Thursday, July 31, 2014

htc j butterfly with snapdragon 801 and waterproof rating launched

वाटरप्रूफ होगा यह स्‍मार्टफोन
HTC का स्‍मार्टफोन J Butterfly सिंगल और ड्यूल दोनों फॉर्मेट में मिलेगा. यह स्‍मार्टफोन एंड्रायड 4.4 किटकैट के ऑपरेटिंग सिस्‍टम पर रन करेगा. HTC के J Butterfly की डिस्‍प्‍ले 5 इंच की है. अगर इस फोन की सबसे खास बात देखी जाये तो इस स्‍मार्टफोन पर पानी गिरने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्‍योंकि यह वाटरप्रूफ है. अगर इसके प्रोसेसर की बात करें तो इसमें 2.5GHz का क्‍वॉड कोर प्रोसेसर आपको कई एप्‍लीकेशन एक साथ चलाने में काफी सहूलियत प्रदान करेगा.

ड्यूल LED फ्लैश का कैमरा
HTC का यह स्‍मार्टफोन फोटो खींचने के शौकीन लोगों के लिये काफी आरामदायक है. J Butterfly स्‍मार्टफोन में 13एमपी का रियर कैमरा और 5एमपी का फ्रंट कैमरा मौजूद है. इस कैमरे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें दोनों कैमरों में LED फ्लैश की सुविधा दी गई है. इसके साथ ही इसमें 2जीबी की रैम भी लगी हुई है. अगर मेमोरी पर ध्‍यान दें तो इसमें 32जीबी की इनबिल्‍ट मेमोरी मिलेगी. HTC के इस फोन में आपको 2600mAH की बैटरी भी उपलब्‍ध है.

स्‍पेसिफिकेशन:-
ओएस- Android 4.4 KitKat OS
डिस्‍प्‍ले- 5 इंच
प्रोसेसर- 2.5GHz quad core
रैम- 2GB
मेमोरी- 32GB Internal, 128GB Micro SD
कैमरा- 13MP rear camera, 5MP Front (LED Flash)
बैटरी- 2700mAh battery   

Moto g g ets a rs 2000 price cut in india

10,499 रुपये होगा प्राइस
मोटोराला ने जब अपने इस नये मॉडल Moto G को लॉन्‍च किया था, तो उसने कभी यह नहीं सोचा था कि एक दिन ऐसा भी आयेगा. मोटोरोला के स्‍मार्टफोन Moto G में जो स्‍पेसिफिकेशन हैं उससे अच्‍छे स्‍पेसिफिकेशन आसुस जेनफोन में हैं , जिसकी कीमत 9,999 रुपये है. इसी के चलते मोटोरोला को मार्केट में बने रहने के लिये आखिरकार Moto G के दामों में कटौती करनी पड़ी. आपको बताते चलें कि पहले Moto G की कीमत 12,499 थी, जो अब घटकर 10,499 रुपये हो गई है.  गौरतलब है कि मोटोरोला का यह स्‍मार्टफोन Moto G इंडिया में सिर्फ फ्लिपकार्ट के माध्‍यम से ही मिल रहा है.

क्‍या हैं स्‍पेसिफिकेशन
मोटोरोला के इस स्‍मार्टफोन में 4.5 इंच की डिस्‍प्‍ले लगी हुई है. इसके साथ-साथ यह Moto G एंड्रायड 4.4 किटकैट के ऑपरेटिंग सिस्‍टम पर रन करता है. अगर प्रोसेसर की बाम करें तो Moto G में आपको 1.2GHz क्‍वॉड कोर प्रोसेसर की फैसेलिटी मिली है. मोटोरोला के इस स्‍मार्टफोन में 8जीबी की इंटरनल मेमोरी भी मिलेगी. इसके साथ ही 1जीबी की रैम की भी सुविधा है. अगर इसके कैमरों पर ध्‍यान दें तो इसमें 5एमपी का रियर कैमरा और 1.3एमपी का फ्रंट कैमरा लगा हुआ है.

bareilly college start admition new cut off list

बरेली कॉलेज में दूसरी कट-ऑफ के लिए काउंसलिंग प्रोसेस थर्सडे से शुरू हांगे. बीएससी की फ‌र्स्ट ओपन कैटेगरी की कट-ऑफ लिस्ट जारी हुई थी, लेकिन सीटें ना भरने की वजह से ओपन की सेकेंड कट-ऑफ लिस्ट जारी की गई. जिसमें मेरिट करीब ख् परसेंटाइल तक गिरानी पड़ी. वहीं बीकॉम की फ‌र्स्ट कट-ऑफ लिस्ट के अनुसार ही एडमिशन प्रोसेस हो रहे हैं. जल्द ही इसकी भी सेकेंड कट-ऑफ जारी हो जाएगी.

सेकेंड कट-ऑफ के एडमिशन फ्क् जुलाई और क् अगस्त को

बीएससी बायो और मैथ्स की सेकेंड कट-ऑफ के लिए एडमिशन फ्क् जुलाई और क् अगस्त को कंडक्ट किए जाएंगे. मैथ्स के लिए फ्क् जुलाई को फ्09 से फ्80 रैंक तक के स्टूडेंट्स को बुलाया गया है, जबकि क् अगस्त को फ्8क् से ब्फ्9 रैंक तक के स्टूडेंट्स को बुलाया गया है. वहीं बायो में एडमिशन के लिए फ्क् जुलाई को रैंक ख्भ्फ् से फ्ख्0 तक के स्टूडेंट्स को बुलाया गया है, जबकि क् अगस्त को फ्ख्क् से फ्म्0 रैंक तक के स्टूडेंट्स को बुलाया गया है.

बीए में आज दो दिनों की काउंसलिंग

बीए कोर्स में एडमिशन के लिए फ्क् जुलाई को दो दिनों की काउंसलिंग कराई जाएगी. दरअसल फ्0 जुलाई को अवकाश होने के चलते फ्क् जुलाई को ही फ्0 की भी काउंसलिंग कराई जाएगी. थर्सडे को ख्ब्क् से म्ब्ब् रैंक तक के स्टूडेंट्स को बुलाया गया है.

shyamdasani family once used to be very poor

शहर के सनसनीखेज हत्याकांड के बाद अचानक सुर्खियों में आया श्यामदासानी परिवार महज छह दशक पहले तक फर्श पर था. जन्म के बाद भले ही पीयूष को कभी दौलत की कमी महसूस न हुई हो, मगर उनके पिता और बाबा ने गरीबी के वो दिन भी देखे हैं जब खाने तक के लाले पड़ते थे. कैसे भ्म् गज के मकान से इस परिवार ने अपनी जिंदगी का सफर शुरू किया.? परचून की दुकान से लेकर पंचर बनाने तक का काम किया.? अचानक ऐसा क्या हुआ कि इस परिवार के पास अकूत धन-दौलत आ गई और यह परिवार शहर के अरबपति बिजनेस घरानों में शुमार हो गया.. जानिए इस स्टोरी में..

वो म्0 का दशक..

बात करीब सन म्0 की है.. सोर्सेज के अनुसार बंटवारे के बाद पीयूष के बाबा और ओमप्रकाश के पिता 'कोड़ामल गन्नामल' परिवार समेत कानपुर आ पहुंचे. यहां उन्होंने क्0भ्/7फ्म् प्रेम नगर इलाके में दो कमरों वाला मकान किराए पर लिया. भ्म् गज वाले दो कमरों के मकान में अपनी पत्नी, बेटों राजमोहन, ओमप्रकाश और बेटी के साथ गुजर-बसर शुरू की. बड़ा परिवार, लेकिन पास में ज्यादा पैसे नहीं.. बामुश्किल घर का खर्च निकल पाता. तब उन्होंने 'पैसों की दलाली' का काम शुरू किया. बड़े बिजनेसमैन का पैसा सिंधी व्यापारियों को ब्याज पर दिलवाने का काम.. साथ में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी शुरू किया. मगर, यह धंधा ज्यादा दिनों तक टिक न सका.

परचून से पंचर की दुकान तक

वक्त बीतने के साथ ही परिवार की जरूरतें भी बढ़ने लगीं. तब उन्होंने घर के नीचे ही परचून की दुकान खोली. मॉर्डन ब्रेड और पराग दूध बेचने का काम शुरू किया. मोहल्ले के ही कुछ बुजुर्ग लोगों ने बताया कि घर का बड़ा बेटा राजमोहन (घर में और दोस्त-यार मोहन कहकर बुलाते थे) खाने-पीने के काफी शौकीन थे. उनके इस शौक की वजह से परिवार की माली हालत काफी खराब हो गई. तब तक कोड़ामल गन्नामल भी काफी बुजुर्ग हो चले थे. जबर्दस्त घाटा हुआ और परचून की दुकान भी बंद हो गई. गुजर-बसर के लिए दोनों भाइयों ने पंचर बनाने की दुकान खोली. फिर भी घरखर्च नहीं चलता तो आसपड़ोस से उधार तक मांगकर काम चलाना पड़ता था.

लोन लेकर लगाया कारखाना

इधर घर की माली हालत बिगड़ती जा रही थी. दूसरी ओर बच्चों की जरूरतें भी बढ़ने लगीं. इसी बीच दोनों भाइयों ने खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में कारखाना लगाने के लिए क्0 हजार का लोन लेने की अर्जी लगाई. केस काफी पेचीदा था, इसलिए पहली बार में एप्लीकेशन रिजेक्ट हो गई. सोर्सेज के मुताबिक बोर्ड में ही तिवारी जी हुआ करते थे. उनकी मदद से श्यामदासानी भाइयों का लोन सेंक्शन हुआ. तब संगीत सिनेमा के सामने एक हाते में दोनों भाइयों ने मिलकर होजरी के डिब्बे बनाने का कारखाना डाला. धीरे-धीरे काम बढ़ा तो राजमोहन के बच्चे भी बिजनेस में हाथ बंटाने लगे.

बहन का बेटा लिया गोद

जिस वक्त श्यामदासानी परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर रही थी. उसी वक्त राजमोहन के तीन बेटे कमलेश, संजू और ललित हुए. मगर, छोटे भाई ओमप्रकाश के तब तक कोई संतान नहीं हुई थी. तब उन्होंने अपनी बहन का बेटा (पीयूष का बड़ा भाई मुकेश..) गोद लिया. आपसी सहमति के बाद गोद लेने की प्रक्रिया की बाकायदा लिखापढ़ी भी करवाई गई. इसे कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि अपने बच्चे के लिए जो दम्पति रोज भगवान की चौखट पर माथा टेकते थे. कई सालों के बाद भी कोई संतान नहीं हो रही थी. मुकेश (जिसके घर का नाम मुक्की है..) के घर में आते ही ओमप्रकाश और पूनम की जिंदगी में खुशहाली आ गई. कुछ सालों बाद ही पूनम ने पीयूष को जन्म दिया. इस बीच पार्टनरशिप में मेसर्स हिमांगी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से सचेंडी में फैक्ट्री डाली.

कमलेश की शादी के बाद चमकी किस्मत

श्यामदासानी परिवार का रसूख बढ़ने लगा तो मोहन के बड़े बेटे कमलेश की शादी व्यावसायी लालजी दयाल (शहर के बड़े व्यापारी) की भतीजी के साथ हुई. इसके बाद तो फैमिली ने पीछे मुड़कर ही नहीं देखा. किस्मत कुछ ऐसी चमकी.. कि बस चारों तरफ से पैसा ही पैसा बरसने लगा. पीयूष के पिता और राजमोहन के छोटे भाई ने मुंबई तक दौड़भाग करके पारले-जी की फ्रेंचाइजी कानपुर के लिए अप्रूव करवाई. पनकी में मेसर्स स्वाति बिस्कुट नाम से फैक्ट्री डाली.

पाण्डु नगर हुए शिफ्ट

परिवार में सदस्य बढ़ने लगे तो श्यामदासानी परिवार ने प्रेम नगर एरिया छोड़ने का फैसला कर लिया. इसके बाद मुफीद जगह पाण्डु नगर एरिया दिखा. वहां बंगला बनकर तैयार हुआ तो पूरा परिवार वहीं शिफ्ट हो गया. इस बीच जिस जगह ओमप्रकाश और मोहन पंचर जोड़ा करते थे. वहां उन्होंने छोटा सा ऑफिस बनवा लिया. फैक्ट्री की ऑर्डर बुकिंग से लेकर एकाउंटेंसी का सारा काम इसी ऑफिस से होता था. हालांकि, कुछ समय बाद यहां उठना-बैठना भी बंद हो गया. देखरेख के लिए बस एक नौकर यहां पर आकर साफ-सफाई और पूजापाठ करता है.

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ऊंचे-रसूखदारों से सम्पर्क

पैसा, पॉवर और पॉलिटिक्स.. तीनों ही एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं.. इनमें से एक भी कहीं होगा तो बाकी दो खिंचे चले आयेंगे. श्यामदासानी परिवार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. बिजनेस में बढ़ोतरी के दौरान ही ओमप्रकाश ने फ्लोर मिल में भी हाथ आजमाया. किस्मत के धनी श्यामदासानी भाइयों को यहां भी जमकर मुनाफा हुआ. पैसा आया तो पॉलिटिक्स और पॉवर का भी चस्खा लगा. इंडस्ट्रियलिस्ट्स और बिजनेसमैन तो सम्पर्क में थे ही.. कुछ ही समय में नेताओं से लेकर पुलिस-प्रशासनिक लॉबी में भी उठना-बैठना शुरू हो गया. ऊंचे और रसूखदारों से सम्पर्क का फायदा भी इन उद्योगपतियों ने खूब उठाया. और देखते ही देखते इस परिवार की गिनती शहर के अरबपति कैटेगरी में शुमार हो गया.

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'प' से शुरू, 'प' पर खत्म..

श्यामदासानी परिवार की फर्श से अर्श तक पहुंचने की भ्भ् साल की कहानी में 'प' शब्द का रोल काफी अहम है. पाकिस्तान से आकर प्रेम नगर में परिवार का बसना.. फिर यहां से पनकी एरिया में पारले-जी की फैक्ट्री सेटअप करना.. व्यापार बढ़ने के बाद पाण्डु नगर शिफ्ट होना.. पैसों के दम पर पॉवर-फुल ढंग से पॉलिटिक्स तक पहुंचना.. परिवार के ही छोटे बेटे पीयूष का प्यार में अंधा होकर पत्नी का कत्ल करना.. फिर पुलिस लॉकअप तक पहुंचने की कहानी किसी को भी हैरान कर देने के लिए काफी है. 

CPMT exams result is declared

ट्यूजडे को सीपीएमटी का रिजल्ट सुबह तकरीबन आठ बजे डिक्लेयर हुआ. रिजल्ट डिक्लेयर होते ही स्टूडेंट्स अपना रिजल्ट जानने के लिए साइबर कैफे व अपने मोबाइल से ही चिपके रहे. सिटी की ज्योति बलानिया ने 33वीं रैंक पाकर आगरा मंडल में नाम रोशन किया है.

बलूनी में हुआ 53 स्टूडेंट्स का चयन

बलूनी क्लासेस से सीपीएमटी में एमबीबीएस और बीडीएस के लिए 53 स्टूडेंट्स का चयन हुआ. इनके अलावा संस्थान से एआईपीएमटी में 103, जेईई मेन्स में 108, जेईई एडवांस्ड में 16, यूपीटीयू में 209, मनीपाल में 17, वरधा में एक और जीपमर में एक स्टूडेंट का चयन हुआ है.

अच्छा प्लेटफार्म दिलाना है मकसद

बलूनी क्लासेस के डायरेक्टर डॉ. नवीन बलूनी का कहना है कि स्टूडेंट को सही प्लेटफार्म दिलाना ही बलूनी क्लासेस का मुख्य उद्देश्य है. बाकी स्टूडेंट स्वयं मेहनत करके अच्छा मुकाम हासिल कर पाते हैं. इस बार सीपीएमटी में आगरा के स्टूडेंट्स ने परचम लहराया है.

होराइजन के 15 स्टूडेंट्स का चयन

यूपीसीपीएमटी में नालबंद चौराहा स्थित होराइजन इंस्टीट्यूट के 15 स्टूडेंट्स का चयन हुआ. इनमें मनीष राजपूत ने 133वीं रैंक प्राप्त की. डायरेक्टर अंकुर काबरा ने गर्ल स्टूडेंट के साथ-साथ उनके पेरेन्ट्स को भी बधाई दी है.

'क्या कहते हैं ये होनहार'

एक अच्छा डाक्टर बनकर देश सेवा करना ही मकसद रहेगा. ऐसे लोग जो पैसों के अभाव में अपना इलाज नहीं करा पाते हैं, कोशिश रहेगी कि उन्हें हर संभव इलाज उपलब्ध कराकर उनकी सेवा कर सकूं.

ज्योति बलानिया 33वीं रैंक

मैंने कभी सोचा नहीं था, कि मैं 39वीं रैंक प्राप्त कर सकूंगा लेकिन मेरे पेरेन्ट्स व टीचर की सपोर्ट के चलते इस एग्जाम को पास कर सका हूं.

शुभम अग्रवाल 39वीं रैंक

सीपीएमटी में वैसे तो काफी स्टूडेंट अप्लाई करते हैं लेकिन सफलता किसी-किसी को मिलती है. मुझे इस एग्जाम में सफलता मिली है तो अपने पेरेन्ट्स की सपोर्ट से. मुझे मेरे पेरेन्ट्स ने सपोर्ट किया और मेरे टीचर्स ने अच्छी टीचिंग दी, जिस कारण आज मुझे अच्छी रैंक प्राप्त हुई है.

अंशिका अग्रवाल 40वीं रैंक

वर्ष 2011 में मैंने सीपीएमटी में अच्छे मा‌र्क्स लाकर एग्जाम पास करने का सपना देखा था, जो आज साकार हो गया. किसी भी कंपटीशन को पूरा करने के लिए अच्छे गाइडेंस व इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है जो मुझे अपने पेरेंट्स व टीचर्स से मिला है. मैं अच्छा सर्जन बनकर लोगों की सेवा करना चाहता हूं.

