे. वह गुरूवार की सुबह करीब दस बजे अपनी बाइक पर सवार होकर ड्यूटी जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में उन्हें हुसैनगंज के लालकुआं निवासी और उन्हीं के ऑफिस में सफाईकर्मी विमल गौतम (ब्0), मिल गया. अशोक ने उसे अपनी बाइक पर बिठा लिया. वह बाइक लेकर ब्लाक के सामने पहुंचे ही थे कि विपरीत दिशा से आ रही तेजरफ्तार क्08 एंबुलेंस ने उनकी बाइक में ठोकर मार दी. जिससे अशोक कुमार की मौके पर ही मौत हो गई जबकि, विमल गौतम बुरी तरह से घायल हो गया. स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस को घेर लिया. उन लोगों ने ड्राइवर को खींचकर पीटना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने एंबुलेंस को क्षतिग्रस्त कर दिया. अशोक और विमल की मौत की खबर कार्यालय पहुंची तो वहां से भी सभी कर्मचारी पहुंच गए. सड़क पर हंगामा शुरू हो गया. जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल विमल को सीएचसी ले गए. जहां हालत नाजुक होने की वजह से विमल को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया. ट्रॉमा सेंटर पहुंचने पर डॉक्टर्स ने उसका इलाज शुरू किया लेकिन कुछ ही देर में उसकी भी मौत हो गई. 

No patient in medical treatment

पिता के साथ मेडिकल आई नन्हीं परी रो रही थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन का दिल नहीं पसीज रहा था. उसे मेडिकल कालेज में एडमिट करने से मना कर दिया. उसके पिता ने बताया कि मैं मिन्नतें करता रहा कि कोई मेरी मासूम बच्ची का इलाज कर दे. पर बेशरम मेडिकल प्रशासन ने सारी हदें पार कर दी. काश की कोई एक बार तो पूछ लेता कि मेरी क्या मजबूरी है. काश कोई होता जो मेडिकल में अपने डॉक्टर होने का फर्ज निभाता. जब डॉक्टर्स ने बच्ची को एडमिट करने से मना कर दिया तो हारकर मुझे अपनी बच्ची को लावारिस की तरह छोड़ना पड़ा. उसे कोने में लावारिस छोड़कर किसी दूर कोने में बैठकर आंसू भरी आंखों से बस यही इंतजार करना पड़ा कि काश कोई इसे लावारिस समझकर ही इसका इलाज कर दें.

सारी हदें हो गई पार

सोमवार को मेडिकल में किठौर खंदारवली में खेती करने वाले किसान नवील अहमद अपने साले खुराफत के साथ अपनी नवजात बच्ची को लेकर मेडिकल इलाज के लिए आए. नवील ने बताया बच्ची के पीठ पर फोड़ा था. उसे पहले हापुड़ रोड स्थित दुआ नर्सिग होम में डॉ. शबाना से दिखाया था, जहां से उसे मेडिकल रेफर कर दिया. मेडिकल में वह अपनी बच्ची को लेकर भटकता रहा. कभी ऊपरी मंजिल पर तो कभी निचली और कभी इमरजेंसी. फिर वह बच्चा वार्ड गया जहां बच्ची का इलाज करने से मना कर दिया. जब उसे कुछ समझ नहीं आया तो उसने अपनी फूल जैसी मासूम को एक कोने में रख दिया और इंतजार करता रहा कि शायद लावारिस समझकर उसका इलाज हो जाए.

इंसानियत का नामोनिशान नहीं

ये मेडिकल कॉलेज भी कितना बेहया हो गया है. नन्हीं सी बच्ची का इलाज कराने के लिए एक पिता को मजबूरी में उसे लावारिस साबित करना पड़ा. सोचो जरा, यहां किसी में भी इंसानियत नाम की चीज तक नहीं है. जरा पूछिए मेडिकल कॉलेज से कि मजबूर पिता दर दर की ठोकरे खा रहा था तो कहां खो गई थी इंसानियत? लाचार पिता कभी इमरजेंसी वार्ड में गया तो कभी बच्चा वार्ड. कभी खुद को कोसा, लेकिन किसी को भी तरस नहीं आया. 

Sex racket in city

 बजरंगपुरी एरिया में सेक्स रैकेट चलाने का एक मामला सामने आया है. कस्टमर्स को लुभाने के लिए इसकी संचालिका अपनी क्क् साल की बेटी का इस्तेमाल कर रही थी. कस्टमर के घर में आते ही संचालिका और उसकी सहयोगी सेक्स करती थी. रैकेट के जरिए संचालिका डेली क्0 से क्भ् हजार रुपए की कमाई कर रही थी. सेक्स रैकेट का खुलासा आलमगंज थाने की पुलिस ने शुक्रवार को रेड कर किया. मौके से पुलिस ने रैकेट की संचालिका समेत दो महिलाओं को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा, जबकि पुलिस के आने की भनक लगते ही पीछे के दरवाजे से तीन कस्टमर फरार हो गए. ये सेक्स रैकेट किराए के घर में काफी दिनों से चल रहा था. दरअसल एसएसपी मनु महाराज को सेक्स रैकेट के बारे में गुप्त इंफॉरमेशन मिली थी. इसके बाद पटना सिटी के एसडीपीओ राजेश कुमार की अगुआई में आलमगंज थाने की पुलिस ने कार्रवाई की. रेड के पहले घर के बाहर सादे लिवास में कुछ पुलिस वालों को लगाया गया था. रेड के दौरान पुलिस टीम ने मौके से ब् हजार 9फ्0 रुपए, कंडोम के क्ख् पैकेट, यूज किए गए कंडोम के क्0 पैकेट, शराब की बोतल सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद किया.

दो महीने से चल रहा था रैकेट

पुलिस टीम ने बजरंगपुरी में रहने वाले हरदेव पंडित के घर में रेड किया. जहानाबाद की रहने वाली पिंकी (बदला हुआ नाम) ने घर को पिछले दो महीने से किराए पर ले रखा था. किराए पर घर लेने के बाद से उसने सेक्स रैकेट चलाना शुरू कर दिया. रकैट चलाने में पुलिस के हाथ आई खुशी (बदला हुआ नाम) पिंकी की हेल्प करती थी. पिछले दो महीने से दोनों मिलकर रैकेट चला रही थी. घर में डेली फ्-ब् कस्टमर्स का आना-जाना होता था. जिनसे एक से डेढ़ हजार रुपए वसूले जाते थे.

आंगनबाड़ी सेविका है संचालिका

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब संचालिका पिंकी और खुशी से पूछताछ की तो दोनों ने सच्चाई उगलनी शुरू कर दी. पुलिस के अनुसार दोनों महिलाएं जहानाबाद की रहने वाली हैं. दोनों के हसबैंड और फैमली वहीं रहती हैं. रैकेट की संचालिका पिंकी देवी जहानाबाद के एक आंगनबाड़ी में सेविका है. कम रुपए मिलने के कारण उसने सेक्स रैकेट का धंधा शुरू किया. वहीं, खुशी ने बताया कि कुछ महीने पहले उसकी मुलाकात पिंकी से हुई. खुशी पहले घरों में दाई का वर्क करती थी. पिंकी ने उसे इस काम के बारे में बताया और इससे होने वाले मुनाफे का लालच दिया. इसके बाद से वह रैकेट चलाने में दोनों एक साथ हो गई.

मकान मालिक के खिलाफ एफआईआर

पुलिस ने मकान मालिक हरदेव पंडित के खिलाफ आलमगंज थाने में एफआईआर दर्ज किया है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि हरदेव पंडित को सेक्स रैकेट के बारे में पहले से पता था. दोनों महिलाओं से वह अपना हिस्सा लिया करता था. पूछताछ में दोनों महिलाओं ने इसका खुलासा किया है. फिलहाल वह फरार चल रहा है. दोनों महिलाओं को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी. 

Roads-revealing-the-biasness-of-government-389

सरकार एक आंख में काजल और दूसरी आंख में सुरमा जैसा कारनामा कैसे करती है, इसका एक उदाहरण डोरंडा एरिया स्थित दो कॉलोनीज की सड़कों की हालत देखकर मिलता है. सरकार आम और खास, दोनों के लिए अलग-अलग तरीके से काम करती है, यह इन सड़कों की हालत बता रही है. तो, आइए डालते हैं आम और खास के लिए सरकार के दोहरे नजरिए के परिणाम पर एक नजर.

फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी की सड़क चकाचक

डोरंडा स्थित फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी में राज्य के भवन निर्माण, अल्पसंख्यक कल्याण व सहकारिता मंत्री हाजी हुसैन अंसारी रहते हैं. इनके अलावा राज्य के सीसीएफ डीके श्रीवास्तव भी इसी कॉलोनी में रहते हैं. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी बीसी निगम का भी आशियाना यहीं है. स्टेट वाटरशेड मिशन के सीईओ बी निजलिंगअप्पा भी यहीं रहते हैं. जितने भी सीनियर फॉरेस्ट ऑफिसर्स हैं, इसी कॉलोनी में रहते हैं. जहां इतने सारे वीआईपी एक साथ रहते हों, तो जाहिर है कि सरकार की खास नजर इस कॉलोनी पर है. इस कॉलोनी की सड़क पर आपको ढूंढ़ने पर भी एक भी गढ्डा नहीं मिलेगा. आधे किलोमीटर से भी कम की इस कॉलोनी की सड़क की साफ-सफाई के लिए सरकार ने कई स्टाफ्स भी रखे हुए हैं. यह सड़क एकदम चकाचक नजर आती है.

न्यू एजी कॉलोनी की सड़क जर्जर डोरंड में ही फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी के पीछे न्यू एजी कॉलोनी है. इस कॉलोनी में एजी ऑफिस में काम करनेवाले स्टाफ्स रहते हैं. इस कॉलोनी की आबादी करीब चार हजार है. लेकिन, सरकार की नजर न्यू एजी कॉलोनी की जर्जर सड़क पर नहीं पड़ रही है. इस कॉलोनी की सड़क पिछले सात सालों से खराब है. यहां के लोग बारिश में पानी से भरी हुई सड़क को पार करके बाहर निकलते हैं. एक तरफ सरकार ब्0 परिवारों वाली फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी की सड़क की साफ-सफाई के लिए स्टाफ रखती है, वहीं दूसरी तरफ करीब चार हजार आबादी वाली न्यू एजी कॉलोनी की सड़क सात सालों से जर्जर हालत में है, जो स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि सरकार सिर्फ खास लोगों पर ही मेहरबान है, आमलोगों की तकलीफों, परेशानियों से उसे कोई लेना-देना नहीं है.

'हमारी कॉलोनी की सड़क पिछले सात सालों से नहीं बन रही है. बारिश में सड़क पर पानी बहता है और पानी में डूबकर ही हमलोग बाहर जाते हैं. कभी-कभी सड़क मापने के लिए लोग आते हैं, लेकिन सड़क कभी बनती नहीं है.'

-सुबोध कुमार तिवारी,

निवासी, न्यू एजी कॉलोनी

'यहां 700 क्वार्टर हैं. करीब चार हजार की आबादी यहां रहती है, लेकिन यहां की सड़क सात सालों से नहीं बन पाई है. बारिश में सड़क पर पानी बहता रहता है. यहां सड़क पर गढ्डे इतने अधिक हैं कि हमें हमेशा डर लगा रहता है.'

