मंगलवार को एक बार फिर 'अमर कथा' चर्चा में थी. दो हफ्ते पहले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करने वाले अमर सिंह इस बार सीधे मुलायम सिंह के घर जा पहुंचे. अमर सिंह का मुलायम के घर पहुंचना था कि एक बार फिर सत्ता के गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. कोई इसे अमर सिंह की वापसी के चश्मे से देख रहा था और कोई पार्टी की अंदरूनी कलह को उजागर करने के चश्मे से आंक रहा था.
पहले शिवपाल फिर मुलायम से की मुलाकात
अमर सिंह एयरपोर्ट से सीधे सात कालीदास मार्ग स्थित अखिलेश सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर शिवपाल सिंह यादव से मिलने पहुंचे. यहां तकरीबन पौन घंटे की मीटिंग के बाद वे मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंच गये. यहां सीएम अखिलेश यादव पहले से मौजूद थे. अंदर मीटिंग चल रही थी और बाहर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे थे.
कब होगी वापसी?
सोर्सेज की मानें तो अमर सिंह की वापसी की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है. अमर सिंह इसी महीने की ख्क् तारीख को विदेश जा रहे हैं. वहां से लौटने के बाद वापसी पर मुहर लग सकती है. हालांकि, पूर्व महासचिव की वापसी पर पार्टी के अंदर भी मतभेद कम नहीं है. सपा के महा सचिव राम गोपाल यादव हों या फिर कैबिनेट मिनिस्टर आजम खां. दोनों ही नेताओं का अमर सिंह से फ्म् का आंकड़ा है. ऐसे में अमर सिंह की सपा में वापसी कितनी आसान होगी यह आने वाला वक्त ही बतायेगा.
पूरे फार्म में नजर आये अमर सिंह
मुलायम के घर से लौटने के बाद अमर सिंह ने गोमती नगर स्थित अपने आवास पर मीडिया से अपने अंदाज में बात की. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह से उनके पारिवारिक संबंध हैं. वे जब भी बुलाएंगे उनसे मिलने जरूर जाएंगे. उन्होंने कहा कि उनके बीच में कोई दूरी नहीं है. दोनों के बीच मुलाकातें चलती रही हैं. इस तरह की मुलाकात में उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है.
हंगामा है क्यों बरपा?
अपने शायराना अंदाज के लिए मशहूर अमर सिंह ने कहा कि हंगामा है क्यों बरपा, बस मुलाकात ही तो की है, चोरी तो नहीं की है, डाका तो नहीं डाला है. अमर सिंह ने कहा, 'इस समय मैं शरीर से और मन से टूटा हुआ हूं. वहीं वापसी के सवाल को खूबसूरती से वह टाल गये. उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ बोलना सही नहीं होगा. फिलहाल, वह ख्क् तारीख को विदेश दौरे पर जा रहे हैं.
इतिहास को नहीं बदला जा सकता
अमर सिंह ने मीडिया से बात चीत के दौरान कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंकर सिंह वाघेला से पीछा नहीं छुड़ा सकते, उसी तरह से वह चाह कर भी अपने अतीत से किसी को नहीं निकाल सकते. उन्होंने कहा कि मुलायम, शिवपाल और अखिलेश को वे नहीं भुला सकते. भूगोल को बदला जा सकता है लेकिन इतिहास को नहीं भूला जा सकता.
पहले शिवपाल फिर मुलायम से की मुलाकात
अमर सिंह एयरपोर्ट से सीधे सात कालीदास मार्ग स्थित अखिलेश सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर शिवपाल सिंह यादव से मिलने पहुंचे. यहां तकरीबन पौन घंटे की मीटिंग के बाद वे मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंच गये. यहां सीएम अखिलेश यादव पहले से मौजूद थे. अंदर मीटिंग चल रही थी और बाहर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे थे.
कब होगी वापसी?
सोर्सेज की मानें तो अमर सिंह की वापसी की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है. अमर सिंह इसी महीने की ख्क् तारीख को विदेश जा रहे हैं. वहां से लौटने के बाद वापसी पर मुहर लग सकती है. हालांकि, पूर्व महासचिव की वापसी पर पार्टी के अंदर भी मतभेद कम नहीं है. सपा के महा सचिव राम गोपाल यादव हों या फिर कैबिनेट मिनिस्टर आजम खां. दोनों ही नेताओं का अमर सिंह से फ्म् का आंकड़ा है. ऐसे में अमर सिंह की सपा में वापसी कितनी आसान होगी यह आने वाला वक्त ही बतायेगा.
पूरे फार्म में नजर आये अमर सिंह
मुलायम के घर से लौटने के बाद अमर सिंह ने गोमती नगर स्थित अपने आवास पर मीडिया से अपने अंदाज में बात की. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह से उनके पारिवारिक संबंध हैं. वे जब भी बुलाएंगे उनसे मिलने जरूर जाएंगे. उन्होंने कहा कि उनके बीच में कोई दूरी नहीं है. दोनों के बीच मुलाकातें चलती रही हैं. इस तरह की मुलाकात में उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है.
हंगामा है क्यों बरपा?
अपने शायराना अंदाज के लिए मशहूर अमर सिंह ने कहा कि हंगामा है क्यों बरपा, बस मुलाकात ही तो की है, चोरी तो नहीं की है, डाका तो नहीं डाला है. अमर सिंह ने कहा, 'इस समय मैं शरीर से और मन से टूटा हुआ हूं. वहीं वापसी के सवाल को खूबसूरती से वह टाल गये. उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ बोलना सही नहीं होगा. फिलहाल, वह ख्क् तारीख को विदेश दौरे पर जा रहे हैं.
इतिहास को नहीं बदला जा सकता
अमर सिंह ने मीडिया से बात चीत के दौरान कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंकर सिंह वाघेला से पीछा नहीं छुड़ा सकते, उसी तरह से वह चाह कर भी अपने अतीत से किसी को नहीं निकाल सकते. उन्होंने कहा कि मुलायम, शिवपाल और अखिलेश को वे नहीं भुला सकते. भूगोल को बदला जा सकता है लेकिन इतिहास को नहीं भूला जा सकता.
Source: Lucknow Latest News & Online Hindi Newspaper
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