शहर में चारों ओर फैला हाईटेंशन वायर का मकड़जाल और उसमें दौड़ता क्क् हजार वोल्टेज का करंट, किसी की भी जिंदगी की लौ को बुझा देने के लिए काफी है. मानसून के दस्तक देते ही ये खतरा और बढ़ जाता है. हर साल कई लोगों को निगल रहे इन मौत के तारों को लोगों से दूर करने की हवाई बातें तो सभी जिम्मेदार विभाग करते हैं लेकिन अमल के नाम सब पल्ला झाड़ लेते हैं.
सिटी के कई इलाके खतरे की जद में
हाईटेंशन लाइन के चलते लगातार हो रहे हादसों की वजह से लोगों के जहन में डर बैठ गया है. जिन फैमिलीज में इसके चलते किसी को अपनी जान गंवानी पड़ी है, वहां तो लोगों ने छत पर जाना ही छोड़ दिया है. जगतपुर, दुर्गानगर, जोगीनवादा, संजय नगर जैसे एरियाज हाईटेंशन लाइन की सबसे अधिक चपेट में हैं. साल ख्0क्ख् की बात करें तो इज्जनगर, कुर्माचलनगर, बिहारीपुर सौदागरान सहित अन्य एरिया में करीब एक दर्जन घटनाएं हुईं थीं. इस साल भी पिछले एक वीक के अंदर फ् घटनाएं हो चुकी हैं. हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से साहब सिंह नामक एक व्यक्ति, दो जानवरों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.
एक-दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा
आए दिन हो रहे हादसों के बाद भी जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही है. जिस विभाग मे लोग शिकायत करने पहुंचते हैं, वहां इस सब का ठीकरा किसी और डिपार्टमेंट पर फोड़ा जाता है. कोई भी विभाग या अधिकारी सिर पर मंडराते मौत के तारों के बारे में मुंह खोलने से बचता है. बिजली विभाग, नगर निगम, बीडीए जैसे विभागों के अलावा सांसद, पार्षद व विधायक भी खामोशी के चादर ओढ़े हैं.
पहले दी खुली छूट, अब झाड़ रहे पल्ला
जिम्मेदारों को लोगों के मौत से कुछ लेना देना नहीं है. यहां जंग 'पहले कौन' की हो रही है. यानि पहले कॉलोनी बसी या फिर लाइन बिछी. जानकारों की मानें तो हाईटेंशन लाइन करीब ख्भ् साल पहले डाली गई है. उस समय हाईटेंशन लाइन के पास एक दो ही मकान हुआ करते थे. समय के साथ प्लॉटिंग होती गई और घर बनते गए. लेकिन सवाल यह उठता है कि हाईटेंशन लाइन के नीचे किस आधार पर प्राइवेट बिल्डर्स के द्वारा प्लॉटिंग कर दी गई. प्लॉटिंग के दौरान नगर निगम और बीडीए ने क्यों हस्तक्षेप नहीं किया. हाईटेंशन लाइन के आस-पास रह रहे लोगों का कहना है कि प्लॉटिंग के दौरान ठेकेदारों और बिल्डर्स ने ये दावे किए थे कि बाद में हाईटेंशन लाइन को हटा दिया जाएगा. रेजीडेंट्स भी हाईटेंशन लाइन के पास सस्ती जमीन मिलने के चलते उनके बहकावे में आसानी से आ गए.
बिजली विभाग का फंड का रोना
इस संबंध में बिजली विभाग आबादी वाले क्षेत्र से हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए पूरी तैयार है, लेकिन वह अपनी जेब से एक फूटी कौड़ी भी नहीं लगाना चाहता है. विभाग के ऑफिसर्स कहते हैं कि सांसद, विधायक, नगर निगम, पंचायत निधि से पैसे मिले और लाइन बिछाने के लिए जमीन प्रोवाइड कराई जाए तो वह अपनी लाइन हटाने के लिए तैयार हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार, एक किलोमीटर का बंच बिछाने में करीब 8 लाख रुपए का खर्च आएगा.
हादसों का हाइटेंशन
- ख्ख् जुलाई ख्0क्ब् जोगी नवादा में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से एक घोडे़ की मौत.
- ख्क् जुलाई ख्0क्ब् शांती बिहार में हाईटेंशन लाइन के चलते एक घोड़े की मौत और एक व्यक्ति घायल.
- ख्0 जुलाई ख्0क्ब् को संजय नगर गली नंबर-ख् निवासी साहब सिंह की दूर्गानगर में काम करते वक्त हाईटेंशन लाइन के चपेट में आने से मौत
- क्भ् सितम्बर ख्0क्ख् को विष्णुधाम कॉलोनी के रहने वाले पौशाकी की क्0 वर्षीय बेटी प्रियंका के ऊपर फ्फ् केवी का हाइटेंशन वायर गिर गया और वह बुरी तरह से झुलस गयी.
