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Thursday, March 20, 2014

15 Crossroads To Be Made Encroachment Free

KANPUR : कानपुराइट्स को भीषण ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने की कड़ी में शहर के चौराहों को इनक्रोचमेंट-फ्री बनाने की तैयारी की जा रही है. अतिक्रमण हटाकर इन सभी चौराहों को चौड़ा किया जाएगा, जिससे पब्लिक को आए दिन ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा दिलाया जा सके.

फ‌र्स्ट फेज में

सिटी के बिजी चौराहों को इनक्रोचमेंट-फ्री बनाने के लिए डीएम डॉ. रोशन जैकब ने स्पेशल प्लान बनाया है. प्लान के फ‌र्स्ट फेज में क्भ् चौराहे चिन्हित किये गये हैं. इन चौराहों का आरटीओ से सर्वे कराकर वेहिकल्स का मूवमेंट प्लान बनाया जाएगा. पीडब्लूडी और नगर निगम मिलकर उक्त चौराहों के फुटपाथ एवं खाली स्थान पर एक बाउंड्री फिक्स कर दी जाएगी.

7 दिनों का प्री-नोटिस

जहां-जहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा, वहां के लोगों को 7 दिनों का प्री-नोटिस दिया जाएगा. इस टाइम पीरियड के दौरान नहीं हटने वाले लोगों के खिलाफ ही एक्शन लिया जाएगा. अतिक्रमण हटते ही वहां बाउंड्री करवाकर प्रॉपर मार्किग करवा दी जाएगी. डीएम ने बताया कि दोबारा अतिक्रमण न हो सके, इसकी जिम्मेदारी संबंधित थाना क्षेत्र की रहेगी.

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फ‌र्स्ट फेज में चिन्हित चौराहे -

घंटाघर, जरीब चौकी, देवकी पैलेस, किदवई नगर, बाकरगंज, विजय नगर, टाटमिल, शास्त्री नगर, गोल चौराहा, नरौना चौराहा, गुरुदेव चौराहा, बड़ा चौराहा, चावला मार्केट, कम्पनी बाग चौराहा, रामादेवी चौराहा

Administrative Problem In Notice Served To Mp Sriprakash Jaiswal

 कैबिनट मिनिस्टर श्रीप्रकाश जायसवाल को आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस जारी करना प्रशासनिक अफसरों को भारी पड़ गया है. शहर कांग्रेस कमेटी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट से परमीशन लेने के बाद ही जनसम्पर्क अभियान चलाया गया. इसके बाद भी प्रशासन ने नोटिस जारी कर दी. कमेटी ने परमीशन की एक कॉपी भी आई नेक्स्ट को उपलब्ध कराई.

एसीएम-फ् से मिली परमीशन

क्फ् मार्च को कैबिनट मिनिस्टर व कानपुर नगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल ने मूलगंज टेम्पो स्टैंड से लाटूश रोड, बासमंडी तिराहा, टुकनिया पुरवा एरिया में जनसम्पर्क किया था. इस संबंध में कार्यक्रम के आयोजक व शहर कांग्रेस कमेटी महेश दीक्षित ने एसीएम-फ् राकेश कुमार से क्ख् मार्च को परमीशन भी ले ली थी. फिर भी क्8 मार्च को एडीएम सिटी अविनाश सिंह के ऑफिस से कैबिनट मिनिस्टर को नोटिस जारी कर दी गई. इस मामले में एसीएम-फ् का कहना है कि उन्हें याद नहीं है, हो सकता है परमीशन जारी की गई हो, ऑफिस में फाइल देखने के बाद ही पुख्ता तौर पर कुछ बता पाउंगा.

अफसरों की भारी चूक

एमपी श्रीप्रकाश के पीए अरुण द्विवेदी ने इस पूरे प्रकरण पर प्रशासनिक अफसरों के बीच आपसी सामंजस्य की कमी करार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा न होता तो कैबिनट मिनिस्टर को नोटिस न भेजी जाती. क्योंकि आयोजनकर्ताओं ने आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए पहले ही परमीशन ले ली थी. नोटिस का जवाब ख्फ् मार्च तक प्रशासन को देना था. इसलिए जवाब में परमीशन लेटर की फोटोकॉपी एडीएम सिटी को भेज दी गई है.

One Killed In Accident Another Injured

सचेण्डी के भौंती इलाके में वेडनेसडे को अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार विनोद सविता (20) की मौत हो गई. वह गल्ला मण्डी नौबस्ता निवासी हजारी लाल का बेटा था. दूज पर बहन से टीका लगवाने बाइक से उसके घर भौंती गया था. लौटते समय पुत्तू तिवारी आटा चक्की के पास अज्ञात वाहन ने पीछे से टक्कर मार दी. वहीं मेडिकल कालेज पुल पर वेडनेसडे को कार की टक्कर से बाइक सवार धीरेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया. वह शिवराजपुर निवासी है. कुलवंती हास्पिटल में एडमिट छोटे भाई के लिए खून लेने जा रहा था.

