Wednesday, March 26, 2014

Lost plane 122 pieces of debris seen

परिवहन मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने कहा कि 23 मार्च को ली गई तस्वीरों में 23 मीटर की लंबाई तक के टुकड़े दिख रहे हैं.

इऩ तस्वीरों को फ्रांस की एयरबस सैटेलाइट ने लिया है. तस्वीरों में दिखने वाले कुछ टुकड़े चमकदार हैं जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये टुकड़े किसी ठोस धातु के हैं.

मलेशिया एयरलाइंस का विमान एमएच370 आठ मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ा था. उड़ान भरने के कुछ ही घंटे बाद यह ग़ायब हो गया था. इस विमान में कुल 239 यात्री थे.

घोषणा हो चुकी है कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और कोई भी यात्री जीवित नहीं बचा है.

खोज का दायरा

हुसैन ने बताया कि ये टुकड़े पश्चिमी आस्ट्रेलिया के पर्थ से करीब 2,557 किलोमीटर दूर 400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले हुए हैं.

उन्होंने बताया कि ये जानकारी पर्थ में आस्ट्रेलियाई बचाव और समन्वय केंद्र को 25 मार्च को सौंप दी गई थी.

परिवहन मंत्री ने बताया कि हिंद महासागर के दक्षिण में जारी खोज अभियान को अब पूर्वी हिस्से और पश्चिम हिस्से में बांट दिया गया है.

हुसैन के मुताबिक, "इस क़दम से खोज अभियान में मदद मिलेगी." सैटेलाइट की तस्वीरों में दिख इन टुकड़ों तक अभी पहुंचा नहीं जा सका है.

खोज अभियान के बीच समन्वय का काम देख रहे आस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा प्राधिकरण (एएमएसए) ने बुधवार को कहा कि बीते दिन भारी बारिश के बाद अब मौसम में सुधार हुआ है और खोजी विमानों ने एक बार फिर उड़ान भरी है.

उन्होंने बताया कि खोज अभियान में सात सैन्य और पांच नागरिक विमान शामिल हैं. इस अभियान में आस्ट्रेलिया, अमरीका, चीन और जापान सहित कुल छह देश शामिल हैं.

SC condition on sahara chief bail

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को गुरुवार को उन बैंक खातों की जानकारी देने के लिए कहा है कि जिनके लेनदेने पर लगी हुई रोक को हटाया जा सके.

हालांकि इससे पहले सुब्रत रॉय ने दो जजों वाले पीठ के आदेश को ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक बताते हुए अपनी रिहाई का अनुरोध किया था.

उनकी दलील थी कि चार मार्च, 2014 के आदेश को क़ानून की नज़र में अमान्य घोषित किया जाए.

इस याचिका पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की दो सदस्यीय पीठ ने उनकी रिहाई का आदेश देने से इनकार कर दिया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ अदालत ने कहा कि सुब्रत रॉय की कंपनी को अभी निवेशकों का बक़ाया लौटाना है, इसलिए उन्हें रिहा नहीं किया जा सकता.

पिछली सुनवाई

इससे पहले निवेशकों का पैसा लौटाने के सहारा समूह के प्रस्ताव को अदालत ने 'अपमानजनक' बताया था. सहारा ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि वो तीन दिनों के भीतर निवेशकों का 2500 करोड़ रुपये लौटा देगी, जबकि शेष राशि हर तीन महीने पर क़िस्तों में जमा करने का भरोसा दिया था.

इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि सहारा समूह का ये प्रस्ताव ''काफ़ी अपमानजनक है. आप हमारे पास तब तक न आएं जब तक आपके पास इससे बेहतर कोई प्रस्ताव नहीं हो. ये एक बेईमानी वाला प्रस्ताव है.''

अदालत ने अपने आदेश में 65 वर्षीय सहारा प्रमुख को अगली सुनवाई तक जेल में रहने का आदेश दिया था.

निजी क्षेत्र में सहारा समूह देश का एक बड़ा नियोजक है और उसे 17,500 करोड़ रुपए का भुगतान करना है.

सहारा ने अदालत को जानकारी दी है कि वे इस राशि का भुगतान अपनी परिसंपत्तियों को बेचकर करेगा जिसके दस्तावेज़ सेबी के पास हैं.

Tuesday, March 25, 2014

16 days of lost plane

आइए जानते हैं कि विमान के लापता होने के बाद से इसके दुर्घटनाग्रस्त होने की घोषणा तक कब क्या क्या हुआ-

8 मार्च: मलेशिया एयरलाइंस के एमएच 370 विमान ने स्थानीय समयानुसार सुबह 12.41 बजे कुआलालम्पुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी. विमान में 227 यात्री और चालक दल के 12 सदस्य सवार थे. सह-पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को 1.19 बजे संदेश दिया- ''ऑल राइट, गुड नाइट.''

सैन्य रडार पर इस विमान को आख़िरी बार सुबह 2.14 बजे देखा गया. विमान तब मलक्का की खाड़ी में पश्चिम की ओर बढ़ रहा था. इसके आधे घंटे बाद मलेशिया एयरलाइंस ने कहा कि विमान से संपर्क टूट गया है. विमान को बीजिंग में सुबह 6.30 बजे के आसपास उतरना था.

अधिकारियों ने बताया कि विमान में दो ऐसे भी यात्री सवार हुए हैं जिनके पास चोरी किए हुए पासपोर्ट हैं. इससे संदेह पैदा हुआ कि विमान के लापता होने के पीछे चरमपंथियों का हाथ हो सकता है.
9 मार्च: मलेशिया के वायु सेना प्रमुख ने कहा- सैन्य रडार से संकेत मिला है कि लापता बोइंग 777 जेट विमान संभवत: कुआलालम्पुर की ओर वापस आया होगा.

10 मार्च: वियतनाम के एक खोजी विमान को समुद्र में कुछ मलबा नज़र आया लेकिन कुछ नहीं मिला.

11 मार्च: लापता विमान की तलाश का दायरा 115 नॉटिकल मील तक बढ़ाया गया. कई देशों के कुल 34 विमान और 40 जहाज़, लापता विमान की तलाश में जुटे.

मलेशिया की सेना ने रडार संकेतों के आधार पर दावा किया कि लापता विमान रास्ता बदलकर मलक्का खाड़ी की ओर गया. माना गया कि विमान बहुत नीचे उड़ रहा था.

मलेशिया पुलिस ने जानकारी दी कि चोरी के पासपोर्ट के ज़रिए इस विमान में सवार हुये दो पुरुष यात्री ईरान के नागरिक हैं जिन्होंने यूरोप के टिकट ख़रीदे थे जो संभवत: चरमपंथी नहीं हैं.
12 मार्च: चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने ख़बर दी- चीन के उपग्रह से मिली तस्वीरों से पता चला कि लापता विमान का संदिग्ध मलबा वियतनाम के दक्षिणी छोर में समुद्र में तैरता हुआ नज़र आया है.

13 मार्च: मलेशिया के अधिकारियों ने लापता विमान का दायरा अंडमान सागर और आगे तक बढ़ाया. लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला. बाद में चीन के दूतावास की ओर से कहा गया कि तस्वीरें ग़लती से जारी कर दी गई थीं और इनमें लापता विमान का कहीं कोई मलबा नज़र नहीं आया है.

15 मार्च: मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने कहा कि लापता विमान का रास्ता जान-बूझकर बदला गया था और रडार से संपर्क टूटने के छह घंटे बाद तक ये विमान उड़ान भर था. कहा गया कि ये विमान कज़ाकिस्तान या हिंद महासागर में दक्षिण की ओर भी जा सकता है.

16 मार्च: लापता विमान की तलाश का दायरा 11 मुल्कों तक बढ़ाया गया. विमान की तलाश में जुटे देशों की संख्या 14 से बढ़कर 25 हो गई.

17 मार्च: अधिकारियों ने कहा कि लापता विमान की संचार प्रणाली को बंद किया गया था. जांचकर्ताओं ने विमान अपहरण या पायलट द्वारा आत्महत्या किये जाने की आशंका से इनकार नहीं किया और कहा कि वे इस विमान में सभी लोगों की पृष्ठभूमि की जांच कर रहे हैं.
18 मार्च: थाईलैंड की सेना ने कहा कि उसे अपनी रडार पर कुछ ऐसा नज़र आया था जो हो सकता है कि लापता हुआ विमान रहा हो.

19 मार्च: लापता विमान के बारे में सूचना के अभाव की बात कहकर विमान में सवार यात्रियों के परिजनों ने भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी.

20 मार्च: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने कहा- दक्षिणी हिंद महासागर में कुछ ऐसा नज़र आया है जिसका संबंध लापता विमान से हो सकता है. सेना के चार विमानों को तलाश में भेजा गया. मलेशिया के परिवहन मंत्री ने इसे 'महत्वपूर्ण सुराग' बताया.

21 मार्च: चीन ने दक्षिणी हिंद महासागर में लापता विमान की तलाश के लिये अपने तीन जंगी जहाज़ों को भेजने की घोषणा की.
22 मार्च: मलेशिया के परिवहन मंत्री ने कहा कि चीन के उपग्रह को दक्षिणी हिंद महासागर में मलबे जैसा कुछ नज़र आया है जिसकी तलाश शुरू की गई.

23 मार्च: दक्षिणी हिंद महासागर में कई विमान और जहाज़ लकड़ी के पट्टे और मलबे की तलाश में जुटे. सूचना की कमी की शिकायत के साथ, लापता विमान में सवार यात्रियों के परिजनों में रोष बढ़ा. फ्रांस ने कहा कि उसके उपग्रह से मिली तस्वीरों से सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर में कुछ मलबा दिखाई दिया है.

24 मार्च: चीन और ऑस्ट्रेलिया के विमानों को इलाके में कई चीज़ें नज़र आईं. मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने यूके एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टीगेशन ब्रांच और ट्रेकिंग फर्म इनमारसेट के हवाले से कहा कि लापता विमान का सफ़र दक्षिणी हिंद महासागर में ख़त्म हुआ.

Kejriwal takes a charge on BJP

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उन्हें सत्ता का लालच नहीं है और वो बनारस सांसद बनने नहीं बल्कि देश के भ्रष्टाचार से बचाने आए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा को नहीं पता कि त्याग क्या होता है.

अरविंद केजरीवाल ने भाजपा नेता नरेंद्र मोदी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वो बेनिया बाग़ में आकर उनसे सीधी बहस करें और अगर वो ऐसा नहीं करते तो 'हम मानेंगे कि दाल में कुछ काला है.'

अरविंद केजरीवाल ने बनारस के बेनिया बाग़ मैदान में एक जनसभा के दौरान कहा कि पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ गुस्सा है, लेकिन बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी का जोरदार समर्थन है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद भगोड़ा कहे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि भाजपा तो राजा हरिश्चंद्र को भी भगोड़ा कहती.

उन्होंने कहा कि सभी कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी ने बहुत विकास किया है, लेकिन किसी को ये नहीं पता है कि उन्होंने क्या विकास किया है.

केजरीवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी के विकास की बात मीडिया ने फैलाई है, जो सच्चाई से काफी दूर है.

भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को वाराणसी से लोकसभा उम्मीदवार बनाया है, हालांकि मोदी गुजरात की वडोदरा सीट से भी मैदान में हैं.

इससे पहले केजरीवाल ने बंगलौर में एक रैली के दौरान कहा था कि उनकी पार्टी चाहती है कि वो नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से चुनाव लड़ें.

