Thursday, July 24, 2014

Police telling clear lies

अ‌र्द्धनग्न युवती का जुलूस निकालने के बाद बुधवार को कानपुर पुलिस ने एक और जुलूस निकाला. झूठ का जुलूस.
लड़की की गिरफ्तारी की ऐसी कहानी बनाई जो इस बात का सबूत है कि पुलिस होश में नहीं है. वो झूठ तक ठीक से नहीं बोल पा रही. हम ये नहीं कह रहे कि लड़की को आरोपी बनाना गलत है या वो निर्दोष है. हमारी आपत्ति एक लड़की के साथ हुए अशोभनीय व्यवहार और पुलिस के काम करने के तरीके पर है. लड़की आरोपी हो या बाद में दोषी भी साबित हो जाए पर पुलिस को नारी की गरिमा के साथ खिलवाड़ का कोई अधिकार नहीं. हमारा विरोध पुलिस की असंवेदनशीलता से है. हमारा विरोध उसकी अराजक कार्यशैली से है. अगर लड़की दोषी होगी तो अदालत सजा देगी पर इस देश में तालिबानी तौर तरीकों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

मुखबिर की सूचना पर बुधवार को दिखाई गिरफ्तारी
पुलिस ने जिस अर्धनग्न लड़की का जुलूस मंगलवार को निकाला था उसे वो बुधवार को गिरफ्तार दिखा रही है. पुलिस के मुताबिक बुधवार दोपहर एक मुखबिर ने सूचना ही कि दीपेन्द्र की हत्या के सम्बन्ध में जिस लड़की की तलाश पुलिस कर रही है वो लाल इमली चौराहे के पास देखी गई है. पुलिस कहती है कि तत्काल कार्रवाई करते हुए उसने लड़की को गिरफ्तार कर लिया और शाम तक जेल भेज दिया. इससे बड़ा झूठ और क्या हो सकता है कि बुधवार के आईनेक्स्ट में खबर छपी है कि मंगलवार सुबह लड़की को उसके घर से पकड़ कर पुलिस ले गई. आईनेक्स्ट लाइव पर मंगलवार रात से वो वीडिओ पड़ा है जिसमें पुलिस लड़की को अर्धनग्न अवस्था में थाने लेकर जा रही है. पर पुलिस है कि वो बताती है कि उसने मुखबिर की सूचना पर बुधवार को लड़की को पकड़ा. कभी देखा है ऐसा सफेद झूठ.

आई नेक्स्ट के पास युवती की गिरफ्तारी की फुटेज और फोटोग्राफ्स मौजूद हैं, मंगलवार दिन में की गई कर्नलगंज पुलिस की शर्मनाक हरकत को तमाम नेशनल टेलीविजन चैनलों ने आई नेक्स्ट के सौजन्य से बताकर बुधवार को जमकर फ्लैश किया. पर पुलिस सबको अंधा समझ रही है.

क्यों बोला सफेद झूठ
बुधवार को आईनेक्स्ट में अर्धनग्न लड़की के जुलूस की खबर छपने के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. उसके लिए मर्डर का केस पीछे हो गया और लड़की के साथ अमानवीय व्यवहार से पीछा छुड़ाना पहली प्राथमिकता हो गया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन
आई नेक्स्ट की टीम ने मृतक दीपेंद्र की प्रेमिका कविता(बदला हुआ नाम) के घर पर जाकर तफ्तीश की, तो इलाकाई लोगों ने भी तस्दीक किया कि युवती को रात में छोड़ा नहीं गया. पुलिस ने सारे नियम को ताक पर रखकर बिना गिरफ्तारी के उसको पूरी रात थाने में रखा और पूछताछ की. इसमें पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के तीन आदेशों का उल्लंघन किया.
पहला उल्लंघन ..ख्ब् घंटे से ज्यादा समय तक किसी को थाने में नहीं रखा जा सकता. उसे जेल भेजना पड़ता है. पुलिस मंगलवार सुबह कविता को थाने लेकर आई और बुधवार शाम को जेल ले गई. ऐसे में उसकी मजबूरी थी कि कागज पर गिरफ्तारी बुधवार की ि1दखाई जाए.

दूसरा उल्लंघन.. दूसरा गुनाह जो पुलिस ने किया वो ये था कि लड़की को महिला थाने में नहीं रखा गया. आईनेक्स्ट ने महिला थाने से कन्फर्म किया तो पता चला कि लड़की को वहां लाया ही नहीं गया था. यानि एक लड़की पूरी रात पुलिस वालों के बीच थाने में रही. ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन है.

तीसरा उल्लंघन.. सुप्रीम के जिस तीसरे आदेश का उल्लंघन हुआ है वो ये है कि किसी लड़की से सूर्यास्त के बाद पूछताछ नहीं हो सकती.

क्या था मामला
मंगलवार को कर्नलगंज में तीन दिन से लापता दीपेंद्र की लाश मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने मृतक की कथित प्रेमिका को पुलिस के सामने बुरी तरह पीटा था लेकिन पुलिस मूदर्शक बनी रही. इसके बाद पुलिस लड़की को फटे कपड़ों में तकरीबन अ‌र्द्धनग्न हालत में उसके घर से थाने तक एक किलोमीटर नंगे पैर लेकर गई . बगल में चल रही जीप में युवती को नहीं बैठाया गया, न ही तन ढकने का ही मौका दिया गया. तब से लड़की पुलिस की हिरासत में थी.