अम्रतेश दीक्षित 48वीं रैंक

ये रहेगा काउंसलिंग शिड्यूल-

- एमबीबीएस व बीडीएस में एक से लेकर 400 तक के अंतर्गत आने वाले जनरल, ओबीसी, एससी, एसटी, पीएच, ईए, एफएफ, एनसीसी एंड जीएल कैटेगिरी के सभी अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन और पंजीकरण दो अगस्त को और काउंसलिंग तीन अगस्त को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक की जाएगी.

- 401 से लेकर 800 तक के सभी कैटेगिरी के स्टूडेंट्स के प्रमाण पत्रों का सत्यापन 3 अगस्त और काउंसलिंग 4 अगस्त को काउंसलिंग सेंटर पर की जाएगी.

- 801 से लेकर 1800 तक के सभी कैटेगिरी के स्टूडेंट्स के प्रमाण पत्रों का सत्यापन व पंजीकरण 4 अगस्त व काउंसलिंग 5 अगस्त को की जाएगी.

- 1800 से 6000 रैंक तक के एससी व एसटी कैटेगिरी के सभी अभ्यर्थियों के अलावा जनरल, ओबीसी, एससी व एसटी के पीएच, ईए, एफएफ, एनसीसी के सभी अभ्यर्थियों का पंजीकरण 5 अगस्त व काउंसलिंग 6 अगस्त को होगी.

- एससी केटेगिरी में 6000 से 10 हजार रैंक तक के सभी अभ्यर्थियों का पंजीकरण 6 अगस्त व काउंसलिंग सात जुलाई को होगी.

नोट- अभ्यर्थी किसी भी काउंसलिंग सेंटर पर अपना पंजीकरण कराकर नेक्स्ट डे उसी सेंटर पर अपनी काउंसलिंग करा सकते हैं.

ये बनाए गए हैं काउंसलिंग सेंटर

- एसजीपीजीआई रायबरेली रोड लखनऊ

- जीएसवीएम मेडीकल कॉलेज स्वरूप नगर कानपुर

- एमएलएन मेडीकल कॉलेज लॉथर रोड इलाहाबाद

- एलएलआरएम मेडीकल कॉलेज गृह रोड मेरठ

31 जुलाई से जमा हो सकेगी फीस

काउंसलिंग में भाग लेने के लिए काउंसलिंग शुल्क के रूप में 500 रुपए व धरोहर राशि के रूप में पांच हजार रुपए भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से जमा की जाएगी. अभ्यर्थी ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया से पेमेन्ट कर सकते हैं.

viral fever creating trouble

बारिश कम होने और फिजा में नमी बढ़ने से वायरस पहले से ज्यादा खतरनाक हो चले हैं. उनका नेचर चेंज हो जाने से वायरल इंफेक्शन के लक्षण भी बदल गए हैं. हालत ये है कि मरीज कन्फ्यूजन का शिकार होकर मलेरिया की जांच करा रहे हैं. और तो और, डॉक्टर भी सहूलियत के चलते जांच की सलाह दे रहे हैं. इसके साथ ही फीवर की मियाद भी बढ़ गई है, जिसके चलते मरीजों को ठीक होने में लंबा समय लग रहा है.

डॉक्टर साहब, ठंड क्यों लग रही है

आमतौर पर मौसम में लगातार चेंज होने पर लोग वायरल फीवर के शिकार हो जाते हैं. इसमें उन्हें तीन से पांच दिन तक फीवर और बदन दर्द होता है. हालांकि, आजकल होने वाले फीवर में ऐसा नहीं है. फीवर आ रहा है और वह भी तेज ठंड के साथ. वह भी रात में. कुछ ऐसा ही लक्षण मलेरिया का भी होता है. चूंकि, बारिश हो रही है और जगह-जगह जलभराव के चलते मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है. इसलिए लोग ठंड और फीवर के एक साथ होने पर फटाफट मलेरिया की जांच करा रहे हैं. जांच रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आने पर वह किसी और बीमारी की आशंका में ज्यादा टेंशन में आ जा रहे हैं.

ज्यादा डेंजरस हो गए हैं वायरस

डॉक्टर्स का भी मानना है कि भरपूर बारिश नहीं होने से उमस बढ़ गई है और यह मौसम वायरल इंफेक्शन के लिए अनुकूल है. इस मौसम में काफी स्ट्रांग हो गए हैं और अपना नेचर भी चेंज कर रहे हैं. इसी के चलते वायरल फीवर में लोगों को तेज ठंड लग रही है. इतना ही नहीं, वायरल फीवर की मियाद भी बढ़ गई है. एक बार चपेट में आने के बाद मरीज को ठीक होने में सात से आठ दिन लग रहे हैं. दवाएं भी बहुत ज्यादा इफेक्टिव साबित नहीं हो रही हैं.

पहले भी हो चुका है ऐसा

कुछ साल पहले भी ऐसा ही कन्फ्यूजन भरा वायरल इंफेक्शन फैल चुका है. जिसे डॉक्टर्स ने टाइफो मलेरिया का नाम दिया था. डॉक्टर्स का कहना है कि इस फीवर में मरीज मलेरिया की जांच कराते थे और रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आने पर संतुष्ट हो जाते थे. लापरवाही में प्रॉपर मेडिसिन नहीं लेने पर टाइफाइड उन्हें अपनी चपेट में ले लेता था. अधिक प्रकोप बढ़ने पर इसका नाम टाइफो मलेरिया रख दिया गया था.

क्या हैं दोनों के लक्षण

वायरल फीवर मलेरिया

फीवर (लगातारर) फीवर (रुक-रुक कर आना)

रात में ठंड लगना रात में ठंड लगना

सिरदर्द व बदन दर्द सिरदर्द व बदन दर्द

उल्टी और तेज फीवर आने पर प्लेटलेट्स कम हो जाना

- इस मौसम में वायरल फीवर और मलेरिया दोनों के चांसेज अधिक होते हैं. ठंड के साथ फीवर आने पर मलेरिया की जांच एहतियात के तौर पर कराई जाती है. दोनों बीमारियों में लापरवाही बरतना खतरनाक हो सकता है.

डॉॅ. ओपी त्रिपाठी, सीनियर फिजीशियन

- मौसम में चेंजिंग के चलते वायरस काफी स्ट्रांग हो गए हैं. यही रीजन है कि वायरल इंफेक्शन में फीवर, ठंड लगना, तेज सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं. खासतौर से बच्चों को बचाकर रखना जरूरी है.

डॉ. मनीष चौरसिया, चाइल्ड स्पेशलिस्ट

teachers portest

पिछले कई दिनों से गवर्नमेंट की अनदेखी से नाराज चल रहे कॉंन्ट्रेक्टेड पॉलिटेक्निक टीचर्स ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है. टीचर्स ने कहा कि लंबे समय से चल रहे उनके आंदोलन को लेकर गवर्नमेंट गंभीर रुख नहीं अपना रही है. टीचर्स ने मांगों को लेकर गवर्नमेंट द्वारा जल्द निस्तारण न होने पर उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.

पांच सूत्रीय मांगों धरने पर बैठे

पॉलिटेक्निक कॉंन्ट्रेक्टेड टीचर्स ने ट्यूजडे को आमरण अनशन स्टार्ट कर दिया है. गवर्नमेंट की अनदेखी से नाराज चल रहे टीचर्स में से आहत पूनम रावत, जगदीश सिंह नेगी, संदीप उनियाल, मनीष भट्ट और विद्या नेगी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. आंदोलनकारी टीचर्स ने कहा कि गवर्नमेंट मांगों को लेकर सीरियस नहीं है, इसी कारण उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है. सोसायटी के स्टेट प्रेसीडेंट सर्वेश चौधरी के मुताबिक क्म् जुलाई से नया सेशन स्टार्ट हो चुका है, स्टूडेंट्स की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. लेकिन, इसके बावजूद भी गवर्नमेंट संजीदा रुख नही अपना रही है. प्रदर्शन करने वालों में खगेंद्र अवस्थी, संदीप गुसाई, संदीप घुनियाल, पूरन सिंह राणा, श्वेता, पूनम रावत, दिव्या नेगी, शीतल, महेश, महेश पाल, सुमित, सुभाष पाल, धीरेंद्र कुमार, दीपक आदि टीचर्स मौजूद रहे.

यह हैं पांच सूत्रीय मांग

- चार सालों के लिए स्वत: सेवा विस्तार करना

- लोक सेवा आयोग/समूह ग के दायरे से बाहर करना

- संविदा व्याख्याताओं का मानदेय फ्भ् हजार व संविदा कर्मशाला अनुदेशकों/कंप्यूटर प्रो का मानदेय ख्भ् हजार रुपए करना

- आयोग के दायरे से बाहर किए गए ब्क्ख् पदों पर कार्यरत कॉन्ट्रेक्टेड टीचर्स को नियुक्ति देने

- महिला टीचर्स को प्रेग्नेंसी के वक्त छुट्टी दिए जाने और क्क् महीने की सैलेरी के साथ ही क्ख् इमरजेंसी लीव देने की मांग.

One opd for ayurvedivc unani and homeopathy

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी. रूम नं. ब्. मरीजों की भीड़. किसी के पैर में दर्द है तो किसी के पेट में प्रॉब्लम. किसी के शरीर पर गांठ है. मतलब सभी बीमारियों का इलाज एक ही रूम में. ऐसा कौन डॉक्टर है, जो इन सभी बीमारी का इलाज कर रहा है. चौंकिए मत. क्योंकि इन सभी बीमारियों का इलाज एक डॉक्टर नहीं बल्कि तीन डॉक्टर कर रहे हैं, वह भी अलग-अलग पद्धति से. ओपीडी के बाकी रूम में जहां एलोपैथी के डॉक्टर अलग-अलग बीमारी का इलाज कर रहे हैं, वहीं होम्योपैथी, यूनानी और आयुर्वेद के लिए सिर्फ एक रूम मिला है. स्पेशलिस्ट बैठने के साथ मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं अक्सर दवा खत्म होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

किसी से कम नहीं है ओपीडी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आर्थो, ईएनटी, चेस्ट, आई, डेंटल, फिजीशियन, हार्ट, चाइल्ड, मानसिक समेत लगभग सभी बीमारियों का इलाज होता है. हर बीमारी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं. दवा भी फ्री दी जाती है. ओपीडी के डिफरेंट रूम में बैठने वाले स्पेशलिस्ट डॉक्टर की ओपीडी क्00 से कम नहीं है. इस एलोपैथी हॉस्पिटल में लास्ट इयर यूपी सरकार ने आयुष डॉक्टर की तैनाती की. हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने खानापूर्ति करते हुए खाली पड़े रूम नं. ब् आयुष डॉक्टर के नाम पर एलॉट कर दिया. अब टेंशन थी कि डॉक्टर तीन और रूम एक. किसी तरह होम्योपैथी के डॉ. डीपी सिंह, यूनानी के डॉ. मो. समी अख्तर और आयुर्वेद के डॉ. आशीष त्रिपाठी ने एक रूम में ही बैठ कर ओपीडी स्टार्ट की. करंट में इन डॉक्टर्स की ओपीडी भ्0 से अधिक और रूम में मरीजों की संख्या क्70 से अधिक रहती है.

साहब, कहां मिलेगी दवा

समय बीतने के साथ आयुष डॉक्टर की ओपीडी बढ़ती जा रही है, मगर एडमिनिस्ट्रेशन की अनदेखी और शासन के ढुलमुल रवैये के चलते अक्सर दवा खत्म हो जाती है. इससे दूरदराज से आने वाले मरीज दवा के चक्कर में परेशान रहते हैं. हॉस्पिटल के स्टोर से दवा न मिलने के साथ परिसर के बाहर मेडिकल स्टोर पर भी नहीं मिलती, क्योंकि हॉस्पिटल के बाहर आयुष डॉक्टर की दवा के एक भी मेडिकल स्टोर नहीं है. इसलिए अक्सर डॉक्टर के चेकअप कराने के बाद दवा कहां मिलेगी, अक्सर पूछने दोबारा आते हैं.

एलोपैथी से परेशान आते हैं मरीज

आयुष डॉक्टर ने बताया कि ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीज पुरानी बीमारी से परेशान रहते हैं. वे एलोपैथी में कई डॉक्टर से इलाज कराने के बाद जब परेशान हो जाते हैं, तब एडवाइस लेने आते हैं. अगर ये मरीज स्टार्टिग में आए तो उनका इलाज जल्दी संभव है. एक्सपर्ट के मुताबिक इन तीनों पद्धति में सस्ता, घरेलू और सुलभ इलाज है.

इन पद्धति में सबसे अधिक आते हैं ऐसे मरीज

आयुर्वेद - ल्यूकोरिया, आईबीएस, कोलाइटिस, लीवर, पेट, जोड़, सर्दी-खांसी.

यूनानी - पेट, लीवर, जांडिस और सेक्सुअल.

होम्योपैथी - स्किन डिजीज, शरीर में गांठ और किडनी में पथरी.

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पहले सिर्फ एलोपैथी से इलाज होता था, मगर कुछ समय पहले शासन के आदेश पर आयुष डॉक्टर की भी तैनाती की गई. फिलहाल वे एक रूम में बैठ रहे हैं, क्योंकि उनकी ओपीडी के लिए अलग बिल्डिंग बन रही है. जल्द उन्हें अलग-अलग रूम मिल जाएगा. फिर मरीजों को कोई प्रॉब्लम नहीं होगी.

डॉ. सुधाकर मिश्रा, एसआईसी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

Hungama at jamshedpur womens college

गलती चाहे जिसकी भी हो पर वेडनसडे को बिष्टुपुर स्थित वीमेंस कॉलेज में जो हुआ वह कॉलेज के माहौल पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए काफी था. उडि़या सब्जेक्ट के टीचर मनोज महापात्र ने उन गर्ल स्टूडेंट्स पर हाथ उठाया जो सुबह से भूखे-प्यासे बीकॉम पार्ट वन के एडमिशन लिस्ट का पता करने घंटों से कभी प्रिंसिपल चैंबर तो कभी ऑडियो-विजुअल हॉल का चक्कर लगा रही थीं. स्टूडेंट्स तो बस प्रिंसिपल से यह जानना चाह रही थीं कि कॉलेज के ही एक स्टाफ द्वारा कहे गए उस बात में कितनी सच्चाई है कि बीकॉम में बढ़ाई गई 250 सीट्स पर एडमिशन के लिए लिस्ट वेडनसडे को जारी होगी. प्रिंसिपल टीचर्स के साथ ऑडियो-विजुअल हॉल में घंटों से मीटिंग में व्यस्त थीं. नतीजा वही हुआ जो होना था, स्टूडेंट्स की नाराजगी हंगामे में तब्दील हो गई. हालांकि टीचर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने स्टूडेंट्स से माफी मांगी और वहां से निकल गए. बाद में उन्होंने ऐसा कुछ भी होने से इंकार किया.

क्या था मामला

वीसी के साथ प्रिंसिपल्स मीटिंग के बाद वीमेंस कॉलेज में बीकॉम में 250 सीट्स बढ़ाए गए. इन सीट्स पर उन स्टूडेंट्स का एडमिशन लेने के डिसीजन लिया गया जिन्होंने पहले से एडमिशन फॉर्म जमा कर रखा था. स्टूडेंट्स का कहना था कि कॉलेज के एक स्टाफ ने वेडनसडे को लिस्ट जारी होने की बात कही थी. वेडनेसडे को सुबह से ही ग‌र्ल्स कॉलेज पहुंच गई थीं. लिस्ट डिस्प्ले नहीं होने पर वे प्रिंसिपल से मिलना चाह रही थीं, लेकिन वो टीचर्स के साथ मीटिंग में व्यस्त थीं. स्टूडेंट्स उनसे मिलने की लगातार रिक्वेस्ट कर रही थीं, लेकिन ऐसा नहीं होने पर वे काउंटर पर स्टाफ से लिस्ट के बारे में पूछने गई वहां भी पता नहीं चलने पर वे नाराज हो गई. वे मेन गेट पर धरने पर बैठ गईं. इस दौरान किसी को भी कैंपस में एंटर नहीं करने दे रही थीं. तभी उडि़या के टीचर वहां पहुंचे और स्टूडेंट्स से बात करते हुए यह घटना घटी. हालांकि, मीटिंग के बाद प्रिंसिपल कुछ स्टूडेंट्स से मिलीं और बताया कि लिस्ट थर्सडे की शाम या फ्राइडे के फ‌र्स्ट हाफ में डिस्प्ले कर दी जाएगी.

आखिर किसने कहा कि लिस्ट वेडनसडे को जारी होगी?

वेडनसडे को वीमेंस कॉलेज में बीकॉम की लिस्ट को लेकर दिन भर हंगामा हुआ, लेकिन सवाल यह है कि आखिर किसने स्टूडेंट्स से कहा कि बीकॉम पार्ट वन की लिस्ट वेडनसडे को जारी होगी. प्रिंसिपल का कहना था कि उन्होंने पहले ही स्टूडेंट्स से कह दिया था कि लिस्ट थर्सडे को शाम या फिर फ्राइडे को फ‌र्स्ट हाफ में डिस्प्ले की जाएगी. प्रिंसिपल डॉ सुमिता मुखर्जी ने यह भी कहा कि कई दिनों तक कॉलेज में छुट्टियां होने की वजह से लिस्ट तैयार नहीं हो पाई थी, इसिलिए थर्सडे या फ्राइडे के बारे में कहा गया था. कैंपस में हंगामे की खबर के बाद जेसीएम और एनएयूआई से जुड़े छात्र नेता भी वहां इकट्ठा हो गए.

बीके मेहता मामले में पीछे हटा कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन

वीमेंस कॉलेज के कॉमर्स डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ बीके मेहता को इंटर के एडमिशन इंचार्ज के पोस्ट से हटाने के मामले में कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. वेडनेसडे को कॉलेज में टीचर्स के साथ प्रिंसिपल ने मीटिंग की जिसमें डॉ मेहता को हटाए जाने का टीचर्स ने विरोध किया. इसके बाद प्रिंसिपल ने उन्हें हटाए जाने के अपने बयान को वापस ले लिया. इससे पहले डॉ मेहता कॉलेज के शिक्षकों से मिलकर शिक्षक संगठन की बैठक बुलाना चाह रहे थे. इससे पहले प्रिंसिपल के साथ ही टीचर्स की मीटिंग तय हो गई.