उन्होंने कहा था कि वो वाराणसी में जनसभा कर के जनता की राय लेंगे कि वो वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़े की नहीं.

केजरीवाल की 'भक्ति'

इससे पहले अरविंद केजरीवाल मंगलवार सुबह सवा आठ बजे शिवगंगा एक्सप्रेस से वाराणसी पहुंचे.

केजरीवाल पहले 23 मार्च को वाराणसी में जनसभा करने वाले थे लेकिन प्रशासन की अनुमति ने मिलने के कारण वो 25 मार्च को रैली कर रहे हैं.

उन्होंने वाराणसी के दशास्वमेध घाट पर स्नान किया और उसके बाद मशहूर काल भैरव मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए. हालांकि वह संकटमोचन मंदिर नहीं जा पाए.

वाराणसी में रोड शो के दौरान अरविंद केजरीवाल पर स्याही भी फेंकी गई है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को कभी एक दूसरे को काले झंडे नहीं दिखाए, लेकिन आज सभी मिलकर आम आदमी पार्टी को काले झंडे दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि दोनों दल मिले हुए हैं.

Monday, March 24, 2014

Jaswant singh files his nomination as independent contest


 'बाग़ी' जसवंत सिंह ने दाख़िल किया पर्चा

स्थानीय संवाददाता नारायण बारेठ के मुताबिक़ नामांकन पत्र दाख़िल करने से पहले जसवंत पुत्र और भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह से मिले और उनसे विचार विमर्श किया.

पर्चा दाख़िल करने के बाद जसवंत सिंह ने कहा, "मुझसे पार्टी के किसी भी नेता ने संपर्क नहीं किया है और मैं पार्टी के रवैये से नाराज़ हूं. मैं जनता के आदेश पर चुनाव लड़ रहा हूँ."

जसवंत सिंह का बाड़मेर स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है जिसमें वह अपनी आगे की रणनीति का ऐलान करेंगे.

इससे पहले राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बाड़मेर और जैसलमेर के भाजपा विधायकों को जयपुर तलब किया था और बाड़मेर से भाजपा के प्रत्याशी सोनाराम का समर्थन करने को कहा.

सोनाराम कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं.

Source: Hindi News

Asia largest forest conservaiton area buliding in india

भारत में बन रहा है एशिया का सबसे बड़ा संरक्षित वन क्षेत्र
2012 में जब कर्नाटक ने क़रीब 2,600 वर्ग किलोमीटर में फैले वन क्षेत्र को संरक्षित घोषित किया तभी से नेशनल पार्कों, बाघ संरक्षित क्षेत्रों और अभ्यारण्यों को जोड़ा जा रहा है.

यह संरक्षित क्षेत्र भारत के कुल भू-क्षेत्र का पांच प्रतिशत है और ऐसे कड़े क़ानूनों के अंतर्गत आता है जो भूमि के इस्तेमाल को बदलने की प्रक्रिया को मुश्किल बनाते हैं.

नेशनल पार्कों और टाइग़र रिज़र्व्स में मानव बस्तियों की इजाज़त नहीं है.

कर्नाटक ने पहले ही तीन संरक्षित वन क्षेत्र बनाए हैं, जो 10 लाख हेक्टेयर में वेस्टर्न घाट के समानांतर फैले हैं.

भारत के पश्चिमी समुद्र तट की ओर स्थित पर्वत शृंखला के पास के क्षेत्र को वेस्टर्न घाट कहा जाता है.

यूनेस्को ने इसे वैश्विक विरासत घोषित कर रखा है और यह दुनिया के आठ सबसे महत्वपूर्ण जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है.

दक्षिणी कर्नाटक में बनरघाटा-नागरहोल क्षेत्र को संरक्षित बनाए जाने के साथ ही 7,050 वर्ग किलोमीटर का विशाल भूभाग एकमुश्त संरक्षित वन क्षेत्र बन जाएगा.

मानव बस्तियां

इस भूभाग में केरल और तमिलनाडु से सटे हुए संरक्षित वन क्षेत्र भी आते हैं.

क़रीब 1,716 वर्ग किलोमीटर में फैला मध्य कर्नाटक का कुद्रेमुख-आघानाशिनी भूभाग इसमें मिलाया जा चुका है.

उत्तर में आंशी-भीमघाद का भूभाग कर्नाटक और गोवा में स्थित 2,242 वर्ग किलोमीटर के वन क्षेत्र से जोड़ा जा चुका है.

विशेषज्ञ कहते हैं कि वन संरक्षरण के लिए विरल मानव बसाहट एक बड़ा ख़तरा है.

सतत् वन क्षेत्र स्थानीय स्तर पर जीवों के लुप्त प्राय होने की संभावना को कम करता है.

एक दूसरे से जुड़े हुए वन क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन के कारण स्थान बदलने वाले वन्य जीवों को अनुकूलन और उत्तरजीविता का बेहतर मौका देते हैं...

Source: Hindi News

Russian troops overrun feodosia naval base of crimea


यूक्रेन के नौसैनिक अड्डे पर रूस का क़ब्ज़ा

यूक्रेन के रक्षा प्रवक्ता व्लादिस्लाव सेलेज़्नीओव ने कहा कि रूसी सैनिकों ने नौसैनिक अड्डे पर दो तरफ से बख्तरबंद गाड़ियों और ग्रेनेड से हमला किया.

उन्होंने बताया कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के सैनिकों के एक जगह इकट्ठा किया और उनके अधिकारियों के हाथ बांध दिए.

रूस ने क्राईमिया के अधिकांश  सैनिक ठिकानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है और इस तरह इस प्रायद्वीप पर उसकी पकड़ मजबूत हो गई है.

फ़ियोडोसिया नौसैनिक ठिकाने पर मौजूद एक सैनिक ने रॉयटर्स को बताया कि वहां गोलीबारी की गई. साथ ही सैनिक ने इस बात की भी पुष्टि की कि इस नौसैनिक ठिकाने पर रूस का क़ब्ज़ा हो गया है.

क्राईमिया की राजधानी सिम्फ़ेरोपोल में मौजूद बीबीसी संवाददाता मार्क लोवेन ने बताया कि फ़ियोडोसिया यूक्रेन के नियंत्रण वाला आख़िरी नौसैनिक ठिकाना था, जो पिछले कुछ समय से रूसी सैनिकों से घिरा हुआ था.

इससे पहले शुक्रवार को रूसी सैनिकों ने रातोंरात दो अन्य सैन्य ठिकानों पर हमला करके उन्हें अपने क़ब़्जे में ले लिया था.

इससे पहले इंटरफ़ैक्स न्यूज़ एजेंसी ने जानकारी दी थी कि यूक्रेन की 189 सैन्य इकाइयों और क्राईमिया के अन्य ठिकानों पर रूसी झंडे फहरा रहे थे.

यूरोप में  नैटो के सैन्य कमांडर ने रविवार को चेतावनी दी थी कि यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर मौजूद रूसी सेनाएं मोलदोवा तक कार्रवाई करने में सक्षम हैं.

क्राईमिया में ताज़ा हालात यह हैं कि इसके कुछ हिस्सों में रविवार शाम से बिजली आपूर्ति बाधित है लेकिन अधिकारियों ने इसके लिए तकनीकी दिक़्क़तों को ज़िम्मेदार ठहराया है.

AFP reporter among 9 dead in kabul


अफ़ग़ानिस्तान: पत्रकार का परिवार समेत क़त्ल

पत्रकार की हत्या के विरोध में अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकारों ने तालिबान की ख़बरों का बहिष्कार करते हुए 15 दिन तक तालिबान की कोई ख़बर प्रसारित न करने का फ़ैसला किया है.

पत्रकार सरदार अहमद, उनकी पत्नी और दो बच्चे उन नौ लोगों में शामिल थे, जिनकी चरमपंथी हमले में मौत हुई है.

सरदार अहमद का तीसरा बच्चा घायल है और उसकी हालत गंभीर है.

इस हमले में मारे गए लोगों में चार महिलाएं, तीन पुरुष और दो बच्चे थे.

प्रसारण बंद
सेरेना होटल राष्ट्रपति भवन से महज़ एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

मारे गए लोगों में भारत और पाकिस्तान के एक-एक नागरिक भी शामिल हैं. हमले में मारे गए बाक़ी लोग अफ़ग़ानिस्तान के थे.

शुक्रवार को बैठक में पत्रकारों ने फ़ैसला लिया कि तालिबान की किसी भी हिंसक गतिविधि की ख़बर नहीं दी जाएगी.

बैठक में कहा गया, "हम तालिबान से यह भी पूछते हैं कि वो मासूम बच्चों की हत्या को कैसे सही ठहरा सकते हैं."

एक बयान में पत्रकारों ने कहा, "हमारी बिरादरी ने एक बार फिर अपने एक सक्रिय सदस्य की दुखद मौत पर शोक जताया है. इस सच्चाई के बावजूद कि अफ़ग़ान पत्रकारों ने कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए अपनी कवरेज में तटस्थ रहने की कोशिश की है."

काबुल में सेरेना होटल राष्ट्रपति भवन और महत्वपूर्ण मंत्रालयों से महज़ एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है, जहां यह हमला हुआ.

Source: Latest News in Hindi

Sharad pawar erase ink vote twice comment creates trouble for him

'दो बार वोट करो' बोलकर पवार की बढ़ी मुसीबत, चुनाव आयोग करेगा जांच
आप की शिकायत
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को फर्जी मतदान के लिए उकसाकर मुसीबत मोल ले ली है. इस मामले में अब चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए इस प्रोग्राम की सीडी मांगी है. साथ ही आयोग ने प्रशासन से इस बाबत जानकारी भी मांगी है. आम आदमी पार्टी ने उनकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की बात कही थी, जिसके बाद पवार अपने दिए गए बयान पर सफाई देते नजर आए थे.

मैंने तो मजाक किया था
अपने बयान पर बवाल बढ़ता देख पवार ने तुरंत पलटी भी मार दी. उन्होंने सफाई दी है कि मैंने तो मजाक में ऐसा कहा था. उन्होंने तर्क दिया कि चुनावी सभाओं में एक ही जैसी बातें सुनते-सुनते लोग ऊब जाते हैं. इसलिए कभी-कभी ऐसी हल्की-फुल्की बातें भी करनी पड़ती हैं. इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि शरद पवार रविवार को मुंबई के भांडुप क्षेत्र में सिर पर बोझा ढोनेवाले मजदूरों के बीच अपनी पार्टी की चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. ये मजदूर ज्यादातर महाराष्ट्र के सातारा जनपद से आते हैं. पवार ने कहा कि पिछली बार मुंबई और सातारा में चुनाव एक ही दिन पड़ा था, इसलिए यहां से सभी लोग वोट डालने के लिए सातारा चले गए थे. वो यहां वोट नहीं डाल पाए.

शरद की दी गई शिक्षा
इस बार सातारा में 17 अप्रैल को और मुंबई में 24 अप्रैल को मतदान है. इसलिए आप लोग पहले सातारा में घड़ी (राकांपा का चुनाव निशान) पर मुहर लगाएं. फिर मुंबई आकर यहां भी घड़ी के निशान पर मुहर लगाएं. मतदाताओं को यह शिक्षा देते हुए पवार उन्हें सावधानी बरतने के तरीके बताना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा कि पहली बार मतदान करते समय अंगुली पर लगाइ गई स्याही तुरंत मिटा दें. शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता द्वारा अपने मतदाताओं को दी गई यह शिक्षा अन्य दलों को रास नहीं आ रही है. महाराष्ट्र में उनके इस बयान का कड़ा विरोध शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी की मुंबई इकाई ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है. उसने स्पष्ट कर दिया है कि वह फर्जी मतदान के लिए लोगों को उकसाने के लिए शरद पवार की शिकायत चुनाव आयोग से करेगी. इतना ही नहीं वह पवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी करेगी.