-प्रभात कुमार

निवासी, न्यू एजी कॉलोनी


Friday, August 22, 2014

On the ocation ganga prosesion celibrate happly

हर हर गंगे और हर हर महादेव के जयघोष से थर्सडे को सड़कें और मंदिर गूंजते रहे. मौका था मां गंगा के 8भ्वें शोभायात्रा का. श्री गंगा महारानी पुष्पधा कमेटी की ओर से आयोजित जुलूस में मां गंगा की भव्य राजगद्दी समेत विभिन्न देवी देवताओं की करीब फ्0 झांकियां शामिल रहीं. शोभायात्रा में करीब क्0 हजार से भी अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे. जुलूस की सिक्योरिटी के लिए भारी संख्या में पुलिस बल मुस्तैद रहा. इस दौरान विभिन्न समितियों और संस्थाओं द्वारा कई स्थलों पर जलपान और प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई थी. कमेटी अध्यक्ष विजय सैनी ने बताया कि इस बार यह जुलूस मां गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने और लोगों को गंगा की साफ-सफाई के प्रति जागरूकता अभियान के तहत निकाला गया.

शोभायात्रा की झलकियां

श्री गंगा महारानी पुष्पधा कमेटी की ओर से आयोजित जुलूस की शुरुआत सुबह करीब क्क् बजे थाना किला स्थित देवी के मंदिर से की गई. शोभायात्रा थाना किला से होकर, चमन मठिया, वाल्मिकी बस्ती, सिटी सब्जी मंडी, कुंवरपुर, जसौली, दूल्हा मियां की मजार, नीम की चढ़ाई, बड़ा बाजार, कुतुबखाना, चौकी मठ, श्यामगंज, कालीबाड़ी, रोडवेज, कोतवाली, मोतीपार्क, बिहारीपुर ढाल और मलुकपुर होते हुए वापस किला थाना स्थित मंदिर पहुंची. जुलूस में भारी संख्या में मौजूद झांकियों में शंकर, कृष्ण, राम, हनुमान, काली मां, गौ मां, गणेश, मां गंगा व अन्य देवी देवताओं के स्वरूप शामिल रहे. जुलूस में शामिल तीन बैंड, डीजे और पंजाबी ढोल की धुनों पर लोग नाचते-गाते चल रहे थे. जुलूस की वजह से कई जगहों पर काफी लंबा जाम भी लग गया. 

most wanted criminal monu pahaadi appeard in court hearing

मोनू पहाड़ी का गैंग बेहद खतरनाक है. बहुत ही कम पढ़े लिखे उसके गुर्गे निहायत प्रोफेशनल ढंग से काम करते हैं. सबका काम तक बंटा हुआ है और जिसका जो काम है वो सिर्फ वही करता है. मोनू गैंग का सरगना यानि डॉन है. उसके इशारे पर ही गुर्गे काम करते है. अब आपको बताते है कि मोनू पहाड़ी अपने गैंग को कैसे ऑपरेट करता है.

ये हैं मोनू पहाड़ी के हाथ-पैर

1-नाम- शरीफ ढपाली

पिता का नाम- शफीक ढपाली

स्थाई पता- 91क्/ख्क् हीरामन का पुरवा

वर्तमान पता- जेल

काम- लूट और हत्या करना

ख्- पप्पू खटिक उर्फ संजय सोनकर

स्थाई पता- साहब नगर पनकी रोड, कल्याणपुर

काम- भाड़े पर हत्या, रंगदारी वसूलना, लूट और अपहरण

फ्- शानू चिकना उर्फ शानू वाईकर

पता- हीरामन का पुरवा, अनवरगंज

खासियत- मोस्ट वांटेड मोनू का विश्वासपात्र

काम- गैंग के सदस्यों के लिए गाड़ी का इंतजाम करना, रंगदारी वसूलना और गुर्गो को रुपए देना

ब्-मियां मुनक्कू

पता- हीरामन का पुरवा

खासियत- मोनू का भरोसेमंद

काम- वारदात के बाद छुपने का इंतजाम करना

भ्-रेहान उर्फ गुड्डू

पता- छोटे मियां का हाता, कर्नलगंज

खासियत- मोनू का खास गुर्गा, जेब कतरा गैंग का लीडर, मादक पदार्थ की बिक्री

काम- जेल में बन्द सदस्यों की जमानत का इंतजाम करना

म्- आफाक सुनहरा और अखलाख सुनहरा

पता- हीरामन का पुरवा

काम- गैंग के सदस्य के छुपने का इंतजाम करना

7- कालू उर्फ कार्लोस

पता- चमनगंज

8- नौशाद

पता- नाला रोड, चमनगंज

9- शेरू

पता- नाला रोड, चमनगंज

क्0 रईस बनारसी

खासियत- मोनू का जिगरी दोस्त

काम- भाड़े पर हत्या, लूट, अपहरण, रंगदारी वसूलना

क्क्- शानू मोटा

पता- रावतपुर

क्ख्- बबुआ झाड़ूवाला

पता-बाबूपुरवा

क्फ्- शाह आलम

पता- बाबूपुरवा

मोनू पहाड़ी के चाचा और भाई भी सजायाफ्ता.

मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी ने बचपन में चाचा महबूब हीरो से क्राइम की एबीसीडी सीखी थी. महबूब हीरो इलाके का दबंग था. उसने दबंगई के चक्कर में ही मर्डर कर दिया था. जिसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. सजा पूरी होने से पहले ही जेल में उसकी मौत हुई थी. मोनू का भाई नाजिम भी एनडीएस में जेल जा चुका है. उसी दौरान मोनू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जिसके चलते नाजिम की जमानत नहीं हो पा रही थी. नाजिम कई महीनों जेल में रहा. उसने रिहाई का कोई रास्ता नहीं मिलने पर लोक अदालत में जुर्म कबूल लिया.उसको सजा भी सुनाई गई थी जिसे काटकर जेल से बाहर आने के बाद वो मुंबई भाग गया. नाजिम अब वहीं पर रह रहा है.

मोनू के भाई ने ही की थी बनारसी के भाई की हत्या

शहर के मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी की हिस्ट्रीशीटर रईस बनारसी से बचपन की दोस्ती है. रईस भी पहले दलेलपुरवा में रहता था. मोनू ने उसके साथ मिलकर मर्डर समेत कई वारदात को अन्जाम दिया है. रईस का भाई नौशाद कालिया भी हिस्ट्रीशीटर था. वो स्मैक का धंधा करता था. मोनू के भाई नाजिम की दोस्ती हिस्ट्रीशीटर शानू ओलंगा और राजा से थी. बनारस में रईस के गिरफ्तार होने पर शानू ओलंगा उसके भाई नौशाद कालिया से स्मैक के गोरखधंधे में कट मांगने लगा. मना करने पर शानू ओलंगा ने नाजिम और राजा के साथ मिलकर रईस बनारसी के भाई का कत्ल कर दिया था. रईस को इसका पता चला तो उसने शानू को ठिकाने लगाने की प्लानिंग कर ली. वो जेल से छूटने के बाद सीधे मोनू से मिला, तो मोनू ने अपने भाई को बचाने के लिए उससे कहा कि नाजिम को नहीं पता था कि शानू किसका कत्ल करने जा रहा था. वो तो दोस्ती में उनके साथ चल गया था. रईस को मोनू पर भरोसा था. इसलिए उसने नाजिम को छोड़ दिया. जिसके बाद उसने मोनू के साथ मिलकर शानू ओलंगा को मार दिया .

Van driver made ​​obscene gestures with Play Group's innocent

सिकन्दरा थाना क्षेत्र में एक वैन चालक ने तीन साल की मासूम के साथ अश्लील हरकत की. चालक की इस हरकत से बच्ची दहशत में आ गई. घर पहुंची बच्ची के शरीर पर निशान देखकर मां-बाप सकते में आ गए. पूछताछ करने पर सारी सच्चाई सामने आई गई. परिजनों को जब पता चला कि वैन चालक ने उनकी बच्ची के साथ अश्लील हरकत की है तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. परिजनों ने आरोपियों को खासा सबक सिखाने के बाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया.

प्ले ग्रुप की है छात्रा

आवास विकास निवासी तीन साल की बच्ची शास्त्री पुरम स्थित एक स्कूल में प्ले गु्रप में पढाई करती है. वह स्कूल वैन से पढ़ने जाती है. गुरुवार को भी स्कूल से वैन लेने आई थी और वह पढ़ने गई.

लौटने पर वैन चालक व साथी आया हरकत में

बच्ची के स्कूल से छुट्टी 12 बजे होती है. बस चालक और वैन चालक उनके घर तक बच्चों को पहुंचा कर आते हैं. गरुवार को जब बच्ची का स्कूल छूटा तो वह जल्दी वैन में आकर बैठ गई थी.

अकेली बच्ची को दबोच लिया

परिजनों ने आरोप लगाया कि अकेली बैठी बच्ची को वैन चालक व उसके साथी ने दबोच लिया. उस दौरान बच्ची दहशत में आ गई थी. उन्होंने बच्ची के साथ हद दर्जे की अश्लील हरकत कर डाली. इतनी ही देर में अन्य बच्चे भी आ गए थे. लेकिन इससे पहले ही दोनों आरोपी वहां हट गए.

परिजनों को बताया बच्ची ने

बच्ची जब घर आई तो डरी सहमी सी थी. उसने परिजनों को कुछ भी नहीं बताया था. लेकिन उसकी बदहवास हालत देख परिजनों को कुछ शक हुआ. बच्ची के शरीर पर निशान थे. उन्होने उससे पूछा. इसी के बाद बच्ची रोने लगी और उसने परिजनों को स्कूल वैन वाले अंकल की हरकत के बारे में बताया.

परिजनों के पैरों तले जमीन खिसकी

ये माजरा पता चलते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई थी. उनको विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई व्यक्ति इस हद कर गिर सकता है कि वह मासूम को भी न छोड़े इसी के बाद परिजनों में गुस्सा फूट पड़ा.

आरोपी को बुलाकर सिखाया सबक

आरोपी को फोन कर स्कूल के पास बुलाया गया था. वहां पर उसे व उसके साथी की जमकर पिटाई की गई इसी के बाद दोनों को थाना सिकन्दरा में पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. पुलिस ने इस सम्बंध में धारा 354 क, 77/8 पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों के नाम जमालुद्दीन पुत्र बशीर खां निवासी कलवारी, शेखू उर्फ शंकर पुत्र हल्के निवासी टीकमगढ़ मध्य प्रदेश बताया गया है.

वर्जन

इस संबंध में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. बच्ची को मेडिकल के लिए भेजा है. आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है.

सीओ हरीपर्वत- अशोक कुमार सिंह

बॉक्स

यह कहना है आरोपियों का

पुलिस की हिरासत में आरोपियों का कहना था कि उन्होने कोई भी ऐसा गलत काम नहीं किया है. उन्हें गलत फंसाया जा रहा है. जमालुद्दीन का कहना था कि उसकी भी बेटी है वह ऐसा काम क्यों करेगा. इसके साथ शंकर भी अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत ठहरा रहा था. उनका कहना था कि जब वह बच्चों को छोड़ने जाते हैं तो रजिस्ट्रर में एंट्री कराते हैं. जब वह उसे छोड़ने गए थे तब एंट्री कराई थी तब उसने परिजनों को शरीर पर निशान नहीं दिखे.


Health ministers inspection

हेल्थ डिपार्टमेंट में भी गजब-गजब के डॉक्टर्स हैं. कोई ड्यूटी करने नहीं आता तो कोई मरीजों को बाहर से दवा खरीदने को विवश करता है. कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं, जो गवर्नमेंट से मोटी रकम तो लेते हैं, लेकिन साल-साल भर तक एक भी ऑपरेशन नहीं करते. गुरुवार को दौरे पर आए स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने ख्0 मिनट के अंदर ही डॉक्टरों की लापरवाही का इलाज करते हुए पांच को सस्पेंड कर दिया.

निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन दिन में करीब क्क् बजे बेली हास्पीटल पहुंचे, फिर काल्विन और उसके बाद डफरिन हास्पीटल का निरीक्षण किया. तीनों हास्पिटल में स्वास्थ्य मंत्री के अचानक पहुंचने से जहां मरीज खुश हुए वहीं डॉक्टर्स परेशान हो उठे. निरीक्षण पर निकले मंत्री ने डॉक्टरों के लापरवाही की नब्ज पकड़ ली. बेली हॉस्पिटल में कई दिनों से अनुपस्थित चल रहे डा. एसके मिश्रा के अटेंडेंस को देखने के बाद हेल्थ मिनिस्टर ने उन्हें सस्पेंड करने का आदेश दिया. मरीजों ने भी मंत्री से लापरवाही की शिकायत की. जिस पर मंत्री ने डॉक्टरों को कत‌र्व्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया.

सीएमएस को डीजी ऑफिस से अटैच का आदेश

स्वास्थ्य मंत्री काल्विन हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां अव्यवस्था देख कर भड़क उठे. मरीजों ने लापरवाही के साथ ही बाहर से दवाएं लिखे जाने की शिकायत की. जिस पर मंत्री ने बाहर से लिखी गई दवाओं की पर्ची को जब्त करते हुए अव्यवस्था के आरोप में काल्विन हॉस्पीटल के सीएमएस डा. एआर सिंह को डीजी हेल्थ के ऑफिस से अटैच करने का आदेश दिया. निरीक्षण के दौरान मिनिस्टर ने चेक किया तो पाया कि कोरांव के डा. राजेश और मांडा के डा. डीएन सिंह ने पूरे साल एक भी ऑपरेशन नहीं किया. उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने लापरवाही के आरोप में फतेहपुर के डा. नीरज और डा. तवरेज को भी सस्पेंड करने का आदेश दिया. 

Engineer fined five thousand MDDA

राज्य सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल ने एमडीडीए के अधिशासी अभियंता पर पांच हजार का जुर्माना लगाया है. दरअसल, रेसकोर्स वैली निवासी दीनदयाल मित्तल ने एमडीडीए से कई प्वॉइंट्स पर जानकारी मांगी थी. निर्धारित समय पर सूचना नहीं मिली तो सूचना आयोग में अपील पहुंची. मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल ने लोक सूचनाधिकारी/अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी किया.

किया एक्ट का उल्लंघन

आयोग में सुनवाई में सामने आया कि सूचना एमडीडीए के मानचित्र सेल व अनधिकृत निर्माण सेल से संबंधित थी, लेकिन लोक सूचनाधिकारी ने संबंधित सेल से पांच दिन के भीतर आवेदन अंतरित नहीं की. यहीं नही आयोग के नोटिस के बाद आवेदन को छह माह व आठ दिन के विलंब से अंतरित किया गया. आयोग ने एक्ट का उल्लंघन मानते हुए एमडीडीए के अधिशासी अभियंता पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है और वसूली के लिए लोक प्राधिकारी को निर्देशित किया है.


Lecture series in dvnpg

संघर्ष और चुनौतियों से जीवन में निखार आता है, इसलिए इनसे घबराना नहीं चाहिए. इनको स्वीकार करते हुए इनसे निपटने और राष्ट्र सेवा के लिए तत्पर होने की जरूरत है. शिक्षा के माध्यम से संस्कृतिनिष्ठ राष्ट्रभक्त नागरिक तैयार करना ब्रह्मालीन महाराज के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. यह बातें डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. अशोक कुमार ने डीवीएनपीजी कॉलेज में ऑर्गेनाइज लेक्चर सीरीज के इनॉगरेशन के दौरान कहीं. वह राष्ट्र संत दिग्विजयनाथ स्मृति लेक्चर सीरीज के इनॉगेरशन के मौके पर बतौर चीफ गेस्ट मौजूद थे.

लोक हित के कार्य में समर्पित थे महंत दिग्विजय

प्रोग्राम की अध्यक्षता पूर्वाचल यूनिवर्सिटी जौनपुर के पूर्व वीसी प्रो. उदय प्रताप सिंह ने की. उन्होंने कहा कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी भी महंत दिग्विजयनाथ के शैक्षिक प्रयासों के एक स्मारक के तौर पर हमारे सामने है. वह लोक हित के कार्य में हमेशा समर्पित रहते थे. सिर्फ इतना ही नहीं उनकी पर्सनालिटी और क्वालिटी किसी को भी अपना बना लेने की अद्भुत क्षमता रखती थी. यही वजह थी कि तत्कालीन समाज ने राष्ट्रीय और सामाजिक कल्याण के काम में उनका हमेशा ही बढ़-चढ़कर सपोर्ट रहता था.

माल्यार्पण के साथ हुआ इनॉगरेशन

प्रोग्राम की शुरुआत मां सरस्वती और महाराणा प्रताप दिग्विजयनाथ के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुआ. गेस्ट का वेलकम प्रिंसिपल डॉ. शेर बहादुर सिंह ने बुके और मोमेंटो देकर किया. प्रोग्राम का संचालन डॉ. श्रीभगवान सिंह और आभार ज्ञापन ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह ने किया. इस दौरान डॉ. प्रदीप राव, मारकंडे सिंह, प्रो. आरएन सिंह, प्रो. हरिशरण, डॉ. हर्ष कुमार सिन्हा और डॉ. विनोद कुमार सिंह मौजूद रहे.

Seminar starts on agglomeration of ore fines

टाटा स्टील और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेटल्स (आईआईएम) की ओर से गुरुवार से एसएनटीआई में 'अग्लेमरेशन ऑफ ओर फाइंस' पर दो दिवसीय वर्कशॉप शुरू हुआ. इसका इनॉगरेशन टाटा स्टील के वीपी (कोक सिंटर एंड आयरन) बीके दास ने किया. मौके पर झारखंड स्टेट लेवल अप्रेजल कमिटी के चेयरमैन अश्वनी लाल सक्सेना और आईआईएम के सेक्रेटरी जेनरल भाष्कर राय प्रेजेंट थे.

मिली अग्लोमरेशन की जानकारी

वर्कशॉप के को-चेयरमैन उज्ज्वल चक्रवर्ती ने वर्कशॉप के आयोजन और उसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला. इस दौरान उन्होंने शत प्रतिशत वेस्ट यूटिलाइजेशन के साथ ही अग्लोमरेशन प्रोसेस में ऑपरेशनल एक्सलेंस की भी जानकारी दी. इसके अलावा बीके दास ने भी अग्लोमरेशन ओर फाइंस के प्रोसेस के साथ ही अन्य जानकारियां भी दीं. अश्वनी कुमार सक्सेना और भाष्कर राय ने वेस्ट यूटालाइजेशन इन प्लेट मेकिंग, इफेक्ट ऑफ सिंटरिंग के साथ ही एन्वायरनमेंट एंड फ्यूचर ऑफ ओर माइनिंग पर सिंटरिंग और पलेटाइजिंग प्रोसेस की जानकारी दी.

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एलुमिनाई एसोसिएशन करेगा ब्लड डोनेशन कैंप ऑर्गनाइज

एलुमिनाई एसोसिएशन ऑफ संत जोसेफ स्कूल ख्ब् अगस्त को स्कूल कैंपस गोलमुरी में कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगा. सुबह नौ से साढे़ क्0 बजे तक टोबेको यूज करने के दुष्प्रभाव के प्रति अवेयरनेस लाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसमें मेहरबाई कैंसर अस्पताल के डॉ. अमित कुमार पावर प्रेजेंटेशन के जरिए अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे. इसके बाद लास्ट मैट्रिक की परीक्षा में संत जोसेफ स्कूल में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले अभिषेक कुमार, श्रेया विस्वास और अंजलि धानसन को स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी. यह जानकारी गुरुवार को स्कूल परिसर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जेम्स डेविड ने पत्रकारों को दी.

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साउथ प्वॉइंट स्कूल को सीबीएसई से िमली मान्यता

मानगो स्थित साउथ प्वॉइंट स्कूल को सीबीएसई से क्0वीं क्लास तक के लिए मान्यता दी गई है. स्कूल के चेयरमैन शिव प्रकाश शर्मा ने इसकी घोषणा की. प्रिंसिपल तुहीना सरकार ने टीचर्स की तारीफ की और इस मुकाम तक स्कूल को पहुंचाने में उनके रोल को भी अहम माना. स्कूल कैंपस में प्रजेंट पैरेंट्स से स्कूल के मैनेजर विनोद शर्मा ने कहा कि स्कूल के प्रति उनके विश्वास को पूरा करने की कोशिश की जाएगी. इस मौके पर स्टूडेंट्स के बीच मिठाइयां बांटी गईं. 

E Rickshaw

 बनारस की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और ग्रीन बनारस का कॉन्सेप्ट लेकर पिछले दिनों शहर में ई रिक्शों का संचालन शुरू किया गया था. सीएम के निर्देश पर शुरू हुए इस इको फ्रेंडली रिक्शे को महज पांच से छह घंटे की चार्जिग के बाद सड़क पर दौड़ाया जा रहा था लेकिन इन दिनों ई रिक्शा चलाने वाले परेशान हैं और उसी सरकार को कोस रहे हैं जिसने उन्हे रोजी कमाने के लिए ये रिक्शे मुहैया कराये. दरअसल पिछले दो तीन दिनों से अपने शहर में बिजली की हालत कुछ ज्यादा ही बिगड़ गई है. दो घंटे के नाम पर होने वाली कटौती 12 से 14 घंटे में तब्दील हो चुकी है और बिजली कंटीन्यू मिल ही नहीं रही है. इस वजह से ई रिक्शे की बैटरी चार्ज नहीं हो रहे हैं और इसे चलाने वाले परेशान हैं.

कम से कम छह घंटे

ई रिक्शा चलाने वाले विनोद ने बताया कि पिछले दिनों जब सीएम अखिलेश ने चौबीस घंटे बिजली देने का वादा बनारस के साथ किया तो हम लोग बहुत खुश थे. चकाचक बिजली मिलने के कारण रिक्शे की बैटरी कभी भी चार्ज कर लेते थे लेकिन बिजली कटौती ने एक बार फिर से हमारे सामने रोजी का संकट खड़ा कर दिया है. क्योंकि ई रिक्शे की बैटरी को चार्ज करने के लिए कम से कम छह से सात घंटे कंटीन्यू बिजली होनी जरुरी है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है और हर दस पन्द्रह मिनट पर बिजली कट जा रही है. जलालीपुरा के मुस्लिम हाशमी का कहना है कि कंटीन्यू बिजली न रहने से रिक्शे की बैटरी दो-दो दिनों तक चार्ज नहीं हो पा रहा है. इस वजह से घर में चूल्हा जलाने का संकट पैदा होने लगा है.

हाई लाइट्स

- ई रिक्शे चार्जेबल बैटरी से चलते हैं

- इसमें 12-12 बोल्ट की चार बैटरियां लगी हैं

- इन चार बैटरियों को चार्ज करने के लिए एक चार्जर भी रिक्शे में है मौजूद

-फुल चार्ज करने के बाद 70 से 80 किमी की दूरी तय करते हैं ई रिक्शे

- लेकिन बिजली कटौती के कारण रिक्शे की बैटरी नहीं हो पा रहे हैं चार्ज

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ई रिक्शे की बैटरी को चार्ज करने के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है. इस वजह से काफी परेशानी हो रही है.

मुस्लिम हाशमी, ई रिक्शाचालक

बिजली कटौती के कारण रोजी का संकट पैदा होने लगा है. ये बड़ी दिक्कत की बात है कि रिक्शा की बैटरी चार्ज ही नहीं हो पा रहा है.