- क्क् सितम्बर ख्0क्ख् को बिहारीपुर सौदागरान के रहने वाले अर्जुन रस्तोगी के घर हाइटेंशन वायर से जुड़ा पोल गिर गया. सूचना दिए जाने के बाद भी पोल नहीं हटाए जाने के वजह से स्थानीय लोगों ने सब स्टेशन पर आकर हंगामा भी किया था.
- म् सितम्बर ख्0क्ख् को तो सीबीगंज एरिया में फ्फ् केवी लाइन का जर्जर पोल ही गिर गया. इसकी वजह से कई लोगों ने करंट के झटके महसूस किए थे.
- ख् सितम्बर ख्0क्ख् को इज्जतनगर कुर्माचंलनगर के रहने वाले पंकज कुमार की हाइटेंशन वायर की चपेट में आने के वजह से मौत हो गयी. पंकज की ख्ब् अक्टूबर को शादी भी होनी थी.
- ख्7 जुलाई ख्009 दुर्गानगर निवासी दिशांत सिंह का दाहिना हाथ हाईटेंशन लाइन की वजह से जल गया था.
- ख्00भ् में जगतपुर निवासी इरशाद की मौत हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने के चलते हो गई थी.
अनऑथराइज्ड तरीके से प्लॉटिंग होती चली जा रही है. बीडीए और नगर निगम को इस पर रोक लगानी चाहिए. सस्ती जमीन पाने के चक्कर में लोग प्राइवेट बिल्डर्स से हाईटेंशन लाइन के नीचे जमीन खरीद ले रहे हैं. अगर कोई अपनी निधि से पैसे दे तो हम लाइन हटाने के लिए तैयार हैं.
-पीके गुप्ता, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग
पुराना शहर बहुत पहले का बना है, फिर भी हम अपने ओर से कार्रवाई करेंगे. हाईटेंशन लाइन हटवाने का प्रयास किया जाएगा.
-गरिमा यादव, बीडीए सचिव
इस संबंध में हम लोगों ने चीफ इंजीनियर से मुलाकात की है. फंड दिलाने के बाद ही वे कुछ करने को तैयार हैं. जगतपुर में हर साल ख्-फ् मौत हाईटेंशन लाइन से हो रही हैं.
-मेराज, सभासद, जगतपुर
बगल वाले घर में एक व्यक्ति की मौत हाईटेंशन वायर की वजह से हो गई है. तब से हम लोग भी दहशत में है छत पर जाना छोड़ दिया है.
-जावेद, बिजनेसमैन
जेई, एक्सईएन सभी से कंप्लेन कर चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जगतपुर टंकी के पास कई लोगों की मौत हो चुकी है.
-कौसर हुसैन, सर्विसमैन
ऑफिसर्स पैसे देने के बाद ही हाईटेंशन लाइन हटाने की बात कहते हैं. अब इतना पैसा हम लोग कहा से लाएंगे कि हाईटेंशन लाइन हटाया जा सके.
-गुड्डू, सर्विसमैन
सिटी के कई इलाके खतरे की जद में
हाईटेंशन लाइन के चलते लगातार हो रहे हादसों की वजह से लोगों के जहन में डर बैठ गया है. जिन फैमिलीज में इसके चलते किसी को अपनी जान गंवानी पड़ी है, वहां तो लोगों ने छत पर जाना ही छोड़ दिया है. जगतपुर, दुर्गानगर, जोगीनवादा, संजय नगर जैसे एरियाज हाईटेंशन लाइन की सबसे अधिक चपेट में हैं. साल ख्0क्ख् की बात करें तो इज्जनगर, कुर्माचलनगर, बिहारीपुर सौदागरान सहित अन्य एरिया में करीब एक दर्जन घटनाएं हुईं थीं. इस साल भी पिछले एक वीक के अंदर फ् घटनाएं हो चुकी हैं. हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से साहब सिंह नामक एक व्यक्ति, दो जानवरों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.
एक-दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा
आए दिन हो रहे हादसों के बाद भी जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही है. जिस विभाग मे लोग शिकायत करने पहुंचते हैं, वहां इस सब का ठीकरा किसी और डिपार्टमेंट पर फोड़ा जाता है. कोई भी विभाग या अधिकारी सिर पर मंडराते मौत के तारों के बारे में मुंह खोलने से बचता है. बिजली विभाग, नगर निगम, बीडीए जैसे विभागों के अलावा सांसद, पार्षद व विधायक भी खामोशी के चादर ओढ़े हैं.
पहले दी खुली छूट, अब झाड़ रहे पल्ला
जिम्मेदारों को लोगों के मौत से कुछ लेना देना नहीं है. यहां जंग 'पहले कौन' की हो रही है. यानि पहले कॉलोनी बसी या फिर लाइन बिछी. जानकारों की मानें तो हाईटेंशन लाइन करीब ख्भ् साल पहले डाली गई है. उस समय हाईटेंशन लाइन के पास एक दो ही मकान हुआ करते थे. समय के साथ प्लॉटिंग होती गई और घर बनते गए. लेकिन सवाल यह उठता है कि हाईटेंशन लाइन के नीचे किस आधार पर प्राइवेट बिल्डर्स के द्वारा प्लॉटिंग कर दी गई. प्लॉटिंग के दौरान नगर निगम और बीडीए ने क्यों हस्तक्षेप नहीं किया. हाईटेंशन लाइन के आस-पास रह रहे लोगों का कहना है कि प्लॉटिंग के दौरान ठेकेदारों और बिल्डर्स ने ये दावे किए थे कि बाद में हाईटेंशन लाइन को हटा दिया जाएगा. रेजीडेंट्स भी हाईटेंशन लाइन के पास सस्ती जमीन मिलने के चलते उनके बहकावे में आसानी से आ गए.