हम पिछले कई दिनों से एडमिशन को लेकर परेशान हैं. लिस्ट नहीं निकला तो हम गेट पर उसका विरोध कर रहे थे तभी टीचर ने हमारे ऊपर हाथ उठाया.

- पूजा कुमारी, स्टूडेंट

आखिर हमें क्यों परेशान किया जा रहा. हमसे कहा गया था कि वेडनसडे को लिस्ट जारी होगी. लिस्ट नहीं आने पर हम विरोध कर रहे थे तो टीचर ने हमारे ऊपर हाथ उठा दिया.

- प्रीति, स्टूडेंट

हम दिन भर बिना खाए-पीए एडमिशन के चक्कर में भटक रहे थे. प्रिंसिपल मिलने को तैयार नहीं थीं. हम तो गेट पर लिस्ट निकालने की डिमांड कर रहे थे, तभी टीचर ने हमारे ऊपर हाथ उठाया.

- सोनिका, स्टूडेंट

हमने तो पहले ही स्टूडेंट्स से कह दिया था कि लिस्ट थर्सडे की शाम या फ्राइडे को जारी होगी. स्टूडेंट्स लिस्ट को लेकर वेडनसडे को क्यों हंगामा करने लगीं ये नहीं समझ में आ रहा है.

- डॉ सुमिता मुखर्जी, प्रिंसिपल वीमेंस कॉलेज

अभी तक घटना के बारे में मुझे नहीं बताया गया है. एडमिशन में गड़बडि़यों की जांच कराई जा रही है. वीमेंस कॉलेज में भी कॉमर्स में एडमिशन की जांच होगी. एडमिशन को लेकर इस तरह की घटनाएं ठीक नहीं हैं.

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी, केयू 

Third monday of saawan

 भगवान भोलेनाथ को प्रिय सावन के तीसरे सोमवार को बाबा दरबार में कांवरियों का रेला उमड़ा. नतीजतन काशी का कोना-कोना हर हर महादेव, बोल बम, बोल बम के उद्घोष से गूंजता रहा. कांवरियों के अलावा बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई. बम-भोले का उद्घोष करते हुए शिवभक्त आगे बढ़ते जा रहे थे. शहर के दूसरे शिवालय महामृत्युंजय महादेव, केदारेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, रामेश्वरम महादेव में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. कैथी स्थित मारकण्डेय महादेव में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मत्था टेका.

पिछली रात से ही लगी थी कतार

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए रविवार की रात से ही लाइन लग गई थी. झूमते, गाते कांवरियों का रेला रात में ही बनारस पहुंचने लगा था. हर बार की तरह इस बार भी छत्ताद्वार से ही मंदिर में एंट्री दी जा रही थी. श्रद्धालुओं की कतार गोदौलिया से आगे लक्सा तक लगी दिखी. बाबा को बिना रुके अपनी श्रद्धा समर्पित करने का संकल्प लेने वाले डाकबमों ने भी बड़ी संख्या में काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंच कर बाबा का जलाभिषेक किया. 

Public are waiting for there flats for four years

एलडीए भी प्राइवेट बिल्डर की तर्ज पर काम कर रहा है. पेमेंट भी जमा करा लिया और समय पर कब्जा भी नहीं मिल रहा है. सबसे ज्यादा परेशान तो वह लोग हैं जिन्होंने होम लोन लिया था. वह किश्तें भी दे रहे हैं और साथ ही मकान का किराया भी. दो साल में कब्जा देने का दावा था लेकिन चार साल बीतने के बाद भी आवंटी परेशान हैं.

अभी करना होगा वेट

ऐसे हजारों आवंटी हैं, जिन्होंने एलडीए के खातों में अरबों रुपये जमा करने के बावजूद अभी तक अपना आशियाना नहीं मिल सका है़ सृष्टि, सनराइज, सरगम, कल्पतरु अपार्टमेंट की योजनाएं में प्राधिकरण के कम से कम तीन हजार आवंटियों का आशियाने का सपना जुड़ा हुआ है़ मगर कभी किसान आंदोलन तो कभी काम की धीमी रफ्तार के चलते अभी इनको और इंतजार करना पड़ेगा.

चार साल में पूरा नहीं हुआ काम

सनराइज अपार्टमेंट स्कीम में लगभग भ्भ्0 फ्लैट हैं़ यहां ख्0क्0 में निर्माण कार्य शुरू किया गया था़ मगर काम जब अपने अंतिम दौर में पहुंचा तो किसान आंदोलन शुरू हो गया. इस साल काम का आगाज हुआ तो फिर से रोड़े अटकाए जाने लगे़ यहां पेंट के रंग का विवाद सामने आ गया़ एक एक्सईएन ने रंग तय किया तो दूसरे ने आकर उसको मना कर दिया़ जैसे तैसे काम धीमी रफ्तार में चल रहा है़ मगर आशियाना लोगों को कब मिलेगा, ये तय नहीं है़

ब्0 लाख रुपए के हैं फ्लैट

सृष्टि अपार्टमेंट में करीब म्00 आवंटी हैं़ कुर्सी रोड पर इस योजना की लांचिंग ख्0क्0 में की गई थी़ इसमें फ्लैटों की कीमत क्क् लाख से लेकर ब्0 लाख रुपये के बीच है़ लगभग सभी आवंटियों ने निर्धारित धन जमा कर दिया है़ जिनमें से करीब 7भ् फीसदी ने होम लोन लेकर रुपया जमा कर दिया है़ वे मकान का किराया भी दे रहे हैं और होम लोन की किस्त भी, मगर उनका मकान नहीं मिल पा रहा है़ पहले तो किसान आंदोलन ने उनका काम रोक दिया है और अब इसके बाद में निर्माणकर्ता कंपनी मार्ग की रफ्तार बहुत धीमी है़ ऐसे में काम बहुत धीमी चल रहा है़ इसी रफ्तार से कंपलीशन कम से कम दो साल का समय और लगेगा़

फ्00 आवंटी हैं सरगम अपाटर्मेंट में

कुर्सी रोड पर सरगम अपार्टमेंट बनाया जा रहा है़ इसमें करीब फ्00 आवंटी हैं़ यहां भी किसान आंदोलन की गाज गिरी थी़ इस वजह से इस योजना का काम शुरू होते ही रुक गया था़ किसान आंदोलन खत्म हुआ तो दोबारा काम शुरू किया गया़ मगर रफ्तार अब भी धीमी बनी हुई है़ ऐसे में आवंटियों का बुरा हाल है़

सुलभ आवासीय स्कीम का काम सुस्त

कम आय वर्ग के लिए सुलभ आवासीय स्कीम लांच की गई थी़ तीन हजार के करीब फ्लैट बनाए जाने थे़ जानकीपुरम, गोमती नगर विस्तार और शारदा नगर में तीन जगह योजना अभी भी अस्तित्व में हैं़ जहां केवल गोमती नगर विस्तार सेक्टर-क् के कुछ पॉकेट में आवंटियों को कब्जा दिया जा चुका है़ बाकी जगह काम बहुत धीमी गति से जारी है़ फ्लैट बन गए हैं तो सड़क नहीं है और कहीं अभी अपार्टमेंट का ही काम पूरा नहीं किया गया है़ ऐसे में जनता का बुरा हाल है़

सभी अपार्टमेंट के निर्माण और गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखने का निर्देश अभियंताओं और अन्य संबंधित अधिकारियों को दिया गया है़ अगर कहीं से भी गड़बड़ी की कोई भी शिकायत मिलेगी तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा़ निर्माणरत अपार्टमेंट के काम में तेजी के लिए भी कार्यदाई कंपनियों को कड़े निर्देश जारी किये गये हैं़

अष्टभुजा प्रसाद तिवारी, उपाध्यक्ष

एलडीए 

uproar power supply

बिजली और पानी बाधित होने से सुपरटेक पॉम ग्रीन के निवासियों ने जमकर हंगामा किया. लोगों ने बिजली बंबा बाईपास में जाम लगाया और कंट्री इन होटल और शॉप्रिक्स मॉल के गेट के बाहर मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोगों से निपटने के लिए मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के कर्मचारियों ने मॉल के बाउंसर्स का भी सहारा लिया. प्राधिकरण और पुलिस के अधिकारियों ने मामले को शांत कराया. तब जाकर बिजली और पानी बहाल हो सकी.

मंगलवार को ही लिखी जा चुकी थी पटकथा

इस हंगामें की पटकथा मंगलवार को ही लिखी जा चुकी थी. पॉम ग्रीन रेजीडेंसी के लोगों के अनुसार मंगलवार शाम करीब फ्0-ब्0 महिलाएं एरोबिक्स के लिए मेंटेनेंस के कर्मचारियों से कम्यूनिटी हॉल खोलने के लिए कहा. कर्मचारियों ने हॉल ये कहकर खोलने से मना कर दिया कि हाल ही में यहां के दोनों एसी ठीक हुए हैं. महिलाओं ने जोर दिया, लेकिन कर्मचारी टस से मस नहीं हुए. आरोप ये भी है कि कर्मचारियों ने महिलाओं से अभद्र भाषा में बात की. रात को जब उनके पति घरों में आए तो उन्होंने पूरी कहानी बयां कर दी. सभी लोग संयुक्त रूप से पहुंचे और कर्मचारियों को काफी कुछ सुना दिया. इसके बाद कर्मचारियों ने बुधवार को स्ट्राइक करने का मन बना लिया.

नहीं आई बिजली और पानी

सुबह सात बजे जब कर्मचारियों की बदली हुई तो पूरी सोसायटी की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर दी. काफी देर तक बिजली पानी न आने से सभी लोग कर्मचारियों से मिलने पहुंचे तो कर्मचारियों ने स्ट्राइक के बारे में बता दिया. दर्जनों लोगों ने वहां पर हंगामा करना शुरू कर दिया. कई बार कहने के बाद भी जब बिजली-पानी की आपूर्ति नहीं शुरू की गई तो लोगों का आक्रोश काफी बढ़ गया.

बाईपास पर लगाया जाम

पब्लिक में आक्रोश इतना बढ़ गया कि उन्होंने बिजली बंबा बाईपास में ट्रैफिक जाम लगा दिया. वहीं होटल कंट्री इन और शॉप्रिक्स मॉल के बाहर नारेबाजी करने लगे. लोगों को शांत कराने के लिए कर्मचारियों ने मॉल से बाउंसर्स को बुला लिए, जिससे मामला और भी ज्यादा बढ़ गया. इतनी ही देर में मौके पर प्राधिकरण और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराया दोनों पक्षों में समझौता कराकर बिजली-पानी की आपूर्ति को बहाल कराया.

ये मानना है अधिकारियों का

प्राधिकरण के कर्मचारियों ने जो मामले की रिपोर्ट दी है, उसके अनुसार यहां पर दो सोसायटी बनी हुई हैं. जिनमें काफी ईगो प्रॉब्लम होती है. वहीं जब मैनेजमेंट लोगों से मेंटेनेंस चार्ज करता है तो सभी लोगों को समान रूप से सुविधाएं देने की जिम्मेदारी बनती है. इस हंगामें में मैनेजमेंट की जिम्मेदारी ज्यादा है.

दोनों को पक्षों का शांत कराकर बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल करा दिया गया है. जो भी हुआ गलत हुआ. ऐसे इंसीडेट कभी-कभी बड़ा रूप भी ले लेते हैं.

- राजेश कुमार यादव, वीसी, एमडीए 

kushti competition organised at patna

खेल हो या पढ़ाई, हर कुछ उसके मकसद से इस कदर जुड़ गया है कि उसकी पहचान आर्थिक तौर पर नहीं तो वह कमजोर होता जाता है. बिहार में कबडड्ी का भी यही हाल है. यहां दर्जनों पहलवान सीनियर, जूनियर और सब जूनियर स्तर पर खेलते हैं, लेकिन इसकी परंपरा की धार कुंद सी हो गई है. शायद यही वजह है कि यहां इस खेल के प्रति जो क्रेज था वह कम हो गया है. इस खेल से जुड़े लोगों को कहना है कि खेल सिर्फ खेलने से नहीं, प्रोत्साहन और सम्मान की दरकार भी करता है. अगर यह नहीं तो खेलने का हौसला कब तक कायम रखा जा सकता है.

बिहार में कुश्ती का क्या है हाल

इन दिनों ग्लासगो में कॉमनवेल्थ गेम में सुशील की सोने की चमक से हर इंडियन को गर्व है. उन्हें राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय पहलवान के रूप में जाना जाता हैं, तो एक तरफ यह सवाल भी उठता है कि आखिर बिहार की समृद्ध परंपरा में रचा-बसा कुश्ती आज कहां है. इसका जबाव जानकर निराशा हुई. बिहार में केवल एक ही रेसिडेंशियल कुश्ती अखाड़ा बेतिया के बगहा में हैं, लेकिन यहां कोच की व्यवस्था ही नहीं है. इसके कारण सभी साधन होने के बावजूद खिलाड़ी सीख नहीं पाते हैं. बिहार कुश्ती संघ के सचिव कामेश्वर सिंह ने बताया कि इस बारे में जब खेल मंत्रालय को सूचित किया गया तो उन्होंने कोच की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है.

रोजगार से जोड़े बिना सुधार नहीं

बिहार कुश्ती संघ के सचिव कामेश्वर सिंह का कहना है कि यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन सबसे बड़ी बाधा जॉब की है. हरियाणा या दिल्ली जैसा यहां खेल पॉलिसी नहीं है. अगर किसी को खेलने के बाद आगे कोई फ्यूचर नहीं दिखायी दे तो कैसे इस खेल से जुड़ाव होगा. यही वजह है कि बिहार में इस खेल की जो पहचान 80 के दशक में थी, वह अब वह दौर नहीं रह गया है. पहलवान के पेरेंट भी आस रखते हैं कि खेलेगा तो अपने पैर पर खड़ा होगा, लेकिन अभी तक ऐसी पॉलिसी का अभाव है. अभी सिर्फ एक परसेंट कोटा बिहार पुलिस में है. समय-दर-समय पिछड़ने का यह एक सबसे बड़ा कारण है. क्रिकेट जैसे खेल जैसा इसकी तो पहचान नहीं है.

क्या है बेहतर करने की संभावना

इस बारे में संघ के सेक्रेटरी ने कहा कि जहां तक पटना का सवाल है यहां से कुश्ती के नए खिलाड़ी आसानी से बनाये जा सकते हैं. अगर यहां के स्टेडियम में मैट की सुविधा देकर कैंप आदि का आयोजन किया जाए तो इससे इस खेल को प्रोत्साहन मिलेगा. फिलहाल यहां बीएमपी 10 ग्राउंड पर पहलवान प्रैक्टिस करते हैं. 2012 में पाटलिपुत्रा स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में फेडरेशन कप नेशनल रेसलिंग चैम्पियनशिप का अयोजन किया गया था. इसमें सरकार का भी सहयोग था. इसमें बिहार स्टेट ने आठ मेडल जीता था. जबकि ग्रीको रोमन स्टाइल कुशती (ऐसी कुशती जो कमर से उपर खेली जाती है.) में बिहार स्टेट को सेकेंड पोजीशन मिला था.

100 रुपया है नाकाफी

इस खेल में पहलवानों की डाइट बहुत होती है. लेकिन विडंबना यह है कि इस मंहगाई के दौर में भी बिहार गवर्नमेंट की ओर से प्रति खिलाड़ी केवल 100 रुपए ही दिया जाता है, जो यह नाकाफी है. 2013-14 के फाइनेंशियल इयर में यह 50रूपया से बढ़ाकर 100 किया गया था. पहलवान इसे नाकाफी बताते हैं. यही वजह है कि पहलवानों को खाने पर बहुत अधिक खर्च करना पड़ता है. एक साधारण परिवार के खिलाड़ी के लिए यह बस की बात नहीं.

प्रोफेशनली खेलने की परंपरा नहीं

अभी बिहार के 24 जिलों में कुश्ती संघ हैं, पर कमोबेश सुविधाओं का अभाव है. कहीं मैट नहीं है तो कहीं इसे प्रोफेशनली खेलने की परंपरा ही नहीं है. जैसे खगडि़या, भागलपुर और बेगूसराय में यह खेल रूरल लेवल या ग्रामीण दंगल के स्तर पर ही खेला जाता है. यहां पुरानी पद्धति (चित-पट ) पर खेला जाता है, जबकि प्रोफेशनली इसमें प्वाइंट पर खेला जाता है. इस संबंध में संघ ने प्रयास किया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.

इन जिलों में है अखाड़ा

कैमूर, बक्सर, रोहतास, गया, जहानाबाद औरंगाबाद, बेतिया, सारण, गोपालगंज, सिवान, सीतामढ़ी, दरभंगा और समस्तीपुर. अब ग्रामीण स्तर पर भी दंगल प्रतियोगिता में कमी आयी है.

हरियाणा या दिल्ली जैसी यहां खेल पॉलिसी नहीं है. अगर किसी को खेलने के बाद आगे कोई फ्यूचर नहीं दिखायी दे, तो कैसे इस खेल से जुड़ाव होगा.

-कामेश्वर सिंह, सचिव, बिहार कुश्ती संघ

Auto drivers manmani at kokar to albert ekka chowk route

आगे में सीट एक और बैठनेवाले चार. पीछे की सीट पर भी तीन की बजाय चार-पांच पैसेंजर्स. जी हां, कोकर चौक से अल्बर्ट एक्का चौक के बीच चलनेवाली मिनी ऑटो में ओवरलोडिंग का कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है. इस रूट में ऑटोवाले तो मनमानी कर ही रहे हैं, पैसेंजर्स भी मजबूरी में सीट शेयर करते हैं. ऑटो में ओवरलोडिंग से सबसे ज्यादा परेशानी युवतियों को होती है. युवकों के साथ बैठना तो पड़ता ही है, पर कई बार ऑटोवाले युवकों के बीच युवतियों को बैठा देते हैं. इस वजह से ऑटो में सफर के दौरान ये इनसिक्योर फील करती हैं. ऑटो में ओवरलोडिंग की वजह से किस-किस तरह की परेशानियां पैसेंजर्स को उठानी पड़ती है, आई नेक्स्ट ने किया रियलिटी चेक.