Wednesday, March 19, 2014

Shriprakash Jaiswal And Murli Manohar Joshi Will Fight To Win Kanpur

कानपुर लोकसभा सीट पर इस बार दो दिग्गज नेता आमने-सामने हैं. एक तरफ हैं कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नेता मुरली मनोहर जोशी हैं.
केंद्रीय मंत्री जायसवाल कानपुर से जीत की हैट्रिक लगा कर चौथी बार चुनाव में उतर रहे हैं, जबकि नरेंद्र मोदी के लिए वाराणसी की सीट खाली करने के बाद मुरली मनोहर जोशी को कानपुर से भाजपा ने टिकट दिया है.

इन दिग्गजों की टक्कर पर कई लोगों को फ़िल्म 'शोले' में गब्बर सिंह का एक संवाद याद आ रहा है, "अब आएगा मजा."

ये वाक्य गब्बर सिंह तब कहता है जब जय और वीरू ने उसके पांच आदमी मार दिए थे.

लोक सभा चुनाव का बिगुल फूँका जा चूका है, प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं.

सीट का त्याग
यह तो काफ़ी पहले से ही क़रीब करीब तय था कि कानपुर से कांग्रेस के टिकट पर श्रीप्रकाश जायसवाल ही मैदान में उतरेंगे. चुनाव विश्लेषक उनकी एक आसान जीत की बात कर भी रहे थे.

लेकिन जब मुरली मनोहर जोशी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को नरेंद्र मोदी के लिए छोड़ कर कानपुर से लड़ने को तैयार हुए तब सारे पुराने समीकरण बदल गए.

पंडित पृथिनाथ कॉलेज के राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ राजेश गुप्ता कहते हैं, "कानपुर के इतिहास में इतना रोचक चुनाव पहली बार होने जा रहा है. एक तरफ़ कांग्रेस के श्रीप्रकाश जयसवाल हैं जो अपनी पार्टी में बड़ा ओहदा रखते हैं, मंत्री हैं तो उनके सामने भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं के श्रेणी में आने वाले मुरली मनोहर जोशी हैं."

मुरली मनोहर जोशी 2009 में वाराणसी से सांसद थे. यहाँ से 2014 में नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं

डॉ गुप्ता कहते हैं, "जोशी न होते तो जायसवाल शायद कानपुर की सीट आसानी से जीत जाते पर अब कानपुर भारत के उन गिने चुने जगहों में शामिल हो गया है जहाँ चुनाव बहुत ही रोचक होंगे.”

वे कहते हैं, "भाजपा ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा कर दी है. मोदी का वाराणसी से लड़ना, जोशी का वाराणसी की सीट छोड़कर कानपुर आना, ये सब कानपुर के चुनाव को और दिलचस्प बना रहें हैं."

वे आगे कहते हैं, "कानपुर की सीट अब दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है."

कानपुर के वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा कहते हैं, "भाजपा ने मुरली मनोहर जोशी को कानपुर से खड़ा कर यहाँ की सीट को वीआईपी सीट में तब्दील कर दिया है."

1951 में जब पहला लोकसभा चुनाव हुआ था तो हरिहर नाथ शास्त्री कानपुर के पहले सांसद बने.

महेश शर्मा कहते हैं, "1951 से लेकर 2009 तक, कानपुर में कभी ऐसा नहीं हुआ की दो दिग्गज आमने-सामने होंगे. अब तो कील और कांटे की टक्कर होगी."

चुनाव में हार
ऐसा नहीं है कि कानपुर के पूर्व मेयर श्रीप्रकाश जायसवाल लोकसभा चुनाव कभी हारे ही नहीं हैं.

कानपुर में 1998 के चुनाव में भाजपा के जगत वीर सिंह द्रोण जीते और जायसवाल तीसरे नंबर पर आए.

1999 के चुनाव में श्रीप्रकाश जायसवाल ने द्रोण को करीब 35 हज़ार वोटों से पटखनी दी और सांसद बन गए. उन्हें ये जीत तब मिली थी जब अटल बिहारी वाजपेयी की लहर अपने चरम पे थी.

"जोशी और जायसवाल के बीच हार और जीत का अंतर बहुत ही कम होगा. यह दर्शाएगा कि टक्कर कितने कांटे की थी."
-सुनील पाठक, कानपुर के निवासी

1999 से श्रीप्रकाश जायसवाल की जीत का जो दौर शुरू हुआ उसे 2009 तक कोई रोक नहीं पाया.