बिजली विभाग का फंड का रोना
इस संबंध में बिजली विभाग आबादी वाले क्षेत्र से हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए पूरी तैयार है, लेकिन वह अपनी जेब से एक फूटी कौड़ी भी नहीं लगाना चाहता है. विभाग के ऑफिसर्स कहते हैं कि सांसद, विधायक, नगर निगम, पंचायत निधि से पैसे मिले और लाइन बिछाने के लिए जमीन प्रोवाइड कराई जाए तो वह अपनी लाइन हटाने के लिए तैयार हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार, एक किलोमीटर का बंच बिछाने में करीब 8 लाख रुपए का खर्च आएगा.
हादसों का हाइटेंशन
- ख्ख् जुलाई ख्0क्ब् जोगी नवादा में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से एक घोडे़ की मौत.
- ख्क् जुलाई ख्0क्ब् शांती बिहार में हाईटेंशन लाइन के चलते एक घोड़े की मौत और एक व्यक्ति घायल.
- ख्0 जुलाई ख्0क्ब् को संजय नगर गली नंबर-ख् निवासी साहब सिंह की दूर्गानगर में काम करते वक्त हाईटेंशन लाइन के चपेट में आने से मौत
- क्भ् सितम्बर ख्0क्ख् को विष्णुधाम कॉलोनी के रहने वाले पौशाकी की क्0 वर्षीय बेटी प्रियंका के ऊपर फ्फ् केवी का हाइटेंशन वायर गिर गया और वह बुरी तरह से झुलस गयी.
- क्क् सितम्बर ख्0क्ख् को बिहारीपुर सौदागरान के रहने वाले अर्जुन रस्तोगी के घर हाइटेंशन वायर से जुड़ा पोल गिर गया. सूचना दिए जाने के बाद भी पोल नहीं हटाए जाने के वजह से स्थानीय लोगों ने सब स्टेशन पर आकर हंगामा भी किया था.
- म् सितम्बर ख्0क्ख् को तो सीबीगंज एरिया में फ्फ् केवी लाइन का जर्जर पोल ही गिर गया. इसकी वजह से कई लोगों ने करंट के झटके महसूस किए थे.
- ख् सितम्बर ख्0क्ख् को इज्जतनगर कुर्माचंलनगर के रहने वाले पंकज कुमार की हाइटेंशन वायर की चपेट में आने के वजह से मौत हो गयी. पंकज की ख्ब् अक्टूबर को शादी भी होनी थी.
- ख्7 जुलाई ख्009 दुर्गानगर निवासी दिशांत सिंह का दाहिना हाथ हाईटेंशन लाइन की वजह से जल गया था.
- ख्00भ् में जगतपुर निवासी इरशाद की मौत हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने के चलते हो गई थी.
अनऑथराइज्ड तरीके से प्लॉटिंग होती चली जा रही है. बीडीए और नगर निगम को इस पर रोक लगानी चाहिए. सस्ती जमीन पाने के चक्कर में लोग प्राइवेट बिल्डर्स से हाईटेंशन लाइन के नीचे जमीन खरीद ले रहे हैं. अगर कोई अपनी निधि से पैसे दे तो हम लाइन हटाने के लिए तैयार हैं.
-पीके गुप्ता, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग
पुराना शहर बहुत पहले का बना है, फिर भी हम अपने ओर से कार्रवाई करेंगे. हाईटेंशन लाइन हटवाने का प्रयास किया जाएगा.
-गरिमा यादव, बीडीए सचिव
इस संबंध में हम लोगों ने चीफ इंजीनियर से मुलाकात की है. फंड दिलाने के बाद ही वे कुछ करने को तैयार हैं. जगतपुर में हर साल ख्-फ् मौत हाईटेंशन लाइन से हो रही हैं.
-मेराज, सभासद, जगतपुर
बगल वाले घर में एक व्यक्ति की मौत हाईटेंशन वायर की वजह से हो गई है. तब से हम लोग भी दहशत में है छत पर जाना छोड़ दिया है.
-जावेद, बिजनेसमैन
जेई, एक्सईएन सभी से कंप्लेन कर चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जगतपुर टंकी के पास कई लोगों की मौत हो चुकी है.
-कौसर हुसैन, सर्विसमैन
ऑफिसर्स पैसे देने के बाद ही हाईटेंशन लाइन हटाने की बात कहते हैं. अब इतना पैसा हम लोग कहा से लाएंगे कि हाईटेंशन लाइन हटाया जा सके.
-गुड्डू, सर्विसमैन
Source: Bareilly City News
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