ओवरलोडिंग के बाद खुलती है ऑटो

शहर में लोकल जर्नी का सबसे सुलभ साधन ऑटो है. पैसेंजर्स भी आने-जाने के लिए ऑटो प्रिफर करते हैं, लेकिन ऑटोवालों की मनमानी अब पैसेंजर्स पर भारी पड़ रही है. कोकर स्टैंड पर खड़ी मिनी ऑटो में पीछे की सीट पर जबतक चार और आगे की सीट पर कम से कम तीन पैसेंजर नहीं बैठते हैं, ऑटो नहीं खुलती है. बीच रास्ते में पैसेंजर्स को बैठाने-उतारने का तो सिलसिला चलता ही रहता है. कई बार तो ऑटो को बीच रास्ते में रोककर पैसेंजर्स का इंतजार भी ऑटो ड्राइवर करने लगते हैं. ऐसे में कई बार पैसेंजर्स पूरा भाड़ा देने के बाद भी बीच रास्ते में ऑटो से उतरकर दूसरी गाड़ी से जाने में ही भलाई समझते हैं.

पुलिस नहीं लेती है एक्शन

ऐसा नहीं है कि मिनी ऑटो में ओवरलोडिंग से पुलिस अनजान है. पुलिस की नजरों के नीचे ऑटोवालों की मनमानी चल रही है. पुलिस के एक्शन नहीं लेने से इनका मनोबल और बढ़ गया है. इस बाबत पूछे जाने पर ऑटो ड्राइवर्स ने बताया कि बिना ओवरलोडिंग के गुजारा नहीं चलता है. ऑटो में मैक्सिमम पैसेंजर्स को बैठाना हमारी मजबूरी है. इसी कारण ऑटो के खुलने में भी लेट होता है. दूसरी ओर पैसेंजर्स का कहना है कि ऑटोवाले जबरन सीट्स से ज्यादा पैसेंजर्स बैठाते हैं. विरोध करने पर बीच रास्ते में उतर जाने की धमकी भी दे डालते हैं. ऐसे में कई बार मजबूरी में सफर पूरा करना पड़ जाता है. 

Wednesday, July 30, 2014

husband piyush telling lie in jyoti murder case

बिस्कुट कारोबारी की बहु ज्योति के अन्तिम संस्कार के अगले दिन उसके पिता शंकर लाल नागदेव मीडिया के सामने आए. उन्होंने खुलकर दामाद पीयूष के ज्योति से अनबन रहने के बारे में बताया. उन्होंने ज्योति के अन्तिम संस्कार के बाद पीयूष से बात की थी. जिसमें पीयूष उनके सवालों का जवाब नहीं दे पाया. जिससे उनका शक और बढ़ गया. उन्होंने बताया कि पीयूष किसी लड़की के चक्कर में था. वो ज्योति के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करता था. पीयूष के पिता दोनों के बीच पड़ी दरार को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वो कामयाब नहीं हुए. ज्योति ने उन्हें खुद बताया था कि पापा पीयूष को समझाते है, लेकिन उन्होंने लड़की से बात करना बन्द नहीं किया. आईजी से बातचीत के बाद उन्होंने पुलिस की जांच पर भरोसा जताया. साथ ही पीयूष के बचाव में सियासी रसूख से दबाव बनाने पर सीबीआई जांच कराने तक की बात भी कही. उन्होंने यह दावा भी किया कि अगर जरूरत पड़ी तो मेरे पास भी पीयूष के खिलाफ काफी सबूत हैं जिन्हें पुलिस को सौंप सकता हूं.

परिजनों को भी पीयूष की करतूत के बारे में पता था.

ज्योति के पिता ने पीयूष के पापा ओम प्रकाश को उसकी हरकतों के बारे में बताया था. जिसके बाद से सभी लोग उसकी गलत हरकत के बारे में जान गए थे. हालांकि ओम प्रकाश ने इससे साफ इन्कार कर दिया है. उन्होंने अपने बेटे के किसी लड़की से संबंध होने की बात से इन्कार किया है.

दर्जा प्राप्त मंत्री जांच को प्रभावित कर रहे

ज्योति के पिता शंकरलाल नागदेव ने पीयूष पक्ष की ओर से घटना के बाद से अंतिम संस्कार तक साथ रहे दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सुखराम सिंह यादव को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने जांच में पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया. साथ ही यह भी कहा कि पीयूष के पिता के पार्टनर के बेटे की शादी मैनपुरी में हुई है. वह मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्य की तरह है.

रेस्टोरेंट से कुछ ही दूरी पर हुआ था कत्ल

बिस्कुट कारोबारी की बहु ज्योति का कत्ल पनकी में नहीं हुआ था, बल्कि रेस्टोरेंट के बाहर निकलने के छोड़ी देर बाद कार में उसका कत्ल कर दिया गया था. रेस्टोरेंट के आगे कुछ दूरी पर कातिल ने उसको बहाने से कार की बैक सीट पर बैठाया. जिसके बाद उसने चाकू से उस पर ताबड़तोड़ वार किए. ज्योति के बचने की कोशिश की, लेकिन कातिल ने उसको काबू में करने के लिए लगातार चेहरे पर वार किए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कत्ल भले ही एक व्यक्ति ने किया हो लेकिन वहां और भी लोग मौजूद थे. जिन्होंने लाश और कार दोनों को पनकी पहुंचाया.

आखिरी दम तक पीयूष को बचाने की कोशिश

ज्योति के पिता ने पहले ही एक दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री पर पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था. इसके अलावा कई रसूखदार व्यापारियों से लेकर नेता भी बंगले पहुंचे थे. वहीं मंगलवार को भी जब पुलिस पीयूष को हिरासत में लेने बंगले पर पहुंची तो शहर के रसूखदार व्यापारी मलिक विजय कपूर भी वहां पहुंच गए. वो पीयूष के बंगले से निकलते समय से लेकर वह स्वरुप नगर थाने में भी काफी समय तक रहे. एक बार तो उन्होंने पीयूष से पूछताछ के दौरान अंदर जाने की भी कोशिश की लेकिन उन्हें रोक दिया गया.

प्रेमिका कर रही थी कोऑर्डिनेट

आईजी आशुतोष पांडेय ने बताया कि पीयूष और उसकी प्रेमिका के बीच लगातार रेस्ट्ररां में हत्या के पहले और बाद में मैसेजिंग व बातचीत हुई. अगर वारदात में कई लोग शामिल थे. तो क्या प्रेमिका उन लोगों से कोआर्डिनेट कर रही थी. आईजी ने इस ओर इशारा करते हुए कहा कि पीयूष के इन लोगों से बातचीत का रिकार्ड नहीं मिला है इससे संभावना बनती है कि प्रेमिका ने वारदात में शामिल दूसरे लोगों के साथ कोआर्डिनेट किया हो.

दूसरे दिन की टाइम लाइन

सुबह क्0.क्भ् बजे - ज्योति के पिता शंकर लाल ने पीयूष पर आरोप लगाया.

क्ख्.फ्0 बजे- पीयूष और उसके परिवार वाले अपने बचाव में आते हुए मीडिया से मुखातिब हुए

क्.ब्भ् बजे- सीओ स्वरुप नगर और एसओ ज्योति के मां-बाप के बयान लेने पहुंचे

ख् बजे- पीयूष के परिजन भी ज्योति के मां- बाप से मिलने पहुंच गए

ख्.भ्भ् बजे- ज्योति के मां- बाप के बयान के बाद पुलिस अधिकारी पीयूष को हिरासत में लेने के लिए बढ़े लेकिन वापस लौट गए

फ्.क्0 बजे- सीओ और एसओ दोनों अपने सरकारी वाहनों से पीयूष के बंगले हिरासत में लेने पहुंचे

फ्.ब्भ् बजे- पीयूष को हिरासत में लेकर स्वरुपनगर सीओ के ऑफिस में पूछताछ शुरु

म् बजे- पीयूष की प्रेमिका को पुलिस ने हिरासत में लिया

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वेलडन, आईजी साहब..

ऑफिसर के जिगर में दम हो और दिमाग में धार तो फिर न तो कोई कातिल बच सकता है और न ही सत्ता का दबाव सच्चाई को छिपवा सकता है. कानपुर जोन के आईजी आशुतोष पाण्डेय ने ज्योति मर्डर केस का खुलासा करके शहर की पुलिस को ही आईना दिखा दिया है. पिछले कई केस में किरकिरी करा चुकी पुलिस को आईजी ने दिखाया कि केस सॉल्व कैसे किया जाता है.

चाहे लालित्यम साड़ीज के ओनर के मर्डर का मामला हो या फिर सपा नेता की पत्नी की हत्या का मामला हो. इन दोनों केसेज में शहर पुलिस की अपराधी को पकड़ने के बजाए उसे बचाते हुए कमजोर मोहरे को आरोपी बनाते हुए नजर आई. पर ज्योति मर्डर केस में ऐसा नहीं हुआ क्योंकि कमान खुड आईजी ने संभाल ली थी. ज्योति के पिता ने बताया कि उनके कानपुर पहुंचने से पहले इलाहाबाद में ही उनके पास आईजी का फोन पहुंच गया था और वो तब से लगातार उनके सम्पर्क में थे. आरोपी पीयूष के परिवार के शहर के रसूखदार लोगों से सम्बन्ध हैं और सत्ता का पूरा दबाव को पीयूष बचाने के लिए लगा दिया गया. लेकिन आईजी नहीं झुके .वेलडन, आईजी साहब.

In city celibrate eid celibration happly

दुआओं में उठे हजारों हाथ. सजदे में झुके सिर, खुतबा पढ़कर सबकी भलाई की दुआ करते नमाजी. गिले शिकवे भुलाकर एक दूसरे को बधाई देते लोग. ट्यूजडे को ईद के मौके पर शहर में कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला. सुबह होते ही शहर की सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में नमाज अदा करने का दौर शुरू हो गया. एक दूसरे को ईदी देने के बाद रिश्तेदारों और फ्रेंड्स ने जमकर मौज मस्ती की. आला हजरत पर आखिरी नमाज होने के बाद लोगों ने सिनेमा हॉल पहुंचकर 'किक' मूवी को एंज्वॉय किया.

मस्जिदों में उमड़े नमाजी

इस मौके पर नए कपड़ों पर इत्र लगाकर नमाजी मस्जिदों में पहुंचकर नमाज अदा की. बाकरगंज स्थित ईदगाह मस्जिद में हजारों की तादाद में नमाजियों ने भारी सुरक्षा घेरों के बीच नमाज अदा की. यहां पर दरगाह आला हजरत के मुफ्ती अख्तर रजा खां उर्फ अजहरी मियां ने नमाज अदा करावाई. साथ ही खुतबा पढ़ाकर देश में अमन और शांति की दुआ मांगी. इस दौरान डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी, मेयर, नगर आयुक्त, पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन समेत पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और राजनेता मौजूद रहे.

फैमिली में चला बधाइयों का दौर

लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी. इस मौके पर घरों में तरह तरह के पकवान बनाए गए थे. इसमें सेवइयां, खीर, दही भल्ला, चिकन, फेनी व ड्राईफ्रूट्स का लोगों खूब लुत्फ उठाया. निकाह के बाद बेटियों के घर भी ईदी पहुंचाने के लिए लोग पहुंचे. शाम ढलने के साथ ही शहर के कुतुखाना, सिविल लाइंस व अन्य मार्केट में लोगों ने फैमिली संग एंज्वॉय किया.

थिएटर रहे हाउसफुल

एक दूसरे को बधाई देने के बाद यूथ ने ऑउटिंग का प्लान बना लिया. हाल ही में रिलीज मूवी किक देखने के लिए सिनेमा हॉल में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. हर शो हाउसफुल रहा. थिएटर्स मैनेजर असीम कक्कड़ ने बताया कि लोगों ने एडवांस टिकट बुक कराए थे. वहीं कुछ लोगों को टिकट ना मिलने से उन्हें वापस लौटना पड़ा. इस मौके पर थिएटर्स ने करीब आठ से क्0 लाख रुपए तक का बिजनेस किया.

हर हरकत पर थी पैनी नजर

ईद के दौरान चप्पे चप्पे पर पुलिस और फोर्स के जवान तैनात रहे. सीनियर पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी हालात पर नजर बनाए हुए थे. लोकल पुलिस, पीएसी, आरएएफ के साथ पुलिस की स्पेशल विंग व सिविल डिफेंस की टीमें भी तैनात रहीं. पुलिसकर्मियों के साथ मजिस्ट्रेट भी मौका मुआयना कर रहे थे. जैसे ही मस्जिदों में शांतिपूर्ण तरीके से नमाज का सिलसिला थमा, पुलिस प्रशासन ने चैन की सांस ली. वहीं सामाजिक संस्था कल्याणी की ओर से ईद मिलन का प्रोग्राम आयोजित किया गया.

शहर की सभी मस्जिदों में अलग अलग समय पर ईद की नमाज अदा की गई. शांतिपूर्ण तरीके से प्रेम भाईचारे का पैगाम देकर रमजान का पाक माह बीत गया.

- नासिर कुरैशी, मीडिया प्रभारी, दरगाह आला हजरत कमेटी

नमाज अदा करने के बाद लोगों ने एक दूसरे को बधाइयां दीं. दोस्तों संग ऑउटिंग का प्लान बनाया था. दोपहर करीब तीन बजे हम सबने किक मूवी देखी.

- शकीर, स्टूडेंट

कल रात से ही हम लोग मस्ती कर रहे हैं. ईद के मौके पर हिल्स एरिया का टूर प्लान बनाया है. दो से तीन दिन वहां हमलोग खूब मजे करेंगे.

- इसरार खां, स्टूडेंट

ईद के दिन घर में सेवइयां और खीर समेत खाने के कई लजीज आइटम बने थे. वहीं रिलेटिव्स के घर पहुंचकर हम लोगों ने मुबारकबाद दी.

- भूरा, स्टूडेंट

किक मूवी देखने का प्लान बनाया था, लेकिन टिकट की एडवांस बुकिंग होने के कारण मूवी नहीं देख पाया. अब हमलोग डीवीडी पर मूवी को एंज्वॉय करेंगे.

- साकिर, स्टूडेंट

नमाज अपने मोहल्ले की मस्जिद में सुबह सात बजे ही अदा की थी. इसके बाद से ऑउटिंग का मजा ले रहे हैं. किक मूवी का टिकट नहीं मिला तो दूसरी मूवी देखनी पड़ी.

- हामिद

EID mubarak


ताजमहल में मांगी अमन चैन की दुआ

 ट्यूजडे को ईद-उल-फितर के मौके पर ताजमहल में नमाज अता कर देश में अमन चैन की दुआ मांगी गई. ताजमहल मस्जिद इंतजामियां कमेटी के सदर सैयद इब्राहीम हुसैन जैदी ने कहा कि ताजमहल प्रेम का प्रतीक है. इसके साए में हजारों लोगों ने अल्ला से अमन और चैन की दुआ मांगी है.



Source: Agra City News

Student leader celebrated vc resignation

 कुलपति के इस्तीफे की खुशी में छात्रों ने छात्रसंघ भवन पर शहीद लाल पद्मधर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करके खुशी मनाई. जिसमें अमरेन्दु सिंह, श्याम प्रकाश पांडेय, अम्बुज मिश्रा, चन्द्रजीत यादव, शेष नारायण ओझा, रजनीश सिंह, दीप सिंह, राघवेन्द्र यादव आदि शामिल रहे.

ये तो मझधार में ही फंसे रह गए

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज कर्मचारी यूनियन की हड़ताल ट्यूजडे को भी जारी रही. इस दौरान हड़ताली कर्मचारी वीसी के अचानक इस्तीफा देने के बाद सकते में दिखे और अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए पशोपेश में पड़े रहे. कर्मचारियों ने सांसद केशन प्रसाद मौर्य से मिलकर उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करवाया. जिसमें कानन दास गुप्ता, अम्बरीश लाल गौड़, केके घोष आदि शामिल रहे. 

Teachers portest

पिछले कई दिनों से गवर्नमेंट की अनदेखी से नाराज चल रहे कॉंन्ट्रेक्टेड पॉलिटेक्निक टीचर्स ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है. टीचर्स ने कहा कि लंबे समय से चल रहे उनके आंदोलन को लेकर गवर्नमेंट गंभीर रुख नहीं अपना रही है. टीचर्स ने मांगों को लेकर गवर्नमेंट द्वारा जल्द निस्तारण न होने पर उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.

पांच सूत्रीय मांगों धरने पर बैठे

पॉलिटेक्निक कॉंन्ट्रेक्टेड टीचर्स ने ट्यूजडे को आमरण अनशन स्टार्ट कर दिया है. गवर्नमेंट की अनदेखी से नाराज चल रहे टीचर्स में से आहत पूनम रावत, जगदीश सिंह नेगी, संदीप उनियाल, मनीष भट्ट और विद्या नेगी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. आंदोलनकारी टीचर्स ने कहा कि गवर्नमेंट मांगों को लेकर सीरियस नहीं है, इसी कारण उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है. सोसायटी के स्टेट प्रेसीडेंट सर्वेश चौधरी के मुताबिक क्म् जुलाई से नया सेशन स्टार्ट हो चुका है, स्टूडेंट्स की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. लेकिन, इसके बावजूद भी गवर्नमेंट संजीदा रुख नही अपना रही है. प्रदर्शन करने वालों में खगेंद्र अवस्थी, संदीप गुसाई, संदीप घुनियाल, पूरन सिंह राणा, श्वेता, पूनम रावत, दिव्या नेगी, शीतल, महेश, महेश पाल, सुमित, सुभाष पाल, धीरेंद्र कुमार, दीपक आदि टीचर्स मौजूद रहे.

यह हैं पांच सूत्रीय मांग

- चार सालों के लिए स्वत: सेवा विस्तार करना

- लोक सेवा आयोग/समूह ग के दायरे से बाहर करना

- संविदा व्याख्याताओं का मानदेय फ्भ् हजार व संविदा कर्मशाला अनुदेशकों/कंप्यूटर प्रो का मानदेय ख्भ् हजार रुपए करना

- आयोग के दायरे से बाहर किए गए ब्क्ख् पदों पर कार्यरत कॉन्ट्रेक्टेड टीचर्स को नियुक्ति देने

- महिला टीचर्स को प्रेग्नेंसी के वक्त छुट्टी दिए जाने और क्क् महीने की सैलेरी के साथ ही क्ख् इमरजेंसी लीव देने की मांग.

