आरटीओ में अधिकारी इन दिनों दलालों के आतंक से परेशान हैं. दलाल इस विभाग में इस कदर हावी हैं कि इनके कारण अब यहां काम प्रभावित होने लगा है. बायोमैट्रिक डीएल बनने की शुरुआत के बाद दलालों पर अंकुश लगने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन ऐसा हुआ नहीं और इनका वर्चस्व कम होने की बजाय और बढ़ गया है. इस वजह से अब अधिकारी इनको यहां से खदेड़ने की तैयारी में हैं. इसके लिए एआरटीओ ने एसएसपी को लेटर लिखकर फोर्स की मांग की है.
हद हो गई है यहां
दरअसल आरटीओ में लंबे वक्त से दलाल एक्टिव हैं. डीएल बनवाने से लेकर आरसी कटवाने व अन्य काम के लिए लोग स्टाफ से ज्यादा दलालों पर ही भरोसा करते हैं. यही वजह है कि आरटीओ के गोपनीय विभाग से लेकर बायोमैट्रिक डीएल बनने वाले रूम में जहां सिर्फ डीएल बनवाने आये लोगों को ही एंट्री की इजाजत है. वहां भी दलाल पहुंच जा रहे हैं. इनके सिर पर सवार रहने से स्मार्ट डीएल बनाने में लगे कर्मचारियों से कार्ड बनाने में गलतियां हो जा रही हैं. इस बारे में एआरटीओ प्रवर्तन आरएस यादव का कहना है कि दलालों पर लगाम लगाना आरटीओ के बस के बाहर हो गया है. ऐसे में एसएसपी से यहां फोर्स देने की रिस्वेस्ट की गई है. फोर्स में दो सिपाही तो परमानेंट मौजूद रखने को कहा गया है. अगर ये हो जाता है तो आरटीओ में दलाल कम हो जाएंगे और काम आसानी से हो सकेगा.
हद हो गई है यहां
दरअसल आरटीओ में लंबे वक्त से दलाल एक्टिव हैं. डीएल बनवाने से लेकर आरसी कटवाने व अन्य काम के लिए लोग स्टाफ से ज्यादा दलालों पर ही भरोसा करते हैं. यही वजह है कि आरटीओ के गोपनीय विभाग से लेकर बायोमैट्रिक डीएल बनने वाले रूम में जहां सिर्फ डीएल बनवाने आये लोगों को ही एंट्री की इजाजत है. वहां भी दलाल पहुंच जा रहे हैं. इनके सिर पर सवार रहने से स्मार्ट डीएल बनाने में लगे कर्मचारियों से कार्ड बनाने में गलतियां हो जा रही हैं. इस बारे में एआरटीओ प्रवर्तन आरएस यादव का कहना है कि दलालों पर लगाम लगाना आरटीओ के बस के बाहर हो गया है. ऐसे में एसएसपी से यहां फोर्स देने की रिस्वेस्ट की गई है. फोर्स में दो सिपाही तो परमानेंट मौजूद रखने को कहा गया है. अगर ये हो जाता है तो आरटीओ में दलाल कम हो जाएंगे और काम आसानी से हो सकेगा.
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