घाटमपुर के भीतरगांव का बवाल अभी ठंडा भी नहीं हो पाया है कि मंगलवार को पुलिस की सुस्ती से एक और बड़ा बवाल होते-होते बच गया. इस बार फिर पुलिस ने अपनी कलाकारी दिखाई और हादसे में मरे युवक का पंचनामा लावारिश में कर दिया. इससे गुस्साए लोग रोड पर उतर आए और शव को रोड पर रखकर जमकर हंगामा किया. कुछ उपद्रवियों ने मौका देखकर मामले को बिगाड़ने के लिए पत्थर भी फेंके, लेकिन ऊपर वाले का शुक्र था कि मामला निपट गया. इससे पूर्व मामला बढ़ने की सूचना जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के पास पहुंची तो उनके होश उड़ गए. आनन-फानन में आला अधिकारियों ने मौके पर जाकर गुस्साए लोगों को समझाकर शांत कराया. साथ ही उन्होंने पीडि़त परिवार को ख्भ् हजार का मुआवजा दिया और अन्य सहायता दिलाने का आश्वासन दिया. तब जाकर मामला शांत हुआ.
क्या था मामला?
बकरमण्डी के मिश्री बाजार में रहने वाले जियाउल हक का बेटा फैसल चप्पल कारखाने में काम करता था. वो सोमवार को पैदल परेड चौराहे की ओर जा रहा था कि रास्ते में एकता चौकी के पास डीसीएम ने उसको टक्कर मार दी थी. जिसमें उसकी मौके पर मौत हो गई थी. पुलिस ने आनन-फानन में लावारिश में शव का पंचनामा कर उसको पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. आरोप है कि पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में लेने के बाद उसे डीसीएम समेत छोड़ दिया था. युवक केदेर तक घर नहीं लौटने पर परिजनों को चिंता हुई, तो उन लोगों ने उसकी आस-पास खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. इधर, मंगलवार की सुबह लोगों को परेड पर हादसे की जानकारी मिली, तो वो लोग पोस्टमार्टम पहुंच गए. वहां पर उन्होंने शव की शिनाख्त कर सारी जानकारी की, तो पुलिस की पोल खुल गई. जिससे वे भड़क गए. परिजन घर पहुंचे फिर उनके साथ सैकड़ों लोग रोड पर उतर आए. उन लोगों ने चौकी के बाहर शव रखकर हंगामा कर दिया. गुस्साए लोग तोड़फोड़ करने लगे. पुलिस मूकदर्शक बनी रही.
लगा लंबा जाम, पब्लिक परेशान
एकता चौकी, परेड पर लोगों ने धावा बोल दिया. उग्र भीड़ ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. फिर क्या था देखते ही देखते लोगों की संख्या बढ़ गई. लोगों ने रोड जाम कर दी. देखते ही देखते रोड के दोनों ओर लंबा जाम लग गया. एक तरफ पीपीएन कॉलेज तक और दूसरी तरफ लैंडमार्क होटल तक जाम लग गया. बवाल बढ़ता देख लोग इधर-उधर गलियों में घुसने लगे. खैर, देर से पहुंची पुलिस ने दोनों ओर का ट्रैफिक रोक-कर लोगों को वापस किया. करीब आधे घंटे तक परेड पर जमकर बवाल हुआ. लेकिन फिर अधिकारियों की मुस्तैदी से बड़ा बवाल होते-होते बच गया.
क्या था मामला?
बकरमण्डी के मिश्री बाजार में रहने वाले जियाउल हक का बेटा फैसल चप्पल कारखाने में काम करता था. वो सोमवार को पैदल परेड चौराहे की ओर जा रहा था कि रास्ते में एकता चौकी के पास डीसीएम ने उसको टक्कर मार दी थी. जिसमें उसकी मौके पर मौत हो गई थी. पुलिस ने आनन-फानन में लावारिश में शव का पंचनामा कर उसको पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. आरोप है कि पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में लेने के बाद उसे डीसीएम समेत छोड़ दिया था. युवक केदेर तक घर नहीं लौटने पर परिजनों को चिंता हुई, तो उन लोगों ने उसकी आस-पास खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. इधर, मंगलवार की सुबह लोगों को परेड पर हादसे की जानकारी मिली, तो वो लोग पोस्टमार्टम पहुंच गए. वहां पर उन्होंने शव की शिनाख्त कर सारी जानकारी की, तो पुलिस की पोल खुल गई. जिससे वे भड़क गए. परिजन घर पहुंचे फिर उनके साथ सैकड़ों लोग रोड पर उतर आए. उन लोगों ने चौकी के बाहर शव रखकर हंगामा कर दिया. गुस्साए लोग तोड़फोड़ करने लगे. पुलिस मूकदर्शक बनी रही.
लगा लंबा जाम, पब्लिक परेशान
एकता चौकी, परेड पर लोगों ने धावा बोल दिया. उग्र भीड़ ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. फिर क्या था देखते ही देखते लोगों की संख्या बढ़ गई. लोगों ने रोड जाम कर दी. देखते ही देखते रोड के दोनों ओर लंबा जाम लग गया. एक तरफ पीपीएन कॉलेज तक और दूसरी तरफ लैंडमार्क होटल तक जाम लग गया. बवाल बढ़ता देख लोग इधर-उधर गलियों में घुसने लगे. खैर, देर से पहुंची पुलिस ने दोनों ओर का ट्रैफिक रोक-कर लोगों को वापस किया. करीब आधे घंटे तक परेड पर जमकर बवाल हुआ. लेकिन फिर अधिकारियों की मुस्तैदी से बड़ा बवाल होते-होते बच गया.
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