मोहम्मद सलीम, ई रिक्शा चालक

Coaching teacher sexalky abused his elevan year old student

सआदतगंज एरिया में गुरु-शिष्य का रिश्ता तार-तार करते हुए एक वहशी टीचर ने क्क् साल के स्टूडेंट के साथ डेढ़ साल तक दुष्कर्म करता रहा और उसे धमकाकर चुप करा दिया. बुधवार को असहनीय दर्द होने पर किशोर ने परिजनो को आप बीती सुनाई. जिसके बाद हरकत में आए परिजनों ने पुलिस में इसकी शिकायत की. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.

परिजनों ने दी पुलिस को सूचना

एसओ सआदतगंज शशिकांत यादव के मुताबिक, नौबस्ता मंसूर नगर निवासी अशफाक सउदी अरब में टेलर है. उसका क्क् वर्षीय बेटा आरिफ (दोनो नाम काल्पनिक) क्लास ब् का स्टूडेंट है. वह पिछले डेढ़ साल से मूनलाइट एजूकेशन कोचिंग सेंटर में ट्यूशन पढ़ता है. आरोप है कि बीते डेढ़ साल से कोचिंग संचालक मो. इस्लाम आरिफ को डरा धमकाकर उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करता रहा और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी. बुधवार को जब आरिफ को असहनीय दर्द हुआ तो उसने परिजनों को आपबीती सुनाई. जिसे सुनकर उनके होश उड़ गए. इसके बाद परिजन उसे लेकर सआदतगंज थाने पहुंचे. पुलिस ने आरोपी मो. इस्लाम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आरिफ को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया है. 

Woman muder in samypur

मेरठ में महिलाएं बिल्कुल सुरक्षित नहीं है. एक के बाद महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं से मेरठ पुलिस सबक नहीं ले रही है. गुरुवार को कचहरी से लौट रही बुजुर्ग महिला को स्कूटी सवार बदमाशों ने गोली मार दी और हथियार लहराते हुए फरार हो गए.

शाम की घटना

मुंडाली के समयपुर गांव निवासी विमला देवी (55) पत्‍‌नी प्रेमपाल अपनी बेटी पिंकी के घर पर सूरजकुंड स्थित वाल्मीकि बस्ती में एक साल से रह रही थी. गुरुवार को शाम करीब 4 बजे विमला कचहरी से रिक्शे में सवार होकर सूरजकुंड लौट रही थी. जैसे ही विमला रिक्शे में बैठे चिकारा कॉम्पलेक्स पहुंची. पीछे से आ रहे स्कूटी सवार बदमाशों ने महिला को गोली मार दी.

आसानी से फरार

स्कूटी सवार बदमाश इसके बाद सरे राह हथियार लहराते हुए फरार हो गए. विमला देवी गंभीर हालत में सड़क पर पड़ी रही. राहगीरों ने विमला देवी को जिला अस्पताल भेजा, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. महिला का दामाद अमरदीप और उसके बेटा राजू मौके पर पहुंचे. राजू और परिवार के अन्य सदस्यों ने पुलिस के खिलाफ जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया.

पुलिस की लापरवाही

सिविल लाइन पुलिस का आलम देखें कि वो ये भी पता नहीं लगा पाए कि बदमाश किस ओर भागे. उन्होंने कैसे रंग के कपड़े पहने हुए थे. सिविल लाइन एसओ से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सारी बात एफआइआर दर्ज होने के बाद ही पता चल पाएगी.

रंजिशन की हत्या

दरअसल 3 मार्च 2014 में मुंडाली में पारस नाम के युवक की हत्या हो गई थी, जिसका इल्जाम विमला के पति प्रेमपाल और लड़के रविन्द्र पर लगा. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. तब से विमला अपने ससुर के साथ रह रही थी. विमला तारीख पर समय-समय पर कचहरी आती रहती थी.

पारस हत्याकांड का बदला लेने के लिए विमला की हत्या की गई है. परिवार के लोगों ने नामजद तहरीर दी है. उसी के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी को दबिशें दी जा रही हैं.

- ओमप्रकाश, एसपी सिटी. 

Stranded passengers in the jam

एनएच-58 पर भाकियू के जाम के दौरान दोनों ओर रोडवेज बसों की लाइन लग गई. भाकियू कार्यकर्ताओं के 11 बजे जाम के बाद करीब सात बसें फस गई. उनमें सवार महिलाएं पुलिस से जानकारी लेती रही कि आखिर कब तक जाम खुलेगा. भीषण गर्मी में महिला यात्रियों के साथ-साथ छोटे बच्चे प्यास के मारे बिलबिलाए. यात्रियों ने आसपास की दुकानों से पानी व कोल्ड ड्रिंक की बोलते खरीदी, लेकिन बस में घंटों तक नहीं बैठ सके. करीब ढ़ाई घंटे से अधिक यात्री जाम में परेशान रहे.

तेज धूप में किसानों की हिम्मत

तपती दुपहरी व गर्म सड़क पर ढ़ाई घंटे से अधिक बैठे रहने की किसानों में हिम्मत थी. आसपास दुकानों पर बैठे लोगों ने कहा कि धूप में ओर कोई इतने अधिक समय तक बैठ नहीं सकता. किसानों में धूप में रहकर काम करने की आदत है. 85 वर्षीय इलम सिंह के जोश को देख अन्य किसान भी धूप में डटे रहे.

वाहन चालकों की नोंकझोंक

जाम के दौरान दो पहिया वाहन वाले इधर-उधर से निकलने लगे. कई बार भाकियू कार्यकर्ताओं की दो पहिया चालकों से नोकझोंक हुई लेकिन वहां तैनात पुलिस ने मामले को शांत करा दिया.

एंबुलेंस व स्कूली बसें निकलवाई

भाकियू कार्यकर्ताओं ने जाम में फंसी एंबुलेंस व स्कूली बसों को तत्काल निकलवाया. उन्हें जाम में नहीं रूकने दिया. कार्यकर्ता इनकों निकलने में मुस्तैद दिखाई दिए. जाम में फसे सेना के दो ट्रकों को भी निकलवा दिया गया.

वीडियोग्राफी कराई

पुलिस ने जाम की वीडियोग्राफी कराई. एक दरोगा जाम के शुरू से आखिर तक वीडियोग्राफी करते रहे. जाम में मुजफ्फरनगर वाली सड़क दूर तक खाली नजर आई. एडीएम सिटी एसके दूबे के अलावा जाम में आसपास के कई थानों की पुलिस, आरएएफ, वज्र वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौजूद रहे.

Shatiro ne udaye one lakh

शातिरों ने हाजीपुर के बिजनेसमैन केदार नाथ चौधरी का एक लाख रुपया उड़ा लिया. रुपए उनके पैजामे के अंदर वाले पॉकेट में था. शातिरों ने उनका पॉकेट काट पूरे एक लाख रुपए उड़ा लिए. इस वारदात को शातिरों ने अगमकुआं पुल पर अंजाम दिया. दरअसल, हाजीपुर के राजेन्द्र चौक के रहने वाले केदानाथ चौधरी गम्छा और लूंगी का कारेबार करते हैं. बिजनेस के सिलसिले में वह अपने बेटे सोनू राज के साथ हाजीपुर से आए थे. अगमकुआं पुल पर उतरने के बाद उन्हें पटना सिटी चौक जाना था. पुल पर पहले से ही कुछ ऑटो वाले पहले से खड़े थे. सिटी चौक जाने के नाम पर एक ऑटो वाला तैयार हुआ. केदारनाथ अपने बेटे के साथ ऑटो में बैठ गए. तभी अचानक से दो लड़के आए और उनके बगल में बैठ गए.

ऑटो ड्राइवर ने दिया झांसा

पुल से कुछ दूर आगे बढ़ने पर ऑटो ड्राइवर ने दोनों बाप बेटे को झांसा दिया. सड़क पर चढ़ाव होने की बात कह ऑटो ड्राइवर ने केदानाथ के बेटे सोनू राज को ऑटो से उतार दिया और फिर ऑटो को आगे बढ़ा दिया. थोड़ी देर बाद केदार नाथ ने बेटे के लिए ऑटो रोकने को कहा, तभी अंदर बैठे दोनों लड़के उतर गए और चलते बने. बेटे को देखने के लिए केदानाथ जैसे ही रोड पर उतरे, ऑटो लेकर ड्राइवर भी फरार हो गया.

एरिया को लेकर हुआ विवाद

ऑटो ड्राइवर को गाड़ी लेकर भागता देख केदारनाथ और उनके बेटे को शक हुआ. पॉकेट जब चेक किया तो कटा हुआ था और उसमें रखे एक लाख रुपए गायब थे. मामले की कंप्लेन करने दोनों आलमगंज थाने की पुलिस के पास गए जिसने अगमकुआं थाने का मामला बता अपना पल्ला झाड़ लिया. फिर दोनों अगमकुआं थाने पहुंचे. वहां की पुलिस ने आलमगंज थाना का एरिया बता अपना पल्ला झाड़ा. इस वजह से देर शाम तक इस मामले की एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी.


Thursday, August 21, 2014

Running room inaugrated

रेलवे इंप्लाई के लिए बनाए गए रनिंग रूम का वेंस्डे को एनई रेलवे जीएम केके अटल ने इनॉगरेशन किया. इसी क्रम में उन्होंने नवनिर्मित डॉयनिंग हॉल और किचन (अन्नपूर्णा) का भी उद्घाटन किया. नवनिर्मित पार्क में भी प्लांटेशन भी किया गया. इस मौके पर एनई रेलवे जीएम केके अटल ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा व संरक्षा के लिए यातायात संचलन की महत्वपूर्ण धुरी ड्राइवर और गार्ड होते हैं. इसलिए इन्हें आराम के लिए रनिंग रूम की जरूरत है. उन्होंने बताया कि भारतीय रेल में सर्वोत्तम रनिंग रूम के लिए प्रतिवर्ष शील्ड तथा पुरस्कार देने का प्रस्ताव भेजा गया था. रेलवे बोर्ड ने इस व्यवस्था को लागू कर दिया है. उन्होंने बताया कि गोरखपुर के रनिंग रूम में सेंट्रलाइज एयरकूलिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया चल रही है. इस मौके पर लखनऊ डिवीजन के डीआरएम अनूप कुमार, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर अनिल शर्मा, प्रमुख मुख्य इंजीनियर ओ.पी अग्रवाल, मुख्य परिचालन प्रबंधक जीडी पाण्डेय और सीसीएम अरविंद कुमार समेत मंडल के सीनियर्स ऑफिसर्स मौजूद रहे.

Number of patients increasing in hospitals

 सिटी में बरसाती बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. पिछले कुछ दिनों में डायरिया, मलेरिया, वायरल के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं, जापानी इंसेफ्लाइटिस के भी अब तक कई मामले आ चुके हैं. हालत अब ऐसी हो गई है कि एमजीएम सहित सिटी के कई हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम्स में पेशेंट्स के लिए बेड की कमी हो गई है.

बढ़ रही पेशेंट्स की संख्या

सिटी में बरसाती बीमारियों के पेशेंट्स की संख्या बढ़ रही है. हर रोज इतने मामले आ रहे हैं कि पेशेंट्स को अब हॉस्पिटल्स में बेड मिलना मुश्किल हो गया है. एमजीएम हॉस्पिटल के आईसीयू से लेकर इमरजेंसी, मेडिसिन, सर्जरी सहित दूसरे वार्ड पेशेंट्स से भरे पड़े हैं. बेड की कमी को देखते हुए मेडिसिन वार्ड के बाहर बरामदे में एक्स्ट्रा बेड लगाकर पेशेंट्स का ट्रीटमेंट किया जा रहा है. मंगलवार को एडमिट करने के लेकर पेशेंट्स ने हंगामा भी किया. प्राइवेट नर्सिग होम्स और हॉस्पिटल्स में भी पेशेंट्स से भरे पड़े हैं. टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भी पेशेंट्स की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है कि पेशेंट्स की संख्या बढ़ने की वजह से परेशानी हो रही है पर किसी तरह हॉस्पिटल द्वारा पेशेंट्स को बेड अवेलेवल कराया जा रहा है.