Source: Hindi News

Friday, March 21, 2014

Sports meet in UPTTI

 
 
 
 


यूपीटीटीआई में स्‍पोटर्स मीट आर्गनाइज की गई, जिसमें कई शहरों के स्‍टूडेंटस ने पार्टिसिपेट किया.

T20 wc 2014 india vs pak match to be played tomorrow


T20 World Cup: इंडिया vs पाकिस्तान महामुकाबला कल71 पर सिमटी पाकिस्तान
पहला प्रेक्टिस मैच हार जाने के बाद टीम इंडिया ने शानदार वापसी की है. इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे टी20 प्रेक्टिस मैच में टीम इंडिया ने शानदार परफॉर्मेंस देते हुए इंग्लैंड की टीम को हरा दिया. वहीं पाकिस्तान की टीम को साउथ अफ्रीका के साथ खेले गए मैच में भी बुरी तरह से हार मिली. पाकिस्तान की टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ महज 71 रनों पर सिमट गई.

कोहली एंड रैना शो
इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टीम इंडिया के दूसरे प्रेक्टिस मैच में टीम इंडिया की जीत के दो हीरो रहे. जो कि सुरेश रैना और विराट कोहली हैं. सुरेश रैना (54) और विराट कोहली (नाबाद 74) की शानदार अर्धशतकीयपारियों की बदौलत भारत ने आइसीसी टी20 विश्व कप के मुख्य ड्रॉ से पहले इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में 20 रन की मनोबल बढ़ाने वाली जीत दर्ज की. पिछले मैच में श्रीलंका से हारने के बाद इस जीत से भारत का पाकिस्तान के खिलाफ 21 मार्च को होने वाले मैच से पहले मनोबल बढ़ेगा. रैना ने 31 गेंदों पर 54 जबकि कोहली ने 48 गेंदों पर नाबाद 74 रन बनाए. भारत का स्कोर पहले छह ओवर में तीन विकेट पर 39 रन था जिसके बाद रैना और कोहली ने 8.5 ओवर में 81 रन की साझेदारी की. आखिरी दस ओवरों में 105 रन जोड़ने से भारत चार विकेट पर 178 रन बनाने में सफल रहा. इंग्लैंड की टीम इसके जवाब में छह विकेट पर 158 रन ही बना पायी. मोइन अली ने उसकी तरफ से सर्वाधिक 46 रन बनाए, जबकि माइकल लंब ने 36 और जोस बटलर ने 30 रन का योगदान दिया. भारत के लिए रवींद्र जडेजा ने 23 रन देकर दो जबकि रविचंद्रन अश्विन, सुरेश रैना, भुवनेश्वर कुमार और मुहम्मद शमी ने एक-एक विकेट लिया.

बिगेस्ट राइवल
हाल ही में टीम इंडिया को एशिया कप में पटकी देने वाली पाकिस्तान की टीम की बात करें तो पता चलता है कि वो कभी टीम इंडिया को टूर्नामेंट में मात नहीं दे पाई है. हालांकि उसका सफर टी20 वलर्ड कप में टीम इंडिया से अच्छा रहा है. पाकिस्तान टी20 वलर्ड कप के चारों सीजन में सेमीफाइनल्स में रहा है. यही नहीं साल 2007 में जब टीम इंडिया ने पहला टी20 वलर्ड कप जीता था. तब भी पाकिस्तान से ही फाइनल खेलना पड़ा था. वहीं पाकिस्तान भी 2009 में टी20 वलर्ड कप जीत कर वलर्ड चैंपियन रह चुका है. इन दोनों ही टीम का मैच कमजोर दिल वालों के लिए कभी नहीं रहा क्योंकि किसे पता इंडिया-पाकिस्तान के मैच के बीच किस टाइम पर क्या हो जाए.

An antisocial app for your safety

दोस्तों से बचाने वाला 'एंटी सोशल' ऐप
कोल्क का ऐप अन्य सोशल नेटवर्क के पब्लिक लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करता है.

यह फ़ोरस्क्वायर और इंस्टाग्राम की मदद से आपके जानने वालों की स्थिति बताता है.

उपभोक्ता चुनिंदा लोगों के आसपास होने पर अलर्ट की सुविधा का चुनाव कर सकते हैं.

'एंटी सोशल' होने के बढ़ते चलन में यह नवीनतम ऐप है, जिससे आप परिचित लोगों से खुद को छिपा सकते हैं

'एंटी सोशल' ऐप
स्नैपचैट ऐप तस्वीरों और वीडियो के देखे जाने के कुछ सेकेंड बाद डिलीट कर देता है. तो सिक्रेट ऐप की मदद से आप अपनी पहचान जाहिर किए बिना मैसेज भेज सकते हैं. इस तरह के मोबाइल ऐप बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं.

वॉट्सऐप की निजी मैसेजिंग सेवा को हाल ही में फ़ेसबुक ने करीब 19 अरब डॉलर क़ीमत में ख़रीदा है, यह आने वाले समय में ऑनलाइन होने वाली निजी बातचीत में बदलाव का संकेत देता है.

क्लोक का ऐप खुद को ऐसे तरीके के रूप में पेश करती है जिससे आप सहकर्मियों और जिनसे आप नहीं मिलना चाहते उनसे बचने की सहूलियत देता है.

इस ऐप को प्रोग्रामर ब्रायन मूरे और वायरल होने वाली न्यूज़ साइट बज़फीड के पूर्व क्रिएटिव डायरेक्टर क्रिस बैकर ने बनाया था.

क्रिस बैकर ने वाशिंगट्न पोस्ट को बताया कि उनकी सेवा सोशल नेटवर्किंग की विशिष्ट दिशा में काम करती है.

उन्होंने कहा, "मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि हमने बड़े सोशल नेटवर्क के प्रति निराशा देखी है."

'निजता का महत्व'
वह कहते हैं, "ट्विटर और फ़ेसबुक जैसी चीज़ें लोगों से भरी पड़ी हैं, जहाँ सारे लोग एकसाथ मौजूद हैं...मैं सोचता हूँ कि एंटी-सोशल सामग्री बढ़ रही है. आप भविष्य में आप इस तरह की और ज़्यादा प्रोजेक्ट्स देखेंगे."

ऐप मैग्ज़ीन के प्रमुख संपादक निक जोंस ने बीबीसी को बताया कि वह इस विचार से सहमत नहीं है, हालांकि यह आकर्षक है.

जोंस कहते हैं, "यह किसी हथकंडे की तरह प्रतीत होता है. लेकिन इसका इस्तेमाल मैं खुद कर सकता हूँ."

वह बताते हैं कि इस तरह के ऐप उपभोक्ताओं की भारी माँग के कारण नहीं विकसित किए जा रहे हैं, ऐप डेपलपर्स सोशल-मीडिया मार्केट की बची हुई जगहों को भरने की कोशिश कर रहे हैं.

उनके अनुसार, "लोग अपने ऐप में विविधता लाते हैं, विशिष्ट बनाते हैं और उस ऐप को फ़ेसबुक को बेचकर अच्छा पैसा बनाने की कोशिश करते हैं."

हालांकि वह स्वीकार करते हैं, "निजता का लोगों के लिए अपना महत्व है. यह बेहद आकर्षक है.

Source: Tech News

Did anushka sharma kiss virat kohli


अनुष्का और विराट ने किया लिप लॉक? वैसे तो विराट कोहली इन दिनों सुपर बिजी और टेंस होंगे क्योंकि वो बांग्लादेश में T20 वर्ल्ड कप के अपने फर्स्ट मैच में ही उन्हें आज पाकिस्तान का सामना करना है. लेकिन दूसरी तरफ अगर उनको नेट पर सर्फ करने का टाइम मिल गया होगा तो कुछ पिक्चर्स ने उनको जरूर टेंस कर दिया होगा. ये पिक्चर्स उनकी और एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की हैं जिनमें वो दोनो इंटेसली लिप लॉक किए हुए नजर आ रहे हैं.
  
वैसे कहा जा रहा है कि दोनों की जो फोटो इंटरनेट पर वायरल हुई, वह दरअसल फेक है यानि उनके फेस मॉफ किए गए हैं.लेकिन ये बात भी सच है कि इन दिनों उनके अनुष्का के एक दूसरे के साथ  डेटिंग करने की न्यूज सब तरफ सुनायी दे रही है और यही वजह है कि लोग किसी हद तक ऐसा सोच रहे हैं कि ये पिक्चर्स सही भी हो सकती हैं. क्योंकि पिछले दिनों जब कोलंबो में इंडिया  का कोई क्रिकेट मैच नहीं चल रहा था, फिर भी टीम इंडिया का ये प्रॉमिसिंग प्लेयर और वाइस कैप्‍टन वहां मौजूद था और इस दौरान अनुष्का भी वहां अपनी फिल्म 'बांबे वेलवेट' की शूटिंग के लिए मौजूद थीं.

Birthday spacial love stories of rani mukherjee

Birthday spacial- रानी मुखर्जी: एक परी की प्रेम कथायेंरानी मुखर्जी ने बॉलिवुड में एक लंबी इनिंग्‍स खेली है. सक्‍सेज और फेलियर दोनों को देखा है और अपने काम के दम पर अपनी पहचान बनाई है. एक फिल्‍मी फेमिली को बिलांग करने के बावजूद रानी ने कभी इस फील्‍ड में आगे बढ़ने के बारे में नहीं सोचा था. वो खुद कहती हैं कि वो कॉलेज के बाद अपने फ्यूचर के बारे में सोच रही थीं जब अचानक उन्‍हें एक बांग्‍ला फिल्‍म बियार फूल का ऑफर मिला और उसके बाद उन्‍होंने अपनी फर्स्‍ट हिंदी फिल्‍म राजा की बरात एक्‍सेप्‍ट की. एक बार इस फील्‍ड में आने के बाद उन्‍होंने इसी डायरेक्‍शन में मजबूती से आगे बढ़ने का डिसीजन लिया.

Rani Mukherjee and Abhishek Bachchan

इसके बाद तो उन्‍होंने अपने को सक्‍सेजफुल करने की कसम खाली और साथिया, युवा, कुछ कुछ होता है, बंटी बबली, लागा चुनरी में दाग, कभी अलविदा ना कहना, ब्‍लैक, वीरजारा और हमतुम जैसी एक के बाद एक कमाल फिल्‍में दीं. इंट्रस्‍टिंग

ली इनमें से ज्‍यादातर उन्‍होंने अभिषेक बच्‍चन के साथ की. अभिषेक ने खुद कई बार कहा है कि वो रानी के साथ एक स्‍पेशल बॉन्‍डिंग शेयर करते हैं, वो उनकी स्‍पेशल फ्रेंड हैं और रानी बेहद इंटेलिजेंट हैं. दोनों को अक्‍सर साथ साथ देखा भी गया. ऐसे में ये कहा गया कि रानी और अभिषेक के बीच जबरदस्‍त अफेयर चल रहा है. ये वो दौर था जब करिश्‍मा कपूर से ब्रेकअप के बाद अभिषेक टूटे हुए और अकेले थे. रानी भी सिंगल थीं और उनकी अच्‍छी फ्रेंड भी जाहिर था दोनों एक दूसरे का स्‍ट्रांग सर्पोट बन गए. हालाकि दोनों ने कभी अपने रिलेशन को एक्‍सेप्‍ट नहीं किया लेकिन उनके बीच की कमेस्‍ट्री और बच्‍चन फेमिली में रानी का जिस तरह वेलकम होता था उससे लगा कि जल्‍दी रानी मिसेज बच्‍चन बन जायेंगी लेकिन हर फेरी टेल की हैप्‍पी एंडिंग नहीं होती अभिषेक की लाइफ में ऐश्‍वर्या रॉय की एंट्री हुई और रानी खामोशी से आउट हो गयीं. यहां तक कि रानी को अभिषेक और ऐश्‍वर्या की शादी में इनवाइट भी नहीं किया गया जिसका रानी को हमेशा अफसोस रहा पर वो खामोश रहीं...

