Wednesday, August 20, 2014

Parks of the city captured by government departments

पार्को के नाम पर कानपुराइट्स की जेब पर सरकारी डाका डाला जा रहा है. सरकारी डाका का नाम सुनकर आप चौंक जरुर रहे होंगे. लेकिन ये सच है.पहले पार्क फेसिंग प्लॉट्स के एलॉटमेंट के नाम पर लोगों से लाखों रुपए एक्स्ट्रा चार्ज भी वसूला गया. बाद में पूरे पार्क को घेरकर जोनल पम्पिंग स्टेशन, ओवरहेड टैंक, क्लियर वाटर रिजरवॉयर बना दिया गया है. इससे लोग अपने आपको ठगे महसूस कर रहे हैं. लेकिन करें भी तो क्या करे, पार्क की जमीन पर डाका डालने वाले भी सरकारी विभाग ही है. ऐसे पार्को की संख्या की एक-दो नहीं दर्जनों में है.

पार्क के नाम पर वसूला जाता है एक्स्ट्रा चार्ज

एलॉटमेंट के दौरान केडीए ने पार्क फेसिंग प्लॉट के लिए भ् परसेंट और कार्नर के प्लॉट के क्0 परसेंट एक्स्ट्रा चार्ज लोगों से वसूलता है. पार्क फेसिंग प्लॉट को इस वजह से लोग प्राथमिकता देते हैं, उन्हें स्वच्छ व शुद्ध हवा मिलेगी. सुबह उठते ही ग्रीनरी से सामना होगा, पार्क में मार्निग वॉक कर सकेंगें. बच्चों को पार्क के फेसिंग प्लाट्स के लिए लोगों ने टोटल लाखों रुपए कीमत अदा की. दूसरे शब्दों में कहें तो जिन्हें पार्क फेसिंग प्लाट मिला उन्हें मिल-जुलकर पार्क की जमीन की लगभग पूरी कीमत चुकानी पड़ी.लेकिन जेएनएनयूआरएम के प्रोजेक्ट शुरु होते ही उनके पार्को पर डाका पड़ना शुरु हो गया. करीब 8भ्0 करोड़ के ड्रिकिंग वाटर के प्रोजेक्ट्स के लिए विभिन्न मोहल्ले के तीन दर्जन के लगभग पार्को पर जेडपीएस, ओवरहेड टैंक, क्लियर वाटर रिजरवायर आदि बना दिए गए है. इससेपार्क फेसिंग प्लाट के लिए लाखों रुपए चुकाने वाले अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं.

पार्को में जेडपीएस, बच्चे सड़क पर

केडीए की किदवई नगर वाई वन हाउस स्कीम के आसपास के दो पार्को में जलनिगम ने जोनल पम्पिंग स्टेशन बना दिए है. पार्क की पूरी जमीन को घेरकर वहां ऑफिस, ट्रांसफॉर्मर आदि लगा दिए. इन दोनों पार्को में इतनी भी जगह नहीं बची है कि बच्चे वहां खेल सके. मजबूरन बच्चे सड़क पर खेलने को मजबूर है. इसी तरह गणेश उद्यान के एक बड़े हिस्से में जोनल पम्पिंग स्टेशन बना दिया. वहीं यू ब्लाक निराला नगर, दीप टाकीज रोड पार्क, रामबाग पार्क, सेंट्रल पार्क शास्त्री नगर, गीता पार्क नेहरु नगर, प्रेम नगर पार्क, ईदगाह कालोनी पार्क आदि में ओवरहेड टैंक बना दिए हैं.

इमोशनल ब्लैकमेलिंग भी..

पब्लिक की प्रॉपर्टी पर डाका डालने

वाले गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के होने के कारण लोग विरोध की हिम्मत नहीं जुटा सके. उन्हें एरिया में ड्रिकिंग वाटर क्राइसिस की समस्या की याद दिलाई. साथ ही जोनल पम्पिंग स्टेशन बने बिना इस समस्या का हल न होने और इससे जूझते रहने की चेतावनी दी. इस समस्या के हल के लिए एकमात्र उपाए जोनल पम्पिंग स्टेशन और ओवरहेड टैंक है. जिसके चलते उनकी इमोशनल ब्लैकमेलिंग का शिकार होने को मजबूर हो गए. लोगों की ऑंखों के सामने उनके ही पार्क पर डाका पड़ गया.

-वर्जन-

सिटी में पेयजल समस्या का हल भी जरुरी है. इसके लिए जोनल पम्पिंग स्टेशन, ओवरहेड बनाने भी जरुरी है. जहां कोई जगह नहीं मिली, वहां मजबूरी में पार्क को चुना गया है.

-आरसी वर्मा, चीफ इंजीनियर, जलनिगम

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