Friday, August 22, 2014

Van driver made ​​obscene gestures with Play Group's innocent

सिकन्दरा थाना क्षेत्र में एक वैन चालक ने तीन साल की मासूम के साथ अश्लील हरकत की. चालक की इस हरकत से बच्ची दहशत में आ गई. घर पहुंची बच्ची के शरीर पर निशान देखकर मां-बाप सकते में आ गए. पूछताछ करने पर सारी सच्चाई सामने आई गई. परिजनों को जब पता चला कि वैन चालक ने उनकी बच्ची के साथ अश्लील हरकत की है तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. परिजनों ने आरोपियों को खासा सबक सिखाने के बाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया.

प्ले ग्रुप की है छात्रा

आवास विकास निवासी तीन साल की बच्ची शास्त्री पुरम स्थित एक स्कूल में प्ले गु्रप में पढाई करती है. वह स्कूल वैन से पढ़ने जाती है. गुरुवार को भी स्कूल से वैन लेने आई थी और वह पढ़ने गई.

लौटने पर वैन चालक व साथी आया हरकत में

बच्ची के स्कूल से छुट्टी 12 बजे होती है. बस चालक और वैन चालक उनके घर तक बच्चों को पहुंचा कर आते हैं. गरुवार को जब बच्ची का स्कूल छूटा तो वह जल्दी वैन में आकर बैठ गई थी.

अकेली बच्ची को दबोच लिया

परिजनों ने आरोप लगाया कि अकेली बैठी बच्ची को वैन चालक व उसके साथी ने दबोच लिया. उस दौरान बच्ची दहशत में आ गई थी. उन्होंने बच्ची के साथ हद दर्जे की अश्लील हरकत कर डाली. इतनी ही देर में अन्य बच्चे भी आ गए थे. लेकिन इससे पहले ही दोनों आरोपी वहां हट गए.

परिजनों को बताया बच्ची ने

बच्ची जब घर आई तो डरी सहमी सी थी. उसने परिजनों को कुछ भी नहीं बताया था. लेकिन उसकी बदहवास हालत देख परिजनों को कुछ शक हुआ. बच्ची के शरीर पर निशान थे. उन्होने उससे पूछा. इसी के बाद बच्ची रोने लगी और उसने परिजनों को स्कूल वैन वाले अंकल की हरकत के बारे में बताया.

परिजनों के पैरों तले जमीन खिसकी

ये माजरा पता चलते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई थी. उनको विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई व्यक्ति इस हद कर गिर सकता है कि वह मासूम को भी न छोड़े इसी के बाद परिजनों में गुस्सा फूट पड़ा.

आरोपी को बुलाकर सिखाया सबक

आरोपी को फोन कर स्कूल के पास बुलाया गया था. वहां पर उसे व उसके साथी की जमकर पिटाई की गई इसी के बाद दोनों को थाना सिकन्दरा में पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. पुलिस ने इस सम्बंध में धारा 354 क, 77/8 पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों के नाम जमालुद्दीन पुत्र बशीर खां निवासी कलवारी, शेखू उर्फ शंकर पुत्र हल्के निवासी टीकमगढ़ मध्य प्रदेश बताया गया है.

वर्जन

इस संबंध में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. बच्ची को मेडिकल के लिए भेजा है. आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है.

सीओ हरीपर्वत- अशोक कुमार सिंह

बॉक्स

यह कहना है आरोपियों का

पुलिस की हिरासत में आरोपियों का कहना था कि उन्होने कोई भी ऐसा गलत काम नहीं किया है. उन्हें गलत फंसाया जा रहा है. जमालुद्दीन का कहना था कि उसकी भी बेटी है वह ऐसा काम क्यों करेगा. इसके साथ शंकर भी अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत ठहरा रहा था. उनका कहना था कि जब वह बच्चों को छोड़ने जाते हैं तो रजिस्ट्रर में एंट्री कराते हैं. जब वह उसे छोड़ने गए थे तब एंट्री कराई थी तब उसने परिजनों को शरीर पर निशान नहीं दिखे.


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