Source: Dehradun Local News

No one care about market

मैं हूं यूपी की दूसरी सबसे बड़ी गल्ले की मंडी साहबगंज. मेरे पास डेली भ् हजार ट्रेडर्स अपने एरिया की जरूरतों के सामान को लेने के लिए पहुंचते हैं, वहीं इतने ही लोकल बाशिंदे भी यहां पर अपनी जरूरत के साजो-सामान लेने के लिए पहुंचते हैं. ख्00 साल से लोगों का पेट भर रही हूं, मगर आज मेरे हालात ही तंग हैं. मेरे पास आने वालों की तादाद तो काफी ज्यादा है, लेकिन मेरी हालत पर किसी का ध्यान नहीं है. यहां के प्रशासन की अनदेखी की वजह से यहां पर कोई भी पार्किंग की जगह नहीं है. इसकी वजह से यहां आने वालों को न सिर्फ जाम के झाम से जूझना पड़ता है, बल्कि अपनी गाड़ी या कनवेंस के गायब होने का डर उन्हें हर पल सताता रहता है. गीता प्रेस से लेकर चौरहिया गोला तक फैली इस मंडी में जरूरत के हर सामान मिल जाते हैं. यहां के दुकानदारों को भी मेरा ख्याल नहीं है. अपनी सेल बढ़ाने के लिए वह सड़क तक दुकान के सामान सजा देते हैं, जिसकी वजह से रास्ते सकरे हो जाते हैं और पार्किंग न होने की वजह से सड़क पर गाडि़यां भी खड़ी रहती है. जिसकी वजह से घंटो सताने वाला जाम लग ही जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं यहां के कुछ व्यापारी अब दिन और रात नहीं देखते, पहले जहां रात में माल की लोडिंग और अनलोडिंग आसानी से हो जाती थी और लोगों को जाम से जूझना नहीं पड़ता था, अब उसकी कोई टाइम लिमिट नहीं है. हर वक्त मार्केट में लोडिंग और अनलोडिंग हुआ करती है, जिसकी वजह से जाम की कंडीशन और भी खतरनाक हो जाती है. बुनियादी सुविधाओं की बात करें तो न तो पब्लिक टॉयलेट है और न ही पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था, अब थोक व्यापारियों का करम हो जाए तो प्यास बुझ जाती है. सफाई व्यवस्था बेहद खराब है, जिसकी वजह से हल्की सी बरसात में यहां लबालब पानी भर जाता है. जिसकी वजह से बिजनेस पर भी काफी इफेक्ट पड़ता है.

फैक्ट फाइल -

नाम - साहबगंज मार्केट

मार्केट - गल्लामंडी

रजिस्टर्ड शॉप की तादाद - मोर देन क्000 रिटेल एंड होलसेल

डेली बिजनेस - क्0 से क्भ् करोड़

टोटल टर्नअप पीपुल - भ्000 व्यापारी

यहां से आते हैं लोग - बिहार, नेपाल, महराजगंज, बस्ती, देवरिया और आसपास

कहां तक है सीमा - गीता प्रेस से लेकर चौरहिया गोला तक

प्रॉब्लम्स -

- जाम स्टार्टिग से ही इस मार्केट की सबसे बड़ी प्रॉब्लम रही है.

- सिक्योरिटी की कोई फैसिलिटी नहीं, यहां पर कभी सिक्योरिटी के लिहाज से पुलिस भी गश्त नहीं करती.

- चौरहिया गोला से लेकर लालडिग्गी तक पार्किंग के लिए कोई फैसिलिटी नहीं

- पीने का पानी भी एक बड़ी प्रॉब्लम हैं, एक दो सरकारी नल हैं लेकिन पीने लायक पानी नहीं आता है.

- कहीं पर भी पब्लिक टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है.

- सड़क पर दुकानदारों ने ही एनक्रोचमेंट कर रखा है, सड़क पर चलना दूभर हो जाता है.

- बरसात के दिनों में यहां कीचड़ हो जाता है, हल्की सी ही बरसात में वॉटर लॉगिंग हो जाती है.

- सफाई होती नहीं जिसकी वजह से नालियां अक्सर जाम ही रहती हैं.

साहबगंज मंडी कानपुर के बाद प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है, जोकि ख्00 साल पुरानी है. पहले यहां पर दलहन, तिलहन, मुंगफली का बड़े पैमाने पर कारोबार होता था. क्880 से यहां केरोसीन का व्यापार शुरु हुआ. यहां पर तेल बर्मा से आयात होता था. किराना मंडी क्970 से स्टेब्लिश हुई है.

- सीताराम जायसवाल, अध्यक्ष, किराना मंडी एसोसिएशन

साहबगंज में अगर सफाई दुरुस्त हो जाए, तो काफी प्रॉब्लम दूर हो जाए. इसकी वजह से ही सबसे बड़ी वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है.

- मदन लाल, थोक व्यापारी

यहां पर सबसे बड़ी प्रॉब्लम जाम की है. पहले रात के वक्त सामान की लोडिंग और अनलोडिंग होती थी, जिसकी वजह से जाम नहीं लगता था, मगर अब दिन में हर वक्त लोडिंग और अनलोडिंग हुआ करती है, जिसकी वजह से जाम हो जाता है.

- आनंद अग्रवाल, थोक व्यापारी

यहां पर आने का मतलब कई घंटे लेकर आना है. जाम की वजह से यहां पर थोड़ी दूरी तय करने में काफी वक्त लग जाता है. सड़क पर लगी दुकानें जाम की अहम वजह है.

- रामचंदर, सोनबरसा बाजार, रिटेलर

यहां पर गाड़ी खड़ी करने के लिए कोई परमनेंट व्यवस्था नहीं है. जो भी आता है सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर देता है, जिसकी वजह से यहां जाम की प्रॉब्लम है. इसके दूर करने के लिए नगर निगम को कोई परमनेंट व्यवस्था कर देनी चाहिए.

- संतोष कुमार गुप्ता, बेलवार, रिटेलर

यहां पर वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम काफी पुरानी है. हल्की सी बारिश में ही वॉटर लॉगिंग हो जाती है. इसके लिए नगर निगम की सफाई व्यवस्था जिम्मेदार है, नगर निगम को इसके लिए सोचना होगा.

राजकुमार, हरनही, रिटेलर

काफी अरसे से यहां बरसात के बाद प्रॉब्लम क्रिएट हो जाती है. बरसात के ठीक बाद घंटो वॉटर लॉगिंग रहती है. वहीं वॉटर लॉगिंग जब खत्म होती है तो वहां पूरी सड़क पर कीचड़ फैला रहता है. नगर निगम को इसके लिए कोई परमनेंट व्यवस्था करनी चाहिए.

- दिलशाद अहमद, रिटेलर

साहबगंज में एक दो नहीं बल्कि प्रॉब्लम का अंबार है. वॉटर लॉगिंग, पार्किंग, एनक्रोचमेंट के साथ ही यहां पर कई बड़ी प्रॉब्लम हैं, जिसपर ध्यान देना बहुत जरूरी है.

- सुशील जालान, कस्टमर

सॉल्युशन -

- यहां पार्किंग की फैसिलिटी प्रोवाइड कर दी जाए तो जाम की प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सकता है.

- बड़े व्हीकल का प्रवेश दिन में बंद कर दें तो भी प्रॉब्लम नहीं होगी.

- शॉपकीपर्स को चाहिए कि वह सामान की लोडिंग और अनलोडिंग रात में कराएं.

- नगर निगम रेग्युलर साफ-सफाई की व्यवस्था करे.

JRD tata birth anniversary celebrated in jamshedpur

टाटा स्टील ने जेआरडी टाटा की 110वीं बर्थ एनिवर्सरी सेलीब्रेट की. इसके तहत ट्यूजडे को सिटी में विभिन्न प्रोग्राम का आयोजन किया गया. इसके तहत लोगों ने सबसे ज्यादा सोनारी एयरपोर्ट पर आयोजित एयरो मॉडलिंग शो को इंजॉय किया. इस दौरान एयरक्रॉफ्ट एग्जीविशन का भी आयोजन किया गया. इसमें लोगों को पुराने एयरक्रॉफ्ट मॉडल भी देखने को मिले. प्रोग्राम का इनॉगरेशन टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेन्द्र की वाइफ रुचि नरेंद्रन ने किया. उन्होंने कहा कि जेआरडी टाटा ने आजादी के पहले भारत में सिविल एविएशन सर्विस और आजादी के बाद एयर इंडिया इंटरनेशनल सर्विस की शुरुआत की थी. वे एयर इंडिया के चेयरमैन भी रहे. रुचि नरेंद्रन ने कहा कि उनकी याद में ही यह प्रोग्राम आयोजित किया गया है.

उड़ाए मिनी एयरक्रॉफ्ट

सोनारी एयरपोर्ट पर एयरो मॉडलिंग शो में आम लोगों के साथ ही स्कूल के बच्चों ने खूब मजा लिए. इस दौरान 14 मिनी एयरक्राफ्ट उड़ाए गए. छोटे-छोटे मानवरहित एयरक्रॉफ्ट को हवा में उड़ते देख बच्चों के साथ बड़ों ने भी खूब एंज्वॉय किया.

किया प्लेन का दीदार

सोनारी एयरपोर्ट पर लगे एयरक्रॉफ्ट एग्जीविशन में भी काफी लोगों ने विजिट किया. ट्यूजडे को एयरपोर्ट पर भारी भीड़ जुटी थी. एग्जीविशन में डिफरेंट मॉडल के 8 प्लेन रखे गए थे. इस एग्जीविशन में लोगों को पुष्पक विमान का दीदार करने का भी मौका मिला. इसके अलावा एग्जीविशन में किंग एयर, बी 200 जीटी, पीसी 21, पाइपर तनेक तथा सेसना-172 भी शामिल थे.

जेआरडी की जीवनी पर लगी प्रदर्शनी

इसके अलावा सोनारी एयरपोर्ट पर जेआरडी टाटा की जीवनी पर भी प्रदर्शनी भी लगाई गई थी. इसके जरिए लोग जेआरडी टाटा की जीवनी से रू-ब-रू हुए. मौके पर जुस्को ने सोनारी एयरपोर्ट पर लोगों को प्लास्टिक के प्रति अवेयर करने को लेकर नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किया. इसके जरिए सिटी को नो प्लास्टिक जोन में तब्दील करने की जरूरत और उसके उपाय की जानकारी दी गई.

ओपन रन का आयोजन

मौके पर ओपन रन का भी आयोजन किया गया. इसके तहत पुरुषों के लिए 10 किलोमीटर और महिलाओं के लिए पांच किलोमीटर के ओपन रन में 500 से ज्यादा लोग शामिल हुए. ओपन रन को टाटा स्टील के चीफ (कॉरपोरेट सर्विसेज) ऋतुराज सिन्हा और कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के सीनियर मैनेजर अशोक घोष ने फ्लैग ऑफ किया. ओपन रन के बाद रुचि नरेंद्रन ने विनर्स के बीच प्राइज डिस्ट्रिब्यूट किया. इस मौके पर प्रिय रंजन प्रसाद, चा‌र्ल्स ब्रोमियो, बगीचा सिंह, सतनाम सिंह, राजीव मिश्रा, आरके सिंह सहित अन्य प्रेजेंट थे. 

Third monday of saawan

 भगवान भोलेनाथ को प्रिय सावन के तीसरे सोमवार को बाबा दरबार में कांवरियों का रेला उमड़ा. नतीजतन काशी का कोना-कोना हर हर महादेव, बोल बम, बोल बम के उद्घोष से गूंजता रहा. कांवरियों के अलावा बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई. बम-भोले का उद्घोष करते हुए शिवभक्त आगे बढ़ते जा रहे थे. शहर के दूसरे शिवालय महामृत्युंजय महादेव, केदारेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, रामेश्वरम महादेव में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. कैथी स्थित मारकण्डेय महादेव में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मत्था टेका.

पिछली रात से ही लगी थी कतार

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए रविवार की रात से ही लाइन लग गई थी. झूमते, गाते कांवरियों का रेला रात में ही बनारस पहुंचने लगा था. हर बार की तरह इस बार भी छत्ताद्वार से ही मंदिर में एंट्री दी जा रही थी. श्रद्धालुओं की कतार गोदौलिया से आगे लक्सा तक लगी दिखी. बाबा को बिना रुके अपनी श्रद्धा समर्पित करने का संकल्प लेने वाले डाकबमों ने भी बड़ी संख्या में काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंच कर बाबा का जलाभिषेक किया. 

Bansal institute threating his student

यूपीटीयू की नाक के नीचे स्टूडेंट्स से अवैध वसूली का खेल सिटी में जोरों से चल रहा है. मंडे को सिटी के बंसल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां इस साल बीटेक फ‌र्स्ट इयर में एडमिशन लेने वाले एक स्टूडेंट ने फीस वापसी की मांग की तो कॉलेज प्रशासन ने उसे धमकी देते हुए वहां से भगा दिया.

मांगी फीस वापस

स्टूडेंट का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उस से अधिक फीस वसूल की है. जबकि, इसी कोर्स के लिए दूसरे कॉलेज में इसे कम फीस ली जा रही है. ऐसे में वह अपनी जमा फीस वापस लेने और एडमिशन कैंसिल करने की मांग की. इस पर कॉलेज प्रशासन उस पर भड़क गया है और उसे कॉलेज से भगा दिया.

सीटें भरने का चल रहा है खेल

यूपीटीयू ने अपनी नाकामी छुपाने और कॉलेजों की खाली सीटें भरने के लिए प्राइवेट कॉलेजों को खुद ही सीटें भरने का मौका दिया है. इसका फायदा उठाकर कॉलेज प्रशासन मनमाने तरीके से अपनी फीस वसूली कर एडमिशन दे रहे हैं. बंसल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में सामने आया मामले इसी का एक सबूत है. फीस वापसी न करना हो और स्टूडेंट हाथ से न निकल जाए. इसे रोकने के लिए कॉलेज प्रशासन किसी भी हद तक जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि पहले स्टूडेंट को एडमिशन कैंसिल न करने दबाव बनाया. पर बाद में जब स्टूडेंट नहीं माना तो उसे धमकी देते हुए बाद में देख लेने की धमकी तक दी है. हालांकि, स्टूडेंट की ओर से अभी तक इस मामले की कोई भी सूचना पुलिस को नहीं दी गई है.

पैरेंट्स के आने पर मिलेगी फीस

बंसल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर एसके अग्रवाल ने बताया कि मंडे को एक स्टूडेंट अपना एडमिशन कैंसिल कर फीस वापस करने की मांग कर रहा था. हमने उसे पहले काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन स्टूडेंट के साथ आए एडमिशन कराने वाले माफियाओं ने फीस वापस की बात को लेकर अड़ गए. इस पर उनसे थोड़ी बहस भी हुई. उन्होंने बताया कि एडमिशन माफियाओं ने उसे कम फीस में दूसरे अच्छे कॉलेज में एडमिशन दिलाने का लालच दिया है. एसके अग्रवाल ने बताया कि हमने स्टूडेंट को वापस भेज दिया है फीस वापस करने के लिए पेरेंट्स के साथ आने के लिए कहा है. अगर पेरेंट्स कहेंगे तो उसकी फीस वापस कर दी जाएगी.

UGC will provide scholarship for single girl child

ऐसे पेरेंट्स जिनकी एक बेटी है और वे उसको आगे बढ़ाना चाहते हैं. उसके लिए हायर एजूकेशन चाहते हैं, अब ऐसे पेरेंट्स को अपनी बेटी की पढ़ाई की चिंता से मुक्त हो जाना चाहिए. उनकी इस इकलौती बेटी की पढ़ाई की जिम्मेदारी यूजीसी उठाने जा रही है. जिसके लिए यूजीसी ने स्कॉलरशिप की व्यवस्था की है. जिस पैसे से वह अपनी शिक्षा पूरी कर सकती है. इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं. जो यूजीसी की वेबसाइट पर किए जा सकते हैं.

यह है सीन

जिन पेरेंट्स की केवल एक संतान है और वह भी बेटी है, तो ऐसे पेरेंट्स के लिए यूजीसी ने राहत देने का इंतजाम कर दिया है. ऐसे पैरेंट्स अपनी इस बेटी को हायर एजूकेशन आसानी से करा सकते हैं. अपनी इस इकलौती बेटी को पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई बिना किसी दिक्कत के करा सकते हैं. जिसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) स्कॉलरशिप प्रदान कर रही है. जिसके लिए आवेदन करना होगा और स्कालरशिप के लिए चुने जाने पर छात्रा को दो हजार रुपए प्रति महीने स्कॉलरशिप दी जाएगी.

ऐसे करें आवेदन

यह स्कॉलरशिप स्टूडेंट्स को दो साल तक के कोर्स के लिए मिलेगी. जिसके लिए यूजीसी ने क्भ् सितंबर तक आवेदन मांगे हैं. यूजीसी ने इस स्कॉलरशिप की व्यवस्था प्रोफेशनल पीजी कोर्स के साथ अन्य पीजी कोर्स के लिए भी की है. यह स्कॉलरशिप व्यवस्था यूजीसी ने इंदिरा गांधी पीजी स्कालरशिप फार सिंगल गर्ल ख्0क्ब्-क्भ् के तहत शुरू की है. इस स्कालरशिप में ऐसी ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स भागीदारी कर सकती हैं जो पीजी कोर्स में प्रवेश लेना चाहती हैं. केवल वही स्टूडेंट्स इस स्कॉलरशिप के लिए मान्य होंगी जिनका कोई भाई बहन नहीं है.

हर महीने दो हजार

स्कालरशिप के लिए आवेदन करने के बाद चयनित स्टूडेंट्स को हर महीने दो हजार रुपए मिलते हैं. एक साल में यह स्कॉलरशिप दस महीने के लिए मिलेगी और दो साल में बीस महीने तक स्कालरशिप मिलेगी. पहले साल की ग्रांट मिलने के बाद उसके उपयोग का भी प्रमाणपत्र देना पड़ता है. उसके बाद दूसरे साल की ग्रांट मंजूर होती है. इस स्कालरशिप के लिए छात्रा को पीजी फ‌र्स्ट ईयर में एडमिशन के प्रमाणपत्र के साथ पचास रुपए का एफिडेविट देना होता है. इसके लिए यूजीसी की वेबसाइट ख्ख्ख्.ह्वद्दष्.ड्डष्.द्बठ्ठ पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

ये है बाध्यता

- एक या दो वर्ष का पीजी रेगुलर कोर्स होना चाहिए.

