Monday, March 10, 2014

MPs And MLAs Cases To Be Solved In One Year Orders Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों व विधायकों से जुड़े केसेज की सुनवाई पूरी करने के लिए निचली अदालतों के लिए एक साल की समय सीमा तय कर दी है.
अगर नहीं होता है केस सोल्व तब
कोर्ट ने कहा है कि सांसदों और विधायकों के केस में अगर निचली अदालत आरोप तय करने के एक साल के भीतर सुनवाई पूरी करने में विफल रहती है, तब उसे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को रिपोर्ट भेजेगा, जिसमें इसका कारण बताना होगा. इसके बाद जज रिपोर्ट देखकर समय बढ़ाने का आदेश देगा. कोर्ट ने कहा है कि आरपी एक्ट के सेक्शन आठ (1), 8 (2) और आठ (3) में दिए गए अपराधों से संबंधित ट्रायल एक साल में पूरे किए जाएं.

अयोग्यता के मामले में विधि विभाग के सुझाव:

-पिछले साल या उससे ज्यादा की सजा वाले अपराध में कोर्ट से आरोप तय होने पर सिटिंग एमपी और एमएलए को अयोग्य कर दिया जाना चाहिए.

-चार्जशीट दाखिल होने तक अयोग्य करना ठीक नहीं होगा.

-सिटिंग एमपी, एमएलए का ट्रायल एक साल में पूरा होना चाहिए. अगर एक साल में ट्रायल पूरा न हो तो..

-एक साल बाद उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाए या फिर वोटिंग कराने पर रोक लगा दी जाए.

-आरपी एक्ट में संशोधन कर उम्मीदवार की सजा का प्रावधान किया जाए. गलत हलफनामे पर सजा का प्रावधान किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लॉ कमीशन के सुझाव बहुत अच्छे हैं. संविधान व मौजूदा कानून को देखते हुए इस मामले में कोई भी आदेश देने से पहले विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है, मामले की सुनवाई पूरी होना संभव नहीं है. कोर्ट ने इसके साथ ही सुनवाई टाल दी. गौरतलब है कि सांसदों और विधायकों से जुड़े कई मामले पिछले काफी समय से लंबित पड़े हैं. 

Source: Hindi News

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