महेश कहते हैं, "जनता फैसला अप्रैल 30 को करेगी. हार और जीत का अंतर बहुत ही कम होगा."

कानपुर के हर चुनाव, चाहे वह पार्षद स्तर का हो या लोकसभा, सब पर एक पैनी नज़र रखने वाले सुनील पाठक कहते हैं, "परिणाम चाहे जो भी हो, चुनाव में मज़ा आएगा, क्योंकि दो कद्दावर नेता आमने-सामने हैं. पिछले पांच लोक सभा चुनाव में कानपुर में ऐसी टक्कर पहली बार देखने को मिलेगी."

पेशे से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से जुड़ा काम करने वाले सुनील पाठक कहते हैं, "हार और जीत का अंतर बहुत ही कम होगा. यह दर्शाएगा की टक्कर कितने कांटे की थी."

बाहरी प्रत्याशी

आम जनता और चुनाव विश्लेषक तो एक दिलचस्प लड़ाई की उम्मीद कर रहे हैं पर पार्टियां अपनी अपनी जीत का दावा कर रही हैं.

भाजपा कानपुर ज़िला अध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी कहते हैं, "कानपुर में पहली बार किसी भी पार्टी का इतना बड़ा एक नेता चुनाव लड़ रहा है. मुरली मनोहर जोशी भाजपा की नींव रखने वालों में से एक हैं. विद्वान हैं. कानपुर के हित के लिए कानपुर की जनता उन्हें जिताएगी."

श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर के है और जोशी बाहरी. इस सवाल के जवाब में मैथानी कहते हैं, "मुरली मनोहर जोशी ने नरेंद्र मोदी के लिए अपनी वाराणसी सीट का बलिदान किया है."

वहीं उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कमिटी के सचिव डॉ शैलेन्द्र दीक्षित भी इस बात को नकार रहे हैं कि टक्कर कांटे की होगी.

वे कहते हैं, "कानपुर के लोगों के सामने दो प्रतिनिधि हैं. एक तरफ़ कानपुर की जनता की 15 साल तक सेवा करने वाले श्रीप्रकाश जायसवाल हैं और दूसरी तरफ मुरली मनोहर जोशी जो हर पांच साल के बाद एक नया चुनावी क्षेत्र चुनते हैं.

वे कहते हैं, "हम तैयार हैं. कानपुर की जनता भी तैयार है. कानपुर की जनता किसी भी सूरत में एक बाहरी प्रत्याशी को न चुनेगी, न स्वीकार करेगी."

Tuesday, March 11, 2014

600 Polling Booths Identified Critical

KANPUR: लोकसभा चुनाव से ऐन पहले पुलिस की एक रिपोर्ट से इलेक्शन ऑफिसर्स के हाथ-पांव फूल गए हैं. इस रिपोर्ट में उन पोलिंग बूथ्स का जिक्र है जहां मतदान के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी हो सकती है. अब इलेक्शन ऑफिसर्स इन क्रिटिकल और वल्नरेबल बूथों की सुरक्षा में जुट गये हैं.

पिछले चुनावों में हुआ था बवाल
डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर शत्रुघन सिंह ने बताया कि पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कानपुर में कुल भ्9ब् पोलिंग बूथ्स की लिस्ट मुहैया कराई है. इनमें ब्ब्7 क्रिटिकल और क्ब्7 वल्नरेबल बूथ शामिल हैं. ज्यादातर बूथ घाटमपुर, बिल्हौर और सदर तहसील के रूरल एरिया में हैं. ऑफिसर्स के अनुसार चुनाव नजदीक आने पर इनकी संख्या और भी बढ़ सकती है. पिछली बार लोकसभा-विधानसभा चुनाव में इन पोलिंग सेंटर्स पर बूथ कैप्चरिंग, दंगा-फसाद, बलवा, झगड़ा-मारपीट जैसी वारदातों को अंजाम दिया गया था.

सुरक्षा के तगड़े इंतजाम
क्रिटिकल और वल्नरेबल बूथों में चुनाव के दौरान अनहोनी को टालने के लिए प्रशासन तगड़े सुरक्षा इंतजामों में जुट गया है. मिलिट्री और पैरा मिलिट्री फोर्सेज की स्पेशल टीमें यहां तैनात की जाएंगी. हर एक गतिविधि पर नजर रखने के लिए वेब-कैम तो लगेंगे ही. मतदान वाले रूट पर वीडियो कैमरा टीमें भी तैनात की जाएंगी, जोकि हर आने-जाने वाले मतदाता और शख्स की वीडियो रिकॉर्डिग करेंगी.

