Producer: Nagesh Kukunoor, Elahe Hiptoola, Satish Kaushik
Director: Nagesh Kukunoor
Cast: Monali Thakur, Shefali, Satish Kaushik, Ram Kapoor, Nagesh Kukunoor
Rating: 3/5 star
13 साल की लक्ष्मी (मोनाली ठाकुर) को किडनेप करके रेड्डी ब्रदर्स चीना और गारू (नागेश कुकनूर और सतीश कौशिक) एक ब्रॉथल को बेच देते हैं जहां उसे देह अेचने की एजुकेशन दी जाती है और हर रोज प्रॉस्टिट्यूशन बिजनेस का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया जाता है. लक्ष्मी को ये एक्सेप्ट नहीं है वो दो बार वहां से भागने की कोशिश करती है पर नाकाम हो जाती है. फाइनली करीब दो साल बाद वो एक एनजीओ की हेल्प से उस नरक से बाहर आ पाती है और फिर उसी एनजीओ के साथ मिल कर रेड्डी ब्रदर्स को सजा दिलवाने की मुहीम में जुट जाती है.
फिल्म की कहानी इन चुद लाइनों में सिमट गयी है लेकिन सच्ची घटना पर बनी ये फिल्म एक दिल दहला देने वाला एक्सपीयरेंस है. जितनी इंटेंसिटी से नागेश कुकनूर ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है उसी डेडिकेशन के साथ मोनाली ठाकुर ने यंग लक्ष्मी के रियल लाइफ करेक्टर को पोर्टे किया है. फिल्म आपको इस कदर मूव कर देती है कि आप उन छोटे छोटे फ्लॉज को नजर अंदाज कर देते हैं जो फिल्म के कुछ सींस में नजर आ रहे हैं. कुछ सीन तो इतने हार्ड हैं कि आप हिल जाते हैं और लक्ष्मी यातना को अपने भीतर उतरता महसूस करते हैं.
फिल्म के डायलॉग बहुत ओपन हैं और आपको काफी अनकंफर्टेबल फील कराते हैं लेकिन ये भी सच है कि जिस बात को फिलम में कहने की कोश्िश की जा रही है वो उससे बेहतर और किसी तरह से कन्वे भी नहीं होती है. मोनाली के लिए ये फिल्म करना खासा बोल्ड स्टेप है पर अब उनको आगे का रास्ता केयरफुली तय करना होगा ताकि उनकी पहचान एक सी ग्रेड एक्ट्रेस या स्किन शो और एक्पोज के सहारे आगे बढ़ने वाली एक्ट्रेस की ना बन जाए. बाकी सच को सब पर्दे हटा कर कहने का तरीका ही नागेश को आता है और उन्होंने वही किया है.
Director: Nagesh Kukunoor
Cast: Monali Thakur, Shefali, Satish Kaushik, Ram Kapoor, Nagesh Kukunoor
Rating: 3/5 star
13 साल की लक्ष्मी (मोनाली ठाकुर) को किडनेप करके रेड्डी ब्रदर्स चीना और गारू (नागेश कुकनूर और सतीश कौशिक) एक ब्रॉथल को बेच देते हैं जहां उसे देह अेचने की एजुकेशन दी जाती है और हर रोज प्रॉस्टिट्यूशन बिजनेस का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया जाता है. लक्ष्मी को ये एक्सेप्ट नहीं है वो दो बार वहां से भागने की कोशिश करती है पर नाकाम हो जाती है. फाइनली करीब दो साल बाद वो एक एनजीओ की हेल्प से उस नरक से बाहर आ पाती है और फिर उसी एनजीओ के साथ मिल कर रेड्डी ब्रदर्स को सजा दिलवाने की मुहीम में जुट जाती है.
फिल्म की कहानी इन चुद लाइनों में सिमट गयी है लेकिन सच्ची घटना पर बनी ये फिल्म एक दिल दहला देने वाला एक्सपीयरेंस है. जितनी इंटेंसिटी से नागेश कुकनूर ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है उसी डेडिकेशन के साथ मोनाली ठाकुर ने यंग लक्ष्मी के रियल लाइफ करेक्टर को पोर्टे किया है. फिल्म आपको इस कदर मूव कर देती है कि आप उन छोटे छोटे फ्लॉज को नजर अंदाज कर देते हैं जो फिल्म के कुछ सींस में नजर आ रहे हैं. कुछ सीन तो इतने हार्ड हैं कि आप हिल जाते हैं और लक्ष्मी यातना को अपने भीतर उतरता महसूस करते हैं.
फिल्म के डायलॉग बहुत ओपन हैं और आपको काफी अनकंफर्टेबल फील कराते हैं लेकिन ये भी सच है कि जिस बात को फिलम में कहने की कोश्िश की जा रही है वो उससे बेहतर और किसी तरह से कन्वे भी नहीं होती है. मोनाली के लिए ये फिल्म करना खासा बोल्ड स्टेप है पर अब उनको आगे का रास्ता केयरफुली तय करना होगा ताकि उनकी पहचान एक सी ग्रेड एक्ट्रेस या स्किन शो और एक्पोज के सहारे आगे बढ़ने वाली एक्ट्रेस की ना बन जाए. बाकी सच को सब पर्दे हटा कर कहने का तरीका ही नागेश को आता है और उन्होंने वही किया है.
Source: Movie Review in Hindi
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