Wednesday, March 12, 2014

TMC Rally At Ramlila Maidan Delhi

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, ममता बनर्जी दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंची तो समर्थकों से ज़्यादा ख़ाली कुर्सियों से सामना हुआ.
मायूसी शायद इसलिए भी ज़्यादा हो कि रैली में ममता बनर्जी के साथ अन्ना हज़ारे के आने का ऐलान किया गया था, पर जनता के लिए शायद यह भी नाकाफ़ी था.

कुछ दो-तीन सौ लोग जमा थे और ममता स्टेज पर थीं. अन्ना के आने का इंतज़ार था, और इंतज़ार में बॉलीवुड के पुराने गाने गाए जा रहे थे.

दोपहर हो चली थी, और ख़राब तबियत की वजह से अन्ना के न आने की ख़बरें टीवी चैनलों पर चलने लगी थीं.

आख़िरकार 'कजरा मोहब्बत वाला...' गाना गाए जाने के बाद अचानक ऐलान किया गया कि अब ममता जनता से मुख़ातिब होंगी.

शायद अन्ना के न आने की ख़बर पुख्ता हो गई थी और जनता के मैदान से जाने का ख़तरा बढ़ रहा था.

ममता बनर्जी ने भाषण की शुरुआत में ही कहा कि वह अन्ना हज़ारे के कहने पर दिल्ली में रैली करने के लिए आई हैं.

उन्होंने कहा, "यह हमारी रैली नहीं हैं, हम अन्ना जी के कहने पर बंगाल से काम छोड़कर आए हैं. पर आज बहुत धूप है, वर्किंग डे है. हम आप लोगों को इंतज़ार नहीं कराना चाहते, बस हम अपना संदेश देना चाहते थे, इसलिए यहां हैं."

अन्ना के न आने से निराशा

मैदान में जुटे लोगों के सरों पर 'मैं अन्ना हूं' की टोपियां चमक रही थीं. समर्थक तृणमूल कांग्रेस के थे या अन्ना हज़ारे के यह कहना मुश्किल था.

ममता बनर्जी और अन्ना के एक पोस्टर से अपना सर ढके, शिवशंकर भी अपने दोस्तों के साथ ममता का भाषण सुन रहे थे.

अन्ना की ग़ैरमौजूदगी पर बोले, "हम तो अन्ना हज़ारे को देखने आए थे, वह तो आए नहीं अब ममता को सुनकर क्या करें."

पर राकेश को तो शायद इससे कोई फर्क भी नहीं पड़ रहा था, "क्या फर्क पड़ता है कौन बोल रहा है, आए हैं, खाना खाएंगे, चले जाएंगे."

उत्पल कर्माकर बंगाली हैं और कई साल से दिल्ली में रह रहे हैं. उनके सिर पर भी अन्ना वाली टोपी देख मैंने पूछा कि वह किसके समर्थक हैं?

उत्पल बोले, "गर्मी है तो अन्ना की टोपी पहन ली है, वैसे वह आते तो अच्छा रहता, दीदी को मदद मिलती, पर अब ऐसे ही सही."

ममता बनर्जी ने रामलीला मैदान में भाषण देने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में फिर रैली में कम समर्थकों के आने पर सफ़ाई दी और कहा कि वह बस या ट्रेन में भरकर लोगों को रैली में लाने के पक्ष में नहीं हैं.

ममता ने यह भी कहा कि अन्ना बुज़ुर्ग हैं और अगर उनकी सेहत ठीक नहीं है, तो उनका रैली में न आने का फ़ैसला सही था.

Source: Online Hindi Newspaper

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