7 दिन पहले गुपचुप जांच
मतदान से ठीक 7 दिन पहले सभी क्रिटिकल-वल्नरेबल बूथ्स के आसपास के एरिया की गुपचुप जांच भी करवाई जाएगी. यह जांच सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक मजिस्ट्रेट करेंगे. मजिस्ट्रेट इस बात की पड़ताल करेंगे कि वोटर को पैसा, शराब, अनाज का लालच देकर प्रभावित करने की कोशिश तो नहीं की जा रही है. वापस लौटकर मजिस्ट्रेट पूरा फीडबैक एक फॉर्म में भरकर इलेक्शन कमीशन को भेजेंगे. गड़बड़ी की आशंका पर इलेक्शन कमीशन फर्दर गाइडलाइंस जारी करेगा.

क्रिटिकल बूथ
ऐसे बूथ जहां किसी प्रत्याशी के फेवर में 7भ्-9भ् परसेंट तक मतदान हुआ हो. बूथ कैप्चरिंग, मारपीट-बवाल, मर्डर, दंगा जैसी घटनाएं हुई हों. उन्हें क्रिटिकल बूथों की कैटेगरी में रखा जाता है.

वल्नरेबल बूथ
ऐसे बूथ जिन तक पहुंचने के लिए एक ही रास्ता होता है और मतदान वाले दिन किसी पार्टी या नेता के दबंग समर्थक वोटर्स को बीच रास्ते में रोक लें. फिर उनकी जगह फर्जी मतदान करवा दिया जाए. उन्हें वल्नरेबल बूथों की कैटेगरी में रखा जाता है.

'क्रिटिकल और वल्नरेबल बूथ्स की लिस्ट जिला प्रशासन को मिल चुकी है. इन बूथों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये जाएंगे. साथ ही वेब-कैम के अलावा वीडियो मॉनिटरिंग सेल भी तैनात की जाएगी, जिससे किसी भी घटना को अवॉइड किया जा सके. '
- शत्रुघन सिंह, डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर

Monday, March 10, 2014

KESco Cheating Their Conjumers

KANPUR: खाता ना बही केस्को जो कहे वही सही. इस समय केस्को कानपुराइट्स के साथ इसी लहजे में बर्ताव कर रहा है. कंज्यूमर्स को लूटने के लिए उसने अभियान छेड़ रखा है. बिना किसी एक्ट, आदेश और कानून के वो तरह-तरह के चार्ज थोप रहा है. अभी केस्को इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन काटे बगैर ही डिसकनेक्शन चार्ज वसूल रहा था लेकिन अब तो मनमानी की हद ही कर दी है. इलेकिट्रसिटी एक्ट या रेगुलेटरी कमीशन यूपीपीसीएल के आदेश के बिना ही एवरेज बिलिंग की यूनिट्स में फिफ्टी परसेंट का इजाफा कर दिया है. इससे इलेक्ट्रिसिटी में बिल में हुई जबरदस्त बढ़ोत्तरी से लोगों में नाराजगी है.

ये केस्को का कानून है.?

केस्को मार्च में जो इलेक्ट्रिसिटी बिल जारी कर रहा है, उसमें खराब मीटर(आईडीएफ,एडीएफ) के लिए एवरेज बिलिंग 80 से बढ़ाकर क्ख्0 यूनिट पर किलोवॉट पर मंथ कर दी है. यानि जितने अधिक किलोवॉट का आपका कनेक्शन है, उतना ही अधिक अब बिजली का बिल भरना पड़ेगा. इसकी जद में कम से कम 7भ् हजार कनेक्शन(घर) आ रहे हैं. जिन्हें केस्को की मनमानी की वजह से क्7भ् से लेकर 700 रूपए भरने पड़ रहे है. जबकि ऐसा नियम स्टेट में और कहीं नहीं है. लखनऊ, इलाहाबाद सहित अन्य सिटीज में खराब मीटर (आईडीएफ, एडीएफ) होने पर 80 यूनिट पर किलोवॉट पर मंथ ही एवरेज बिलिंग की जा रही है. दरअसल यूपी रेगुलेटरी कमीशन ने ख्00म् में खराब मीटर (आईडीएफ, एडीएफ) होने पर 80 यूनिट पर किलोवॉट पर मंथ के हिसाब से बिलिंग किए जाने का आदेश दिया था. वह आज भी लागू है, रेगुलेटरी कमीशन ने बदला नहीं है.

