आप की शिकायत
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को फर्जी मतदान के लिए उकसाकर मुसीबत मोल ले ली है. इस मामले में अब चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए इस प्रोग्राम की सीडी मांगी है. साथ ही आयोग ने प्रशासन से इस बाबत जानकारी भी मांगी है. आम आदमी पार्टी ने उनकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की बात कही थी, जिसके बाद पवार अपने दिए गए बयान पर सफाई देते नजर आए थे.
मैंने तो मजाक किया था
अपने बयान पर बवाल बढ़ता देख पवार ने तुरंत पलटी भी मार दी. उन्होंने सफाई दी है कि मैंने तो मजाक में ऐसा कहा था. उन्होंने तर्क दिया कि चुनावी सभाओं में एक ही जैसी बातें सुनते-सुनते लोग ऊब जाते हैं. इसलिए कभी-कभी ऐसी हल्की-फुल्की बातें भी करनी पड़ती हैं. इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि शरद पवार रविवार को मुंबई के भांडुप क्षेत्र में सिर पर बोझा ढोनेवाले मजदूरों के बीच अपनी पार्टी की चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. ये मजदूर ज्यादातर महाराष्ट्र के सातारा जनपद से आते हैं. पवार ने कहा कि पिछली बार मुंबई और सातारा में चुनाव एक ही दिन पड़ा था, इसलिए यहां से सभी लोग वोट डालने के लिए सातारा चले गए थे. वो यहां वोट नहीं डाल पाए.
शरद की दी गई शिक्षा
इस बार सातारा में 17 अप्रैल को और मुंबई में 24 अप्रैल को मतदान है. इसलिए आप लोग पहले सातारा में घड़ी (राकांपा का चुनाव निशान) पर मुहर लगाएं. फिर मुंबई आकर यहां भी घड़ी के निशान पर मुहर लगाएं. मतदाताओं को यह शिक्षा देते हुए पवार उन्हें सावधानी बरतने के तरीके बताना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा कि पहली बार मतदान करते समय अंगुली पर लगाइ गई स्याही तुरंत मिटा दें. शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता द्वारा अपने मतदाताओं को दी गई यह शिक्षा अन्य दलों को रास नहीं आ रही है. महाराष्ट्र में उनके इस बयान का कड़ा विरोध शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी की मुंबई इकाई ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है. उसने स्पष्ट कर दिया है कि वह फर्जी मतदान के लिए लोगों को उकसाने के लिए शरद पवार की शिकायत चुनाव आयोग से करेगी. इतना ही नहीं वह पवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी करेगी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को फर्जी मतदान के लिए उकसाकर मुसीबत मोल ले ली है. इस मामले में अब चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए इस प्रोग्राम की सीडी मांगी है. साथ ही आयोग ने प्रशासन से इस बाबत जानकारी भी मांगी है. आम आदमी पार्टी ने उनकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की बात कही थी, जिसके बाद पवार अपने दिए गए बयान पर सफाई देते नजर आए थे.
मैंने तो मजाक किया था
अपने बयान पर बवाल बढ़ता देख पवार ने तुरंत पलटी भी मार दी. उन्होंने सफाई दी है कि मैंने तो मजाक में ऐसा कहा था. उन्होंने तर्क दिया कि चुनावी सभाओं में एक ही जैसी बातें सुनते-सुनते लोग ऊब जाते हैं. इसलिए कभी-कभी ऐसी हल्की-फुल्की बातें भी करनी पड़ती हैं. इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि शरद पवार रविवार को मुंबई के भांडुप क्षेत्र में सिर पर बोझा ढोनेवाले मजदूरों के बीच अपनी पार्टी की चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. ये मजदूर ज्यादातर महाराष्ट्र के सातारा जनपद से आते हैं. पवार ने कहा कि पिछली बार मुंबई और सातारा में चुनाव एक ही दिन पड़ा था, इसलिए यहां से सभी लोग वोट डालने के लिए सातारा चले गए थे. वो यहां वोट नहीं डाल पाए.
शरद की दी गई शिक्षा
इस बार सातारा में 17 अप्रैल को और मुंबई में 24 अप्रैल को मतदान है. इसलिए आप लोग पहले सातारा में घड़ी (राकांपा का चुनाव निशान) पर मुहर लगाएं. फिर मुंबई आकर यहां भी घड़ी के निशान पर मुहर लगाएं. मतदाताओं को यह शिक्षा देते हुए पवार उन्हें सावधानी बरतने के तरीके बताना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा कि पहली बार मतदान करते समय अंगुली पर लगाइ गई स्याही तुरंत मिटा दें. शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता द्वारा अपने मतदाताओं को दी गई यह शिक्षा अन्य दलों को रास नहीं आ रही है. महाराष्ट्र में उनके इस बयान का कड़ा विरोध शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी की मुंबई इकाई ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है. उसने स्पष्ट कर दिया है कि वह फर्जी मतदान के लिए लोगों को उकसाने के लिए शरद पवार की शिकायत चुनाव आयोग से करेगी. इतना ही नहीं वह पवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी करेगी.
Source: Hindi News
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