जीवन ज्योति हॉस्पिटल के डॉक्टर एके बंसल ने पिछले दिनों गोली लगने से घायल व्यापारी की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद खुद पर धारा फ्0ख् के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने की निंदा की है. उन्होंने कहा कि जान बचाने वाले चिकित्सक को अपराधी घोषित करने की कोशिश की जाएगी तो समाज में गलत संदेश जाएगा और भविष्य में कोई भी डॉक्टर गंभीर रोगी का उपचार करने की हिम्मत नहीं करेगा. उन्होंने बताया कि व्यापारी को अति गंभीर अवस्था में हॉस्पिटल लाया गया था. वह डायबिटीज और एड्स से पीडि़त था, बावजूद इसके संक्रमण के खतरे को दरकिनार करते हुए उसका तत्काल ऑपरेशन किया गया.
परिजनों का सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
डॉ. बंसल ने कहा कि परिस्थितियों से मरीज के परिजनों को अवगत कराते हुए सहमति पत्र पर उनके हस्ताक्षर ले लिए गए थे. आपॅरेशन के दौरान ढाई घंटे के अथक परिश्रम से मरीज के शरीर से ब्लीडिंग को रोका जा सका था. मरीज के शरीर से गोली निकालने से ज्यादा जरूरी उसकी जान बचाना था. गोली निकाले जाने से मरीज की जान जाने या नुकसान पहुंचने का खतरा था. ऐसे में उसे शरीर में छोड़ दिया जाता है और मरीज की जान बचाई जाती है. कई मरीज पूरे जीवन शरीर में गोली लगी होने के बावजूद जीवन व्यतीत करते हैं. डॉ. बसंल के मुताबिक सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार किसी डॉक्टर पर केस दर्ज करने से पहले एक बोर्ड का गठन किया जाता है. जांच में लापरवाही सामने आने पर धारा फ्0ब्ए के तहत मुकदमा पंजीकृत किया जाता है. आरोप सिद्ध होने से पहले डॉक्टर को बिना वजह सिर्फ रिपोर्ट के आधार पर निरुद्ध नहीं किया जा सकता है.
व्यापारियों ने किया पुतला दहन
व्यवसायी जवाहर हत्याकांड का खुलासा न होने से नाराज व्यापारियों ने सोमवार को घंटाघर चौराहे पर जनहित संघर्ष समिति के बैनरतले प्रदर्शन किया और पुतला फूंका. प्रमिल केसरवानी और अमर वैश्य ने कहा कि पुलिस ने 7ख् घंटे में घटना का पर्दाफाश करने का भरोसा दिया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
परिजनों का सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
डॉ. बंसल ने कहा कि परिस्थितियों से मरीज के परिजनों को अवगत कराते हुए सहमति पत्र पर उनके हस्ताक्षर ले लिए गए थे. आपॅरेशन के दौरान ढाई घंटे के अथक परिश्रम से मरीज के शरीर से ब्लीडिंग को रोका जा सका था. मरीज के शरीर से गोली निकालने से ज्यादा जरूरी उसकी जान बचाना था. गोली निकाले जाने से मरीज की जान जाने या नुकसान पहुंचने का खतरा था. ऐसे में उसे शरीर में छोड़ दिया जाता है और मरीज की जान बचाई जाती है. कई मरीज पूरे जीवन शरीर में गोली लगी होने के बावजूद जीवन व्यतीत करते हैं. डॉ. बसंल के मुताबिक सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार किसी डॉक्टर पर केस दर्ज करने से पहले एक बोर्ड का गठन किया जाता है. जांच में लापरवाही सामने आने पर धारा फ्0ब्ए के तहत मुकदमा पंजीकृत किया जाता है. आरोप सिद्ध होने से पहले डॉक्टर को बिना वजह सिर्फ रिपोर्ट के आधार पर निरुद्ध नहीं किया जा सकता है.
व्यापारियों ने किया पुतला दहन
व्यवसायी जवाहर हत्याकांड का खुलासा न होने से नाराज व्यापारियों ने सोमवार को घंटाघर चौराहे पर जनहित संघर्ष समिति के बैनरतले प्रदर्शन किया और पुतला फूंका. प्रमिल केसरवानी और अमर वैश्य ने कहा कि पुलिस ने 7ख् घंटे में घटना का पर्दाफाश करने का भरोसा दिया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
Source: Allahabad Local News
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