कांके रोड स्थित एसएस मेमोरियल कॉलेज के वजूद पर खतरा मंडरा रहा है. टोरेंट इंडस्ट्रीज की ओर से कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन और रांची यूनिवर्सिटी को तीन महीने के अंदर कॉलेज को हटाने का नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस को लेकर कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन और स्टूडेंट्स की चिंता बढ़ गई है. रांची यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी बुधवार को कॉलेज पहुंचकर प्रिंसिपल डॉ एसके वर्मा से इस मामले पर पूरी जानकारी ली.
नहीं है लीज एग्रीमेंट
कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को टोरेंट इंडस्ट्रीज का नोटिस दो दिन पहले मिला है. नोटिस में बताया गया है कि खाता नंबर 113 व प्लॉट नंबर 754 के जिस 73 डिसमिल जमीन पर कॉलेज है, उसे 18 सितंबर 2012 को ही खरीद लिया गया है. ऐसे में पिछले दो सालों से जमीन के लीज एग्रीमेंट के बगैर ही कॉलेज यहां रन कर रहा है. ऐसे में तीन महीने के अंदर कॉलेज को यहां से हटा लिया जाए.
स्टूडेंट्स की बढ़ी चिंता
कॉलेज खाली करने की मिली नोटिस के बाद से ही यहां के टीचर्स और स्टूडेंट्स की चिंता बढ़ गई है. इन्हें समझ नहीं आ रहा है कि टोरेंट इंडस्ट्रीज के कॉलेज खाली करने की मिली नोटिस का क्या असर पड़ेगा. गौरतलब है कि इस कॉलेज में करीब दस हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. ऐसे में अगर यहां से कॉलेज हटा तो स्टूडेंट्स की मुश्किलें बढ़ सकती है.
कॉलेज पहुंचे रजिस्ट्रार
कॉलेज खाली करने की नोटिस मिलने के बाद रांची यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी बुधवार को कॉलेज पहुंचे. उन्होंने पूरे कॉलेज कैंपस का जायजा लिया. स्टाफ रूम और लैब का भी हाल जाना. इस मुद्दे पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसके वर्मा से बात की और कहा कि किसी तरह की चिंता की बात नहीं है.
दान की जमीन पर बना है कॉलेज
दान में मिली जमीन पर एसएस मेमोरियल कॉलेज बना है. साल 2012 में कॉलेज की जमीन को लेकर उस वक्त विवाद पैदा हो गया था, जब कमल सिंघानिया नाम के एक व्यक्ति ने इस जमीन को खरीदने की बात कही थी. इस मामले को लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. राजभवन ने इस बाबत रिपोर्ट भी मांगी थी. हालांकि, डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की पहल पर कमल सिंघानिया के पक्ष में कॉलेज की हुई दाखिल-खारिज को कैंसिल कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस मामले को सिविल कोर्ट में चुनौती दी. यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. दूसरी ओर इस घटना के छह महीने के बाद एक महिला भी कॉलेज की जमीन के दावेदार के रूप में खड़ा हो गई. उसने कहा कि 60 लाख रुपए में कॉलेज की जमीन की रजिस्ट्री उसने करा ली है. इसके बाद से ही जमीन विवाद का मामला कोर्ट में चल रहा है.
नहीं है लीज एग्रीमेंट
कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को टोरेंट इंडस्ट्रीज का नोटिस दो दिन पहले मिला है. नोटिस में बताया गया है कि खाता नंबर 113 व प्लॉट नंबर 754 के जिस 73 डिसमिल जमीन पर कॉलेज है, उसे 18 सितंबर 2012 को ही खरीद लिया गया है. ऐसे में पिछले दो सालों से जमीन के लीज एग्रीमेंट के बगैर ही कॉलेज यहां रन कर रहा है. ऐसे में तीन महीने के अंदर कॉलेज को यहां से हटा लिया जाए.
स्टूडेंट्स की बढ़ी चिंता
कॉलेज खाली करने की मिली नोटिस के बाद से ही यहां के टीचर्स और स्टूडेंट्स की चिंता बढ़ गई है. इन्हें समझ नहीं आ रहा है कि टोरेंट इंडस्ट्रीज के कॉलेज खाली करने की मिली नोटिस का क्या असर पड़ेगा. गौरतलब है कि इस कॉलेज में करीब दस हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. ऐसे में अगर यहां से कॉलेज हटा तो स्टूडेंट्स की मुश्किलें बढ़ सकती है.
कॉलेज पहुंचे रजिस्ट्रार
कॉलेज खाली करने की नोटिस मिलने के बाद रांची यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी बुधवार को कॉलेज पहुंचे. उन्होंने पूरे कॉलेज कैंपस का जायजा लिया. स्टाफ रूम और लैब का भी हाल जाना. इस मुद्दे पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसके वर्मा से बात की और कहा कि किसी तरह की चिंता की बात नहीं है.
दान की जमीन पर बना है कॉलेज
दान में मिली जमीन पर एसएस मेमोरियल कॉलेज बना है. साल 2012 में कॉलेज की जमीन को लेकर उस वक्त विवाद पैदा हो गया था, जब कमल सिंघानिया नाम के एक व्यक्ति ने इस जमीन को खरीदने की बात कही थी. इस मामले को लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. राजभवन ने इस बाबत रिपोर्ट भी मांगी थी. हालांकि, डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की पहल पर कमल सिंघानिया के पक्ष में कॉलेज की हुई दाखिल-खारिज को कैंसिल कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस मामले को सिविल कोर्ट में चुनौती दी. यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. दूसरी ओर इस घटना के छह महीने के बाद एक महिला भी कॉलेज की जमीन के दावेदार के रूप में खड़ा हो गई. उसने कहा कि 60 लाख रुपए में कॉलेज की जमीन की रजिस्ट्री उसने करा ली है. इसके बाद से ही जमीन विवाद का मामला कोर्ट में चल रहा है.
Source: Ranchi City News & ePaper
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