लखनऊ और वाराणसी की लोकसभा सीटों को लेकर भारतीय जनता पार्टी में खींचतान की ख़बरों से पार्टी ने ख़ुद को अलग करने की कोशिश की है.
मीडिया में पिछले कई दिनों से चर्चा गर्म रही है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ग़ाज़ियाबाद की अपनी जीती हुई सीट छोड़कर लखनऊ से चुनाव लड़ने जा सकते हैं. जबकि वाराणसी से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी का नाम उछाला जा रहा है.
इन नामों के चलते दोनों ही सीटों से भाजपा के मौजूदा सांसद लालजी टंडन और मुरली मनोहर जोशी के नाराज़ होने की ख़बरें मीडिया में थीं. जोशी ने रविवार को कहा था कि वह पार्टी का फ़ैसला मानेंगे.
लालजी टंडन का बयान
इसके बाद सोमवार को लालजी टंडन ने भी मीडिया से बात करके अपना रुख़ सामने रखा.
"मोदी के लिए मैंने स्वयं कहा कि अगर वह लड़ेंगे तो मुझे ख़ुशी होगी और यहाँ से लड़ाने में कोई आपत्ति नहीं है. सारा मेरा राजनीतिक जीवन लखनऊ में बीता यहीं मेरा जन्म हुआ, यहीं मेरा अंत होगा"
-लालजी टंडन, लखनऊ से भाजपा सांसद
उन्होंने कहा, "राजनाथ सिंह मेरी पार्टी के अध्यक्ष हैं क्यों उनका नाम घसीटा जा रहा है. मेरे उनसे व्यक्तिगत संबंध हैं. हम अपने मन की बात एक दूसरे से कह सकते हैं. जब कोई बात मेरे सामने ऐसी आई ही नहीं कि कोई यहाँ से दावा पेश कर रहा है, जब पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय ही नहीं किया तो बेवजह एक मुद्दा खड़ा किया जा रहा है. उसका कोई अर्थ नहीं है."
टंडन का कहना था, " मोदी के लिए मैंने स्वयं कहा कि अगर वह लड़ेंगे तो मुझे ख़ुशी होगी और उन्हें यहाँ से लड़ाने में कोई आपत्ति नहीं है. मेरा सारा राजनीतिक जीवन लखनऊ में बीता, यहीं मेरा जन्म हुआ, यहीं मेरा अंत होगा."
वहीं दिल्ली में जब राजनाथ सिंह के सामने पार्टी में टिकट बँटवारे को लेकर विवाद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति का सहारा लिया.
राजनाथ सिंह का कहना था, "प्रत्याशियों का जहाँ तक संबंध है तो प्रत्याशियों के बारे में केंद्रीय चुनाव समिति ही फ़ैसला करती है. कोई व्यक्ति इस पर फ़ैसला नहीं करता. मेरे बारे में भी जो फ़ैसला होगा वो केंद्रीय चुनाव समिति ही करेगी."
अहम सीटें
राजनाथ सिंह ने पिछले लोकसभा चुनाव में ग़ाज़ियाबाद सीट से जीत हासिल की थी मगर मीडिया में लगातार ख़बरें आ रही हैं कि इस चुनाव में वह लखनऊ से खड़े होने के इच्छुक हैं.
लखनऊ की सीट का सांकेतिक महत्व है. दरअसल भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ से जीत हासिल की थी और वहीं से जीतकर वह प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुँचे थे.
इसके अलावा राजनाथ सिंह लखनऊ में परिसीमन से पहले की महोना सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, हालाँकि उन्हें वहाँ से हार का सामना करना पड़ा था.
उधर वाराणसी सीट को भाजपा पूर्वांचल में अपना असर दिखाने के लिए अहम मान रही है.
मुरली मनोहर जोशी इलाहाबाद की सीट छोड़कर पिछली बार वाराणसी से चुनाव लड़े थे और जीते थे. इस बार कहा जा रहा है कि पार्टी पूर्वांचल पर पकड़ मज़बूत करने के लिए मोदी को वहाँ से चुनाव में उतारना चाहती है.
Source: Online Hindi Newspaper
No comments:
Post a Comment