खता केस्को की, सजा पब्लिक को

खराब मीटर बदलने की जिम्मेदारी पॉवर सप्लाई करने वाली कम्पनी की है. पॉवर सप्लाई कोड (इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का सिम्पलीफिकेशन) के मुताबिक फ् महीने में केस्को को खराब मीटर बदल देना चाहिए. लेकिन सिटी में लोगों के क्-क् साल से पैसा जमा किए जाने के बावजूद भी खराब मीटर नहीं बदले जा रहे हैं. लोग केस्को के एक ऑफिस से दूसरे अािॅफस तक की दौड़ लगाया करते हैं. ख्क् फरवरी से 7 मार्च के बीच भ्00 से अधिक लोग केस्को मुख्यालय में बने कन्ज्यूमर सर्विस सेंटर में शिकायत दर्ज करा चुके हैं. इनमें वीके गुप्ता, आरपी शुक्ला, उमेश मिश्रा, अभिलाष त्रिपाठी, सूरज बाजपेई सहित अधिकतर की शिकायत है कि मीटर बदलने के लिए म् महीने से अधिक समय हो चुका है. मीटर तो बदले नहीं गए. अलबत्ता बिल में जबरदस्त बढ़ोत्तरी कर दी गई है. इसको लेकर लोगों में नाराजगी है.

बैठे-बैठे मतलब निकाल लिया

केस्को एमडी एसएन बाजपेई का कहना है कि फ्0 करोड़ अधिक की बिजली लेने पर पिछले महीने केवल क् करोड़ अधिक के बिल जेनरेट हुए थे. इसका मतलब है कि जिनके मीटर खराब हैं वे अधिक बिजली यूज कर रहे हैं. लेकिन वे शायद ये भूल गए सिटी में जबरदस्त बिजली चोरी भी हो रही है. ओवरलोडिंग की वजह से जनवरी में होलिका की तरह ट्रांसफॉर्मर्स (क्80 ट्रांसफॉर्मर) जले हैं. वह भी सिर्फ गिने-चुने बिजलीघर, जरीबचौकी, किदवई नगर व देहली सुजानपुर डिवीजन में क्यों सबसे अधिक ट्रांसफॉर्मर जले. एक महीने में एक-एक ट्रांसफॉर्मर 8 बार क्यों जला? अगर वे इसकी पड़ताल करते तो केस्को को ये मनमानी ना करनी पड़ती है. बावजूद इसके वे केस्को को हुए नुकसान के लिए केवल खराब मीटर(एडीएफ, आईडीएफ) को जिम्मेदार मानते हैं तो तेजी से मीटर क्यों नहीं बदल पाए जा रहे हैं. क्यों पैसा जमा कराने के बावजूद लोगों को केस्को मुख्यालय तक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.? केस्को ऑफिसर्स को ये भी सोचना पडे़गा कि एवरेज बिलिंग यूनिट बढ़ाने के बाद भी बिलिंग में भ् करोड़ का ही इजाफा होगा? फिर शेष बचे ख्ब् करोड़ रूपए की बिजली कहां गई? इन सवालों के जवाब खोजने के लिए दिमाग पर जोर डालते, तो हकीकत खुद ब खुद सामने आ जाती.

केडीए से ही सीख ले लेते

जनवरी में हाईकोर्ट ने केडीए व अन्य डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा मैप पास करने के दौरान वसूले जाने वाले डेवलपमेंट चार्ज, सेस, सबडिवीजनल चार्ज को अवैध ठहरा दिया. ऐसा इसलिए किया गया कि इन चार्ज को वसूलने का ना तो एक्ट में कोई प्राविधान था और ना ही कोई अन्य रूल बना था. शासनादेश के बेस पर लोगों से ये सभी चार्ज वसूले जा रहे थे. हाईकोर्ट के इस डिसीजन के बाद भी शायद केस्को ने सबक नहीं लिया. अगर लिया होता तो ऑफिसर मनमानी ना करते.

Court Will Decide About Medical Students

KANPUR: मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट्स पर पुलिस और विधायक की ओर से दर्ज किए गए तीन मुकदमे वापस नहीं होंगे. न्यायिक जांच की रिपोर्ट हाईकोर्ट में सबमिट होने के बाद अब कोर्ट ही तय करेगा कि स्टूडेंट्स पर लिए गए मुकदमे वापस लिए जाएं या नहीं. सैटरडे को मेडिकल कॉलेज पहुंचे मंत्री शिवकुमार बेरिया और स्थिति का जायजा लेते हुए इस मामले में ये बात कही.