Passengers are in trouble

और अब वापसी के लिये छिड़ी जंग LUCKNOW: घर पर होली मनाने का प्रोग्राम अब लोगों पर भारी पड़ रहा है. फैमिली मेंबर्स के साथ होली मनाने से मिली खुशी अब टेंशन का सबब बन रही है. दरअसल, अपनी-अपनी जगहों पर वापस लौटने केलिये ट्रेन का सफर जंग लड़ने से कम नहीं. हालत यह है कि सभी ट्रेन्स न सिर्फ फुल हैं, बल्कि उनमें से ज्यादातर में तो वेटिंग का टिकट भी मिलना बंद हो गया है. स्टेशन पर उमड़ रही पैसेंजर्स की भीड़ को देखते हुए रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने कई ट्रेन्स में एक्स्ट्रा कोच लगाने के इंतजाम किये, लेकिन वे नाकाफी साबित हो रहे हैं.

मुंबई और दिल्ली के लिये मारामारी

होली के बाद पैसेंजर्स की भीड़ में मुंबई व दिल्ली जाने वालों की तादाद सबसे ज्यादा है. हालत यह है कि मुंबई को जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस, लखनऊ-एलटीटी एक्सप्रेस, गोरखपुर-बांद्रा टर्मिनल और दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस, लखनऊ मेल, लखनऊ-नई दिल्ली एसी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस, कैफियत एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस और चंडीगढ़ एक्सप्रेस में लंबी वेटिंग चल रही है. इनमें से ज्यादातर ट्रेन्स में वेटिंग की हालत नो रूम तक पहुंच चुकी है.

एक्स्ट्रा कोच भी नहीं हो पा रहे कारगर

पैसेंजर्स की उमड़ती भीड़ को देखते हुए रेल एडमिनिस्ट्रेशन ने कई ट्रेन्स में एक्स्ट्रा कोचेस लगाए पर, भीड़ के आगे यह इंतजाम भी नाकाफी ही साबित हो रहे हैं. मंगलवार को जहां लखनऊ-नई दिल्ली एसी एक्सप्रेस, लखनऊ-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, बेगमपुरा एक्सप्रेस, फैजाबाद-दिल्ली एक्सप्रेस, पद्मावत एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और वरुणा एक्सप्रेस में एक्स्ट्रा कोचेस लगाए गए. वहीं, बुधवार को भी पद्मावत एक्सप्रेस और काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस में एक्स्ट्रा कोचेस लगाए गए. पर, इन एक्स्ट्रा कोचेस लगने के बावजूद भी जिन पैसेंजर्स का टिकट कंफर्म नहीं हो पाया, वे जनरल कोचेस में ट्रैवेल करने को मजबूर दिखे.


करंट काउंटर पर लग रही भीड़

टिकट कंफर्म न हो पाने पर पैसेंजर्स चारबाग रेलवे स्टेशन के करंट काउंटर पर क्वायरी करने पहुंच रहे हैं. हालांकि वहां लंबी लाइन में लगने के बाद नंबर आने पर निराशा ही हाथ लग रही है.

पैसेंजर्स की परेशानी को देखते हुए हुए कई ट्रेन्स में एक्स्ट्रा कोच लगाए जा रहे हैं. आने वाले एक-दो दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे.

- अमिताभ कुमार

डिवीजनल कॉमर्शियल मैेनेजर

नॉर्दन रेलवे, लखनऊ

Source: Lucknow News

Thursday, March 20, 2014

Movie Review Ragini MMS 2 One And Half Star

रागिनी एमएमएस 2 कहानी है डर के खतरनाक और सेक्‍सी हाइटस पर पहुंचने की. कहानी ठीक वहीं से स्‍टार्ट होती है जहां फिल्‍म का प्रीक्‍वल खत्‍म हुआ था.
Producer: Ekta Kapoor and Shobha Kapoor

Director: Bhushan Patel
 
Cast: Sunny Leone, Saahil Prem, Parvin Dabas, Sandhya Mridul, Soniya Mehra, Anita Hassanandani, Divya Dutta, Karan Mehra, Karan Taluja, Kainaz Motivala

Rating: 1.5/5 star

डर्टी वीकएंड सेलिब्रेट करने आए कपल रागिनी और उदय में से रागिनी मेंटल हास्‍पिटल में पहुंच गयी है और उदय मिसिंग है. उनका एमएमएस वायरल हो चुका है और इसीलिए कई लोगों का ध्‍यान इस अनलकी कपल पर जाता है उन्‍हीं में से एक है फिल्‍ममेकर रॉक (प्रवीण डबास) जो इस सबजेक्‍ट पर फिल्‍म बनाना चाहता है. इस फिल्‍म में रागिनी के लीड करेक्‍टर के लिए वो एक्‍ट्रेस सनी (सनी लियोन) को साइन करता है. फिल्‍म को रियलिस्‍टिक बनाने के लिए वो शूटिंग के लिए उसी बंगलो को सलेक्‍ट करते हैं जहां ये इंसीडेंट हुआ था. जिस जगह के बारे में रागिनी का कहना है कि उस बंगले में कोई चुड़ैल है.

शूटिंग स्‍टार्ट हो जाती है और उसके साथ ही स्‍टार्ट हो जाता है डर और दहशत के साथ एक खतरनाक खेल. किसी को समझ नहीं आता कि एक के बाद एक हो रहे खतरनाक हादसों का क्‍या रीजन है. वो लोग वहां से जाना चाहते हैं पर रॉक का जनून और सिचुएशंस उन्‍हें वहां से कहीं जाने भी देते. तो क्‍या रागिनी सच कह रही थी कि उस घर में कोई चुड़ैल है और अगर हां तो वो चाहती क्‍या है और रॉक वहां से क्‍यों नहीं जाना चाहता.
अगर आप देखना चाहते हैं रागिनी एमएमएस2 काट्रेलर तो क्‍लिक करें ये लिंक-


अब अगर कहानी ऐसी हो और प्रोड्यूसर एकता कपूर हो तो आप आराम से डिसाइड कर सकते हैं कि फिल्‍म आपको देखनी है या नहीं. क्‍योंकि ये टोटली आपकी च्‍वाइस और प्रिफरेंस पर डिपेंड करता है. जहां तक फैक्‍टस पर बेस बात की जाए तो एकता कपूर ने तो इस फिल्‍म का ट्रेलर ही इतना हॉट बनाया कि यू ट्यूब को इस सेंसर करना पड़ा और एक वार्निंग डालनी पड़ी कि आप अपनी एज कंफर्म करके ही इस वीडियों को देखने के लिए साइन इन कर सकते हो.

सनी लियोन ने एक्‍टिंग के नाम पर उतना ही काम किया है जिसके लिए उन्‍हें साइन किया गया है यानि एक नार्मल बॉलिवुड मूवी के लिए जिस एक्‍सटेंट तक एक्‍सपोज किया जा सकता है वो सब कुछ उन्‍होंने कर दिया इसके आगे सिर्फ पोर्न फिल्‍म में किया जा सकता है. जो सनी के लिए शायद करना आसान हो पर एकता के लिए इसे सेंसर से पास कराना आसान नहीं होता. डायरेक्‍टर भूषण पटेल को डायरेक्‍शन के नाम पर सिर्फ इतना याद रखना था कि कहां पहुंच कर कट बोलना है बाकी कमाल तो एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी का है. फिल्‍म में संध्‍या मृदुल और सनी लियोन के क्‍लोज सीन हॉट टापिक बने हुए हैं.

Source: Movie Reviews

Rajat Kapoor Says Why We Need Aamir Khan

फ़िल्मकार रजत कपूर ने 'दिल चाहता है', 'भेजा फ़्राई', 'पप्पू कान्ट डांस साला' और 'फंस गए रे ओबामा' जैसी फ़िल्मों में हल्के फ़ुल्के कॉमिक रोल किए हैं लेकिन उनके अंदर कुछ बातों को लेकर गहरा असंतोष है.
भारत में छाए 'स्टार कल्चर' से वो ख़फ़ा रहते हैं. वो कहते हैं, "ये देश स्टार्स से ही चलता है. बड़े दुर्भाग्य की बात है कि फ़िल्में हों या राजनीतिक पार्टियां सबको स्टार की ही ज़रूरत पड़ती है. बिना उनके काम ही नहीं बनता."

शुक्रवार को रिलीज़ हो रही फ़िल्म 'आंखों देखी' के निर्देशक रजत अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहते हैं, "पिछले साल 'शिप ऑफ़ थीसियस' जैसी बेहतरीन फ़िल्म आई. लेकिन उसे भी प्रमोशन के लिए आमिर ख़ान की ज़रूरत पड़ी. मानता हूं कि इससे फ़िल्म को मदद मिली. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए." उन्होंने कहा, "ये ग़लत चलन है. पूरी फ़िल्म तो आपने बिना स्टार के बना ली लेकिन प्रमोशन के लिए स्टार का इस्तेमाल मेरे हिसाब से अफ़सोसजनक है. इसकी ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिए."

ट्विटर पर मिला प्रोड्यूसर
उन्होंने 'आंखो देखी' के लिए फ़ंड जुटाने के पीछे का भी एक दिलचस्प किस्सा सुनाया. रजत ने बताया कि वह फ़िल्म की स्क्रिप्ट कई निर्माताओं के पास लेकर गए लेकिन कोई इसमें पैसे लगाने को तैयार नहीं हुआ. तब उन्होंने ट्विटर पर दुखी होकर लिख दिया कि वो फ़िल्में बनाना छोड़ रहे हैं और अब सिर्फ़ प्ले किया करेंगे. उन्होंने कहा, "इसके बाद मेरे एक प्रशंसक मनीष मुंद्रा ने मुझे कहा कि मैं फ़िल्म में पैसे लगाऊंगा. आप फ़िल्में छोड़ने की बात मत करिए."
Team of Aankhon Dekhi
रजत ने बताया कि उसके बाद वो मनीष से मिले और उन्होंने ना सिर्फ़ फ़िल्म बनाने के लिए बजट मुहैया कराया बल्कि उसके प्रमोशन के लिए भी अपनी जेब ढीली की. इस तरह से रजत को फ़िल्म का प्रोड्यूसर ट्विटर से मिला.

'आंखो देखी' में संजय मिश्रा ने बाबूजी का केंद्रीय किरदार निभाया है. रजत कपूर ने निर्देशन करने के अलावा फ़िल्म में संजय मिश्रा के छोटे भाई का किरदार भी निभाया है. रजत ने बताया कि उन्होंने फ़िल्म की स्क्रिप्ट संजय मिश्रा को ही ध्यान में रखकर लिखी थी. फ़िल्म 21 मार्च को रिलीज़ हो रही है.

