मोनू पहाड़ी का गैंग बेहद खतरनाक है. बहुत ही कम पढ़े लिखे उसके गुर्गे निहायत प्रोफेशनल ढंग से काम करते हैं. सबका काम तक बंटा हुआ है और जिसका जो काम है वो सिर्फ वही करता है. मोनू गैंग का सरगना यानि डॉन है. उसके इशारे पर ही गुर्गे काम करते है. अब आपको बताते है कि मोनू पहाड़ी अपने गैंग को कैसे ऑपरेट करता है.
ये हैं मोनू पहाड़ी के हाथ-पैर
1-नाम- शरीफ ढपाली
पिता का नाम- शफीक ढपाली
स्थाई पता- 91क्/ख्क् हीरामन का पुरवा
वर्तमान पता- जेल
काम- लूट और हत्या करना
ख्- पप्पू खटिक उर्फ संजय सोनकर
स्थाई पता- साहब नगर पनकी रोड, कल्याणपुर
काम- भाड़े पर हत्या, रंगदारी वसूलना, लूट और अपहरण
फ्- शानू चिकना उर्फ शानू वाईकर
पता- हीरामन का पुरवा, अनवरगंज
खासियत- मोस्ट वांटेड मोनू का विश्वासपात्र
काम- गैंग के सदस्यों के लिए गाड़ी का इंतजाम करना, रंगदारी वसूलना और गुर्गो को रुपए देना
ब्-मियां मुनक्कू
पता- हीरामन का पुरवा
खासियत- मोनू का भरोसेमंद
काम- वारदात के बाद छुपने का इंतजाम करना
भ्-रेहान उर्फ गुड्डू
पता- छोटे मियां का हाता, कर्नलगंज
खासियत- मोनू का खास गुर्गा, जेब कतरा गैंग का लीडर, मादक पदार्थ की बिक्री
काम- जेल में बन्द सदस्यों की जमानत का इंतजाम करना
म्- आफाक सुनहरा और अखलाख सुनहरा
पता- हीरामन का पुरवा
काम- गैंग के सदस्य के छुपने का इंतजाम करना
7- कालू उर्फ कार्लोस
पता- चमनगंज
8- नौशाद
पता- नाला रोड, चमनगंज
9- शेरू
पता- नाला रोड, चमनगंज
क्0 रईस बनारसी
खासियत- मोनू का जिगरी दोस्त
काम- भाड़े पर हत्या, लूट, अपहरण, रंगदारी वसूलना
क्क्- शानू मोटा
पता- रावतपुर
क्ख्- बबुआ झाड़ूवाला
पता-बाबूपुरवा
क्फ्- शाह आलम
पता- बाबूपुरवा
मोनू पहाड़ी के चाचा और भाई भी सजायाफ्ता.
मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी ने बचपन में चाचा महबूब हीरो से क्राइम की एबीसीडी सीखी थी. महबूब हीरो इलाके का दबंग था. उसने दबंगई के चक्कर में ही मर्डर कर दिया था. जिसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. सजा पूरी होने से पहले ही जेल में उसकी मौत हुई थी. मोनू का भाई नाजिम भी एनडीएस में जेल जा चुका है. उसी दौरान मोनू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जिसके चलते नाजिम की जमानत नहीं हो पा रही थी. नाजिम कई महीनों जेल में रहा. उसने रिहाई का कोई रास्ता नहीं मिलने पर लोक अदालत में जुर्म कबूल लिया.उसको सजा भी सुनाई गई थी जिसे काटकर जेल से बाहर आने के बाद वो मुंबई भाग गया. नाजिम अब वहीं पर रह रहा है.
मोनू के भाई ने ही की थी बनारसी के भाई की हत्या
शहर के मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी की हिस्ट्रीशीटर रईस बनारसी से बचपन की दोस्ती है. रईस भी पहले दलेलपुरवा में रहता था. मोनू ने उसके साथ मिलकर मर्डर समेत कई वारदात को अन्जाम दिया है. रईस का भाई नौशाद कालिया भी हिस्ट्रीशीटर था. वो स्मैक का धंधा करता था. मोनू के भाई नाजिम की दोस्ती हिस्ट्रीशीटर शानू ओलंगा और राजा से थी. बनारस में रईस के गिरफ्तार होने पर शानू ओलंगा उसके भाई नौशाद कालिया से स्मैक के गोरखधंधे में कट मांगने लगा. मना करने पर शानू ओलंगा ने नाजिम और राजा के साथ मिलकर रईस बनारसी के भाई का कत्ल कर दिया था. रईस को इसका पता चला तो उसने शानू को ठिकाने लगाने की प्लानिंग कर ली. वो जेल से छूटने के बाद सीधे मोनू से मिला, तो मोनू ने अपने भाई को बचाने के लिए उससे कहा कि नाजिम को नहीं पता था कि शानू किसका कत्ल करने जा रहा था. वो तो दोस्ती में उनके साथ चल गया था. रईस को मोनू पर भरोसा था. इसलिए उसने नाजिम को छोड़ दिया. जिसके बाद उसने मोनू के साथ मिलकर शानू ओलंगा को मार दिया .