ख्ब् स्टूडेंट्स की हुई थी गिरफ्तारी

स्टूडेंट्स पर पुलिस की ओर से दो और विधायक इरफान की तरफ से एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसमें ख्ब् मेडिकल स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी हुई थी. आंदोलन के बाद स्टूडेंट्स को बेल तो मिल गई लेकिन उनकी मांग के अनुरूप उन पर लगे मुकदमे स्पंज नहीं हुए. इस बारे में आईएमए की ओर से काफी आश्वासन भी दिया गया. सैटरडे को मंत्री शिवकुमार बेरिया मेडिकल कॉलेज पहुंचे और स्थिति साफ की. कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. अम्बरीश गुप्ता ने बताया कि मंत्री ने न्यायिक जांच की वजह से मुकदमे स्पंज करने को लेकर शासन की असमर्थता जताई है.

सीएम रिलीफ फंड से मिलेगा मुआवजा

हॉस्टल में पुलिसिया कार्रवाई की वजह से हुए स्टूडेंट्स के नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने का आश्वासन दिया है मंत्री शिव कुमार बेरिया ने स्टूडेंट्स के नुकसान हुए सामान की लिस्ट मेडिकल कॉलेज प्रशासन से मांगी है. पुलिस कार्रवाई के दौरान हॉस्टलों में पुलिस ने जमकर उत्पात और तोड़फोड़ की थी, जिसमें दर्जनों बच्चों के लैपटॉप, बाइक्स, कारें यहां तक की किताबें भी फाड़ दी गई थी. इस लिहाज से अगर स्टूडेंट्स ने मुआवजा मांगा तो शासन को तगड़ा झटका लग सकता है.

नुकसान की कराई वीडियोग्राफी

पुलिसिया कार्रवाई के दौरान मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ और नुकसान की सैटरडे को वीडियोग्राफी कराई गई. प्रिंसिपल की ओर से इसके लिए पांच सदस्यीय टीम बनाई गई है. इस टीम ने हॉस्टलों में जाकर स्टूडेंट्स से बातचीत करने के साथ ही मौके की वीडियोग्राफी भी की.

सामान्य हुई मेडिकल सेवाएं

सैटरडे को मेडिकल कॉलेज की सभी सेवाएं सामान्य हो गई. इमरजेंसी सहित सभी विभागों में सीनियर और जूनियर डॉक्टर्स ने काम किया, वहीं ओपीडी और इनडोर में भर्ती होने वाले पेशेंट्स की संख्या में भी इजाफा हुआ.

जारी रहेगा स्टूडेंट्स का विरोध

मेडिकल स्टूडेंट्स पर लगे मुकदमे वापस होने तक उनका विरोध जारी रहेगा. सैटरडे को भी मेडिकल स्टूडेंट्स ने कॉलेज कैम्पस कैंडल मार्च निकाल कर अपना विरोध जाहिर किया. इस मूवमेंट के मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल ने बताया कि जब तक हमारे साथियों के ऊपर से मुकदमे वापस नहीं होगें तब तक सभी डॉक्टर्स काली पट्टी बांध कर काम करेंगे.

सर्कुलेट हो रहे फर्जी वीडियो

मेडिकल स्टूडेंट्स पर पुलिस कार्रवाई और विधायक के समर्थकों की मारपीट से संबंधित कई वीडियो मूवमेंट के दौरान अपलोड हुए थे लेकिन उसी के साथ कई और फर्जी वीडियो कई दिनों से सोशल मीडिया में सर्कुलेट हो रहे हैं. इन वीडियोज में कथित रूप से विधायक समर्थकों द्वारा एक लड़के को उल्टा लटका कर लाठियां मारते हुए दिखाया गया है. डॉक्टर्स कम्यूनिटी में इस तरह के वीडियो व्हाट्सएप और एफबी पर सर्कुलेट हो रहें हैं.

आईएमए ने बनाई रणनीति

आईएमए हॉल में हुई मीटिंग के दौरान आईएमए मेंबर्स ने आंदोलन के कानूनी पहलुओं को लेकर रणनीति तैयार की. आईएमए एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. देवेंद्र लाल चंदानी ने कहा कि मेडिकल फेटरनिटी से जुड़े लोगों के साथ आगे इस तरह की घटना न हो, इसके लिए स्टेट गवर्नमेंट से पेंडिंग पड़ा डॉक्टर्स एंड प्रेक्टिशनर्स स्टेबलिशमेंट एक्ट पास कराने की मुहिम को तेज किया जाएगा.

Learn From These Childrens

 ईश्वर ने दुनिया के हर एक इंसान को दो हाथ, दो पैर, एक दिल और एक दिमाग दिया है. यानि सबको बिल्कुल एक जैसा बनाया है. लेकिन शायद कुछ को बनाने में उससे थोड़ी गलती हो गई और हमने उन लोगों की दुनिया ही अलग कर दी. पर हमको ये नहीं भूलना चाहिए कि उनके पास बहुत कुछ हमसे ज्यादा है. और वो है हौसला. इसी हौसले और चाहत के बल पर बालभवन के स्पास्टिक्स सेंटर के बच्चे दुनिया वालों के सामने एक मिसाल पेश कर रहे हैं. आई नेक्स्ट ने इन बच्चों से बात की. तो फिर आइए उन्हीं बच्चों में से कुछ से आपकी मुलाकात कराते हैं.