'मसाला फ़िल्में नहीं देखता'
रजत कपूर ने इस इंटरव्यू के दौरान बड़ी बेबाकी से बताया कि वो मेनस्ट्रीम बॉलीवुड फ़िल्में नहीं देखते. उन्होंने कहा, "पिछले दस सालों में मुझे देव डी, गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, शिप ऑफ़ थीसियस और मराठी फ़िल्म हरिश्चंद्र फ़ैक्ट्री के अलावा कोई फ़िल्म अच्छी नहीं लगी. मैं ज़्यादा फ़िल्में देखता ही नहीं."
Rajat Kapoor in Aankhon Dekhi
उन्होंने ये ज़रूर क़बूल किया कि हिंदी सिनेमा में बिना स्टार और आइटम सॉन्ग के फ़िल्म बनाना और रिलीज़ करना दोनों ही मुश्किल है और आगे भी हालात बदलने के कोई चांस नहीं हैं. तो क्या रजत आगे मेनस्ट्रीम कमर्शियल फ़िल्में बनाने लगेंगे.

इसके जवाब में रजत कपूर ने ये कहते हुए अपनी बात ख़त्म की कि "मुझे कमर्शियल फ़िल्में पसंद नहीं है. मैं यहां आसान काम करने नहीं बल्कि अपने पसंद का काम करने आया हूं. मुझसे किसी कमर्शियल फ़िल्म की उम्मीद करना वैसे ही है जैसे किसी शाकाहारी आदमी से मटन खाने की उम्मीद करना."

Movie Review Lakshmi 3 Star

Producer: Nagesh Kukunoor, Elahe Hiptoola, Satish Kaushik

Director: Nagesh Kukunoor

Cast: Monali Thakur, Shefali, Satish Kaushik, Ram Kapoor, Nagesh Kukunoor

Rating: 3/5 star

13 साल की लक्ष्‍मी (मोनाली ठाकुर) को किडनेप करके रेड्डी ब्रदर्स चीना और गारू (नागेश कुकनूर और सतीश कौशिक) एक ब्रॉथल को बेच देते हैं जहां उसे देह अेचने की एजुकेशन दी जाती है और हर रोज प्रॉस्‍टिट्यूशन बिजनेस का हिस्‍सा बनने के लिए मजबूर किया जाता है. लक्ष्‍मी को ये एक्‍सेप्‍ट नहीं है वो दो बार वहां से भागने की कोशिश करती है पर नाकाम हो जाती है. फाइनली करीब दो साल बाद वो एक एनजीओ की हेल्‍प से उस नरक से बाहर आ पाती है और फिर उसी एनजीओ के साथ मिल कर रेड्डी ब्रदर्स को सजा दिलवाने की मुहीम में जुट जाती है.

फिल्‍म की कहानी इन चुद लाइनों में सिमट गयी है लेकिन सच्‍ची घटना पर बनी ये फिल्‍म एक दिल दहला देने वाला एक्‍सपीयरेंस है. जितनी इंटेंसिटी से नागेश कुकनूर ने इस फिल्‍म को डायरेक्‍ट किया है उसी डेडिकेशन के साथ मोनाली ठाकुर ने यंग लक्ष्‍मी के रियल लाइफ करेक्‍टर को पोर्टे किया है. फिल्‍म आपको इस कदर मूव कर देती है कि आप उन छोटे छोटे फ्लॉज को नजर अंदाज कर देते हैं जो फिल्‍म के कुछ सींस में नजर आ रहे हैं. कुछ सीन तो इतने हार्ड हैं कि आप हिल जाते हैं और लक्ष्‍मी यातना को अपने भीतर उतरता महसूस करते हैं.

फिल्‍म के डायलॉग बहुत ओपन हैं और आपको काफी अनकंफर्टेबल फील कराते हैं लेकिन ये भी सच है कि जिस बात को फिलम में कहने की कोश्‍िश की जा रही है वो उससे बेहतर और किसी तरह से कन्‍वे भी नहीं होती है. मोनाली के लिए ये फिल्‍म करना खासा बोल्‍ड स्‍टेप है पर अब उनको आगे का रास्‍ता केयरफुली तय करना होगा ताकि उनकी पहचान एक सी ग्रेड एक्‍ट्रेस या स्‍किन शो और एक्‍पोज के सहारे आगे बढ़ने वाली एक्‍ट्रेस की ना बन जाए. बाकी सच को सब पर्दे हटा कर कहने का तरीका ही नागेश को आता है और उन्‍होंने वही किया है. 

15 Crossroads To Be Made Encroachment Free

KANPUR : कानपुराइट्स को भीषण ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने की कड़ी में शहर के चौराहों को इनक्रोचमेंट-फ्री बनाने की तैयारी की जा रही है. अतिक्रमण हटाकर इन सभी चौराहों को चौड़ा किया जाएगा, जिससे पब्लिक को आए दिन ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा दिलाया जा सके.

फ‌र्स्ट फेज में

सिटी के बिजी चौराहों को इनक्रोचमेंट-फ्री बनाने के लिए डीएम डॉ. रोशन जैकब ने स्पेशल प्लान बनाया है. प्लान के फ‌र्स्ट फेज में क्भ् चौराहे चिन्हित किये गये हैं. इन चौराहों का आरटीओ से सर्वे कराकर वेहिकल्स का मूवमेंट प्लान बनाया जाएगा. पीडब्लूडी और नगर निगम मिलकर उक्त चौराहों के फुटपाथ एवं खाली स्थान पर एक बाउंड्री फिक्स कर दी जाएगी.

7 दिनों का प्री-नोटिस

जहां-जहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा, वहां के लोगों को 7 दिनों का प्री-नोटिस दिया जाएगा. इस टाइम पीरियड के दौरान नहीं हटने वाले लोगों के खिलाफ ही एक्शन लिया जाएगा. अतिक्रमण हटते ही वहां बाउंड्री करवाकर प्रॉपर मार्किग करवा दी जाएगी. डीएम ने बताया कि दोबारा अतिक्रमण न हो सके, इसकी जिम्मेदारी संबंधित थाना क्षेत्र की रहेगी.

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फ‌र्स्ट फेज में चिन्हित चौराहे -

घंटाघर, जरीब चौकी, देवकी पैलेस, किदवई नगर, बाकरगंज, विजय नगर, टाटमिल, शास्त्री नगर, गोल चौराहा, नरौना चौराहा, गुरुदेव चौराहा, बड़ा चौराहा, चावला मार्केट, कम्पनी बाग चौराहा, रामादेवी चौराहा

Administrative Problem In Notice Served To Mp Sriprakash Jaiswal

 कैबिनट मिनिस्टर श्रीप्रकाश जायसवाल को आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस जारी करना प्रशासनिक अफसरों को भारी पड़ गया है. शहर कांग्रेस कमेटी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट से परमीशन लेने के बाद ही जनसम्पर्क अभियान चलाया गया. इसके बाद भी प्रशासन ने नोटिस जारी कर दी. कमेटी ने परमीशन की एक कॉपी भी आई नेक्स्ट को उपलब्ध कराई.

एसीएम-फ् से मिली परमीशन

क्फ् मार्च को कैबिनट मिनिस्टर व कानपुर नगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल ने मूलगंज टेम्पो स्टैंड से लाटूश रोड, बासमंडी तिराहा, टुकनिया पुरवा एरिया में जनसम्पर्क किया था. इस संबंध में कार्यक्रम के आयोजक व शहर कांग्रेस कमेटी महेश दीक्षित ने एसीएम-फ् राकेश कुमार से क्ख् मार्च को परमीशन भी ले ली थी. फिर भी क्8 मार्च को एडीएम सिटी अविनाश सिंह के ऑफिस से कैबिनट मिनिस्टर को नोटिस जारी कर दी गई. इस मामले में एसीएम-फ् का कहना है कि उन्हें याद नहीं है, हो सकता है परमीशन जारी की गई हो, ऑफिस में फाइल देखने के बाद ही पुख्ता तौर पर कुछ बता पाउंगा.

अफसरों की भारी चूक

एमपी श्रीप्रकाश के पीए अरुण द्विवेदी ने इस पूरे प्रकरण पर प्रशासनिक अफसरों के बीच आपसी सामंजस्य की कमी करार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा न होता तो कैबिनट मिनिस्टर को नोटिस न भेजी जाती. क्योंकि आयोजनकर्ताओं ने आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए पहले ही परमीशन ले ली थी. नोटिस का जवाब ख्फ् मार्च तक प्रशासन को देना था. इसलिए जवाब में परमीशन लेटर की फोटोकॉपी एडीएम सिटी को भेज दी गई है.

One Killed In Accident Another Injured

सचेण्डी के भौंती इलाके में वेडनेसडे को अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार विनोद सविता (20) की मौत हो गई. वह गल्ला मण्डी नौबस्ता निवासी हजारी लाल का बेटा था. दूज पर बहन से टीका लगवाने बाइक से उसके घर भौंती गया था. लौटते समय पुत्तू तिवारी आटा चक्की के पास अज्ञात वाहन ने पीछे से टक्कर मार दी. वहीं मेडिकल कालेज पुल पर वेडनेसडे को कार की टक्कर से बाइक सवार धीरेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया. वह शिवराजपुर निवासी है. कुलवंती हास्पिटल में एडमिट छोटे भाई के लिए खून लेने जा रहा था.

Reasons Why Advani Wants To Fight From The Bhopal Seat


भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी की लोकसभा सीट को लेकर पिछले एक सप्ताह से जारी सस्पेंस अभी भी खत्म नहीं हो पाया है.
भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति बुधवार रात फैसला ले चुकी है कि उन्हें गांधीनगर से ही चुनाव लड़ना है, लेकिन आडवाणी की सुर्इ अभी भी भोपाल पर ही अटकी हुर्इ है.

मातृ संगठन आरएसएस के परोक्ष निर्देश और पार्टी के तमाम नेताओं की मान मनौव्वल के बावजूद आडवाणी यदि भोपाल से ही चुनाव लड़ने की रट लगाए हुए हैं तो इसकी एक नहीं, कर्इ वजहें हैं.

सबसे मुख्य वजह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद हैं, जिन्हें आडवाणी का बेहद करीबी माना जाता है.

आडवाणी भी कर्इ मौकों पर शिवराज सिंह चौहान के प्रति अपने अनुराग को उजागर कर चुके हैं.

पिछले साल गोवा राष्ट्रीय कार्यकारिणी से ठीक पहले उन्होंने पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी से शिवराज सिंह चौहान की तुलना कर भारी बखेड़ा खड़ा किया था.

नजदीकी

मोदी के नाम घोषित होने के पहले आडवाणी एक नहीं कर्इ मर्तबा कह चुके हैं कि पार्टी में प्रधानमंत्री पद के योग्य उम्मीदवारों की कोर्इ कमी नहीं है.

नाम लेते समय वे हर बार शिवराज सिंह का नाम लेना नहीं भूले.

स्थानीय पत्रकार राघवेन्द्र सिंह कहते हैं, ''आडवाणी को भाजपा का पितृ पुरुष माना जाता है. लंबे समय तक वे ही तय करते रहे हैं कि कौन कहां से चुनाव लडेगा, लेकिन मौजूदा घटनाक्रमों को देखकर लगता है कि वे पार्टी में अपनी उपेक्षा से दुखी हैं.''

