Friday, August 8, 2014

Medical news in varanasi

सालों से एक ही स्थान पर जमे बाबुओं पर शासन का चाबुक चलने के बाद भी वो अपनी जगह से हटने को तैयार नहीं हैं. बनारस में तो तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. शासन ने सात बाबुओं का ट्रांसफर किया है लेकिन क्लर्क हैं कि मेडिकल लीव लेकर ट्रांसफर रुकवाने के लिए सेटिंग गेटिंग में जुटे हुए हैं. एक सप्ताह बीतने के बाद भी बाबुओं को रिलीव नहीं किया गया. खास बात यह कि मेडिकल से जुड़े आला अफसर यह सब जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं.

सिर्फ दो क्लर्क दिए चार्ज

बता दें कि मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा से एक क्लर्क, एडी हेल्थ ऑफिस से दो क्लर्क, सीएमओ ऑफिस में जमे तीन क्लर्क और आरएफपीटीसी से एक महिला क्लर्क का ट्रांसफर हुआ है. इनमें से अब तक सिर्फ दो बाबुओं ने ही अपना चार्ज दिया है. बाकी मंडलीय हॉस्पिटल व अन्य ऑफिसेज के ट्रांसफर किए गए बाबू मेडिकल लीव लेकर तबादला रुकवाने के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं. मेडिकल लीव में किसी ने टायफायड तो किसी ने जांन्डिस होना बताया बताया है.

नियम का हो रहा उल्लंघन

नियम है कि एक डिपार्टमेंट में तीन साल से अधिक समय तक किसी स्टाफ की तैनाती नहीं होनी चाहिए. लेकिन यहां बीस साल से एक ही पद पर स्टाफ जमे हुए हैं. जब ट्रांसफर की बेला आई तो उसमें भी जैक लगाने से नहीं चूक रहे हैं. स्टेट गवर्नमेंट की ओर से जारी ऑर्डर में ऑफिसर्स को साफ निर्देश दिया गया है कि इन्हें तत्काल कार्यमुक्त कर महानिदेशालय को इंफॉर्म किया जाए. लेकिन इस आदेश को फॉलो नहीं किया जा रहा है.

कुछ क्लर्क हैं जो मेडिकल लीव लेकर ट्रांसफर रुकवाने के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं. लेकिन बहुत जल्द सभी को रिलीव किया जाएगा.

डॉ. बी राय

एडी हेल्थ, वाराणसी

 
 

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