डायरिया और मलेरिया के मामले बढ़े

हॉस्पिटल्स में डायरिया, मलेरिया, वायरल फीवर, जापानी इंसेफ्लाइटिस सहित दूसरी बरसाती बीमारियों के पेशेंट पहुंच रहे हैं. इन दिनों डायरिया और मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं. एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में मौजूद फ्भ् बेड्स में से फ्0 बेड पर डायरिया और मलेरिया के पेशेंट एडमिट हैं, वहीं मेडिसिन वार्ड में कुछ ऐसी ही स्थिति है. मर्सी हॉस्पिटल के चाइल्ड वार्ड में डायरिया और मलेरिया के कई पेशेंट्स एडमिट हैं.

कैसी है तैयारी

बरसाती बीमारियों से निपटने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से विशेष अभियान चलाए जाने की बात कही जा रही है. इसके बावजूद पेशेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. डिफरेंट हॉस्पिटल्स के आंकड़ों के देखे तो हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा चिह्नित डायरिया जोन से ही ज्यादा पेशेंट पहुंच रहे हैं. वहीं, दूसरी सुविधाओं में भी काफी कमी नजर आ रही है. एमजीएम हॉस्पिटल में डायरिया की दवा और इंजेक्शन तक अवेलेवल नहीं है.

पिछले कुछ दिनों में पेशेंट्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इसकी वजह से बेड की कमी हो रही है. मेडिसिन वार्ड के बरामदे में अलग से बेड लगाकर फिलहाल स्थिति को कंट्रोल मे करने की कोशिश की जा रही है.

-डॉ आरवाई चौधरी, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएम हॉस्पिटल

Broker active in RTO

आरटीओ में अधिकारी इन दिनों दलालों के आतंक से परेशान हैं. दलाल इस विभाग में इस कदर हावी हैं कि इनके कारण अब यहां काम प्रभावित होने लगा है. बायोमैट्रिक डीएल बनने की शुरुआत के बाद दलालों पर अंकुश लगने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन ऐसा हुआ नहीं और इनका वर्चस्व कम होने की बजाय और बढ़ गया है. इस वजह से अब अधिकारी इनको यहां से खदेड़ने की तैयारी में हैं. इसके लिए एआरटीओ ने एसएसपी को लेटर लिखकर फोर्स की मांग की है.

हद हो गई है यहां

दरअसल आरटीओ में लंबे वक्त से दलाल एक्टिव हैं. डीएल बनवाने से लेकर आरसी कटवाने व अन्य काम के लिए लोग स्टाफ से ज्यादा दलालों पर ही भरोसा करते हैं. यही वजह है कि आरटीओ के गोपनीय विभाग से लेकर बायोमैट्रिक डीएल बनने वाले रूम में जहां सिर्फ डीएल बनवाने आये लोगों को ही एंट्री की इजाजत है. वहां भी दलाल पहुंच जा रहे हैं. इनके सिर पर सवार रहने से स्मार्ट डीएल बनाने में लगे कर्मचारियों से कार्ड बनाने में गलतियां हो जा रही हैं. इस बारे में एआरटीओ प्रवर्तन आरएस यादव का कहना है कि दलालों पर लगाम लगाना आरटीओ के बस के बाहर हो गया है. ऐसे में एसएसपी से यहां फोर्स देने की रिस्वेस्ट की गई है. फोर्स में दो सिपाही तो परमानेंट मौजूद रखने को कहा गया है. अगर ये हो जाता है तो आरटीओ में दलाल कम हो जाएंगे और काम आसानी से हो सकेगा.

Amar met for the second time in two weeks, and soft

मंगलवार को एक बार फिर 'अमर कथा' चर्चा में थी. दो हफ्ते पहले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करने वाले अमर सिंह इस बार सीधे मुलायम सिंह के घर जा पहुंचे. अमर सिंह का मुलायम के घर पहुंचना था कि एक बार फिर सत्ता के गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. कोई इसे अमर सिंह की वापसी के चश्मे से देख रहा था और कोई पार्टी की अंदरूनी कलह को उजागर करने के चश्मे से आंक रहा था.

पहले शिवपाल फिर मुलायम से की मुलाकात

अमर सिंह एयरपोर्ट से सीधे सात कालीदास मार्ग स्थित अखिलेश सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर शिवपाल सिंह यादव से मिलने पहुंचे. यहां तकरीबन पौन घंटे की मीटिंग के बाद वे मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंच गये. यहां सीएम अखिलेश यादव पहले से मौजूद थे. अंदर मीटिंग चल रही थी और बाहर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे थे.

कब होगी वापसी?

सोर्सेज की मानें तो अमर सिंह की वापसी की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है. अमर सिंह इसी महीने की ख्क् तारीख को विदेश जा रहे हैं. वहां से लौटने के बाद वापसी पर मुहर लग सकती है. हालांकि, पूर्व महासचिव की वापसी पर पार्टी के अंदर भी मतभेद कम नहीं है. सपा के महा सचिव राम गोपाल यादव हों या फिर कैबिनेट मिनिस्टर आजम खां. दोनों ही नेताओं का अमर सिंह से फ्म् का आंकड़ा है. ऐसे में अमर सिंह की सपा में वापसी कितनी आसान होगी यह आने वाला वक्त ही बतायेगा.

पूरे फार्म में नजर आये अमर सिंह

मुलायम के घर से लौटने के बाद अमर सिंह ने गोमती नगर स्थित अपने आवास पर मीडिया से अपने अंदाज में बात की. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह से उनके पारिवारिक संबंध हैं. वे जब भी बुलाएंगे उनसे मिलने जरूर जाएंगे. उन्होंने कहा कि उनके बीच में कोई दूरी नहीं है. दोनों के बीच मुलाकातें चलती रही हैं. इस तरह की मुलाकात में उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है.

हंगामा है क्यों बरपा?

अपने शायराना अंदाज के लिए मशहूर अमर सिंह ने कहा कि हंगामा है क्यों बरपा, बस मुलाकात ही तो की है, चोरी तो नहीं की है, डाका तो नहीं डाला है. अमर सिंह ने कहा, 'इस समय मैं शरीर से और मन से टूटा हुआ हूं. वहीं वापसी के सवाल को खूबसूरती से वह टाल गये. उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ बोलना सही नहीं होगा. फिलहाल, वह ख्क् तारीख को विदेश दौरे पर जा रहे हैं.

इतिहास को नहीं बदला जा सकता

अमर सिंह ने मीडिया से बात चीत के दौरान कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंकर सिंह वाघेला से पीछा नहीं छुड़ा सकते, उसी तरह से वह चाह कर भी अपने अतीत से किसी को नहीं निकाल सकते. उन्होंने कहा कि मुलायम, शिवपाल और अखिलेश को वे नहीं भुला सकते. भूगोल को बदला जा सकता है लेकिन इतिहास को नहीं भूला जा सकता. 

Police found sticks of electricity on demand

 मेरठ. पहले तो भीषण गर्मी की मार ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. उसके बाद बिजली के नखरे ने भी लोगों को खूब रुलाया. बिजली गुल रहने से लोग पानी को भी तरस गए. जब देर रात तक बिजली के दर्शन नहीं हुए तो कंकरखेड़ा बिजली घर पर महिलाओं ने जमकर हंगामा काटा और सड़क पर जाम लगा दिया. हंगामा होता देख बिजली कर्मचारी फरार हो गए. सूचना पर मौके पर सीओ और दौराला व कंकरखेड़ा पुलिस पहुंची. उन्होंने पब्लिक को शांत करने का प्रयास किया. बाद में पुलिस ने लाठी फटकार भीड़ को भगाया.

नहीं हुए शाम तक दर्शन

कंकरखेड़ा एरिया में बुधवार को सुबह से देर रात तक बिजली के दर्शन दुर्लभ हो गए. जिसके चलते लोग पानी को तरस गए. पानी नहाने व खाना बनाने के लिए भी किचन में नहीं बचा. बच्चों को स्कूल बिना नहाए जाना पड़ा. वहीं सुबह से शाम तक महिलाएं पीने के लिए पानी दूर दराज से हैंडपंप से खींचकर लेकर आई. उसके बाद अपने बच्चों की प्यास को बुझा पाई.

सड़क पर रही पब्लिक

जब देर बुधवार को शाम तक बिजली नहीं आई तो लोगों का सब्र का बांध टूट गया. सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और पुरुष नटराज बिजलीघर में जमा हो गए. उसके बाद महिलाओं ने सड़क पर जाम लगा दिया और बिजली विभाग मुर्दाबाद के नारे लगाने लगीं. हंगामा कर रहे लोगों ने बिजलीघर में तोड़फोड़ की भी कोशिश की.

फरार हुए कर्मचारी

मौका पाकर बिजलीघर से कर्मचारी फरार हो गए. सूचना पर दौराला और कंकरखेड़ा फोर्स के साथ सीओ मौके पर पहुंचे. उन्होंने हंगामा कर रहे लोगों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन पब्लिक तोड़फोड़ करने पर उतारू हो गई. जिसके बाद फोर्स ने जमकर लाठियां भांझी. जिसमें कई लोग चोटिल हो गए.

व्यापारियों में रोष

आम पब्लिक के साथ साथ कंकरखेड़ा के व्यापारियों में भी बिजली विभाग के खिलाफ रोष है. व्यापारियों ने भी देर रात तक सड़क पर हंगामा किया. सरधना रोड व्यापार संघ अध्यक्ष गुल्लू ठाकुर व्यापारियों के साथ बिजली घर पहुंचे और हंगामा किया. उन्होंने कहा कि बिजली नहीं मिलने से व्यापार चौपट हो चुका है. उसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं भाजपा नेता विनय विरालिया ने बिजली विभाग को चेतवानी देते हुए पावर कापरेशन के एमडी का घेराव करने की बात कहीं है. 

website of ntpc hacked by criminals

शहर में इन दिनों साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे. वेबसाइट हैक करने वाले साइबर क्रिमिनल्स ने शहर के कई बड़ी संस्थानों की वेबसाइट हैक कर मनमाने तरीके से काम कर रहे है. राजधानी के बड़े होटल्स के रूम भी हैकर्स ने बुक करवा लिया. कई बार ऐसा होने के बाद पटना पुलिस के पास इसकी कम्प्लेन पहुंची. इसके बाद जब पुलिस ने एक्सप‌र्ट्स से जांच करवाई तो दर्जनों बड़ी संस्थानों की वेबसाइट में सुरक्षात्मक खामियां पाई गई. यही नहीं आठ संस्थानों के पासवर्ड हैक कर लिए गए.

तीन हजार से अधिक संस्थानों की हुई पड़ताल

पटना पुलिस को जब इस तरह की शिकायतें मिलने लगी तब चंडीगढ़ से कुछ एक्सप‌र्ट्स को बुलाया गया. इस इथिकल हैकर्स की मदद से पुलिस ने प्रतिष्ठित व्यवसायिक संस्थानों की फ्000 हजार वेबसाइट की जांच कराई. जो रिजल्ट आये वह चौंकाने वाले हैं. एनटीपीसी, मैरिज ब्यूरो सहित कुछ प्रोफेशन एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के वेबसाइट में सुरक्षा संबंधी खामियां मिले. सीनियर एसपी मनु महाराज ने बताया कि इन सभी संस्थानों को अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही अपने-अपने वेबसाइट को रिकंस्ट्रेक्ट करने के लिए कया गया है.