''पार्टी के तमाम बड़े नेताओें की लोकसभा सीटों का ऐलान हो चुका है लेकिन चार सूचियों के बावजूद आडवाणी के नाम को लेकर संशय बना हुआ है. शायद इसी वजह से वे भोपाल आकर निर्णय लेने वालों तक अपनी नाराजगी पहुंचाना चाह रहे हैं.''

एक अन्य स्थानीय पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि आडवाणी के लिए गांधीनगर सीट भी उतनी ही सुरक्षित है जितनी भोपाल, लेकिन भोपाल आने का फैसला नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा के प्रतिकूल होता तब यह मानने का आधार होता कि आडवाणी मोदी के कारण गुजरात छोड़ मध्यप्रदेश आ रहे हैं.

चौहान का निशाना

शिवराज सिंह चौहान ने लालकृष्ण आडवाणी को भोपाल से चुनाव लड़ने का न्यौता देकर एक तीर से दो निशाने साधे है.

पहला तो आडवाणी की हमदर्दी हासिल करना और दूसरा पार्टी में मौजूद अन्य वरिष्ठ और बुजुर्ग नेताओं तक यह संदेश भिजवाना कि कोर्इ और पूछे न पूछे वो हमेशा उनका सम्मान करते रहेंगे.

गौरतलब है कि पिछली बार पार्टी की एक अन्य दिग्गज नेता सुषमा स्वराज को भी मध्यप्रदेश ने एक सुरक्षित सीट मुहैया कराई थी.

यह वही सीट थी, जिस पर खुद चौहान चार बार सांसद रह चुके थे और जिसके एक एक गांव से वो वाकिफ थे.

चुनाव में विजयी होने के बाद सुषमा तो दिल्ली रवाना हो गईं, लेकिन यहां उनकी सीट का पूरा ख्याल रखा गया.

यही वजह है कि इस बार वे फिर उसी विदिशा सीट से चुनाव लड़ रही हैं.

विदिशा की तरह भोपाल लोकसभा सीट भी भाजपा के लिहाज़ से बेहद महफ़ूज़ है.

भाजपा का गढ़


यहां से पिछले सात लोकसभा चुनावों में भाजपा का कमल खिलता आया है. 1984 की इंदिरा लहर के बाद से कांग्रेस तमाम कोशिशों के बावजूद यहां से अपने किसी सांसद को दिल्ली नहीं पहुंचा पाई.

सीट पर कायस्थ, ब्राम्हण और मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं.

चूंकि भोपाल नवाबी रियासत रही है इसलिए मुस्लिमों की तादाद ठीक ठाक है. कांग्रेस ने सारे जतन किए. ब्राम्हण उम्मीदवार खड़े किए, कायस्थों को मौका दिया और मुस्लिमों को भी आजमाया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली.

भोपाल नवाब खानदान के मशहूर क्रिकेटर नावाब मंसूर अली खान पटौदी को भी कांग्रेस एक बार यहां से आजमा चुकी है.

जबकि भाजपा ने जिसे चाहा उसे जिताया. पूर्व नौकरशाह सुशीलचंद्र वर्मा से लेकर फायरब्रांड लीडर उमा भारती और संजीदा नेता कैलाश जोशी सभी को भोपाल से कामयाबी मिली.

भोपाल लोकसभा की मौजूदा आठ में से छह विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है. कांग्रेस के पास महज एक सीट है.

एक वजह यह भी

आडवाणी यदि यहां से चुनाव लड़ते हैं तब न तो उन्हें ज्यादा मेहनत करना पड़ेगी और न ही चुनाव के बाद क्षेत्र की चिंता.

आडवाणी गांधीनगर से लड़ते हैं या भोपाल से यह जल्द तय हो जाएगा, लेकिन भोपाल में उनकी उम्मीदवारी को लेकर सरगर्मी जरूर है.

बुधवार को जब उनके नाम की घोषणा भी नहीं हुई थी तभी भोपाल की सड़कों पर आडवाणी वेलकम लिखे होर्डिंग्स नजर आने लग गए थे.

रात में जब यह खबर आई कि उन्हें गांधीनगर से ही चुनाव लड़ाया जा रहा है तब जाकर होर्डिंग्स उतारे गए.

राज्य भाजपा में इस बात पर भी मंथन शुरू हो गया है कि भोपाल से अब कौन लड़ेगा.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर इस बारे में चर्चा कर चुके हैं. आडवाणी के लिए भोपाल सीट छोड़ने की पेशकश करने वाले मौजूदा सांसद कैलाश जोशी भी पार्टी नेताओं से चर्चा में मशगूल हैं.

Source: Hindi News

Haryana Minister Kiran Chaudhary Attacked

रियाणा की जनस्वास्थ्य मंत्री किरण चौधरी पर कुछ लोगों ने देर शाम पथराव कर दिया. जिसके कारण वो चोट लगने के कारण मौके पर ही बेहोश हो गई.
अंधेरे का फायदा उठाया
बुधवार देर शाम चुनावी जनसभा को संबोधित करने के दौरान हरियाणा की जनस्वास्थ्य मंत्री किरण चौधरी पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया. छाती व सिर पर चोट लगने से वो बेहोश हो गई. उन्हें स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार दिया गया. डॉ. एमआर मक्कड़ ने बताया कि अल्ट्रासाउंड और प्राथमिक उपचार के बाद रात नौ बजे किरण चौधरी के ही अनुरोध पर उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया गया. पत्थरबाजी में एक बुजुर्ग व बच्चे को भी चोट आई है. हमलावर अंधेरे का फायदा उठा कर फरार हो गए.

अचानक पथराव

किरण चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अपनी बेटी श्रुति चौधरी के समर्थन में कोरियावास गांव में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रही थीं. वो चुनाव प्रचार के दौरान बुधवार को शाम 7.50 बजे वह कोरियावास की चौपाल में पहुंचीं. उन्होंने सभा को संबोधित करना शुरू ही किया था कि पूर्व दिशा से अचानक पथराव शुरू हो गया. हमलावरों ने उन पर चार-पांच पत्थर फेंके. एक पत्थर किरण चौधरी की छाती व दूसरा पत्थर उनके सिर पर लगा. इससे वह मौके पर ही बेहोश हो गई.

चुनाव में खूनी संघर्ष की आशंका
समर्थक गंभीर हालत में किरण चौधरी को सामान्य अस्पताल ले गए. जहां से उन्हें रात नौ बजे गुड़गांव के मेदांता रेफर कर दिया. इस बीच किरण और श्रुति चौधरी के समर्थक मामले की शिकायत लेकर उपायुक्त के आवास पर जमा हो गए थे. इस बार चुनाव में खूनी संघर्ष की आशंका जताई जा रही थी. भाजपा प्रत्याशी धर्मबीर सिंह दबंग प्रवृत्ति के हैं. दूसरी तरफ चौधरी बंसीलाल के परिवार का भी इलाके में काफी प्रभाव है.

Source: Local News

Kushwant Singh Passes Away

भारत के दूसरे पदम विभूषण से सम्मानित जाने-माने पत्रकार, लेखक और स्तंभकार ख़ुशवंत सिंह का गुरुवार सुबह उनके दिल्ली स्थित निवास पर निधन हो गया. वो 99 साल के थे.
भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पदम विभूषण से सम्मानित जाने-माने पत्रकार, लेखक और स्तंभकार  ख़ुशवंत सिंह का गुरुवार सुबह उनके दिल्ली स्थित निवास पर निधन हो गया. वो 99 साल के थे.

खुशवंत सिंह 'योजना', नेशनल हेराल्ड, हिन्दुस्तान टाइम्स और 'दि इलेस्ट्रेटेड विकली ऑफ़ इंडिया' के संपादक रहे थे.

ख़ुशवंत को सबसे पहली ख़्याति भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर आधारित उपन्यास ''ट्रेन टू पाकिस्तान' से मिली.

उन्होंने 'हिस्ट्री ऑफ़ सिख' नाम से सिख धर्म का इतिहास भी लिखा जिसे काफ़ी सराहा गया.

उम्र के अंतिम पड़ाव तक वो लेखन में सक्रिय रहे. पिछले साल उनकी किताब 'खुशवंतनामा: दि लेसन्स ऑफ़ माई लाइफ़' प्रकाशित हुई थी.

वे विभिन्न अख़बारों में नियमित स्तम्भ भी लिखते रहे थे.

वे 1980 से 1986 तक राज्य सभा के सांसद थे. भारत सरकार ने उन्हें 2007 में पदम विभूषण और 1974 में पदम भूषण पुरस्कार दिया गया था. लेकिन उन्होंने 1984 में स्वर्ण मंदिर में हुए सेना के ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के विरोध में पदम भूषण पदक वापस कर दिया था.

Source: Latest News in Hindi

Modi Have To Make Advani Win For His Dignity

बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी होने के साथ ही लालकृष्ण आडवाणी के भोपाल से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है.
अब आडवाणी गुजरात में गांधी नगर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे जबकि पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी गुजरात में वड़ोदरा से उम्मीदवार होंगे. मोदी के बनारस से भी चुनावी लड़ने का फ़ैसला तो पहले ही हो चुका है.

लेकिन इसने भाजपा के अंदरख़ाने सबकुछ सही है, इस पर एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है.

राजनीतिक विश्लेषक नीरजा चौधरी ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि यह फ़ैसला बताता है कि भाजपा के अंदर अब भी कितनी रस्साकशी है. पहले तो इसी बात पर बहस हो रही थी कि आडवाणी को टिकट दिया जाएगा भी या नहीं.

नीरजा ने कहा कि मोदी और उनके समर्थकों को अभी भी एक डर है कि जीतने के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए कहीं आडवाणी का दावा मज़बूत ना हो जाए बावजूद इसके कि नरेंद्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में तय है.

विकास की तुलना

उनके अनुसार दूसरा डर यह था कि आडवाणी अगर भोपाल से चुनाव लड़ते हैं तो कहीं गुजरात के विकास की तुलना वो फिर से मध्यप्रदेश से ना कर दें.

नीरजा कहती हैं कि दूसरी तरफ़ आडवाणी को डर है कि गुजरात में मोदी उन्हें कहीं गांधीनगर से चुनाव हरवा ना दें. लेकिन अब आडवाणी को जिताना मोदी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन जाएगा.

उनका मानना है कि आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को टिकट देना पार्टी की मजबूरी है लेकिन मोदी की रस्साकशी सीनियर नेताओं और संघ के साथ आगे भी जारी रहेगी ऐसा लगता है.

संघ को लग रहा है कि मोदी का क़द संगठन से ज़्यादा बड़ा होता जा रहा है. कहा जाता है कि आडवाणी ने तो इसे पार्टी की बैठक में ज़ाहिर भी किया है.

मोदी के गुजरात के वड़ोदरा से लड़ने के संबंध में ऐसा बताया जा रहा है कि मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड ऐसा रहा है कि वो सुरक्षित सीट से लड़ते रहे हैं.

राजनीतिक विश्लेषक आकार पटेल के अनुसार गुजरात की किसी सीट से तो मोदी को लड़ना ही था.

मोदी को श्रेय
बीबीसी संवाददाता इक़बाल अहमद से बातचीत में आकार पटेल ने कहा कि मोदी अहमदाबाद, सूरत और वड़ोदरा में से किसी एक सीट पर लड़ते जिसमें उन्होंने वड़ोदरा को चुना जहां भाजपा को पिछले कुछ चुनावों में डेढ़ पौने दो लाख की बढ़त मिलती रही है.

