सरकार एक आंख में काजल और दूसरी आंख में सुरमा जैसा कारनामा कैसे करती है, इसका एक उदाहरण डोरंडा एरिया स्थित दो कॉलोनीज की सड़कों की हालत देखकर मिलता है. सरकार आम और खास, दोनों के लिए अलग-अलग तरीके से काम करती है, यह इन सड़कों की हालत बता रही है. तो, आइए डालते हैं आम और खास के लिए सरकार के दोहरे नजरिए के परिणाम पर एक नजर.
फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी की सड़क चकाचक
डोरंडा स्थित फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी में राज्य के भवन निर्माण, अल्पसंख्यक कल्याण व सहकारिता मंत्री हाजी हुसैन अंसारी रहते हैं. इनके अलावा राज्य के सीसीएफ डीके श्रीवास्तव भी इसी कॉलोनी में रहते हैं. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी बीसी निगम का भी आशियाना यहीं है. स्टेट वाटरशेड मिशन के सीईओ बी निजलिंगअप्पा भी यहीं रहते हैं. जितने भी सीनियर फॉरेस्ट ऑफिसर्स हैं, इसी कॉलोनी में रहते हैं. जहां इतने सारे वीआईपी एक साथ रहते हों, तो जाहिर है कि सरकार की खास नजर इस कॉलोनी पर है. इस कॉलोनी की सड़क पर आपको ढूंढ़ने पर भी एक भी गढ्डा नहीं मिलेगा. आधे किलोमीटर से भी कम की इस कॉलोनी की सड़क की साफ-सफाई के लिए सरकार ने कई स्टाफ्स भी रखे हुए हैं. यह सड़क एकदम चकाचक नजर आती है.
न्यू एजी कॉलोनी की सड़क जर्जर डोरंड में ही फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी के पीछे न्यू एजी कॉलोनी है. इस कॉलोनी में एजी ऑफिस में काम करनेवाले स्टाफ्स रहते हैं. इस कॉलोनी की आबादी करीब चार हजार है. लेकिन, सरकार की नजर न्यू एजी कॉलोनी की जर्जर सड़क पर नहीं पड़ रही है. इस कॉलोनी की सड़क पिछले सात सालों से खराब है. यहां के लोग बारिश में पानी से भरी हुई सड़क को पार करके बाहर निकलते हैं. एक तरफ सरकार ब्0 परिवारों वाली फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी की सड़क की साफ-सफाई के लिए स्टाफ रखती है, वहीं दूसरी तरफ करीब चार हजार आबादी वाली न्यू एजी कॉलोनी की सड़क सात सालों से जर्जर हालत में है, जो स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि सरकार सिर्फ खास लोगों पर ही मेहरबान है, आमलोगों की तकलीफों, परेशानियों से उसे कोई लेना-देना नहीं है.
'हमारी कॉलोनी की सड़क पिछले सात सालों से नहीं बन रही है. बारिश में सड़क पर पानी बहता है और पानी में डूबकर ही हमलोग बाहर जाते हैं. कभी-कभी सड़क मापने के लिए लोग आते हैं, लेकिन सड़क कभी बनती नहीं है.'
-सुबोध कुमार तिवारी,
निवासी, न्यू एजी कॉलोनी
'यहां 700 क्वार्टर हैं. करीब चार हजार की आबादी यहां रहती है, लेकिन यहां की सड़क सात सालों से नहीं बन पाई है. बारिश में सड़क पर पानी बहता रहता है. यहां सड़क पर गढ्डे इतने अधिक हैं कि हमें हमेशा डर लगा रहता है.'
-प्रभात कुमार
निवासी, न्यू एजी कॉलोनी
फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी की सड़क चकाचक
डोरंडा स्थित फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी में राज्य के भवन निर्माण, अल्पसंख्यक कल्याण व सहकारिता मंत्री हाजी हुसैन अंसारी रहते हैं. इनके अलावा राज्य के सीसीएफ डीके श्रीवास्तव भी इसी कॉलोनी में रहते हैं. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी बीसी निगम का भी आशियाना यहीं है. स्टेट वाटरशेड मिशन के सीईओ बी निजलिंगअप्पा भी यहीं रहते हैं. जितने भी सीनियर फॉरेस्ट ऑफिसर्स हैं, इसी कॉलोनी में रहते हैं. जहां इतने सारे वीआईपी एक साथ रहते हों, तो जाहिर है कि सरकार की खास नजर इस कॉलोनी पर है. इस कॉलोनी की सड़क पर आपको ढूंढ़ने पर भी एक भी गढ्डा नहीं मिलेगा. आधे किलोमीटर से भी कम की इस कॉलोनी की सड़क की साफ-सफाई के लिए सरकार ने कई स्टाफ्स भी रखे हुए हैं. यह सड़क एकदम चकाचक नजर आती है.
न्यू एजी कॉलोनी की सड़क जर्जर डोरंड में ही फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी के पीछे न्यू एजी कॉलोनी है. इस कॉलोनी में एजी ऑफिस में काम करनेवाले स्टाफ्स रहते हैं. इस कॉलोनी की आबादी करीब चार हजार है. लेकिन, सरकार की नजर न्यू एजी कॉलोनी की जर्जर सड़क पर नहीं पड़ रही है. इस कॉलोनी की सड़क पिछले सात सालों से खराब है. यहां के लोग बारिश में पानी से भरी हुई सड़क को पार करके बाहर निकलते हैं. एक तरफ सरकार ब्0 परिवारों वाली फॉरेस्ट ऑफिसर्स कॉलोनी की सड़क की साफ-सफाई के लिए स्टाफ रखती है, वहीं दूसरी तरफ करीब चार हजार आबादी वाली न्यू एजी कॉलोनी की सड़क सात सालों से जर्जर हालत में है, जो स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि सरकार सिर्फ खास लोगों पर ही मेहरबान है, आमलोगों की तकलीफों, परेशानियों से उसे कोई लेना-देना नहीं है.
'हमारी कॉलोनी की सड़क पिछले सात सालों से नहीं बन रही है. बारिश में सड़क पर पानी बहता है और पानी में डूबकर ही हमलोग बाहर जाते हैं. कभी-कभी सड़क मापने के लिए लोग आते हैं, लेकिन सड़क कभी बनती नहीं है.'
-सुबोध कुमार तिवारी,
निवासी, न्यू एजी कॉलोनी
'यहां 700 क्वार्टर हैं. करीब चार हजार की आबादी यहां रहती है, लेकिन यहां की सड़क सात सालों से नहीं बन पाई है. बारिश में सड़क पर पानी बहता रहता है. यहां सड़क पर गढ्डे इतने अधिक हैं कि हमें हमेशा डर लगा रहता है.'
-प्रभात कुमार
निवासी, न्यू एजी कॉलोनी
Source: Ranchi Latest News and Online Hindi Newspaper
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