चार अंकों का ही था पासवर्ड

जितने भी वेबसाइट को हैक किया गया उसे बनाने के दौरान ही कुछ खामियां रह गई थी. चार अंकों के पासवर्ड को आराम से तोड़ने में हैकर्स सफल हो गये. जितने भी वेबसाइट हैक किये गये उनके आईपी एडरेस नहीं मिलने के कारण हैकर्स को पकड़ा नहीं जा सका है. वैसे पुलिस का साइबर डिपार्टमेंट इनके पीछे लगा हुआ है.

तस्वीरों से भी छेड़छाड़

वेबसाइट हैक करने के बाद उनका लगातार दुरुपयोग हो रहा था. इसमें मौरिज ब्यूरो में आने वाली तस्वीरों से भी छेड़छाड़ की जा रही थी. इसके अलावा फर्जी तरीके से होटल्स के कमरे बुक कर उनका भुगतान और आवेदन रद्द करवाने सहित टेंडर की राशि में भी फेर-बदल कर देते थे. वेबसाइट हैक होने की वजह से यह भी पता चल जाता था कि किसने टेंडर में क्या रेट डाला है.

कंप्लेन मिलने के बाद जांच की गई जिसमें यह सारी चीजें पकड़ में आई है. सस्थानों को अलर्ट कर दिया गया है. आगे की इंवेस्टिगेशन जारी है.

मनु महाराज, सीनियर एसपी 

Narendra modi promise many plans for jharkhand

नरेंद्र मोदी खूब बोलते हैं. वादें करते हैं. उनको पूरा करने का भरोसा दिलाते हैं. आठ महीने पहले ख्9 दिसंबर ख्0क्फ् को भी नरेंद्र मोदी रांची आए थे. विजय संकल्प रैली को संबोधित करने. वादा किया था कि अगर प्रधानमंत्री बने तो इन्हें पूरा भी करेंगे. अफसोस, कई वादे अभी वादे ही हैं. चलिए, यहां हम उनके तीन प्रमुख वादों की हकीकत जानते-समझते हैं.

कोयला झारखंड का और बिजली बाहर से?

ख्9 दिसंबर को उन्होंने रांची में कहा था कि झारखंड सबसे अधिक मिनरल्स हैं. कोयला झारखंड में है और यहां बिजली की खरीदारी बाहर से की जा रही है. यह कैसी विडंबना है कि कोयला हमारा लेकिन हम बिजली बाहर से खरीदते हैं. इसके लिए दिल्ली की सरकार जिम्मेवार है जो झारखंड को कुछ भी मदद नहीं कर रही है. अगर दिल्ली की सरकार झारखंड को मदद करे तो झारखंड पावर हब बन सकता है.

क्या हुआ

आज भी बिजली संकट जस का तस है. हालांकि, मोदी सरकार के पहले बजट में झारखंड के मिनरल्स के लिए रॉयल्टी टैक्स में मामूली बढोतरी की बात कही गई है. बेड़ो में पावर प्लांट लग रहा है.

झारखंड में चैकडेम बनाने की जरूरत है

नरेंद्र मोदी ने कहा था कि झारखंड में इतनी अधिक बारिश होती है लेकिन पानी न जाने कहां चला जाता है. गुजरात में भी पानी का प्रॉब्लम था. जब मैने मुख्यमंत्री की शपथ ली तो सबसे पहले पानी रोकने का काम शुरू किया. गुजरात में लाखों चेकडैम बनाए गए हैं. झारखंड में भी अगर चेकडैम बनाकर पानी को रोका जाए तो पानी का प्रॉब्लम नहीं होगा.

क्या हुआ

मोदी जी को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दो महीने से उपर हो गए हैं. कहीं भी चेकडैम के लिए कोई स्पेशल प्लान नहीं दिख रहा है. न तो जमीन पर और न कागज पर.

दीपिका, धौनी जैसे कई स्किल्ड लोग हैं

नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में झारखंड के लोगों के स्किल डेवलपमेंट के लिए विशेष काम करने का वादा किया था. तब उन्होंने कहा था कि झारखंड में तीरंदाज दीपिका और क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी जैसे प्लेयर भी हैं. झारखंड में ऐसे बहुत सारे लोग हैं लेकिन इनको मौका नहीं मिल पा रहा है. अगर इनको मौका मिलेगा तो ये बहुत अच्छा कर सकते हैं.

क्या हुआ

भारत सरकार द्वारा स्किल डेवलपमेंट के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है. आज भी लोग पैसे के अबाव में अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने से वंचित रह जाते हैं.

Scanner for digitalisation of rare texts fighting 'war'

हजार दुर्लभ ग्रंथ धूल फांक रहे हैं. उनका अस्तित्व खतरे में है. कई दुर्लभ किताबें नष्ट होने के कगार पर पहुंच गई हैं. सिचुएशन यह है कि संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी के डिजिटलाइजेशन के लिए चार साल पहले मंगाए गया स्कैनर और अन्य मशीनें अब भी कार्टून से बाहर निकल नहीं पाए हैं. वे डिब्बे में जस के तस रखे हुए हैं. ऐसे में लाइब्रेरी को ऑनलाइन कर लोगों तक इनकी पहुंच सुलभ बनाने की परिकल्पना साकार होती नहीं दिख रही है. कुल मिलाकर संरक्षण की कवायद भी दूर की कौड़ी साबित हो रही है. इसके चलते इन दुर्लभ ग्रंथों की बड़ी पूंजी के हाथ से निकलने का खतरा बढ़ गया है. इसे समय रहते हुए बचाना होगा.

बुक्स को चाट रहे दीमक

यूनिवर्सिटी स्थित सरस्वती भवन लाइब्रेरी में एक लाख से अधिक मैनुस्क्रिप्ट के अलावा फ्0 हजार दुर्लभ किताबें भी रखी हुई हैं. इनके रखरखाव के अभाव में कई दुर्लभ ग्रंथ नष्ट हो चुके हैं. यहां तक कि कुछ बुक्स को तो दीमक चाट गया है. यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने दुर्लभ ग्रंथों को संरक्षित करने के लिए उनका डिजिटलाइजेशन करने का डिसीजन लिया था. इसके तहत एक बड़े स्कैनर के साथ ही कई और मशीनें मंगाई गई थीं. आलम यह है कि इनको अभी तक इंस्टॉल नहीं किया गया. इसके चलते दुर्लभ ग्रंथों के ऑटोमेशन का अभी तक श्री गणेश नहीं हो सका है.

डीवीडी में पहुंची पांडुलिपियां

एक तरफ जहां सरस्वती भवन लाइब्रेरी में रखी दुर्लभ किताबों को डिजिटाइज्ड नहीं किया जा सका है तो वहीं दूसरी ओर लाल पोटली में सहेज कर रखी गई दुर्लभ पांडुलिपियां अब डीवीडी में पहुंच पाई हैं. ख्8भ् डीवीडी कैसेट्स में एक लाख क्क् हजार क्फ्ख् पांडुलिपियां समाई हैं. अब इन्हें कंप्यूटर की हार्डडिस्क में कॉपी करने का डिसीजन लिया गया है ताकि ये नष्ट न हो सकें. लाइब्रेरियन सूर्यकांत का कहना है कि समय-समय पर लाइब्रेरी में रखी दुर्लभ किताबों व पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए प्रस्ताव बनाए गए लेकिन ये इन्होंने अंजाम तक पहुंचने से पहले ही हर बार दम तोड़ दिया. चार वर्ष पहले जो स्कैनर मंगाया गया वह किताबें स्कैन करने में सक्षम नहीं है. जबकि इस नये स्कैनर को अब तक इंस्टॉल तक नहीं किया गया है. बिना यूज में लाए ही इसकी वारंटी तक खत्म हो चुकी है. 


Wednesday, August 20, 2014

Photography day special

कहते हैं कि हुनर किसी परिचय का मोहताज नहीं होता. अगर हुनर को पहचानकर उसे आगे बढ़ाने की ठान ली जाए तो उस राह में आने वाली मुश्किलें भी मजा देती हैं. यहां हम कुछ ऐसे ही होनहारों की बात कर रहे हैं, जिन्होंने अपने हुनर को पहचानकर इसे एक नया मुकाम देने का ठाना और इसमें सफल भी हुए. व‌र्ल्ड फोटोग्राफी डे के मौके पर आप भी मिलिए इन कैमरों के कलाकारों से, जिन्होंने फोटोग्राफी के शौक को आज एक पैशन में तब्दील कर दिया है.

नेवर एंडिंग प्रोसेस ऑफ लर्निग

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग में लेक्चरर डॉ. पंकज शर्मा के पेंटिंग के शौक ने उन्हें मशहूर आर्कियोलॉजिकल फोटोग्राफर बना दिया. बचपन में कागज पर चित्र उकेरने का चस्का बड़े होते-होते कैमरे से क्लिक करने में बदल गया. क्990 में पहली बार एसएलआर कैमरा हैंडल करने को मिला तो उन्होंने मुंबई सी-बीचेज को कैमरे में कैद किया. फोटोज बेहतर आईं तो शौक और आगे बढ़ा और कैमरा टेक्निक्स को सीखना शुरू कर दिया. कई लोगों ने उनके इस शौक को क्रिटिसाइज भी किया पर इसके बावजूद पंकज ने कैमरे को अपने से दूर नहीं किया. यूनिवर्सिटी टूर के दौरान उन्हें आर्कियोलॉजिकल फोटोज क्लिक करने का मौका मिला. प्रैक्टिस करते करते उनके हाथ में सफाई आ गई तो क्99म् में नेशनल लेवल एग्जिबीशन में उनके फोटो सेलेक्ट हो गए. वहीं ख्0क्फ् में सूचना प्रसारण मंत्रालय में 'सर्वश्रेष्ठ प्रोफेशनल छायाकार' राष्ट्रीय पुरस्कार का सम्मान मिला. इसके अलावा ख्0क्क् में उप्र. राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ से सम्मानित पंकज अभी तक म् नेशनल लेवल सोलो एग्जिबीशन में अपने फोटोज प्रेजेंट कर चुके हैं. फोटोग्राफी को वह नेवर इंडिंग प्रोसेस ऑफ लर्निग मानते हैं.

पेरेंट्स से मिला फोटोग्राफी का हुनर

डिफेंस सर्विस से रिटायर्ड दीपक घोष को फूलों को कैप्चर करने का बेहद शौक है और आज इसी शौक की बदौलत वह फेमस बॉयोडायवर्सिटी फोटोग्राफर हैं. वह अपनी सक्सेस का क्रेडिट पिता एचआर घोष और मां के फूलों के शौक को सौंपते हैं. उन्होंने सन् क्97भ् में पहली बार कैमरा पकड़ते ही फूलों को क्लिक करना शुरू किया. जॉब करते हुए भारत भ्रमण करने का मौका मिला. इस दौरान हिल्स एरिया समेत देश के कई राज्यों से इन्होंने फूलों की कई विभिन्न प्रजातियों को कैप्चर किया. इन्हें साल ख्000 में व‌र्ल्ड डायवर्सिटी डे के मौके पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की ओर से बेस्ट फोटोग्राफर ऑफ द इयर सम्मान से सम्मानित किया गया. जॉब के साथ ही दीपक करीब ख्7 ज्वॉइंट और 7 सोलो एग्जिबीशन नेशनल लेवल पर ऑर्गनाइज कर चुके हैं. ख्009 में रिटायर होने के बाद फोटोग्राफी का जूनून और भी बढ़ा. दीपक घोष को फोटोग्राफी की विधा टेबल टॉक में भी महारत हासिल है.