पटेल के अनुसार वाराणसी भी बीजेपी की सुरक्षीत सीट रही है लेकिन वहां बीजेपी का वोट शेयर कम है, विपक्षी एकजुटता की स्थिति में वो सीट हारने की संभावना भी रहती लेकिन ऐसा लगता नहीं है.

आकार पटेल का मानना है कि मोदी ने उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने का फ़ैसला इसलिए किया क्योंकि उत्तर प्रदेश में अगर बीजेपी दोबारा से मज़बूत होती है तो इसका सारा श्रेय मोदी को मिले.

विपक्ष दो जगहों से मोदी के चुनाव लड़ने पर उनको घेरते हुए इसे मोदी के विश्वास में कमी बता रहा है.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बुधवार को ही मोदी को निशाना बनाते हुए कहा था कि अगर वो इतने लोकप्रिय हैं तो फिर दो-दो जगह से क्यों चुनाव लड़ने की सोच रहे हैं.

उम्मीदवारी का कीचड़
लेकिन आकार पटेल नहीं मानते कि विपक्ष के इस दावे में कोई ख़ास दम है. उनके अनुसार इससे पहले भी अन्य पार्टी के नेताओं के द्वारा दो जगहों से चुनाव लड़ा जाता रहा है और मोदी की जीत को लेकर किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए.

आडवाणी के गांधी नगर से चुनाव लड़ने के पार्टी के फ़ैसले पर आकार पटेल का कहना है कि आडवाणी असंतुष्ट ज़रूर हैं लेकिन पार्टी में उनका साथ देने वाला इस समय कोई नहीं है.

पटेल के अनुसार आडवाणी ने मोदी के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी का विरोध किया था इसलिए आडवाणी के लिए गुजरात से चुनाव लड़ना मुश्किल ज़रूर होगा लेकिन उनकी जीत पक्की है.

आकार पटेल कहते हैं कि यह बात गुजरात के लोग भी जानते है और स्थानीय कार्यकर्ता भी जानते हैं इसलिए वहां एक महीने रह कर चुनाव प्रचार करना आडवाणी के लिए आसान नहीं होगा.

पटेल का कहना है कि इससे बचने के लिए ही आडवाणी चाह रहे थे कि वो गुजरात से चुनाव ना लड़े, अगर मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार न होते तो आडवाणी गांधीनगर से ही चुनाव लड़ते लेकिन प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी का कीचड़ अभी तक साफ़ नहीं हो पाया है.

Source: Online Hindi Newspaper

Shakti Mill Gangrape Case 4 Accused Declared Convicts

मुंबई के शक्ति मिल गैंगरेप मामले में मुंबई की सत्र अदालत ने चारों अभियुक्तों को दोषी क़रार दिया है. अदालत में फ़ैसले के समय महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर आर पाटिल भी वहां मौजूद थे.
मुंबई के शक्ति मिल गैंगरेप मामले में मुंबई की सत्र अदालत ने चारों अभियुक्तों को दोषी क़रार दिया है. अदालत में फ़ैसले के समय महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर आर पाटिल भी वहां मौजूद थे.

इस मामले के पांच अभियुक्तों में से चारों अभियुक्तों क़ासिम, विजय, सालिम और अशफ़ाक़ को अदालत ने बलात्कार करने का दोषी पाया.

बलात्कार का पाचवां अभियुक्त एक नाबालिग़ था जिस पर अलग से मामला चल रहा है.

मुंबई के शक्ति मिल के पास 22 अगस्त 2013 को इन चार लोगों ने एक पत्रिका के 22 वर्षीय महिला पत्रकार का बलात्कार किया था जब वह अपने एक पुरूष सहकर्मी के साथ एक असाइनमेंट पर गई थी.

इन पांचों पर बलात्कार, षडयंत्र रचने, सामूहिक रूप से साज़िश रचने, अप्राकृतिक सेक्स, और सूचना टेक्नॉलॉजी एक्ट के अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया था.

एक अन्य मामला 31जुलाई 2013 को 18 वर्षीय एक टेलीफ़ोन ऑपरेटर के बलात्कार का है जिसमें इसमें से तीन अभियुक्त शामिल थे.

शुक्रवार को सज़ा
फ़ैसले पर गृहमंत्री आर आर पाटिल ने कहा, "महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश के लिए ये एक महत्तपूर्ण मुक़दमा था. और उसका फ़ैसला आ गया है. इस घटना के बाद बहुत सारे उपाय महिला सुरक्षा के लिए मुंबई पुलिस की तरफ़ से और महाराष्ट्र पुलिस की तरफ़ से किए गए हैं. मेरा विनम्र दावा है कि देश के सारे बड़े शहरों के मुक़ाबले मुंबई में हमारी बहनें और महिलाएं सुरक्षित हैं, फिर भी भविष्य में कोई कमी न रहे इसकी पूरी कोशिश की जाएगी. इस फ़ैसले से गुनहगारों को एक संदेश जाएगा कि ऐसी घटना दोबारा ना हो."

सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा, "हमने इन दोनों मामलों में सभी 75 गवाहों से पूछताछ की है. इन दोनों मामलों में तीन अभियुक्त एक ही है. आज हमने अदालत से दरख़्वास्त की है कि मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया जाए ताकि अभियुक्त पक्ष सज़ा पर अपनी बात रख सके और साथ ही साथ अभियोग पक्ष को भी सज़ा बढ़वाने के लिए धारा 376D के तहत और सबूत देने का मौक़ा मिल सके.''

महिला पत्रकार के बलात्कार के मामले में 44 और टेलीफ़ोन ऑपरेटर के बलात्कार के मामले में 31 गवाहों की गवाही हुई है.

मुजरिमों को सज़ा दिए जाने के बारे में शुक्रवार को सुनवाई होगी और उम्मीद है कि शुक्रवार को ही उन्हें सज़ा सुना दी जाए.

इन चार मुजरिमों को अधिकतम उम्र क़ैद की सज़ा दी जा सकती है.

Source: Hindi News

Wednesday, March 19, 2014

Shilpa Shetty in Kashi Vishwanath Temple

 
 


Varanasi: हाल में फेमस बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी एक पर्सनल प्रोग्राम में वाराणसी पहुंची. यहां आने पर वह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन का मोह नहीं छोड़ सकीं. दर्शन के पीछे क्या मंशा थी और उन्होंने बाबा काशी विश्वनाथ से क्या मांगा, ये तो वहीं जानती होंगी मगर ये जरूर था कि उनके आने की खबर के बाद उनके फैंस की अच्छी खासी भीड़ जमा हो गयी.

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Salman Khan Walks Out Of Akshay Kumar Film Set

भला क्यों अक्षय कुमार की होम प्रोडक्शन फ़िल्म के एक गाने को बीच में ही छोड़कर सलमान ख़ान निकल लिए. ऐसी ही कुछ दिलचस्प ख़बरें पढ़िए मुंबई डायरी में.
सलमान ख़ान और अक्षय कुमार डेविड धवन की फ़िल्म 'मुझसे शादी करोगे' में साथ-साथ नज़र आए थे और अब फिर नज़र आएंगे अक्षय कुमार की होम प्रोडक्शन फ़िल्म 'फ़ुगली' के एक आइटम सॉन्ग में. लेकिन ख़बर ये है कि इसी गाने की शूटिंग के दौरान सलमान ख़ान नाराज़ हो गए और गाना अधूरा ही छोड़कर सेट से चले गए.

सेट पर मौजूद लोगों के मुताबिक़ इस गाने में सलमान और अक्षय कुमार दोनों ही हैं लेकिन सलमान ने जब देखा कि गाने का ज़्यादातर हिस्सा अक्षय कुमार पर ही फ़िल्माया जा रहा है तो वो नाराज़ हो गए और बीच में ही चले गए. बाद में गाना अक्षय कुमार ने बाक़ी कास्ट के साथ अकेले ही शूट कराया. इस गाने को यो यो हनी सिंह ने गाया है.

Armaan and Taneeshaअरमान ले गए तनीषा को घर
होली पर अरमान कोहली अपनी कथित गर्लफ़्रेंड तनीषा मुखर्जी को अपने घर ले गए और परिवार से मिलवाया. कहा जा रहा है कि अरमान और तनीषा के रिश्ते को अरमान के परिवार ने मंज़ूरी दे दी है.

पिछले साल रियलिटी शो 'बिग बॉस' में अरमान और तनीषा मिले थे और वहीं दे दोनों की दोस्ती की शुरुआत हुई थी जो शो के ख़त्म होने के बाद भी क़ायम है. दोनों कई दफ़ा एक साथ सार्वजनिक समारोहों में देखे जा चुके हैं. वैसे अरमान के साथ संभावित रिश्ते को अब तक तनीषा की मां तनूजा और बड़ी बहन काजोल की रज़ामंदी नहीं मिल पाई है.

नेता बनेंगे ऋषि कपूर
70 के दशक से अपना बॉलीवुड करियर शुरू करने वाले ऋषि कपूर अब तक कई तरह के किरदार बड़े पर्दे पर निभा चुके हैं. और अब ताज़ा ख़बर ये है कि वो अपनी एक आने वाली फ़िल्म में राजनेता का रोल निभा रहे हैं. इस फ़िल्म के नाम का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन फ़िल्म की शूटिंग चंडीगढ़ में ज़ोर-शोर से चल रही है. इस फ़िल्म में कोंकणा सेन शर्मा और दिव्या दत्त भी हैं.

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International Webcam Molestation Ring Busted Who Abuse Child

अमरीकी अधिकारियों ने ऑनलाइन चाइल्ड पोर्न परोसने वाले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है.
अधिकारियों ने कहा कि इस गुप्त सदस्यता वाली वेबसाइट को चलाने वाले 14 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

वेबसाइट पर मौजूद वीडियो में मौजूद क़रीब 250 बच्चों में से अधिकतर  अमरीका से हैं.

इस वेबसाइट पर 27,000 ग्राहक मौजूद थे. इनमें से कईयों पर व्यक्तिगत मामला दर्ज किया गया है.

आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आइस) के उप निदेशक डैनियल रैगस्डैल ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया, "इस एजेंसी के इतिहास में हमने इससे पहले कभी भी बाल उत्पीड़न के किसी एक मामले की जांच के दौरान इतने बड़े पैमाने पर नाबालिग पीड़ितों को नहीं पाया है."

एजेंसी ने होमलैंड सुरक्षा और अन्य एजेंसियों की सहायता से इस गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है.

अधिकारियों ने कहा कि वीडियो में मौजूद बच्चों की उम्र तीन से 17 साल के बीच है और वे अमरीका के 39 राज्यों से हैं. कुल 251 पीड़ितों में से 23 ब्रिटेन, कनाडा, न्यूज़ीलैंड,  ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के हैं.

उत्तेजना वाले वीडियोयह वेबसाइट सोशल नेटवर्क पर वीडियो साझा कर कामोत्तेजक सामग्री उपलब्ध कराती थी.

यह वेबसाइट लड़कों के  अश्लील वीडियो साझा करती थी. इन लड़कों को सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से अपने कामोत्तेजक वीडियो देने के लिए फंसाया जाता था. कभी-कभी तो पुरुष महिला बनकर लड़कों को फंसाते थे.

गिरफ्तार संदिग्धों में शामिल 27 साल के जोनाथन जॉनसन दक्षिणी अमरीकी राज्य लूसियाना से संचालित इस अश्लील वेबसाइट के कथित प्रशासक थे.