- पीजी फ‌र्स्ट ईयर में एडमिशन के टाइम ऐज फ्0 साल के अंदर हो.

- लड़की अपने माता पिता की अकेली संतान हो.

- स्कॉलरशिप रेगुलर रखने के लिए पीजी फ‌र्स्ट ईयर में म्0 फीसदी नंबर होने चाहिएं.

-पीजी में प्रवेश करने वाला कालेज या यूनिवर्सिटी मान्यता प्राप्त होने चाहिएं. 

Aurangabad bus accident

औरंगाबाद जिले के मुफ्फसिल थाना के जीटी रोड स्थित शिवम पेट्रोल पंप के पास मंगलवार सुबह देवघर से रोहतास लौट रही खड़ी बस में कंटेनर ने पीछे से टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि सड़क पर आराम फरमा रहे एवं बस पर सवार 8 कांवरियों की मौत हो गई. दो कांवरियों ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया. बस पर सवार फ्भ् कांवरिये घायल हो गए. गंभीर रूप से घायल क्7 कांवरियों को बेहतर इलाज हेतु गया मेडिकल कॉलेज एवं बीएचयू वाराणसी भेजा गया है. घटना के विरोध में डेहरी की विधायक रश्मि जोशी एवं पूर्व विधायक प्रदीप जोशी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जीटी रोड जाम कर प्रदर्शन किया. दोनों घटनास्थल पर सीएम को बुलाने की मांग कर रहे थे. जीटी रोड करीब पांच घंटे जाम रहा.

देवघर में जल चढ़ाकर लौट रहे थे

बताया जाता है कि पूर्व विधायक प्रदीप जोशी ने अकोढ़ीगोला एवं नोखा प्रखंड के गांवों से ग्रामीणों को देवघर दर्शन के लिए भेजा था. देवघर में जल चढ़ाकर राजगीर, बोधगया होते हुए लोग वापस लौट रहे थे. जीटी रोड पर बस चालक ने वाहन को रोक दिया. बस पर सवार कांवरिये सड़क पर उतरकर आराम फरमा रहे थे कि पीछे से कंटेनर ने करीब ख्.ब्0 बजे सुबह टक्कर मार दी. जीटी रोड जाम किए ग्रामीणों को डीएम नवीनचंद्र झा, एसपी उपेंद्र कुमार शर्मा, एसडीपीओ अजय नारायण यादव एवं एसडीओ भीम प्रसाद ने समझाकर जाम हटाया. जाम हटाने के दौरान पुलिस से पूर्व विधायक प्रदीप जोशी की झड़प हुई. ग्रामीणों एवं पुलिस के बीच रोड़े चले परंतु कोई घायल नहीं हुआ. बाद में डीएम ने मामला शांत कराया. डीएम ने मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के सचिव से बात कर मृतक के परिजनों को ख्.भ्0 लाख एवं गंभीर रूप से घायलों को भ्0 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की.

मृतकों की लिस्ट

मृतकों में रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला के मुडि़यार गांव निवासी नरसिंह चंद्रवंशी (म्0), गणेश साव की पत्‍‌नी मंजू देवी (फ्भ्), राजकुमार शर्मा की पत्नी कलावती देवी (भ्भ्), श्यामबिहारी प्रजापति (ख्8), दशरथ बारी (फ्भ्), मंटू पासवान (ख्8), मिर्जा देवी (ब्0), दीपक कुमार (ख्ख्), मीरजगंज के गोर्वधन ठाकुर की पत्नी संजू देवी (ब्0) एवं दिनारा के दैदहा गांव निवासी सुदामा प्रसाद गुप्ता की पत्नी रंजू देवी (फ्भ्) शामिल हैं.

Tension at silagai villege of chanho thana area

अमर शहीद वीर बुधू भगत और अंग्रेजों के खिलाफ लरका विद्रोह की जन्मस्थली चान्हों थाना क्षेत्र के सिलागांई गांव में ईदगाह की जमीन को लेकर दो गुटों के हिंसक झड़प में जल गया. मंगलवार को ईद का नमाज अदा करने को लेकर दोनों गुटों में तनाव कायम हो गया. बाहरी तत्वों ने न सिर्फ गांव के घरों को तहस नहस किया, बल्कि गांव की युवतियों के साथ छेड़खानी व इज्जत भी लूटने की कोशिश की. स्थिति को नियंत्रण करने के लिए ग्रामीण एसपी सुरेंद्र कुमार झा, खलारी डीएसपी प्रेम किशोर समेत कई पुलिस पदाधिकारी गांव पहुंचे. उनलोगों ने दोनों पक्षों के लोगों को समझाने बुझाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी नहीं सुनीं. नमाज अदा करने के बाद उग्र लोगों ने सिलागांई गांव में जमीन पर नमाज अदा नहीं करने देने पर हरवे हथियार से हमला कर दिया, जिसमें सिलागाई गांव के दशरथ उरांव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए.

पुलिस ने की हवाई फायरिंग

नमाज पढ़ने के दौरान दो गुट के बीच मंगलवार को तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. स्थिति नियंत्रण करने के लिए पहुंची पुलिस की टीम को हवाई फायरिंग करनी पड़ी. हवाई फायरिंग करने के बाद भीड़ उग्र हो गई. भीड़ ने मौके पर मौजूद खलारी डीएसपी राधा प्रेम किशोर को भी निशाना बनाया, जिससे उनके सिर में चोट लगी है. भीड़ ने उनके बॉडीगार्ड को भी जख्मी कर दिया.

चार एकड़ जमीन है विवाद की जड़

सोर्सेज के अनुसार सिलादाई गांव स्थित चार एकड़ भूमि को लेकर विवाद चल रहा है. इस पर कुछ लोग कब्जा करना चाहते हैं, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि यह उनकी पुश्तैनी जमीन है. इस पर किसी का कब्जा नहीं होने देंगे. लगभग चार एकड़ जमीन इस घटना का मुख्य कारण बनी.

चान्हों सीआई ने क्यों नहीं किया निबटारा

गौरतलब है कि जमीन विवाद निबटारे को लेकर सोमवार को प्रशासन की ओर से प्रखंड मुख्यालय में बैठक बुलाई गई थी, लेकिन इसमें विवाद का कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका था. एक समुदाय के लोगों ने सड़क पर ही नमाज अदा करने की घोषणा की थी, जिसे लोगों ने स्वीकार कर लिया था. इससे पूर्व 26 जुलाई को ग्राम समिति की बैठक हुई थी. बैठक में यह फैसला लिया गया था कि गांव की सड़कों पर ही लोग नमाज अदा करेंगे. पर, ईद की सुबह वे लोग नमाज अदा करने के लिए उक्त विवादित भूमि पर जुटे थे. उन्हें नमाज अदा करने के लिए जमीन दी भी जा रही थी. ग्रामीण घर जा रहे थे. इसी क्रम में राह चलते लोगों को पीटा गया. हवाई फायरिंग की गई. लोगों ने आरोप लगाया कि चान्हों के सीआई सूबेदार राम ही इस मामले में दोषी है. उन्होंने जान बूझकर इस मामले को निबटारा नहीं किया है, जबकि यह बहुत पुराना मामला है.

प्रशासन ने रोक रखा था गांववालों को

गांव के लोगों का आरोप है कि उसे प्रशासन के लोगों ने रोक कर रखा था. उन्हें चुप रहने के लिए कहा गया था. प्रशासन ने कहा कि वे लोग इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं. इसलिए किसी ने कुछ नहीं बोला. सब लोग अपने काम में जुट गए. तभी युवकों का हुजूम ट्रकों, बाइक व अन्य वाहनों में पंडरी, बयासी, बलसुकरा, मदरसा, मसमानों, चौरेया बयासी, लापुंग, कुडू, इटकी के कई लोग वहां पहुंचे और ग्रामीणों पर हमला बोल दिया.

गांव में धारा 144, रात भर चली छापेमारी

सिलादाई गांव शांति भंग नहीं हो, इसके लिए धारा 144 लगा दिया गया है. वहीं, पुलिस ने सर्च अभियान चलाया. सर्च अभियान के दौरान गांव के बाहरी इलाके में छिपे लगभग 44 लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है. घटनास्थल पर पहुंचे डीआईजी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में ग्रामीणों की ओर से प्राथमिकी, पुलिस बल पर हमला करने पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. गांव में शांति और सौहार्द का वातावरण को जिसने भी बिगाड़ा है, उन्हें चिह्नित कर लिया गया है. पुलिस अगर चाहेगी तो इस पर प्रीवेंटिव एक्शन लिया जाएगा. 

Tuesday, July 29, 2014

Third somvar celebrations in bareilly

होठों पर भोले के जयकारे, भजनों पर थिरकते पांव, हाथ जोड़कर शिवमंत्रों के गुंजन के साथ सोमवार को नाथ नगरी के शिवालयों के पट खुले. सावन के तीसरे सोमवार पर शहर में करीब क्ब् हजार से भी अधिक कांवडि़यों ने शिवालयों में शीश झुकाकर परिक्रमा और जलाभिषेक किया. शिवालयों में जलाभिषेक का सिलसिला तो सुबह करीब तीन बजे से ही शुरू हो गया था जो, देर रात तक चला. संडे को हुए बवाल के मद्देनगर मंडे को मंदिर परिसर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. साथ ही दर्शनाभिलाषियों की मदद के लिए मंदिर समिति समेत अन्य समितियां मौजूद रहीं.

महाआरती से गूंजे मंदिर

सावन के तीसरे सोमवार के मौके पर शहर के टिबरीनाथ, अलखनाथ और धोपश्वर नाथ में दर्शन करने वालों की लंबी लाइन लगी रही. दूसरी ओर मंदिरों में आयोजित महाआरती में भी लोगों ने शिव महिमा का गुणगान किया. इस मौके पर समितियों और मन्नत पूरी होने पर लोगों ने धोपेश्वर मंदिर में भंडारे का आयोजन भी किया. शिवालयों में दर्शन को पहुंच रहे कांवडि़यों और लोगों को रास्ता देने के लिए प्रशासन की ओर से पीलीभीत बाईपास, बीसलपुर रोड पर वनवे कर दिया गया. जिस वजह से कुछ देर तक जाम की स्थिति बनी रही. वहीं देर शाम नाथ नगरी महाआरती समिति और शिवसेना की ओर से टिबरीनाथ मंदिर में शाम को महाआरती की गई.

Fifty thousand stolen from state bank account

कल्याणपुर स्थित एसबीआई बैंक की शाखा से एक कस्टमर के एकाउंट से पचास हजार रुपए निकल गए. जिसकी शिकायत करने पर भी बैंक ऑफिसर ने कोई कार्रवाई नहीं की.

 जिसके चलते पीडि़त ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई. आईआईटी नानकारी में रहने वाले मोहन लाल शुक्ला मसाला कम्पनी में जॉब करते है. उनका एसबीआई की आईआईटी शाखा में एकाउन्ट है. 

आरोप है कि उनके एकाउंट से ब्9भ्00 रुपए निकाल लिए गए. उनकी शिकायत में थाने में एफआईआर दर्ज की गई. साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक इंटरनेट बैंकिग के थ्रू पैसे निकाल लिए गए हैं.

4.50 lakh looted silver to silver craftsman in Agra

 हरीपर्वत थाना क्षेत्र स्थित चर्च रोड पर दिनदहाड़े बाइक सवार बदमाशों ने फायरिंग कर चांदी कारीगर को लूट लिया. बदमाश लगभग साढ़े चार लाख की चांदी लूट ले गए. कारीगर कारोबारी के घर से स्कूटी उठाने जा रहा था. बदमाश पहले से घात लगाए उसके इंतजार में बैठे थे.

गांव से लाए थे माल

सादाबाद विसावर निवासी राकेश पुत्र चन्द्रपाल घर पर ही चांदी का माल तैयार कर कारोबारियों को बेचते हैं. राकेश पिछले तीन-चार सालों से चांदी का काम कर रहे हैं. वह माल तैयार कर आगरा के कारोबारियों को बेचते हैं. संडे को भी तैयार माल यहां बेचने आए थे.

बस से आए थे मामा-भांजे

राकेश अपने मामा रामवीर के साथ करीब 20 किलो चांदी का माल थैले में भरकर लाया था. एक थैले में माल और दूसरे में कांटा था. वह रोडवेज की बस से आगरा आए. वह वॉटर व‌र्क्स पर उतरे, वहां से वह ऑटो से एमजी रोड चर्च रोड स्थित रामनगर कॉलोनी में आए.

कारोबारी के घर जा रहा था

कारीगर ने बताया कि वह यहां से वहीं के निवासी सर्राफा कारोबारी दिनेश बाबू के यहां जा रहा था. वह यहां से उनकी स्कूटी लेकर चौबे जी का फाटक स्थित उनकी दुकान पर माल लेकर जाता.

और बदमाशों ने कर दी फायरिंग

दोपहर करीब दो बजे दोनों मामा-भांजे चांदी का माल लेकर प्रभा हॉस्पिटल के पास से पैदल ही कारोबारी के यहां जा रहे थे. उसी दौरान दो फायर हुए और एक बदमाश ने पिस्टल तान दी. दोनों घबरा गए. उन्होने तुरंत हाथ में लगा थैला फेंक दिया और सुरक्षित स्थान की तरफ भाग गए.

इतना माल गया चोरी

पीडि़त के मुताबिक उसके थैले में चांदी का बीस किलो माल था जिसमें 45 प्रतिशत चांदी बाकी मिलावट थी. लूटे गए माल की कीमत करीब साढ़े चार लाख रुपये बताई गई है.

दहशत फैला कर भागे बदमाश

पीडि़त के मुताबिक थैला लूट कर बदमाश अपाचे बाइक पर सवार होकर चर्च रोड से खंदारी की तरफ भाग निकले. जानकारी होने पर एसपी सिटी मय फोर्स के पहुंच गए थे. पुलिस ने शहर के मुख्य बैरियरों पर सघन चेकिंग शुरु करवा दी थी. इस दौरान हर बाइक चालक पर पुलिस की नजर थी.

पल्सर का नाम भी आया प्रकाश में

पीडि़त के मुताबिक जिस दौरान वह घटना स्थल से निकल रहा था. उस दौरान वहां पर एक अपाचे के अलावा एक पल्सर भी खड़ी थी. पल्सर पर भी दो युवक थे. वारदात के बाद अपाचे के अलावा पल्सर भी गायब थी.

पुलिस कर रही कारोबारी से पूछताछ

पुलिस ने पीडि़त से पूछताछ कर कारोबारी दिनेश बाबू से भी पूछताछ की. कारोबारी का कहना था कि उसके यहां तो कई कारीगर आते है, लेकिन यह जो माल लेकर आए हैं वह किसका है, उन्हें नहीं मालूम, लेकिन कारीगर का कहना था कि वह उन्हीं का माल लेकर आया है.

पहले भी हो चुकी है लूट

राकेश के मुताबिक 13 मई को भी उसके साथ सादाबाद के गांव बिजौली नगला में लूट की वारदात हो चुकी है. उस दौरान बदमाशों ने उसकी पीठ में गोली मार कर 18 किलो चांदी लूट ली थी. पुलिस ने इस मामले का खुलासा भी कर दिया था. पुलिस ने 12 किलो चांदी बरामद कर ली थी. इस मामले में पीडि़त के गांव के दो लोग सोनवीर और टिंकू अन्य बदमाशों के साथ हिरासत में लिए गए थे, जो वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं.

Source: Agra Hindi News

Protest continue against csat

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) की आईएएसस और उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) की पीसीएस प्री परीक्षा से सीसैट को हटाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. प्रतियोगियों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए मंडे को जगह जगह प्रदर्शन किया.

फ्0 को घेरेंगे आयोग कार्यालय

भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के बैनर तले प्रतियोगियों ने आगामी पीसीएस परीक्षा को स्थगित किए जाने की मांग को लेकर लल्ला चुंगी चौराहे पर एडमिट कार्ड जलाकर प्रदर्शन किया. मोर्चा सदस्य फ्0 जुलाई को सीसैट के विरोध में यूपीपीएससी का घेराव करेंगे. प्रदर्शन में कौशल सिंह, सुधीर सिंह, कुंवर साहब सिंह, सीताराम यादव, अभिषेक पांडेय, आनन्द प्रकाश चन्द आदि शामिल रहे.

दूसरे दिन भी जारी रहा क्रमिक अनशन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने हिन्दू हास्टल के सामने स्थित मालवीय प्रतिमा के नीचे अपना क्रमिक अनशन लगातार दूसरे दिन भी जारी रखा. यहां से छात्र अपनी मांगों को लेकर लोक सेवा आयोग कार्यालय गए. वहां जाकर उन्होंने आयोग के चेयरमैन अनिल यादव को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. क्रमिक अनशन पर बैठे विश्व प्रताप सिंह, राज सिंह, आदित्य राय, विवेक कुमार सिंह और आनंद कुमार सिंह ने चेतावनी दी कि यदि पीसीएस से सीसैट नहीं हटा तो वे तीन अगस्त को होने वाली परीक्षा को बाधित करेंगे.

छात्रों ने निकाली चेयरमैन की प्रतीकात्मक कर्मकांडी यात्रा

छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले छात्रों ने सिविल लाइंस स्थित सुभाष चौराहे पर यूपीएससी के चेयरमैन डीपी अग्रवाल की प्रतीकात्मक कर्ममांडी यात्रा निकाली और पीपल के पेड़ के नीचे मिट्टी का घड़ा बांधकर सीसैट को पूरी तरह से समाप्त करने की शपथ ली. इस दौरान श्रीशचन्द्र दूबे, जितेश मिश्रा, शशिकांत तिवारी, विजय मिश्रा, अविनाश दूबे, हसीब अहमद आदि मौजूद रहे.