छोटी उम्र में बड़े क्लिक्स

एमएससी के स्टूडेंट सतपाल की उम्र महज ख्ब् वर्ष है, लेकिन उनके क्लिक्स बड़े-बड़े को मात देने वाले हैं. फोटोग्राफी के क्षेत्र में इनका पहला इंस्ट्रेस्ट ख्008 में फोटोग्राफी मैगजीन पढ़ने के साथ शुरू हुआ. उस मैगजीन के फोटोज से इंस्पायर होकर सतपाल ने डीएसएलआर कैमरा खरीदा और फिर शुरू हुआ अथक अभ्यास का सिलसिला. परफेक्ट क्लिक करने के लिए फोटोग्राफी की ट्रेनिंग ली और फिर फोटोग्राफी कॉम्पिटीश में पार्टिसिपेट करने लगे. सतपाल ख्0क्फ् में इंग्लैंड में ट्रैवल एंड टूरिज्म के कमांडेंट अवॉर्ड, यूएसए सोनियन नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम की ओर से हाइली ऑनर्ड विनर, ख्0क्ख् में ट्रैवल सर्किट डिप्लोमा अवॉर्ड और इंडियन इंटरनेशनल फोटोग्राफर काउंसिल की ओर से एआईपीसी अवॉर्ड और साथ ही प्राइवेट बैंक्स की ओर से भी ऑर्गनाइज फोटोग्राफी अवॉर्ड से नवाजे जा चुके हैं. 

Parks of the city captured by government departments

पार्को के नाम पर कानपुराइट्स की जेब पर सरकारी डाका डाला जा रहा है. सरकारी डाका का नाम सुनकर आप चौंक जरुर रहे होंगे. लेकिन ये सच है.पहले पार्क फेसिंग प्लॉट्स के एलॉटमेंट के नाम पर लोगों से लाखों रुपए एक्स्ट्रा चार्ज भी वसूला गया. बाद में पूरे पार्क को घेरकर जोनल पम्पिंग स्टेशन, ओवरहेड टैंक, क्लियर वाटर रिजरवॉयर बना दिया गया है. इससे लोग अपने आपको ठगे महसूस कर रहे हैं. लेकिन करें भी तो क्या करे, पार्क की जमीन पर डाका डालने वाले भी सरकारी विभाग ही है. ऐसे पार्को की संख्या की एक-दो नहीं दर्जनों में है.

पार्क के नाम पर वसूला जाता है एक्स्ट्रा चार्ज

एलॉटमेंट के दौरान केडीए ने पार्क फेसिंग प्लॉट के लिए भ् परसेंट और कार्नर के प्लॉट के क्0 परसेंट एक्स्ट्रा चार्ज लोगों से वसूलता है. पार्क फेसिंग प्लॉट को इस वजह से लोग प्राथमिकता देते हैं, उन्हें स्वच्छ व शुद्ध हवा मिलेगी. सुबह उठते ही ग्रीनरी से सामना होगा, पार्क में मार्निग वॉक कर सकेंगें. बच्चों को पार्क के फेसिंग प्लाट्स के लिए लोगों ने टोटल लाखों रुपए कीमत अदा की. दूसरे शब्दों में कहें तो जिन्हें पार्क फेसिंग प्लाट मिला उन्हें मिल-जुलकर पार्क की जमीन की लगभग पूरी कीमत चुकानी पड़ी.लेकिन जेएनएनयूआरएम के प्रोजेक्ट शुरु होते ही उनके पार्को पर डाका पड़ना शुरु हो गया. करीब 8भ्0 करोड़ के ड्रिकिंग वाटर के प्रोजेक्ट्स के लिए विभिन्न मोहल्ले के तीन दर्जन के लगभग पार्को पर जेडपीएस, ओवरहेड टैंक, क्लियर वाटर रिजरवायर आदि बना दिए गए है. इससेपार्क फेसिंग प्लाट के लिए लाखों रुपए चुकाने वाले अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं.

पार्को में जेडपीएस, बच्चे सड़क पर

केडीए की किदवई नगर वाई वन हाउस स्कीम के आसपास के दो पार्को में जलनिगम ने जोनल पम्पिंग स्टेशन बना दिए है. पार्क की पूरी जमीन को घेरकर वहां ऑफिस, ट्रांसफॉर्मर आदि लगा दिए. इन दोनों पार्को में इतनी भी जगह नहीं बची है कि बच्चे वहां खेल सके. मजबूरन बच्चे सड़क पर खेलने को मजबूर है. इसी तरह गणेश उद्यान के एक बड़े हिस्से में जोनल पम्पिंग स्टेशन बना दिया. वहीं यू ब्लाक निराला नगर, दीप टाकीज रोड पार्क, रामबाग पार्क, सेंट्रल पार्क शास्त्री नगर, गीता पार्क नेहरु नगर, प्रेम नगर पार्क, ईदगाह कालोनी पार्क आदि में ओवरहेड टैंक बना दिए हैं.

इमोशनल ब्लैकमेलिंग भी..

पब्लिक की प्रॉपर्टी पर डाका डालने

वाले गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के होने के कारण लोग विरोध की हिम्मत नहीं जुटा सके. उन्हें एरिया में ड्रिकिंग वाटर क्राइसिस की समस्या की याद दिलाई. साथ ही जोनल पम्पिंग स्टेशन बने बिना इस समस्या का हल न होने और इससे जूझते रहने की चेतावनी दी. इस समस्या के हल के लिए एकमात्र उपाए जोनल पम्पिंग स्टेशन और ओवरहेड टैंक है. जिसके चलते उनकी इमोशनल ब्लैकमेलिंग का शिकार होने को मजबूर हो गए. लोगों की ऑंखों के सामने उनके ही पार्क पर डाका पड़ गया.

-वर्जन-

सिटी में पेयजल समस्या का हल भी जरुरी है. इसके लिए जोनल पम्पिंग स्टेशन, ओवरहेड बनाने भी जरुरी है. जहां कोई जगह नहीं मिली, वहां मजबूरी में पार्क को चुना गया है.

-आरसी वर्मा, चीफ इंजीनियर, जलनिगम

Boy deadbody founded near railway station in agra

 आगरा. काजीपाड़ा में हुए बवाल के दौरान गायब हुए किशोर का शव मंलगवार को ईदगाह रेलवे स्टेशन के पास पड़ा मिला. इकलौते पुत्र की मौत पर मां का रो-रोकर बुरा हाल है.

मां के जीने का सहारा था

थाना रकाबगंज स्थित मोहनपुरा नई आबादी निवासी 13 वर्षीय राजा उर्फ छोटू के पिता रतन सिंह का चार साल पूर्व बीमारी के चलते देहांत हो चुका है. मां सुनीता घरों में चौका- बर्तन कर घर चला रही है. राजा अपने ताऊ चन्द्रभान के साथ चप्पलों की फड़ लगाता था. उसकी तीन बहनों की शादी हो चुकी है.

घर की ओर चल दिया

सोमवार को भी राजा ने अपने ताऊ के साथ रावली मंदिर के फुटपाथ पर भी चप्पलों की फड़ लगा रखी थी. बवाल होने पर पुलिस ने वहां से फड़ वालों को हटाना शुरू कर दिया. मौके पर भगदड़ मच गई. चन्द्रभान अपना सामान समेटकर राजा के साथ घर की ओर चल दिया.

रात तक नहीं पहुंचा घर

रास्ते में चन्द्रभान से राजा पीछे छूट गया. उसे लगा कि राजा पीछे-पीछे आ रहा होगा. रात तक किशोर के नहीं लौटने पर परिजनों को चिंता होने लगी. उन्होंने रातभर उसकी तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली.

ईदगाह रेलवे स्टेशन के पास मिला शव

सुबह राजा उर्फ छोटू का शव ईदगाह रेलवे स्टेशन पुराने लोको के पास पड़ा होने की सूचना किसी ने परिजनों को दी. परिजन मौके पर पहुंचे, तब तक पुलिस ने बॉडी पोस्टमार्टम भिजवा दी थी. परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए. परिजनों का कहना था कि उसका सिर कुचल कर हत्या की गई है. वह अ‌र्द्ध नग्नावस्था में मिला. उसकी जेब में बिक्री के रुपये नहीं थे. यहां मौजूद मां सुनीता व परिवारीजनों का रुदन देख हर शख्स की आंखें नम थीं.

सूचना पर दौड़े परिजन

दोपहर में परिजनों को डीएम आवास पर शव रखकर जाम लगाने की खबर लगी, तो वह मौके की ओर दौड़ पड़े. ताऊ चन्द्रभान के बेटे आकाश ने बताया कि उन्हें लगा कि छोटू का शव रखा है, लेकिन वहां जाकर देखा तो उसका शव नहीं था. 

MNNIT directors pet dodo expired

दोपहर के दो बज रहे थे. एमएनएनआईटी कैंपस में रहने वाले डायरेक्टर पी चक्रवर्ती के घर पर मातमी सन्नाटे का आलम. बाहर मौजूद लोगों को घर का दरवाजा खुलने का बेसब्री से इंतजार था. दरवाजा खुला तो डायरेक्टर की वाइफ डॉ रूना चक्रवती सामने थीं. लगातार रोने से आंखें सूज गई थीं. चेहरे का भाव बताता था कि उनके दर्द का एहसास कर पाना मुश्किल है. सामने मीडिया के लोगों को देखकर वह फफक पड़ीं. पांच मिनट लग गए उन्हें खुद को नियंत्रित करने में. इसके बाद डोडा की असामयिक मौत से मिले जख्म पर बोलना शुरू किया तो सामनेवालों की भी आंखें भर आई.

तीन साल पहले मिला था

रूना के मुताबिक बात तीन साल पुरानी है जब वे रूना को अपने साथ ले आए थे. वक्त बीतने के साथ वह मुझसे और बेटी इशिता से इतना घुल-मिल गया कि उसके बिना रहने के बारे में सोचना मुश्किल था. पति भी उससे बेहद अटैच थे. एक साथ के भीतर वह परिवार के सदस्य की तरह हो गया था. मेरे लिए तो वह बेटे जैसा था. हम कहीं भी जाते उसे साथ लेकर जाते थे.

जानवर था पर सीख गया था इंसानी सलीके

रूना के मुताबिक वह जानवर था लेकिन हमारे साथ रहते हुए उसने इंसानी सलीके सीख लिए थे. बिस्तर खराब नहीं करता था, टॉयलेट जाना होता था तो किसी न किसी को पकड़कर खींचता और उस स्थान की ओर ले जाता. सुबह न्यूज पेपर लेकर कमरे में आता था. लेट तक सोने वालों को जगाना उनका काम था. घर से बाहर निकले सदस्य के लौटते ही उसका वेलकम करना. उसके साथ खेलना उसका रुटीन था. कुल मिलाकर वह घर की रौनक बन गया था. हर किसी का अजीज था. उससे बिछड़ने के बारे में सोचना मुश्किल था. ऐसे में कुछ दिन पहले डोडो बीमार पड़ा तो पूरे परिवार की नींद उड़ गई. डॉक्टर को दिखाया और ट्रीटमेंट भी कराया लेकिन डॉक्टर की जरा सी लापरवाही से उनके फैमिली का एक मेम्बर हमेशा के लिए कम हो गया. इस दर्द को दूसरा कोई नहीं समझ सकता.

