Friday, August 8, 2014

Goverment is trieng to make fool farmer in agra

आगरा के किसानों के साथ धोखा हुआ है. जी हां आगरा में एक अगस्त से जमीनों के नए सर्किल रेट बढ़ने थे, लेकिन ये रेट नहीं बढ़ाए गए. इसके पीछे अजीबोगरीब तर्क दिए जा रहे हैं, अंदर की खबर ये है कि सरकार एक्सप्रेस-वे और अन्य योजनाओं के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की जानी है. फिलहाल सर्किल रेट बढ़ने का मामला टल गया है.

अभी और बढ़ सकता है नए सर्किल रेट का टाइम

सूत्रों से पता चला है अभी यही कहा जा रहा है कि डीएम के लखनऊ में होने के कारण 26 जुलाई को प्राप्त आपत्तियों का निराकरण नहीं हुआ. इससे नए सर्किल रेट लागू करने के फैसले को स्थगित किया है. ये केवल सरकार का छलावा ही ज्यादा नजर आ रहा है. क्योंकि आपत्तियां निस्तारण में अधिकारी अगर इतने ही गंभीर होते तो जिले में कोई समस्या ही न होती.

कई योजनाओं के लिए जमीन होनी है अधिग्रहित

आगरा में नए सर्किल रेट को स्थगित करने के पीछे जो मुख्य वजह सामने आ रही है, उसमें अव्वल ये है कि आगरा में कई योजनाओं को लेकर भूमि का अधिग्रहण होना है. इनररिंग रोड के लिए एत्मादपुर, सदर और फतेहाबाद तहसील के किसानों की जमीन अधिग्रहित होनी है. कुबेरपुर से ग्वालियर हाईवे तक जमीन अधिग्रहीत की जाएगी. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए भी तीन तहसीलों में जमीन ली जानी है. सदर तहसील के आठ और फतेहाबाद तहसील के 24 गांवों से जमीन अधिग्रहीत की जानी है. इनमें से कुछ किसानों का बैनामा हो चुका है. इधर, इसके अलावा रहनकलां में थीम पार्क के लिए धनौली में सिविल टर्मिनल एन्क्लेव के लिए भी जमीन का अधिग्रहण होना है. मौजूदा समय में सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जा रहा है. अगर सर्किल रेट बढ़ जाते तो उसका भी मुआवजा सरकार को देना पड़ता.

मीटिंग में लिया गया फैसला

एआईजी स्टाम्प और एडीएम फाइनेंस की हुई मीटिंग में कृषि भूमि के सर्किल रेट न बढ़ाने का फैसला लिया है, लेकिन फिर भी सर्किल रेट्स में इजाफा हुआ तो बढ़ी दर के हिसाब से मुआवजा देना पड़ेगा. जबकि कुछ किसानों की जमीन का बैनामा कर लिया है. 

 
 

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