क्रमिक अनशन के लिए कसी कमर

छात्र युवा संघर्ष समिति ने भी सीसैट के विरोध में ट्यूजडे मार्निग से सुभाष चौराहे पर क्रमिक अनशन शुरू करने का निर्णय लिया है. अनशन को सफल बनाने के लिए हुई बैठक में छात्रों ने परीक्षा कैंसिल होने तक आन्दोलन जारी रखने का निर्णय लिया है. संजय पांडेय प्रचंड, रविशंकर सिंह, सर्वेश यादव, अजय कुमार राव, रत्नाकर त्रिपाठी, धीरज तिवारी आदि मौजूद रहे. 

Register kanplen attached to the rto on facebook

उत्तराखंड परिवहन विभाग भी अब सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए लोगों की प्रॉब्लम्स सॉल्व करेगा. परिवहन विभाग ने सोशल साइट फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाया है. दिल्ली की तर्ज पर शुरू हो रही इस कवायद के पीछे परिवहन विभाग के अधिकारियों का आम जनता से डायरेक्ट जुड़ना बताया जा रहा है. प्रक्रिया के तहत इस फेसबुक पेज पर पब्लिक फ्रेंड लिस्ट में शामिल होंगी. 'रोड सेफ्टी' के तहत फे्रंड लिस्ट में शामिल लोगों को प्रति दिन एमवी एक्ट की एक धारा से रूबरू कराया जाएगा. विभाग के इस फेसबुक पेज को स्वयं परिवहन आयुक्त एस रामास्वामी हैंडल करेंगे. जबकि, हर दिन पेज को अपडेट करने के लिए बकायदा एक पूरा स्टाफ तय किया जा रहा है.

अपनी प्रॉब्लम करें शेयर

हाल ही में पिछले दिनों फेसबुक के इस पेज का उद्घाटन परिवहन मुख्यालय में किया गया. परिवहन मुख्यालय के अनुसार अब जनता सीधे परिवहन आयुक्त को अपनी समस्या से अवगत करा सकती हैं. अगर समस्या गंभीर हुई तो संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को समस्या के निराकरण के लिए जरूरी निर्देश दिए जाएंगे. साथ ही पेज पर हर दिन एमवी एक्ट की पाठशाला भी आयोजित की जाएगी, जिसके तहत रोड साइन, यातायात नियम, रोड सेफ्टी का पाठ फ्रेंडलिस्ट में शामिल लोगों को पढ़ाया जाएगा. मुख्य संपादक के अलावा पेज के संपादक, सहायक परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा के अतिरिक्त दो अन्य अधिकारियों को उप संपादक बनाया गया है.

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ऐसे जाएं विभाग के फेसबुक पेज पर

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) संदीप सैनी ने बताया कि फेसबुक पेज की कवायद एक अभिनव प्रयास है. इससे जहां काम में पारदर्शिता आने के साथ ही आम लोगों को सीधे आरटीओ कार्यालय की पॉलिसी और नियम भी पता चल सकेंगे. फेसबुक के अकाउंट पर जाने के लिए 'सर्च' बार में उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट लिखना होगा. इसके बाद फेसबुक पेज पर लाइक करके आप पेज की फ्रेंडलिस्ट में शामिल हो सकते हैं. 

Policeman was making money

रेप के आरोप में पकड़ा गया युवक कुसम्ही जंगल में पुलिस वाला बनकर वसूली करता था. वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर प्रेमी जोड़ों को निशाना बनाता रहा. खुद को दरोगा बताकर वह जंगल में दिन दहाड़े छिनैती करता रहा. उसके हरकत की शिकायत पर असली पुलिस वाले भी हैरान परेशान होते रहे.

पीडि़ता के बयान पर पकड़ा गया था रविंद्र

20 जुलाई की रात खोराबार एरिया के गोबरहिया में विवाहिता के साथ कुछ लोगों ने रेप किया. मामले की जानकारी होने पर पुलिस हरकत में आई. पीडि़ता के बयान पर पुलिस ने आरोपी बदलू और रविंद्र को अरेस्ट किया. दो अन्य युवकों की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी. रविंद्र ने बताया कि वह पुलिस वाला बनकर जंगल में वसूली करता था. जंगल में बाइक सवार जोड़े के पास पहुंचकर वह खुद को दरोगा बताता था. घर वालों को जानकारी देने की धमकी देकर वह रुपए छीन लेता था. अपना जेब खर्च चलाने के लिए ऐसी हरकतें करता था. क्षेत्र में चर्चा हो रही है कि ऐसी घटनाओं से उसका मन बढ़ता गया. यदि वह रेप के मामले में नहीं पकड़ा जाता तो उसकी पोल कभी नहीं खुलती.

ऐसे कुछ मामलों में आरोपी के शामिल रहने की बात पब्लिक कर रही है. इसकी जांच करके कार्रवाई की जाएगी.

जेपी सिंह, एसओ, खोराबार 

Teachers problem will be short out shortly

केयू में कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर टीचर्स की कमी बहुत जल्दी दूर होने की उम्मीद है. कॉलेज लेवल पर वैकेंसी की डिटेल लगभग एक साल पहले भेजे जाने के बाद यूनिवर्सिटी लेवल पर भी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और एसिस्टेंट प्रोफेसर के वैकेंट पोस्ट केयू द्वारा एचआरडी को भेज दिया गया है. स्टेट के सभी यूनिवर्सिटी से वैकेंसी एचआरडी भेज दी गई है इसलिए अब जल्दी ही जेपीएससी द्वारा इसके लिए एडवर्टिजमेंट निकाले जाने की उम्मीद है.

यूनिवर्सिटी लेवल पर इतनी वैकेंसी हैं

केयू में यूनिवर्सिटी लेवल पर जो वैकेंसीज एचआरडी को भेजी गई हैं उनमें प्रोफेसर के 22, एसोसिएट प्रोफेसर के 44 और एसिस्टेंट प्रोफेसर के 66 पोस्ट शामिल हैं. इन पोस्ट्स के लिए पहले भी केयू द्वारा वैकेंसी भेजी गई थी पर जेपीएससी ने यह कहते हुए फाइल लौटा दी थी कि उसमें यूजीसी के नए रेगुलेशन को फॉलो नहीं किया गया था. इन सभी के अलावा 11 प्रिंसिपल की भी वैकेंसी भेजी गई है.

कॉलेज लेवल पर 50 परसेंट से ज्यादा टीचर्स के पोस्ट खाली

2009 में रांची यूनिवर्सिटी से अलग होने के बाद केयू के कॉलेजेज लगातार टीचर्स की कमी से जूझ रहा है. केयू में कॉलेज लेवल पर टीचर्स के 618 सैंक्शंड पोस्ट्स हैं. फिलहाल वर्किंग टीचर्स की संख्या है 340. इनमें 219 जेंट्स और 121 महिला टीचर्स शामिल हैं. यानी कॉलेज लेवल पर टीचर्स के 278 पोस्ट्स वैकेंट हैं. 2007-2008 में एप्वॉइंट हुए टीचर्स की संख्या 99 है. इन 99 में से सिर्फ 40 ही पीएचडी किए हुए टीचर्स हैं.

वर्जन

कॉलेज लेवल की वैकेंसी तो एक साल पहले ही भेजी जा चुकी है. यूनिवर्सिटी लेवल पर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और एसिस्टेंट प्रोफेसर की वैकेंसी भी एक महीने पहले एचआरडी को भेज दी गई है. 11 प्रिंसिपल्स के लिए भी वैकेंसी भेजी गई है.

- डॉ एके मिश्रा, एसिस्टेंट रजिस्ट्रार केयू

मैं बाहर था, आज ही वापस आया हूं. अगर एचआरडी से वैकेंसी आयोग के पास आ गई होगी तो पूरे स्टेट के सभी यूनिवर्सिटीज में टीचर्स के अप्वॉइंटमेंट के लिए एक साथ एडवर्टीजमेंट निकाला जाएगा.

- सुमंत सिन्हा, एग्जामिनेशन कंट्रोलर जेपीएससी 

AC buses will run in roadwage in varanasi

 बसेज का खस्ताहाल होना व उनमें एसी न होने की वजह से कई पैसेंजर्स इनमें ट्रेवल करना पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में वे ट्रेन्स की एसी कोचेज को प्रिफरेंस देते हुए उन्हें अपनी जर्नी का साथी बना लेते हैं. इसके अलावा कई पैसेंजर्स प्राइवेट एसी कार रेंट पर लेकर सफर करते हैं. लेकिन अगर आपको बनारस के नजदीकी डिस्ट्रिक्ट्स की जर्नी करनी है तो आप बहुत ही जल्द एसी बसेज में ट्रेवल कर सकते हैं. कुछ ही दिनों में एसी बसेज बनारस से अदर डिस्ट्रिक्ट्स के लिए फर्राटा भरने लगेंगी. ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर दुर्गा प्रसाद यादव ने इसके लिए हरी झंडी भी दिखा दी है.

पूर्वाचल में चलेंगी एसी बसेज

समूचे पूर्वाचल में एसी रोडवेज बसेज चलाने को लेकर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने रोडवेज ऑफिसर्स संग मीटिंग की. ऑफिसर्स की मानें तो एसी बसेज चलाने की प्लानिंग काफी दिनों पहले से ही हो रही थी. ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के हरी झंडी दिखाने के बाद अब रोडवेज का काम और भी आसान हो गया. एसी बसेज जौनपुर, आजमगढ़, चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र रूट्स पर चलने के साथ ही काशी डिपो के अंतर्गत चलेंगी.

मिलेगी लगभग क्भ्0 बसेज

कैंट रोडवेज को सौ से डेढ़ सौ बसेज एक्स्ट्रा मिल सकती हैं. पैसेंजर्स की प्रॉब्लम्स को देखते हुए पुरानी व डैमेज हो चुकी बसेज को हटाया जाएगा. हालांकि, यह अभी तक कंफर्म नहीं हो पाया है कि खटारा बसेज को कब तक हटाया जाएगा.

लखनऊ का सफर भी होगा सस्ता

बनारस से लखनऊ के बीच में चलने वाली वॉल्वो बसेज में ट्रेवल करना अब पहले से सस्ता हो जाएगा. वॉल्वो बसेज का किराया घटोन पर भी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने हामी भरी है. एसी बसेज की कैटेगरी में सिर्फ वॉल्वो ही बनारस से चलती हैं. इसके अलावा अभी तक नॉन एसी बसेज ही चलती है.

वॉल्वो बसेज का किराया कम हो जाने से पब्लिक को काफी राहत मिलेगी.

परिवहन मंत्री ने मीटिंग में एसी बसेज रूरल एरिया में चलाने की बात कही है. लेकिन इस बाबत अभी तक कोई लेटर नहीं आया है. हालांकि, कागजी कार्रवाई पूरी होने पर व एसी बसेज मिलते ही विभिन्न रूट्स पर चलना स्टार्ट हो जाएगा.

पीके तिवारी,

आरएम, कैंट रोडवेज 

Bansal institute threating his student

यूपीटीयू की नाक के नीचे स्टूडेंट्स से अवैध वसूली का खेल सिटी में जोरों से चल रहा है. मंडे को सिटी के बंसल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां इस साल बीटेक फ‌र्स्ट इयर में एडमिशन लेने वाले एक स्टूडेंट ने फीस वापसी की मांग की तो कॉलेज प्रशासन ने उसे धमकी देते हुए वहां से भगा दिया.

मांगी फीस वापस

स्टूडेंट का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उस से अधिक फीस वसूल की है. जबकि, इसी कोर्स के लिए दूसरे कॉलेज में इसे कम फीस ली जा रही है. ऐसे में वह अपनी जमा फीस वापस लेने और एडमिशन कैंसिल करने की मांग की. इस पर कॉलेज प्रशासन उस पर भड़क गया है और उसे कॉलेज से भगा दिया.

सीटें भरने का चल रहा है खेल

यूपीटीयू ने अपनी नाकामी छुपाने और कॉलेजों की खाली सीटें भरने के लिए प्राइवेट कॉलेजों को खुद ही सीटें भरने का मौका दिया है. इसका फायदा उठाकर कॉलेज प्रशासन मनमाने तरीके से अपनी फीस वसूली कर एडमिशन दे रहे हैं. बंसल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में सामने आया मामले इसी का एक सबूत है. फीस वापसी न करना हो और स्टूडेंट हाथ से न निकल जाए. इसे रोकने के लिए कॉलेज प्रशासन किसी भी हद तक जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि पहले स्टूडेंट को एडमिशन कैंसिल न करने दबाव बनाया. पर बाद में जब स्टूडेंट नहीं माना तो उसे धमकी देते हुए बाद में देख लेने की धमकी तक दी है. हालांकि, स्टूडेंट की ओर से अभी तक इस मामले की कोई भी सूचना पुलिस को नहीं दी गई है.

पैरेंट्स के आने पर मिलेगी फीस

बंसल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर एसके अग्रवाल ने बताया कि मंडे को एक स्टूडेंट अपना एडमिशन कैंसिल कर फीस वापस करने की मांग कर रहा था. हमने उसे पहले काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन स्टूडेंट के साथ आए एडमिशन कराने वाले माफियाओं ने फीस वापस की बात को लेकर अड़ गए. इस पर उनसे थोड़ी बहस भी हुई. उन्होंने बताया कि एडमिशन माफियाओं ने उसे कम फीस में दूसरे अच्छे कॉलेज में एडमिशन दिलाने का लालच दिया है. एसके अग्रवाल ने बताया कि हमने स्टूडेंट को वापस भेज दिया है फीस वापस करने के लिए पेरेंट्स के साथ आने के लिए कहा है. अगर पेरेंट्स कहेंगे तो उसकी फीस वापस कर दी जाएगी.

Dunda turmoil in the department

डाबका में बन रहे फ्लैट्स पर आई नेक्स्ट की इंवेस्टीगेशन से डूडा में खलबली मच गई है. वहीं राजकीय निर्माण निगम के ऑफिस में तहलका मच गया है. डूडा के अधिकारियों ने वहां की स्थिति की रिपोर्ट बनाने को कहा है. साथ जल्द ही काम करने के आदेश जारी कर दिए हैं. गौरतलब है कि डूडा के मकानों का काम रुका होने के कारण वहां भैंसों का तबेला बन गया है. उस निर्माण पर अब क्0 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं.

मांगी ग्राउंड रिपोर्ट

डूडा की प्रोजेक्ट इंजीनियर के अनुसार उन्होंने डाबका प्रोजेक्ट की ग्राउंड रिपोर्ट की मांग की है. जिसमें वहां कितना काम हुआ है? कितना काम बाकी है? मौजूदा कैसी है? ये तमाम बातें रिपोर्ट में मांगी हैं. प्रोजेक्ट इंजीनियर के अनुसार वहां भी भयावह और बुरी स्थिति के जिम्मेदार डूडा नहीं है. इसके कारणों का पता लगाया जाएगा. साथ ही संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा.

जल्द शुरू होगा काम!

वहीं राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों के अनुसार जल्द काम शुरू होने की बात कर रहे हैं. हमने इस बारे में अपर लेवल पर बात की है. जल्द ही रुपया आने वाला है. जैसे ही रुपया आएगा तुरंत काम शुरू हो जाएगा. वहीं डाबका के प्रोजेक्ट से गाय भैंसे के तबेले को हटाने की बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले दो सालों से वहां की स्थिति को देखने के लिए न तो डूडा की ओर से और न ही यूपीआरएनएनएल का कोई अधिकारी गया.

आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा

सोमवार के अंक में आई नेक्स्ट ने 'तबेला बन गया भ्7म् लोगों का आशियाना' नाम से इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें इस बात का खुलासा किया गया था कि किस तरह से डूडा के एलआईजी फ्लैट्स तबेला बन गए. वहां पर आसपास के लोगों ने अपनी भैंसे चराने के अलावा बांधनी शुरू कर दी. लाखों रुपए के दरवाजे और खिड़कियां भी चोरी हो गई. उस प्रोजेक्ट पर करीब क्0 करोड़ रुपए का काम हो चुका था.

मैंने वहां ग्राउंड रिपोर्ट मांगी है. ये काफी गंभीर विषय है. करोड़ों रुपयों की बर्बादी इस तरह से नहीं की जा सकती है.

- सरस्वती सिंह, प्रोजक्ट इंजीनियर, डूडा

Youth came to the poison of Patna million

आम शहरी से लेकर कॉलेज कैंपस तक हेरोइन की जद में आ चुका था. कई दफा हेरोइन का कश यूथ लगा चुके थे. इस बार भी बढ़ती डिमांड और खपत को देखते हुए दो किलोग्राम यानि दो करोड़ का हेरोइन मंगाया गया था, जिसे शहर के विभिन्न ठिकानों में सप्लाई करना था. दिन व रात नशे की जद में डुबोने के लिए तैयार नशे के कारोबारी की भनक जैसे ही पटना पुलिस को लगी कि फौरन टीम इस गैंग को खोजने निकल गयी. क्योंकि अगर यह नशा कॉलेज से लेकर पार्टियों तक पहुंच जाता तो फिर अपराध का बड़ा कारोबार यहां खड़ा हो सकता था. पुलिस की मुस्तैदी ने नशे के कारोबारी और उसके एजेंट को एक साथ रूपसपुर थाना के ओवर ब्रिज के नीचे से गिरफ्तार कर लिया. दानापुर से लेकर पटना के विभिन्न गवर्नमेंट और प्राइवेट कॉलेज सहित पीयू कैंपस तक में इस गैंग के मेंबर का आना जाना था. पटना पुलिस ने नशे के इस कारोबारी को गिरफ्तार का एक बड़ा खुलासा किया है.

तराजू पर चढ़ता देख बढ़ता है नशा

जिस समय पुलिस ने नशे के इस कारोबारी को गिरफ्तार किया उस समय उसके पास अंतर्राष्ट्रीय मूल्य के दो करोड़ का हेरोइन था. इसके अलावा देशी कट्टा और पचास हजार रुपए भी इन लोगों के पास से बरामद किया गया. बरामदगी में सबसे महत्वपूर्ण इस धंधे का तराजू है. नशे के कारोबारी ने बताया कि नशा तब दुगुना चढ़ जाता है जब खरीदार सामने उसकी नपाई करके लेना शुरू कर दे. फिलहाल पुलिस गैंग के अन्य मेंबर की खोज में लगी है. सीनियर एसपी मनु महाराज ने बताया कि इसके एजेंट की खोज चल रही है.