रात भर मनाते रहे मातम

रूना ने बताया कि सोमवार रात साढ़े नौ बजे डोडो ने अंतिम सांस ली. डॉक्टर ने सॉरी बोला तो पूरा परिवार सन्नाटे में आ गया. जन्माष्टमी के दिन हुई इस घटना के बाद पूरा परिवार मातम में पूरी रात रहा. उनके इस दर्द को समझने वाले कम ही थे. रात बमुश्किल गुजरी. इसी दौरान फैसला लिया गया कि उसे दफना दिया जाय. डायरेक्टर के आवास कैंपस में ही डोडो को दफनाया गया. इसके बाद पूरे परिवार ने उसे अश्रूपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान एमएनएनआईटी परिवार के कई सदस्य मौजूद रहे.

इस दर्द को समझे हर कोई

डॉक्टर रूना ने कहा कि अब इस बात का कोई मतलब नहीं है कि डॉक्टर को सजा मिलती है या नहीं. जरूरी यह है कि हर कोई उन्हें सिर्फ जानवर न समझे. उसे प्यार दें, यकीन मानिए हमारा अनुभव है कि आप एक कदम बढ़ाएंगे और वह तीन कदम आगे बढ़कर आपके साथ खड़ा मिलेगा. हमें इन जानवरों के प्रति संवदेनशील होना चाहिए. 

Allow further medical vadni fit passengers

लगता है कि प्रदेश सरकार मौसम के रुख को देखते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर नंदा राज जात यात्रा ख्0क्ब् को लेकर आशंकित है. इसीलिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यात्रा की तारीख सरकार ने तय नहीं की. वहीं उन्होंने कहा कि जो मेडिकली फिट यात्री होंगे, वे वैदनी बुग्याल से ही आगे जा सकेंगे. कारण, वैदनी से आगे सड़क नहीं हैं, हर किसी के लिए यात्रा में शामिल हो पाना चुनौती होगी. वे मंडे को बीजापुर गेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत में बोल रहे थे.

फुलप्रूफ सिक्योरिटी

सीएम ने कहा कि ख्80 किमी की यात्रा में तमाम क्9 पड़ावों पर पार्किंग, सेनिटेशन, ड्रिंकिंग वॉटर, कम्यूनिकेशन व सुरक्षा की उपलब्धता सुचारु है. सरकार ने वैदनी बुग्याल से आगे यात्रियों के लिए खाने का इंतजाम किया है. जबकि वैदनी से नीचे स्थानीय लोगों ने अपनी परंपरा का हवाला दिया है. सीएम ने बोला कि वैदनी बुग्याल से आगे रास्ता नहीं है, स्लीप जोन है. जहां सरकार सैंड बैग्स व रस्सियों की व्यवस्था कर सहारा देने की कोशिश कर रही है. इसके लिए चीफ सेक्रेट्री मॉनिटर करेंगे. जबकि चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी को भी मुस्तैद किया गया है.

राज यात्रा नहीं रुकेगी

सीएम ने कहा कि अब यात्रा में कोई व्यवधान नहीं होगा. मौसम के कारण एकाध घंटा रुक सकती है, लेकिन सुचारु रहेगी. सीएम ने यह भी कहा कि क्ब् साल शुरू हुई यात्रा और अब की यात्रा में फर्क है, लेकिन फिर भी सैटेलाइट कम्यूनिकेशन का सहारा लिया है. 

A dead body found in city

तिवारीपुर एरिया के सूरजकुंड पोखरे में ट्यूज्डे दोपहर अज्ञात युवती की डेडबॉडी मिली. मोहल्ले के लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस का कहना है कि मानसिक रोगी युवती मोहल्ले में इधर- उधर घूमती रहती थी. अब सवाल उठता है कि आखिर बिना किसी पूछताछ या जांच के पुलिस को कैसे पता चल गया कि मरने वाली मानसिक रोगी थी?

मंडे नाइट जागरण देखने गई थी युवती

पुलिस का कहना है कि युवती के माता- पिता का कुछ पता नहीं है, लेकिन वह मोहल्ले में भटकती रहती थी. मोहल्ले वालों ने उसका नाम रानी बताया है. रात में वह अक्सर सूरजकुंड पोखरे पर नजर आती थी. मंडे नाइट वह मोहल्ले में पुलिस चौकी के पास आयोजित जागरण प्रोग्राम देखने गई. रात में लौटी तो पोखरे के किनारे सो गई. पुलिस वालों ने बताया कि सीढि़यों पर सुलेशन और स्मैक की पुडि़या मिली. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि नशे की हालत में वह पानी में डूब गई.

मानसिक रोगी या भिखारी होते हैं मरने वाले लावारिस

जिले में कहीं भी लावारिस डेडबॉडी मिलने पर पुलिस पिंड छुड़ाने की कोशिश करती है. झाडि़यों, सड़कों के किनारे, ताल- पोखरों में मिलने वाली डेडबॉडी को लेकर पुलिस को परेशान होना पड़ता है. ऐसे में पुलिस कोशिश करती है कि उनको भिखारी या मानसिक रोगी बताकर काम खत्म कर लिया जाए. मैले कुचैले कपड़े, बढ़ी हुई दाढ़ी और बाल यह साबित करने के लिए काफी होते हैं. गवर्नमेंट के निर्देश पर अब लावारिस डेडबॉडी मिलने पर उसको 7ख् घंटे सेफ रखा जाएगा. फिर पोस्टमार्टम कराकर उनका अंतिम संस्कार कराया जाएगा. संडे को रेल दावा अभिकरण के पास झाड़ी में मिली महिला की डेडबॉडी को पुलिस ने मानसिक रोगी बता दिया था. इसके पहले रेलवे ऑफिसर के बंगले में एक युवती की डेडबॉडी मिली थी जिसे पुलिस ने भिखारी बताया था.

सूर्यकुंड पोखरे में मिली डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. मोहल्ले के लोगों ने बताया कि वह अक्सर घूमती रहती थी. नशे की आदत की वजह से पानी में डूब गई.

नेहरू,

एसएचओ, थाना तिवारीपुर 

Hungama at sakchi

साकची थाना एरिया स्थित काशीडीह में कुछ युवकों ने पान दुकान संचालक और उसके स्टाफ की बुरी तरह पिटाई कर दी. इस मारपीट में दुकान का स्टाफ बुरी तरह जख्मी हो गया. बाद में सभी को ट्रीटमेंट के लिए एमजीएम हॉस्पिटल लाया गया.

शुरू हुई बकझक

घटना मंगलवार दोपहर की है. काशीडीह चौक के पास अमरजीत की पान दुकान है. वहां कुछ युवक पहुंचे. उनकी सामान खरीदने के दौरान बकझक हो गई. अमरजीत ने बताया कि सिगरेट की कीमत बढ़ गई है और वे युवक इसे पुराने रेट पर देने की मांग कर रहे थे. इस बात को लेकर बकझक श्ाुरू हुई.

क्भ् अगस्त को हुआ था विवाद

बताया जा रहा है कि सिगरेट के रेट को लेकर हुई बकझक केवल एक बहाना था. युवकों के साथ क्भ् अगस्त के दिन इनका कुछ विवाद हुआ था. हालांकि, दुकान संचालक व अन्य के साथ उनकी लड़ाई नहीं थी. कहा जा रहा है कि वे मारपीट करने वाले युवक की तलाश करने आए थे, लेकिन उनके न मिलने पर साथ रहे युवकों के साथ मारपीट की गई.

दुकान में तोड़-फोड़ की

दुकान में हुए विवाद के बाद युवक वहां से चले गए. थोड़ी देर बाद वे सभी कुछ अन्य युवकों के साथ वहां पहुंचे और पान दुकान संचालक अमरजीत के साथ मारपीट शुरू कर दी. इस दौरान युवकों ने दुकान में काम करने वाले सरोज रक्षित व मोनू झा की भी बुरी तरह पिटाई कर दी. मारपीट में सरोज रक्षित गंभीर रूप से घायल हो गया है. उसके सिर पर काफी चोटें आईं हैं. युवकों ने दुकान में भी तोड़-फोड़ की.

एमजीएम में कराया गया ट्रीटमेंट

घटना के बाद घायलों को ट्रीटमेंट के लिए एमजीएम हॉस्पिटल लाया गया. मामले की जानकारी मिलते ही आस-पास के दुकानदार व अन्य लोग भी एमजीएम हॉस्पिटल पहुंचे. वहां ट्रीटमेंट के बाद साकची थाना में घटना को लेकर कंप्लेन दर्ज कराई गई कम्प्लेन दर्ज कराई गई. घायलों का कहना है कि मारपीट करने वालों में से कुछ युवक साकची लुका रोड तो कुछ भालूबासा के रहने वाले बताए जा रहे हैं.

Poonam and swati singh will be awarded

कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल हासिल करने वाले खिलाडि़यों के लिए यूपी सरकार ने नई प्राइजमनी पर अपनी सहमति दे दी है. मंगलवार को नई प्राइजमनी को अप्रूवल मिलने से यूपी खेल जगत में खुशी का माहौल है. खेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब कॉमनवेल्थ में इंडीविजुअल इवेंट में गोल्ड लाने वाले खिलाड़ी को भ्0 लाख, सिल्वर लाने वाले खिलाड़ी को फ्0 लाख और ब्रांज मेडल पाने वाले खिलाड़ी को क्भ् लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके तहत अब ग्लासगो में कांस्य पदक जीतने वाली बनारस की वेटलिफ्टर पूनम यादव और स्वाति सिंह को क्भ्-क्भ् लाख रुपए का इनाम मिलेगा.

सात खिलाडि़यों की लिस्ट भेजी

प्राइजमनी की यह धनराशि ग्लासगो में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स से लागू होगी. वहीं, मेडल पाने वाले खिलाडि़यों को नई स्कीम के तहत ही पुरस्कार दिया जाएगा. टीम इवेंट में भी पुरस्कार की राशि बढ़ा दी गई है. इसमें गोल्ड हासिल करने वाली टीम के प्रदेश के प्रत्येक खिलाड़ी को फ्0 लाख, सिल्वर हासिल करने वाली टीम के प्रदेश के प्रत्येक खिलाड़ी को क्भ् लाख और ब्रांज मेडल जीतने वाली टीम के प्रदेश के प्रत्येक खिलाड़ी को क्0 लाख रुपए की धनराशि दी जाएगी. इतना ही प्रदेश सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने वाले उन खिलाडि़यों का भी ख्याल रखा है जिन्होंने पार्टीसिपेट तो किया लेकिन मेडल लाने से चूक गए. प्रदेश के ऐसे खिलाडि़यों को पांच-पांच लाख रुपए दिए जाएंगे. कॉमनवेल्थ गेम्स से मेडल लाने वाले सात खिलाडि़यों की लिस्ट अब तक शासन को दी जा चुकी है.

तोहफों की 'बरसात'

इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में इंडीविजुअल गेम्स में गोल्ड लाने पर क्भ् लाख, सिल्वर लाने पर क्0 लाख और ब्रांज लाने पर 8 लाख रुपए दिये जाने का नियम था. वहीं टीम गेम्स में गोल्ड जीतने वाली टीम के प्रदेश के प्रत्येक खिलाड़ी को दस लाख, सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम के प्रदेश के प्रत्येक खिलाड़ी को आठ लाख और ब्रांज मेडल जीतने वाली टीम के प्रदेश के प्रत्येक खिलाड़ी को म् लाख रुपए दिए जाते थे.

कोट

कॉमनवेल्थ के लिए प्राइजमनी बढ़ाने को लेकर अंतिम मुहर लग चुकी है. इसके साथ ही उन खिलाडि़यों को भी कैश प्राइज दिया जाएगा जो मेडल नहीं ला सके हैं.

भुवनेश कुमार

खेल सचिव