ये हैं मोनू पहाड़ी के हाथ-पैर
1-नाम- शरीफ ढपाली
पिता का नाम- शफीक ढपाली
स्थाई पता- 91क्/ख्क् हीरामन का पुरवा
वर्तमान पता- जेल
काम- लूट और हत्या करना
ख्- पप्पू खटिक उर्फ संजय सोनकर
स्थाई पता- साहब नगर पनकी रोड, कल्याणपुर
काम- भाड़े पर हत्या, रंगदारी वसूलना, लूट और अपहरण
फ्- शानू चिकना उर्फ शानू वाईकर
पता- हीरामन का पुरवा, अनवरगंज
खासियत- मोस्ट वांटेड मोनू का विश्वासपात्र
काम- गैंग के सदस्यों के लिए गाड़ी का इंतजाम करना, रंगदारी वसूलना और गुर्गो को रुपए देना
ब्-मियां मुनक्कू
पता- हीरामन का पुरवा
खासियत- मोनू का भरोसेमंद
काम- वारदात के बाद छुपने का इंतजाम करना
भ्-रेहान उर्फ गुड्डू
पता- छोटे मियां का हाता, कर्नलगंज
खासियत- मोनू का खास गुर्गा, जेब कतरा गैंग का लीडर, मादक पदार्थ की बिक्री
काम- जेल में बन्द सदस्यों की जमानत का इंतजाम करना
म्- आफाक सुनहरा और अखलाख सुनहरा
पता- हीरामन का पुरवा
काम- गैंग के सदस्य के छुपने का इंतजाम करना
7- कालू उर्फ कार्लोस
पता- चमनगंज
8- नौशाद
पता- नाला रोड, चमनगंज
9- शेरू
पता- नाला रोड, चमनगंज
क्0 रईस बनारसी
खासियत- मोनू का जिगरी दोस्त
काम- भाड़े पर हत्या, लूट, अपहरण, रंगदारी वसूलना
क्क्- शानू मोटा
पता- रावतपुर
क्ख्- बबुआ झाड़ूवाला
पता-बाबूपुरवा
क्फ्- शाह आलम
पता- बाबूपुरवा
मोनू पहाड़ी के चाचा और भाई भी सजायाफ्ता.
मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी ने बचपन में चाचा महबूब हीरो से क्राइम की एबीसीडी सीखी थी. महबूब हीरो इलाके का दबंग था. उसने दबंगई के चक्कर में ही मर्डर कर दिया था. जिसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. सजा पूरी होने से पहले ही जेल में उसकी मौत हुई थी. मोनू का भाई नाजिम भी एनडीएस में जेल जा चुका है. उसी दौरान मोनू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जिसके चलते नाजिम की जमानत नहीं हो पा रही थी. नाजिम कई महीनों जेल में रहा. उसने रिहाई का कोई रास्ता नहीं मिलने पर लोक अदालत में जुर्म कबूल लिया.उसको सजा भी सुनाई गई थी जिसे काटकर जेल से बाहर आने के बाद वो मुंबई भाग गया. नाजिम अब वहीं पर रह रहा है.
मोनू के भाई ने ही की थी बनारसी के भाई की हत्या
शहर के मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी की हिस्ट्रीशीटर रईस बनारसी से बचपन की दोस्ती है. रईस भी पहले दलेलपुरवा में रहता था. मोनू ने उसके साथ मिलकर मर्डर समेत कई वारदात को अन्जाम दिया है. रईस का भाई नौशाद कालिया भी हिस्ट्रीशीटर था. वो स्मैक का धंधा करता था. मोनू के भाई नाजिम की दोस्ती हिस्ट्रीशीटर शानू ओलंगा और राजा से थी. बनारस में रईस के गिरफ्तार होने पर शानू ओलंगा उसके भाई नौशाद कालिया से स्मैक के गोरखधंधे में कट मांगने लगा. मना करने पर शानू ओलंगा ने नाजिम और राजा के साथ मिलकर रईस बनारसी के भाई का कत्ल कर दिया था. रईस को इसका पता चला तो उसने शानू को ठिकाने लगाने की प्लानिंग कर ली. वो जेल से छूटने के बाद सीधे मोनू से मिला, तो मोनू ने अपने भाई को बचाने के लिए उससे कहा कि नाजिम को नहीं पता था कि शानू किसका कत्ल करने जा रहा था. वो तो दोस्ती में उनके साथ चल गया था. रईस को मोनू पर भरोसा था. इसलिए उसने नाजिम को छोड़ दिया. जिसके बाद उसने मोनू के साथ मिलकर शानू ओलंगा को मार दिया .
Source: Kanpur Hindi News & Online Hindi Newspaper
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