Tuesday, August 19, 2014

Strike in vidhyapith

 महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में पिछले क्फ् दिनों से कर्मचारी स्ट्राइक पर हैं. दोनों कैंपस में लगातार हड़ताल से कैंपस में पठन पाठन का कार्य ठप होने के अलावा एग्जाम और एडमिशन से जुडे़ कामों पर भी बे्रक लग गया है. यदि यह स्ट्राइक इसी तरह से कुछ दिन और चली तो कैंपस कैलेंडर को बेपटरी होने से कोई रोक नहीं पाएगा. आश्चर्यजनक बात यह है कि कर्मचारियों की हड़ताल के इतने दिनों के बाद भी इसकी सुध न तो गवर्नमेंट ने ली और न ही यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इस बाबत गंभीर दिखा. एक्सपटर््स के मुताबिक यदि इस मुद्दे पर सीरियसली पहल हुई होती तो यह हड़ताल पहले ही खत्म हो गई होती.

पटरी से उतरी पढ़ाई की रेल

जिस समय यूनिवर्सिटीज में एडमिशन, एग्जाम और रिजल्ट का दौर चरम पर हो, उस समय कर्मचारियों का काम ठप कर देना बड़ी बात है. इससे न केवल ये सारे काम इफेक्टेड हो गए हैं, बल्कि पूरा शैक्षणिक कैलेंडर भी डिरेल्ड हो गया है. इसके बावजूद गवर्नमेंट और यूनिवर्सिटीज का एडमिनिस्ट्रेशन कान में तेल डाले हुए है. मजेदार बात यह कि क्फ् दिन बीतने के बाद भी हड़ताल खत्म कराने के लिए इनकी ओर से कोई पहल नहीं की गई है.

स्टूडेंट्स ने खोला मोर्चा

कर्मचारियों की लंबे समय से चल रही हड़ताल के चलते हो रहे नुकसान को देखते हुए स्टूडेंट्स चांसलर व गवर्नमेंट से पहले ही स्ट्राइक खत्म कराने की गुहार लगा चुके हैं. यहां तक कि कई बार यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से भी क्लासेज चलाये जाने की मांग कर चुके हैं. इसके बाद भी क्लासेज में लटकते ताले अभी तक नहीं खुले हैं. परेशान स्टूडेंट्स डेली कैंपस आते हैं और कैंपस का चक्कर मारकर वापस घर लौट जाते हैं.

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स्ट्राइक ने लगाया ब्रेक

-एडमिशन प्रोसेस हुआ ठप

-क्लासेज के नहीं खुल रहे ताले

-स्टूडेंट्स का सबमिट नहीं हो पा रही फीस

-सेकेंड राउंड की काउंसलिंग पर लगा ब्रेक

-रिजल्ट्स नहीं हो पा रहे डिक्लेयर

-मार्कशीट्स व सर्टिफिकेट्स का वेरीफिकेशन भी अटका 

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