नगर निगम की सेल्फ असेसमेंट टैक्स स्कीम में गड़बडि़यों के खिलाफ पार्षदों ने नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव से थर्सडे को मुलाकात की. पार्षद नेता राजेश अग्रवाल की अगुवाई में पहुंचे पार्षदों ने नगर निगम की सेल्फ असेसमेंट टैक्स स्कीम को अव्यवहारिक बताते हुए इसका रेट बहुत ज्यादा होने की कंप्लेन की. पार्षद नेता ने निगम की ओर से रिवाइज्ड टैक्स नियमावली लागू किए बगैर ही पब्लिक पर इसे थोपे जाने की शिकायत कही साथ ही इससे लोगों पर बेवजह कई गुना ज्यादा टैक्स की मार पड़ने की परेशानी बताई. पार्षदों ने शहर में हो रहे नालों के निर्माण और बनाए जा रहे नए डिवाइडरों में भी घटिया क्वालिटी का काम होने के आरोप लगाए.
बिना बताए लगाया टैक्स
पार्षद नेता ने निगम की ओर से रिवाइज्ड टैक्स स्कीम लागू किए बिना ही इसके आधार पर टैक्स दर लगाए जाने के आरोप लगाए. पार्षद नेता ने कहा कि निगम की मौजूदा सेल्फ टैक्स असेसमेंट स्कीम महज दो साल क् अप्रैल ख्0क्क् से फ्क् मार्च ख्0क्फ् तक ही निर्धारित थी. लेकिन निगम इसे तय समय पर लागू न करा सका. वहीं ख्0क्ब् में बिना इस टैक्स प्रणाली का विज्ञापन दिए और पब्लिक को अवेयर किए ही इसे लागू कर दिया. ऐसे में सैंकड़ों लोगों को हर रोज नए बढ़े हुए टैक्स दर पर बिल भेजे जा रहे हैं. जिससे लोग परेश्ान हैं.
टैक्स में नया खेल
साल ख्000 की निगम टैक्स प्रणाली में हाउस टैक्स व कॉमर्शियल टैक्स की दरें अलग थी. लेकिन मौजूदा समय में निगम की ओर से घरों के कुछ हिस्सों में यूज हो रहे कॉमर्शियल पार्ट का टैक्स असेसमेंट न कर पूरे भवन को कॉमर्शियल यूज में दिखा कर बढ़ा हुआ टैक्स बिल भेजा रहा. इससे लोगों को पिछले टैक्स के मुकाबले इस बार करीब क्0 गुना तक पेंमेंट करने को मजबूर होना पड़ रहा है. पार्षदों का आरोप है कि परेशान लोग सही टैक्स निर्धारण के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे हैं जहां उनसे बिल सही कराने के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है.
निर्माण कार्यो पर भी उठे सवाल
पार्षदों ने शहर में निगम की ओर से कराए जा रहे नालों के निर्माण कार्यो और डिवाइडर में घटिया क्वालिटी का काम होने के आरोप लगाए. इसके साथ ही निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों के जनता की समस्याओं पर सुनवाई न कर मेयर से मंजूरी के बाद ही काम करने के आरोप लगाए. पार्षदों के इन आरोपों से एकबारगी नगर आयुक्त भी गरम हो गए. उन्होंने पार्षदों से घटिया निर्माण की कंप्लेन देने की बात की. वहीं इन मामलों में अपने सुझाव देने और जांच के लिए कमेटी गठित करने की भी बात कही. पार्षदों में क्फ्वें फाइनेंस कमीशन व स्टेट फाइनेंस कमीशन के बजट में मंजूर वार्ड में होने वाले कई विकास कार्यो को भी रद किए जाने का विरोध किया.
नगर निगम सेल्फ टैक्स असेसमेंट में ख्000 नियमावली को आधार बना रहा है जबकि इसे दिसंबर ख्0क्फ् के आधार पर रिवाइज्ड टैक्स प्रणाली को लागू करना चाहिए. निगम ने बिना विज्ञापन जारी किए नए बढ़े हुए टैक्स दरों पर बिल भेजने शुरू कर दिए हैं. जिससे हजारों लोग परेशान हैं. विभाग में टैक्स बिल सही करने को लेकर मोटा खेल चल रहा है.