आरोपी बनाकर केस खोल दिया
हड़बड़ाई पुलिस ने आनन फानन में बुधवार को केस खोल दिया. पुलिस के मुताबिक दीपेंद्र जिस दिन घर से गया था. वो प्रेमिका कविता से मोबाइल पर बात कर रहा था जिसके बाद उसका मोबाइल ऑफ हो गया. पुलिस ने सर्विलांस और कॉल डिटेल से पता लगाया कि दीपेंद्र से बात करने के बाद प्रेमिका ने मंगेतर विशाल से बात की थी. इसके बाद मंगेतर विशाल ने ही दीपेंद्र का गला रेतकर हत्या की और शव को कुएं में फेक दिया. हत्या के बाद विशाल ने लड़की को मर्डर के बारे में बता भी दिया था. इसलिए पुलिस ने युवती हत्या की साजिश में शामिल मानकर गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया है. दीपेन्द्र के कातिल विशाल को पुलिस फरार बता रही है. पुलिस का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें दबिश दे रही हैं.

दबाव बनाने को पिता हिरासत में
पुलिस ने कविता पर दबाव बनाने के लिए उसके पिता को भी हिरासत में ले लिया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं दिखायी. उसको भी पुलिस ने चौबीस घंटे से ज्यादा थाने की हवालात में बैठाए रखा. पुलिस ने लड़की को जेल भेजने के बाद उसके पिता को थाने से छोड़ दिया.

'चोरी' से जेल क्यों भेजा?
पुलिस लालित्यम साड़ी के मालिक के कत्ल की तरह दीपेंद्र मर्डर का गुपचुप तरीके से खुलासा कर दिया, उसी तरह इस मामले में भी किरकिरी से बचने के लिए कविता को मीडिया के सामने पेश नहीं किया. पुलिस ने आनन फानन में केस खोल दिया, जबकि अभी मुख्य आरोपी पकड़ा नहीं जा सका है. इस बाबत एसओ का कहना है कि युवती ने गुनाह कबूल लिया है. इसलिए उसे जेल भेज दिया है.

'थानाध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज हो'
सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक इस केस में पुलिस ने महिला की लज्जा भंग कर अमानवीय कृत्य किया है. उन्होंने बिना गिरफ्तारी के युवती को थाने में बैठा कर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है. साथ ही महिला की स्वतंत्रता का हनन कर मानवाधिकार का उल्लंघन किया है. पिता को बिना दोष के घंटों हवालात में डालकर मानसिक रूप से प्रताडि़त भी किया गया. इसलिए थानाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई करनी चाहिए.

आईजी ने बैठायी जांच, होगी कार्रवाई
आईजी आशुतोष पाण्डेय ने दीपेंद्र मर्डर केस में युवती कविता की इज्जत तार-तार होने के मामले को गंभीरता से लिया है. साथ ही उन्होंने युवती की गिरफ्तारी की झूठी कहानी पर भी जांच कर कार्यवाई का भरोसा दिलाया है. आई जी ने आई नेक्स्ट से कहा कि इस मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध दिख रही है. मामले की जांच कराई जाएगी. अगर युवती को पीटने और कपड़े फाड़ने में लड़के पक्ष या अन्य कोई दोषी होगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. अगर इसमें कोई भी पुलिस ऑफिसर दोषी होगा, तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा.

दीपेंद्र के परिजनों के पर भी एफआईआर हुई
आई नेक्स्ट ने दीपेंद्र मर्डर में उसकी प्रेमिका को पीटे जाने और कपड़े फाड़े जाने के मामले को प्रमुखता से छापा है. जिससे हरकत में आई पुलिस ने युवती के पिता के तहरीर पर मृतक दीपेंद्र के परिजनों के खिलाफ और अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है. सीओ पीके चावला ने बताया कि इसमें पुलिस जांच कर रही है. युवती को पीटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस
-पंद्रह दिन में जिला प्रशासन और पुलिस को देनी आख्या देनी होगी
रुष्टयहृह्रङ्ख (23 छ्वह्वद्यब्): कानपुर में कर्नलगंज पुलिस की इस शर्मनाक हरकत पर मानवाधिकार आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. आई नेक्स्ट में पुलिस की ये करतूत उजागर होने के बाद यूपी पुलिस के आलाअधिकारियों की नींद तो नहीं टूटी पर, यूपी मानवाधिकार आयोग की सदस्य आशा तिवारी ने प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के डीजीपी, कानपुर के डीएम और एसएसपी को नोटिस भेजकर सख्त कार्रवाई की अपेक्षा की है. साथ ही पूरे घटनाक्रम पर क्भ् दिन में आख्या मांगी है.
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कोट:
आई नेक्स्ट की जो जानकारी थी, वह सही थी. इसके बारे में डीआईजी कानपुर ने हमें बताया कि महिला को बचाने के चक्कर में उसके कपड़े फट गए थे. डीआईजी कानपुर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा गया है.
- मुकुल गोयल,
एडीजी, लॉ एण्ड ऑर्डर
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कोट:
घटना के बारे में जैसे मुझे जानकारी मिली, मैंने तुरंत आईजी को फोन कर जांच कराने के लिए कहा. डीआईजी इसकी जांच कर रहे हैं.
- राकेश बहादुर,
प्रमुख सचिव गृह


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