अधिकारियों ने कहा कि जॉनसन अगर दोषी पाए जाते है तो उन्हें 20 साल की सज़ा हो सकती है.

पुलिस का कहना है कि यह अवैध वेबसाइट जून 2012 से जून 2013 तक एक गुप्त सेवा बोर्ड के टौर नेटवर्क पर संचालित होती रही. जॉनसन को जून 2013 में गिरफ़्तार किया गया था.

टौर नेटवर्क ऑनलाइन पहचान को और एक उपयोगकर्ता के स्थान को गुप्त रखता है.

साजिश का आरोपआइस साइबर अपराध केंद्र के कार्यक्रम प्रबंधक जेम्स कीलपैट्रिक ने रायटर को बताया कि इस रैकेट का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक आइटम एक बच्चे को अमेरिकी डाक सेवा के माध्यम से भेजा गया था. इसके बाद ही जॉनसन पकड़ में आया था.

गिरफ़्तार 14 लोगों पर बाल शोषण उद्यम संचालित करने की साजिश का आरोप लगाया गया है.

अधिकारियों का कहना है, जब इस वेबसाइट को निष्क्रिय किया गया तो उस वक़्त अवैध वेबसाइट पर वेब कैमरों से बनाए गए 2,000 से अधिक वीडियो मौजूद थे जिसमें से ज़्यादातर किशोर लड़कों के थे.

आइस अधिकारियों ने आगाह किया है कि बच्चों को ऑनलाइन कामोत्तेजक सामग्री देने के लिए लालच दिया जा रहा है.

Source: Latest News in Hindi

The First News Report On The LA Earthquake Was Written By A Robot

अमरीकी अख़बार 'दि लॉस एंजलिस टाइम्स' सोमवार को किसी रोबोट पत्रकार-लेखक की लिखी ख़बर प्रकाशित करने वाला पहला अख़बार बन गया. इस रोबोट ने भूकंप के बारे में ख़बर लिखी.
पत्रकार और प्रोग्रामर केन श्वेन्के ने एक ऐसा प्रोग्राम विकसित किया है जो भूकंप आने की स्थिति में तुरंत स्वचालित रूप से एक छोटा लेख लिख देता है.

श्वेन्के ने  स्लेट पत्रिका से कहा यह ख़बर मात्र तीन मिनट में वेबसाइट पर प्रकाशित हो गई थी.

उन्होंने कहा कि "रोबो-जर्नलिज़्म" दुनियाभर के न्यूज़रूम में बढ़ रहा है और  दि एलए टाइम्स इस तकनीक का अगुआ है.

दि लास एंजलिस टाइम्स यूएस जियोलॉजिकल सर्वे जैसे भरोसेमंद स्रोत से डाटा लेता है और पहले से बनाए गए लेख के टेम्पलेट में उसे पेश कर देता है.

रोबोट की लिखी रिपोर्टThis is the article generated by the LA Times algorithm: A shallow magnitude 4.7 earthquake was reported Monday morning five miles from Westwood, California, according to the U.S. Geological Survey. The temblor occurred at 6:25 a.m. Pacific time at a depth of 5.0 miles.

According to the USGS, the epicenter was six miles from Beverly Hills, California, seven miles from Universal City, California, seven miles from Santa Monica, California and 348 miles from Sacramento, California. In the past ten days, there have been no earthquakes magnitude 3.0 and greater centered nearby.

This information comes from the USGS Earthquake Notification Service and this post was created by an algorithm written by the author.

क्या होगा भविष्य

भूकंप से जुड़ी ख़बरों के अलावा यह प्रोग्राम शहर में होने वाली अपराध की ख़बरों को भी तैयार करता है. एक मानवीय संपादक इन ख़बरों में से चुनता है कि कौन सी ख़बर ज़्यादा महत्वपूर्ण है.

दूसरे कई मीडिया संस्थानों में भी कम्प्यूटर प्रोग्राम से ख़बर लिखने की कोशिशें की हैं, ख़ासकर खेल समाचारों के क्षेत्र में.

श्वेन्के कहते हैं कि रोबोट की बनाई ख़बरें असली पत्रकारों की जगह नहीं लेंगी. ये रोबोट केवल उपलब्ध डाटा को जल्दी से जल्दी एकत्रित करने और फिर उसे प्रसारित करने में मदद करेंगे.

उन्होंने कहा यह केवल एक सहायक के रूप में काम करेगा.

वह कहते हैं, "यह काफ़ी समय बचाता है. कुछ ख़ास तरह की कहानियों के लिए यह उतनी ही अच्छी तरह से सूचनाएँ जुटाता है जैसे कि दुनिया में कोई और जुटाएगा."

उन्होंने कहा, "मेरी नज़र में यह किसी की नौकरी नहीं लेगा बल्कि यह हर किसी की नौकरी को रुचिकर बनाएगा."

Source: Hindi News

Shriprakash Jaiswal And Murli Manohar Joshi Will Fight To Win Kanpur

कानपुर लोकसभा सीट पर इस बार दो दिग्गज नेता आमने-सामने हैं. एक तरफ हैं कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नेता मुरली मनोहर जोशी हैं.
केंद्रीय मंत्री जायसवाल कानपुर से जीत की हैट्रिक लगा कर चौथी बार चुनाव में उतर रहे हैं, जबकि नरेंद्र मोदी के लिए वाराणसी की सीट खाली करने के बाद मुरली मनोहर जोशी को कानपुर से भाजपा ने टिकट दिया है.

इन दिग्गजों की टक्कर पर कई लोगों को फ़िल्म 'शोले' में गब्बर सिंह का एक संवाद याद आ रहा है, "अब आएगा मजा."

ये वाक्य गब्बर सिंह तब कहता है जब जय और वीरू ने उसके पांच आदमी मार दिए थे.

लोक सभा चुनाव का बिगुल फूँका जा चूका है, प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं.

सीट का त्याग
यह तो काफ़ी पहले से ही क़रीब करीब तय था कि कानपुर से कांग्रेस के टिकट पर श्रीप्रकाश जायसवाल ही मैदान में उतरेंगे. चुनाव विश्लेषक उनकी एक आसान जीत की बात कर भी रहे थे.

लेकिन जब मुरली मनोहर जोशी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को नरेंद्र मोदी के लिए छोड़ कर कानपुर से लड़ने को तैयार हुए तब सारे पुराने समीकरण बदल गए.

पंडित पृथिनाथ कॉलेज के राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ राजेश गुप्ता कहते हैं, "कानपुर के इतिहास में इतना रोचक चुनाव पहली बार होने जा रहा है. एक तरफ़ कांग्रेस के श्रीप्रकाश जयसवाल हैं जो अपनी पार्टी में बड़ा ओहदा रखते हैं, मंत्री हैं तो उनके सामने भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं के श्रेणी में आने वाले मुरली मनोहर जोशी हैं."

मुरली मनोहर जोशी 2009 में वाराणसी से सांसद थे. यहाँ से 2014 में नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं

डॉ गुप्ता कहते हैं, "जोशी न होते तो जायसवाल शायद कानपुर की सीट आसानी से जीत जाते पर अब कानपुर भारत के उन गिने चुने जगहों में शामिल हो गया है जहाँ चुनाव बहुत ही रोचक होंगे.”

वे कहते हैं, "भाजपा ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा कर दी है. मोदी का वाराणसी से लड़ना, जोशी का वाराणसी की सीट छोड़कर कानपुर आना, ये सब कानपुर के चुनाव को और दिलचस्प बना रहें हैं."

वे आगे कहते हैं, "कानपुर की सीट अब दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है."

कानपुर के वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा कहते हैं, "भाजपा ने मुरली मनोहर जोशी को कानपुर से खड़ा कर यहाँ की सीट को वीआईपी सीट में तब्दील कर दिया है."

1951 में जब पहला लोकसभा चुनाव हुआ था तो हरिहर नाथ शास्त्री कानपुर के पहले सांसद बने.

महेश शर्मा कहते हैं, "1951 से लेकर 2009 तक, कानपुर में कभी ऐसा नहीं हुआ की दो दिग्गज आमने-सामने होंगे. अब तो कील और कांटे की टक्कर होगी."

चुनाव में हार
ऐसा नहीं है कि कानपुर के पूर्व मेयर श्रीप्रकाश जायसवाल लोकसभा चुनाव कभी हारे ही नहीं हैं.

कानपुर में 1998 के चुनाव में भाजपा के जगत वीर सिंह द्रोण जीते और जायसवाल तीसरे नंबर पर आए.

1999 के चुनाव में श्रीप्रकाश जायसवाल ने द्रोण को करीब 35 हज़ार वोटों से पटखनी दी और सांसद बन गए. उन्हें ये जीत तब मिली थी जब अटल बिहारी वाजपेयी की लहर अपने चरम पे थी.

"जोशी और जायसवाल के बीच हार और जीत का अंतर बहुत ही कम होगा. यह दर्शाएगा कि टक्कर कितने कांटे की थी."
-सुनील पाठक, कानपुर के निवासी

1999 से श्रीप्रकाश जायसवाल की जीत का जो दौर शुरू हुआ उसे 2009 तक कोई रोक नहीं पाया.

महेश कहते हैं, "जनता फैसला अप्रैल 30 को करेगी. हार और जीत का अंतर बहुत ही कम होगा."

कानपुर के हर चुनाव, चाहे वह पार्षद स्तर का हो या लोकसभा, सब पर एक पैनी नज़र रखने वाले सुनील पाठक कहते हैं, "परिणाम चाहे जो भी हो, चुनाव में मज़ा आएगा, क्योंकि दो कद्दावर नेता आमने-सामने हैं. पिछले पांच लोक सभा चुनाव में कानपुर में ऐसी टक्कर पहली बार देखने को मिलेगी."

पेशे से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से जुड़ा काम करने वाले सुनील पाठक कहते हैं, "हार और जीत का अंतर बहुत ही कम होगा. यह दर्शाएगा की टक्कर कितने कांटे की थी."

बाहरी प्रत्याशी

आम जनता और चुनाव विश्लेषक तो एक दिलचस्प लड़ाई की उम्मीद कर रहे हैं पर पार्टियां अपनी अपनी जीत का दावा कर रही हैं.

भाजपा कानपुर ज़िला अध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी कहते हैं, "कानपुर में पहली बार किसी भी पार्टी का इतना बड़ा एक नेता चुनाव लड़ रहा है. मुरली मनोहर जोशी भाजपा की नींव रखने वालों में से एक हैं. विद्वान हैं. कानपुर के हित के लिए कानपुर की जनता उन्हें जिताएगी."

श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर के है और जोशी बाहरी. इस सवाल के जवाब में मैथानी कहते हैं, "मुरली मनोहर जोशी ने नरेंद्र मोदी के लिए अपनी वाराणसी सीट का बलिदान किया है."

वहीं उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कमिटी के सचिव डॉ शैलेन्द्र दीक्षित भी इस बात को नकार रहे हैं कि टक्कर कांटे की होगी.

वे कहते हैं, "कानपुर के लोगों के सामने दो प्रतिनिधि हैं. एक तरफ़ कानपुर की जनता की 15 साल तक सेवा करने वाले श्रीप्रकाश जायसवाल हैं और दूसरी तरफ मुरली मनोहर जोशी जो हर पांच साल के बाद एक नया चुनावी क्षेत्र चुनते हैं.

वे कहते हैं, "हम तैयार हैं. कानपुर की जनता भी तैयार है. कानपुर की जनता किसी भी सूरत में एक बाहरी प्रत्याशी को न चुनेगी, न स्वीकार करेगी."