- राजेश अग्रवाल, पार्षद नेता
टैक्स प्रणाली में जो समस्या आ रही है उस पर कार्यवाही के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है. टैक्स को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की गई है. घटिया निर्माण कार्यो पर कंप्लेन सही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
- शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त
बिना बताए लगाया टैक्स
पार्षद नेता ने निगम की ओर से रिवाइज्ड टैक्स स्कीम लागू किए बिना ही इसके आधार पर टैक्स दर लगाए जाने के आरोप लगाए. पार्षद नेता ने कहा कि निगम की मौजूदा सेल्फ टैक्स असेसमेंट स्कीम महज दो साल क् अप्रैल ख्0क्क् से फ्क् मार्च ख्0क्फ् तक ही निर्धारित थी. लेकिन निगम इसे तय समय पर लागू न करा सका. वहीं ख्0क्ब् में बिना इस टैक्स प्रणाली का विज्ञापन दिए और पब्लिक को अवेयर किए ही इसे लागू कर दिया. ऐसे में सैंकड़ों लोगों को हर रोज नए बढ़े हुए टैक्स दर पर बिल भेजे जा रहे हैं. जिससे लोग परेश्ान हैं.
टैक्स में नया खेल
साल ख्000 की निगम टैक्स प्रणाली में हाउस टैक्स व कॉमर्शियल टैक्स की दरें अलग थी. लेकिन मौजूदा समय में निगम की ओर से घरों के कुछ हिस्सों में यूज हो रहे कॉमर्शियल पार्ट का टैक्स असेसमेंट न कर पूरे भवन को कॉमर्शियल यूज में दिखा कर बढ़ा हुआ टैक्स बिल भेजा रहा. इससे लोगों को पिछले टैक्स के मुकाबले इस बार करीब क्0 गुना तक पेंमेंट करने को मजबूर होना पड़ रहा है. पार्षदों का आरोप है कि परेशान लोग सही टैक्स निर्धारण के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे हैं जहां उनसे बिल सही कराने के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है.
निर्माण कार्यो पर भी उठे सवाल
पार्षदों ने शहर में निगम की ओर से कराए जा रहे नालों के निर्माण कार्यो और डिवाइडर में घटिया क्वालिटी का काम होने के आरोप लगाए. इसके साथ ही निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों के जनता की समस्याओं पर सुनवाई न कर मेयर से मंजूरी के बाद ही काम करने के आरोप लगाए. पार्षदों के इन आरोपों से एकबारगी नगर आयुक्त भी गरम हो गए. उन्होंने पार्षदों से घटिया निर्माण की कंप्लेन देने की बात की. वहीं इन मामलों में अपने सुझाव देने और जांच के लिए कमेटी गठित करने की भी बात कही. पार्षदों में क्फ्वें फाइनेंस कमीशन व स्टेट फाइनेंस कमीशन के बजट में मंजूर वार्ड में होने वाले कई विकास कार्यो को भी रद किए जाने का विरोध किया.
नगर निगम सेल्फ टैक्स असेसमेंट में ख्000 नियमावली को आधार बना रहा है जबकि इसे दिसंबर ख्0क्फ् के आधार पर रिवाइज्ड टैक्स प्रणाली को लागू करना चाहिए. निगम ने बिना विज्ञापन जारी किए नए बढ़े हुए टैक्स दरों पर बिल भेजने शुरू कर दिए हैं. जिससे हजारों लोग परेशान हैं. विभाग में टैक्स बिल सही करने को लेकर मोटा खेल चल रहा है.
- राजेश अग्रवाल, पार्षद नेता
टैक्स प्रणाली में जो समस्या आ रही है उस पर कार्यवाही के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है. टैक्स को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की गई है. घटिया निर्माण कार्यो पर कंप्लेन सही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
- शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त
Source: Bareilly Hindi News
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