शास्वत की बात ही अलग है..

स्पास्टिक्स सेंटर के कैंपस में एक व्हीलचेयर के साथ खेल रहे एक छोटे से बच्चे से जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने पूछा कि क्या बनना चाहते हो तो वो अपने अंदाज में बोला, पढ़कर लिखकर बड़ा आदमी बनूंगा. फिर हंसकर, कुछ दूर खड़ीं अपनी मैडम की ओर इशारा करके बोला कि वो कहती हैं पढ़ाई किया करो. इशारा करके बोला कि मैं क्या करूं? दौड़ने का मन करता है. सास्वत काफी दिनों से स्पास्टिक्स सेंटर में है और बिल्कुल नॉर्मल बच्चों की तरह खेलता और पढ़ता है. बस वो वैसे सोच और समझ नहीं सकता है लेकिन उसकी मासूमियत दूसरों को सोचने पर मजबूर कर देती है.

'मुस्कान' पर हो जाएंगे फिदा

कैंपस में ही एक कोने पर अपनी फ्रैंड्स के साथ खेल रही मुस्कान को देखकर हर कोई फिदा हो जाएगा. उसकी समझ बहुत कम है लेकिन कुछ कहने पर तुरंत अपने अंदाज में उसका उत्तर देने की पूरी कोशिश करती है. वहां खड़े आई नेक्स्ट रिपोर्टर से इशारा करते हुए बोली, मुझको मैम ने बताया है कि ए, बी, सी, डी लिखना और पढ़ना सिखाया है. मैं अपना नाम लिख लेती हूं. इतना बताने में उसको टाइम तो काफी लगा लेकिन उसने जिस हौसले और कॉन्फिडेंस के साथ बताया, उससे तो हमें उससे सीख लेनी चाहिए. क्योंकि उनमें समझ का लेवल बहुत कम है. हममें ज्यादा होने के बाद भी कभी-कभी हम किसी का उत्तर देने में लड़खड़ा जाते हैं.

आईरिन की तरह हिम्मती बनो

मुस्कान रिपोर्टर से बोली, वो देखो मेरी फ्रेंड आईरिन. उसको बुलाऊं..मुस्कान के इशारा करते ही आईरिन आई. रिपोर्टर के पास आकर बोली, मैं पढ़ाई करती हूं..रिपोर्टर ने पूछा कि क्या सीखा तो बोली, मैडम ने रुपए के बारे में बताया है. मुझको पता है कि दस रुपए का नोट कैसा होता है? करीब क्म् साल से ऐसे ही बच्चों को ट्रेनिंग दे रहीं शिखा तिवारी का कहना है कि इन बच्चों कि समझ काफी कम होती है इस वजह से इनको हर चीज प्रैक्टिकल के माध्यम से पढ़ानी पड़ती है. तभी ये बच्चे सीख पाते हैं.

मिलिए चांदनी, तनमय, अभय से

समझ और कल्पना की शक्ति आम व्यक्ति से काफी कम होने के बाद बावजूद इन बच्चों की एक्टिविटी देखने के बाद आपको ऐसा महसूस नहीं होगा. चांदनी, तनमय और अभय समेत कई स्टूडेंट्स को उनकी टीचर शिखा नंबर के बारे में बता रहीं थीं. कि तभी अचानक चांदनी बोली, मैं सब जल्दी से पढ़ लूंगी..फिर बड़ी बन जाऊंगी..ये सुनकर साफ पता चल रहा है कि उसमें समझ की कमी है लेकिन हौसले की नहीं. शिखा का कहना है कि ऐसे बच्चों को पैरेंट्स के प्यार और उनके सपोर्ट की जरूरत होती है. इनको प्रैक्टिकल के माध्यम से आप नॉर्मल बच्चों की तरह सबकुछ पढ़ा-लिखा सकते हैं. ये बच्चे अपने हौसले से सबको सीख दे रहे हैं कि कठिन से कठिन सिचुएशन में कभी हार नहीं माननी चाहिए.

क्990 में हुई थी शुरुआत

बालभवन के इस स्पास्टिक्स सेंटर की शुरुआत क्990 में हुई थी. यहां स्पास्टिक बच्चों को पढ़ाई, लिखाई के साथ वोकेशनल ट्रेनिंग भी दी जाती है. यहां सैकड़ों बच्चे हैं.

Source: Kanpur News

Who Will Be BJP Candidate ?

