Wednesday, July 30, 2014

No one care about market

मैं हूं यूपी की दूसरी सबसे बड़ी गल्ले की मंडी साहबगंज. मेरे पास डेली भ् हजार ट्रेडर्स अपने एरिया की जरूरतों के सामान को लेने के लिए पहुंचते हैं, वहीं इतने ही लोकल बाशिंदे भी यहां पर अपनी जरूरत के साजो-सामान लेने के लिए पहुंचते हैं. ख्00 साल से लोगों का पेट भर रही हूं, मगर आज मेरे हालात ही तंग हैं. मेरे पास आने वालों की तादाद तो काफी ज्यादा है, लेकिन मेरी हालत पर किसी का ध्यान नहीं है. यहां के प्रशासन की अनदेखी की वजह से यहां पर कोई भी पार्किंग की जगह नहीं है. इसकी वजह से यहां आने वालों को न सिर्फ जाम के झाम से जूझना पड़ता है, बल्कि अपनी गाड़ी या कनवेंस के गायब होने का डर उन्हें हर पल सताता रहता है. गीता प्रेस से लेकर चौरहिया गोला तक फैली इस मंडी में जरूरत के हर सामान मिल जाते हैं. यहां के दुकानदारों को भी मेरा ख्याल नहीं है. अपनी सेल बढ़ाने के लिए वह सड़क तक दुकान के सामान सजा देते हैं, जिसकी वजह से रास्ते सकरे हो जाते हैं और पार्किंग न होने की वजह से सड़क पर गाडि़यां भी खड़ी रहती है. जिसकी वजह से घंटो सताने वाला जाम लग ही जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं यहां के कुछ व्यापारी अब दिन और रात नहीं देखते, पहले जहां रात में माल की लोडिंग और अनलोडिंग आसानी से हो जाती थी और लोगों को जाम से जूझना नहीं पड़ता था, अब उसकी कोई टाइम लिमिट नहीं है. हर वक्त मार्केट में लोडिंग और अनलोडिंग हुआ करती है, जिसकी वजह से जाम की कंडीशन और भी खतरनाक हो जाती है. बुनियादी सुविधाओं की बात करें तो न तो पब्लिक टॉयलेट है और न ही पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था, अब थोक व्यापारियों का करम हो जाए तो प्यास बुझ जाती है. सफाई व्यवस्था बेहद खराब है, जिसकी वजह से हल्की सी बरसात में यहां लबालब पानी भर जाता है. जिसकी वजह से बिजनेस पर भी काफी इफेक्ट पड़ता है.

फैक्ट फाइल -

नाम - साहबगंज मार्केट

मार्केट - गल्लामंडी

रजिस्टर्ड शॉप की तादाद - मोर देन क्000 रिटेल एंड होलसेल

डेली बिजनेस - क्0 से क्भ् करोड़

टोटल टर्नअप पीपुल - भ्000 व्यापारी

यहां से आते हैं लोग - बिहार, नेपाल, महराजगंज, बस्ती, देवरिया और आसपास

कहां तक है सीमा - गीता प्रेस से लेकर चौरहिया गोला तक

प्रॉब्लम्स -

- जाम स्टार्टिग से ही इस मार्केट की सबसे बड़ी प्रॉब्लम रही है.

- सिक्योरिटी की कोई फैसिलिटी नहीं, यहां पर कभी सिक्योरिटी के लिहाज से पुलिस भी गश्त नहीं करती.

- चौरहिया गोला से लेकर लालडिग्गी तक पार्किंग के लिए कोई फैसिलिटी नहीं

- पीने का पानी भी एक बड़ी प्रॉब्लम हैं, एक दो सरकारी नल हैं लेकिन पीने लायक पानी नहीं आता है.

- कहीं पर भी पब्लिक टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है.

- सड़क पर दुकानदारों ने ही एनक्रोचमेंट कर रखा है, सड़क पर चलना दूभर हो जाता है.

- बरसात के दिनों में यहां कीचड़ हो जाता है, हल्की सी ही बरसात में वॉटर लॉगिंग हो जाती है.

- सफाई होती नहीं जिसकी वजह से नालियां अक्सर जाम ही रहती हैं.

साहबगंज मंडी कानपुर के बाद प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है, जोकि ख्00 साल पुरानी है. पहले यहां पर दलहन, तिलहन, मुंगफली का बड़े पैमाने पर कारोबार होता था. क्880 से यहां केरोसीन का व्यापार शुरु हुआ. यहां पर तेल बर्मा से आयात होता था. किराना मंडी क्970 से स्टेब्लिश हुई है.

- सीताराम जायसवाल, अध्यक्ष, किराना मंडी एसोसिएशन

साहबगंज में अगर सफाई दुरुस्त हो जाए, तो काफी प्रॉब्लम दूर हो जाए. इसकी वजह से ही सबसे बड़ी वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है.

- मदन लाल, थोक व्यापारी

यहां पर सबसे बड़ी प्रॉब्लम जाम की है. पहले रात के वक्त सामान की लोडिंग और अनलोडिंग होती थी, जिसकी वजह से जाम नहीं लगता था, मगर अब दिन में हर वक्त लोडिंग और अनलोडिंग हुआ करती है, जिसकी वजह से जाम हो जाता है.

- आनंद अग्रवाल, थोक व्यापारी

यहां पर आने का मतलब कई घंटे लेकर आना है. जाम की वजह से यहां पर थोड़ी दूरी तय करने में काफी वक्त लग जाता है. सड़क पर लगी दुकानें जाम की अहम वजह है.

- रामचंदर, सोनबरसा बाजार, रिटेलर

यहां पर गाड़ी खड़ी करने के लिए कोई परमनेंट व्यवस्था नहीं है. जो भी आता है सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर देता है, जिसकी वजह से यहां जाम की प्रॉब्लम है. इसके दूर करने के लिए नगर निगम को कोई परमनेंट व्यवस्था कर देनी चाहिए.

- संतोष कुमार गुप्ता, बेलवार, रिटेलर

यहां पर वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम काफी पुरानी है. हल्की सी बारिश में ही वॉटर लॉगिंग हो जाती है. इसके लिए नगर निगम की सफाई व्यवस्था जिम्मेदार है, नगर निगम को इसके लिए सोचना होगा.

राजकुमार, हरनही, रिटेलर

काफी अरसे से यहां बरसात के बाद प्रॉब्लम क्रिएट हो जाती है. बरसात के ठीक बाद घंटो वॉटर लॉगिंग रहती है. वहीं वॉटर लॉगिंग जब खत्म होती है तो वहां पूरी सड़क पर कीचड़ फैला रहता है. नगर निगम को इसके लिए कोई परमनेंट व्यवस्था करनी चाहिए.

- दिलशाद अहमद, रिटेलर

साहबगंज में एक दो नहीं बल्कि प्रॉब्लम का अंबार है. वॉटर लॉगिंग, पार्किंग, एनक्रोचमेंट के साथ ही यहां पर कई बड़ी प्रॉब्लम हैं, जिसपर ध्यान देना बहुत जरूरी है.

- सुशील जालान, कस्टमर

सॉल्युशन -

- यहां पार्किंग की फैसिलिटी प्रोवाइड कर दी जाए तो जाम की प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सकता है.

- बड़े व्हीकल का प्रवेश दिन में बंद कर दें तो भी प्रॉब्लम नहीं होगी.

- शॉपकीपर्स को चाहिए कि वह सामान की लोडिंग और अनलोडिंग रात में कराएं.

- नगर निगम रेग्युलर साफ-सफाई की व्यवस्था करे.

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