कारोबार करते-करते बन गया ड्रगिस्ट

हेरोइन के धंधे में कई साल से संलिप्त बबलू डेंजर खुद हेरोइन के नशे में फंस चुका है. वो सुबह शाम बिना हेरोइन का डोज के खुद नहीं कर पाता है. पटना पुलिस को इसकी खोज कई सालों से थी. क्योंकि ये हेरोइन लेने के साथ ही अपराधिक वारदातों को भी अंजाम दिया करता था. सीनियर एसपी ने बताया कि बबलू डेंजर ने गिरोह के कई मेंबर्स का नाम बताया है.

कमर में टेप लगाकर रखता था हेरोइन

पुलिस ने जब पांचों अपराधी को गिराफ्तार किया तो इसके पास से हेरोइन की खोज में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. क्योंकि इन लोगों ने हेरोइन अपने कमर में टेप लगाकर रखते थे और मौके पर तराजू से ग्राम के हिसाब से तौल कर बेचा करते थे. पूछताछ में आरा के सेठ के नाम का जिक्र किया. पकड़े गए अपराधियों ने खुलासा किया कि इस धंधे का तार नेपाल, छत्तीसगढ़, काठमांडू से जुृड़ा है. बिहार में आरा स्थित रिगल होटल के मालिक राधा चरण सेठ के इशारे पर पटना और आसपास के एरिया में धंधा होता है.

गिरफ्तार अपराधियों के नाम

- संजय कुमार उर्फ संजय आरा जगदीशपुर के पास से एक देशी पिस्टल, दो जिंदा कारतूस एवं भ्.ख्भ् ग्राम हेरोइन.

- बबलू प्रसाद साह उर्फ डेंजर खाजेकलां थाना के पास से एक देशी पिस्टल, फ् जिंदा कारतूस एवं म्.7भ् ग्राम हेरोइन.

- अजीत कुमार दीघा थाना पॉलसन के पास से एक देशी पिस्टल, दो जिंदा कारतूस एवं ख्.क्0 ग्राम हेरोइन.

- अजय कुमार सिंह चांदमारी रोड कंकड़बाग के पास से क्00 ग्राम हेरोइन.

- कपिलदेव राय हाजीपुर वैशाली के पास से ख्00 ग्राम हेरोइन की बरामदगी हुई.

बरामदगी

देशी पिस्टल - 0फ्

जिंदा कारतूस - 07

हेरोइन - 0ख् कि.ग्रा.

नगद - पचास हजार नब्बे रुपए

एटीएम कार्ड - 0क्

हेरोइन तौलने वाला पीतल का तराजू - 0क्

छोटे-छोटे बटखरा 

Jam problem in main road continue

सोमवार को भी दिनभर जाम के झाम से रांचीआइट्स परेशान रहे. सड़क पर रेंग-रेंगकर गाडि़यां चल रही थी. ईद की खरीदारी करने निकले लोगों को जाम के कारण बाजार पहुंचने में काफी परेशानी हुई. ऐसे वक्त में जब ईद का बाजार पूरे चरम पर हो, ट्रैफिक सिस्टम को कंट्रोल में करने के लिए पुलिस ने कोई अतिरिक्त तैयारी नहीं की थी, जिसका खामियाजा लोगों को जाम में फंसकर भुगतना पड़ा.

अल्बर्ट एक्का चौक से डेली मार्केट तक पैदल चलना मुश्किल

अल्बर्ट एक्का चौक से सर्जना चौक और फिर वहां से डेली मार्केट. यहां जाम कुछ इस कदर था कि पैदल चलना भी मुश्किल जान पड़ रहा था. ईद बाजार को लेकर मार्केट में गहमागहमी पूरे चरम पर थी. लोगों को दस मिनट के सफर में घंटों लग गए. इस दौरान जाम से निपटने में ट्रैफिक पुलिस नाकाम साबित हो रही थी.

अलर्ट नही थी ट्रैफिक पुलिस

ट्रैफिक पुलिस को यह पहले से मालूम था कि ईद को लेकर खरीदारी का यह अंतिम दिन है. बड़ी संख्या में खरीदारी के लिए लोग बाजार में पहुंचेंगे, इसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस ने कोई विशेष तैयारी नहीं की थी. इंपॉर्टेट रोड्स पर भी फोर व्हीलर्स के रूट को डायवर्ट नहीं किया गया था, जिस कारण जाम और विकराल हो गया. जाम का नजारा शहर के कई और चौक-चौराहों में भी था.

सेंट मेरीज स्कूल में 'ईदगाह' का मंचन

सेंट मेरीज स्कूल डोरंडा में सोमवार को ईद-उल-फित्र सेलिब्रेट की गई. इस मौके पर उपन्यासकार प्रेमचंद्र की कहानी ईदगाह का मंचन किया गया. नाटक में कलाकार बने बच्चों ने अपने परफॉर्मेस से सभी का दिल जीत लिया. नाटक मंचन के दौरान नमाज अदा करने, गले लगने और ईद मुबारक के दृश्य में बच्चे काफी भावुक नजर आ रहे थे. इस मौके पर बच्चों ने डांस भी परफॉर्म किया. स्कूल की प्रिंसिपल ने सभी बच्चों को ईद की बधाई दी.

ईद को लेकर नए कपड़ों का वितरण

रांची जिला दुर्गा पूजा कमिटी की ओर से ईद को लेकर चुटिया में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर लगाग 40 गरीब मुस्लिम बच्चों के बीच उपहार बांटे गए. कमिटी की ओर से साी बच्चों को नए कपड़े, चप्पल, जूते और टोपियां दी गईं. कार्यक्रम की अध्यक्षता कमिटी के अध्यक्ष मुनचुन राय ने की.

Hunger strike warning by nrhm organisation

झारखंड राज्य एनआरएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर चार अगस्त से रांची के बिरसा चौक पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है. संघ ने स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को एक मांगपत्र भेज कर अपनी मांगों से भी अवगत करा दिया है. मंडे को संघ के मेंबर्स व पदाधिकारी डीसी ऑफिस पहुंचे और अपनी मांगों से अवगत कराया.

दो अगस्त तक का अल्टीमेटम

संघ ने कहा है कि 19 जुलाई को विधानसभा हॉल में संघ की हुई स्टेट एग्जीक्यटिव कमिटी मीटिंग में हड़ताल का डिसीजन लिया गया. संघ का कहना है कि हेल्थ मिनिस्टर संघ की हर मांग पर गंभीरता दिखाते हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी मंत्री के निर्देश की धज्जियां उड़ा देते हैं. संघ के स्टेट प्रेसिडेंट राहुल प्रताप सिंह ने कहा कि अगर दो अगस्त तक उनकी मांगों को नहीं पूरा किया गया तो वे लोग चार अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

क्या हैं इनकी प्रमुख मांगें

-एमपीडब्लू का जल्द से जल्द समायोजन किया जाए.

-सभी एनआरएचएम अनुबंध कर्मियों का पद सृजन कर नियमित किया जाएगा.

-एनआरएचएम में किसी भी नई नियुक्ति में पूर्व से काम कर रहे कर्मियों को वरीयतानुसार प्राथमिकता दी जाए.

-हेल्थ मिनिस्टर के डायरेक्शन के बावजूद पदसृजन कमिटी में संघ के पदाधिकारी को शामिल क्यों नहीं किया गया?

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एयरो मॉडलिंग शो आज

जेआरडी टाटा की 110वीं बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर 29 जुलाई को सोनारी एयरपोर्ट पर एयरो मॉडलिंग शो ऑर्गनाइज किया जाएगा. इस दौरान स्टेटिक डिस्प्ले व एयरो मॉडलिंग शो के अलावा जेआरडी टाटा पर बेस्ड एग्जीवीशन, जेआरडी क्विज विनर्स के लिए एयरक्राफ्ट जॉय राइडिंग के साथ ही शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्क्रीनिंग की जाएगी. 

Thursday, July 24, 2014

Police telling clear lies

अ‌र्द्धनग्न युवती का जुलूस निकालने के बाद बुधवार को कानपुर पुलिस ने एक और जुलूस निकाला. झूठ का जुलूस.
लड़की की गिरफ्तारी की ऐसी कहानी बनाई जो इस बात का सबूत है कि पुलिस होश में नहीं है. वो झूठ तक ठीक से नहीं बोल पा रही. हम ये नहीं कह रहे कि लड़की को आरोपी बनाना गलत है या वो निर्दोष है. हमारी आपत्ति एक लड़की के साथ हुए अशोभनीय व्यवहार और पुलिस के काम करने के तरीके पर है. लड़की आरोपी हो या बाद में दोषी भी साबित हो जाए पर पुलिस को नारी की गरिमा के साथ खिलवाड़ का कोई अधिकार नहीं. हमारा विरोध पुलिस की असंवेदनशीलता से है. हमारा विरोध उसकी अराजक कार्यशैली से है. अगर लड़की दोषी होगी तो अदालत सजा देगी पर इस देश में तालिबानी तौर तरीकों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

मुखबिर की सूचना पर बुधवार को दिखाई गिरफ्तारी
पुलिस ने जिस अर्धनग्न लड़की का जुलूस मंगलवार को निकाला था उसे वो बुधवार को गिरफ्तार दिखा रही है. पुलिस के मुताबिक बुधवार दोपहर एक मुखबिर ने सूचना ही कि दीपेन्द्र की हत्या के सम्बन्ध में जिस लड़की की तलाश पुलिस कर रही है वो लाल इमली चौराहे के पास देखी गई है. पुलिस कहती है कि तत्काल कार्रवाई करते हुए उसने लड़की को गिरफ्तार कर लिया और शाम तक जेल भेज दिया. इससे बड़ा झूठ और क्या हो सकता है कि बुधवार के आईनेक्स्ट में खबर छपी है कि मंगलवार सुबह लड़की को उसके घर से पकड़ कर पुलिस ले गई. आईनेक्स्ट लाइव पर मंगलवार रात से वो वीडिओ पड़ा है जिसमें पुलिस लड़की को अर्धनग्न अवस्था में थाने लेकर जा रही है. पर पुलिस है कि वो बताती है कि उसने मुखबिर की सूचना पर बुधवार को लड़की को पकड़ा. कभी देखा है ऐसा सफेद झूठ.

आई नेक्स्ट के पास युवती की गिरफ्तारी की फुटेज और फोटोग्राफ्स मौजूद हैं, मंगलवार दिन में की गई कर्नलगंज पुलिस की शर्मनाक हरकत को तमाम नेशनल टेलीविजन चैनलों ने आई नेक्स्ट के सौजन्य से बताकर बुधवार को जमकर फ्लैश किया. पर पुलिस सबको अंधा समझ रही है.

क्यों बोला सफेद झूठ
बुधवार को आईनेक्स्ट में अर्धनग्न लड़की के जुलूस की खबर छपने के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. उसके लिए मर्डर का केस पीछे हो गया और लड़की के साथ अमानवीय व्यवहार से पीछा छुड़ाना पहली प्राथमिकता हो गया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन
आई नेक्स्ट की टीम ने मृतक दीपेंद्र की प्रेमिका कविता(बदला हुआ नाम) के घर पर जाकर तफ्तीश की, तो इलाकाई लोगों ने भी तस्दीक किया कि युवती को रात में छोड़ा नहीं गया. पुलिस ने सारे नियम को ताक पर रखकर बिना गिरफ्तारी के उसको पूरी रात थाने में रखा और पूछताछ की. इसमें पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के तीन आदेशों का उल्लंघन किया.
पहला उल्लंघन ..ख्ब् घंटे से ज्यादा समय तक किसी को थाने में नहीं रखा जा सकता. उसे जेल भेजना पड़ता है. पुलिस मंगलवार सुबह कविता को थाने लेकर आई और बुधवार शाम को जेल ले गई. ऐसे में उसकी मजबूरी थी कि कागज पर गिरफ्तारी बुधवार की ि1दखाई जाए.

दूसरा उल्लंघन.. दूसरा गुनाह जो पुलिस ने किया वो ये था कि लड़की को महिला थाने में नहीं रखा गया. आईनेक्स्ट ने महिला थाने से कन्फर्म किया तो पता चला कि लड़की को वहां लाया ही नहीं गया था. यानि एक लड़की पूरी रात पुलिस वालों के बीच थाने में रही. ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन है.

तीसरा उल्लंघन.. सुप्रीम के जिस तीसरे आदेश का उल्लंघन हुआ है वो ये है कि किसी लड़की से सूर्यास्त के बाद पूछताछ नहीं हो सकती.

क्या था मामला
मंगलवार को कर्नलगंज में तीन दिन से लापता दीपेंद्र की लाश मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने मृतक की कथित प्रेमिका को पुलिस के सामने बुरी तरह पीटा था लेकिन पुलिस मूदर्शक बनी रही. इसके बाद पुलिस लड़की को फटे कपड़ों में तकरीबन अ‌र्द्धनग्न हालत में उसके घर से थाने तक एक किलोमीटर नंगे पैर लेकर गई . बगल में चल रही जीप में युवती को नहीं बैठाया गया, न ही तन ढकने का ही मौका दिया गया. तब से लड़की पुलिस की हिरासत में थी.

आरोपी बनाकर केस खोल दिया
हड़बड़ाई पुलिस ने आनन फानन में बुधवार को केस खोल दिया. पुलिस के मुताबिक दीपेंद्र जिस दिन घर से गया था. वो प्रेमिका कविता से मोबाइल पर बात कर रहा था जिसके बाद उसका मोबाइल ऑफ हो गया. पुलिस ने सर्विलांस और कॉल डिटेल से पता लगाया कि दीपेंद्र से बात करने के बाद प्रेमिका ने मंगेतर विशाल से बात की थी. इसके बाद मंगेतर विशाल ने ही दीपेंद्र का गला रेतकर हत्या की और शव को कुएं में फेक दिया. हत्या के बाद विशाल ने लड़की को मर्डर के बारे में बता भी दिया था. इसलिए पुलिस ने युवती हत्या की साजिश में शामिल मानकर गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया है. दीपेन्द्र के कातिल विशाल को पुलिस फरार बता रही है. पुलिस का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें दबिश दे रही हैं.

दबाव बनाने को पिता हिरासत में
पुलिस ने कविता पर दबाव बनाने के लिए उसके पिता को भी हिरासत में ले लिया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं दिखायी. उसको भी पुलिस ने चौबीस घंटे से ज्यादा थाने की हवालात में बैठाए रखा. पुलिस ने लड़की को जेल भेजने के बाद उसके पिता को थाने से छोड़ दिया.

'चोरी' से जेल क्यों भेजा?
पुलिस लालित्यम साड़ी के मालिक के कत्ल की तरह दीपेंद्र मर्डर का गुपचुप तरीके से खुलासा कर दिया, उसी तरह इस मामले में भी किरकिरी से बचने के लिए कविता को मीडिया के सामने पेश नहीं किया. पुलिस ने आनन फानन में केस खोल दिया, जबकि अभी मुख्य आरोपी पकड़ा नहीं जा सका है. इस बाबत एसओ का कहना है कि युवती ने गुनाह कबूल लिया है. इसलिए उसे जेल भेज दिया है.

'थानाध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज हो'
सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक इस केस में पुलिस ने महिला की लज्जा भंग कर अमानवीय कृत्य किया है. उन्होंने बिना गिरफ्तारी के युवती को थाने में बैठा कर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है. साथ ही महिला की स्वतंत्रता का हनन कर मानवाधिकार का उल्लंघन किया है. पिता को बिना दोष के घंटों हवालात में डालकर मानसिक रूप से प्रताडि़त भी किया गया. इसलिए थानाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई करनी चाहिए.

आईजी ने बैठायी जांच, होगी कार्रवाई
आईजी आशुतोष पाण्डेय ने दीपेंद्र मर्डर केस में युवती कविता की इज्जत तार-तार होने के मामले को गंभीरता से लिया है. साथ ही उन्होंने युवती की गिरफ्तारी की झूठी कहानी पर भी जांच कर कार्यवाई का भरोसा दिलाया है. आई जी ने आई नेक्स्ट से कहा कि इस मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध दिख रही है. मामले की जांच कराई जाएगी. अगर युवती को पीटने और कपड़े फाड़ने में लड़के पक्ष या अन्य कोई दोषी होगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. अगर इसमें कोई भी पुलिस ऑफिसर दोषी होगा, तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा.

दीपेंद्र के परिजनों के पर भी एफआईआर हुई
आई नेक्स्ट ने दीपेंद्र मर्डर में उसकी प्रेमिका को पीटे जाने और कपड़े फाड़े जाने के मामले को प्रमुखता से छापा है. जिससे हरकत में आई पुलिस ने युवती के पिता के तहरीर पर मृतक दीपेंद्र के परिजनों के खिलाफ और अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है. सीओ पीके चावला ने बताया कि इसमें पुलिस जांच कर रही है. युवती को पीटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस
-पंद्रह दिन में जिला प्रशासन और पुलिस को देनी आख्या देनी होगी
रुष्टयहृह्रङ्ख (23 छ्वह्वद्यब्): कानपुर में कर्नलगंज पुलिस की इस शर्मनाक हरकत पर मानवाधिकार आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. आई नेक्स्ट में पुलिस की ये करतूत उजागर होने के बाद यूपी पुलिस के आलाअधिकारियों की नींद तो नहीं टूटी पर, यूपी मानवाधिकार आयोग की सदस्य आशा तिवारी ने प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के डीजीपी, कानपुर के डीएम और एसएसपी को नोटिस भेजकर सख्त कार्रवाई की अपेक्षा की है. साथ ही पूरे घटनाक्रम पर क्भ् दिन में आख्या मांगी है.
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कोट:
आई नेक्स्ट की जो जानकारी थी, वह सही थी. इसके बारे में डीआईजी कानपुर ने हमें बताया कि महिला को बचाने के चक्कर में उसके कपड़े फट गए थे. डीआईजी कानपुर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा गया है.
- मुकुल गोयल,
एडीजी, लॉ एण्ड ऑर्डर
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कोट:
घटना के बारे में जैसे मुझे जानकारी मिली, मैंने तुरंत आईजी को फोन कर जांच कराने के लिए कहा. डीआईजी इसकी जांच कर रहे हैं.
- राकेश बहादुर,
प्रमुख सचिव गृह


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