KANPUR: लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद पूरे शहर में हर चुनावी चर्चा जोरों पर है. चर्चा में इस वक्त जो सबसे हॉट टॉपिक है वो है बीजेपी का कैंडिडेट कौन होगा? क्योंकि सपा ने मैदान में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को उतारा है तो बसपा ने सलीम अहमद को. कैबिनेट मिनिस्टर श्रीप्रकाश जायसवाल का टिकट कांग्रेस से लगभग तय है. लेकिन बीजेपी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. समाजिक कार्यकर्ता कंचन सिंह ने कहा कि अब तो बीजेपी को अपना कैंडीडेट घोषित कर देना चाहिए. पता नहीं लेट क्यों कर रही है. रागिनी ने कहा कि मुझको लगता है कि इस देरी के पीछे कोई वजह जरूर है. स्नेहलता और प्रियंवदा ने भी इनकी बात का समर्थन किया.

मोदी के चक्कर में अटकी घोषणा

शहर में बीजेपी की बड़ी रैली पार्टी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी की अगुवाई में करीब चार महीने पहले हुई थी. इसमें जितने भी प्रत्याशी के लिए दावेदार थे, काफी भीड़ लेकर वहां ताकत दिखाने पहुंचे थे लेकिन फिर भी कैंडिडेट फाइनल नहीं हुआ. फिर लखनऊ में हुई रैली में भी ऐसा ही हुआ. सूत्रों की मानें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के यहां से चुनाव लड़ने की बात जोरों पर है, क्योंकि वाराणसी से गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के लड़ने की बात कही जा रही है. बीजेपी के स्थानीय दावेदारों की तिकड़ी ने पार्टी के उच्च पदाधिकारियों को बता दिया कि अगर स्थानीय नेता चुनाव नहीं लड़ता है तो फिर कार्यकर्ता उतना समर्थन नहीं करेंगे जितना की उनको करना चाहिए. ऐसे में उच्च पदाधिकारी इस पशोपेस में हैं कि क्या करें? ऐसे में वो टिकट की घोषणा अभी तक नहीं कर पा रहे हैं.

लोगों में बढ़ रही बेचैनी

जैसे-जैसे चुनाव की डेट पास आ रही है लोगों में बेचैनी बढ़ती जा रही है. अनीता पांडेय स्वरूप नगर स्थित एक रेस्टोरेंट के बाहर खड़ीं थीं कि अचानक उनकी फ्रैंड्स वहां पहुंच गई. वहां किसी एक ने चुनाव की बात शुरू ही की थी सब यही बोलीं, पता नहीं यार बीजेपी अपना कैंडिडेट घोषित कब करेगी? आप ने तो एक नाम पर लगभग सहमति बना ली है और बाकी ने कई महीने पहले ही घोषणा कर दी लेकिन बीजेपी को पता नहीं क्या हो गया. अभी तक कैंडिडेट ही घोषित नहीं किया.

Friday, February 28, 2014

Three People Killed Again In Road Accidents In Kanpur City

 KANPUR : सिटी में रोड्स और हाईवे में यमदूत बनकर दौड़ रहे ट्रकों ने बुधवार की देर रात को फिर तीन लोगों की जान ले ली. जिसमें एक कपड़ा कारोबारी है, जबकि उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया.

रतनलाल नगर में रहने वाले केके खन्ना कपड़ा कारोबारी हैं. उनकी जनरलगंज में शॉप है. बुधवार को वह शॉप बन्द करके बेटे के साथ बाइक से घर जा रहे थे. वे जीटी रोड पर सिटी क्लब के पास पहुंचे थे कि सामने से आते एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी. जिससे वह उछलकर रोड पर गिर पड़े और ट्रक की चपेट में आ गए. उनकी मौके पर मौत हो गई, जबकि बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

फजलगंज में राजस्थान के राम निवास (ब्भ्) को ट्रक ने कुचल दिया. जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई. वह एक ट्रांसपोर्ट के बाहर ट्रक में सामान लोड कर रहा था. तभी दूसरे ट्रक न उसको रौंद दिया. इसी तरह बिधनू में बुधवार की देर शाम को ट्रक की टक्कर से बाइक सवार विनीत पाल की मौत हो गई. वह गल्ला मण्डी के पावर हाउस के पास रहने वाले गोरे लाल का बेटा था और खैनी की फैक्ट्री में काम करता था. वह शिवरात्रि की पूजा का सामान खरीदने के लिए घर से बाइक से निकला था कि रास्ते में उसको ट्रक ने रौंद दिया. जिसे देख इलाकाई लोग ड्राइवर को पकड़ने के लिए दौड़े, लेकिन वह ट्रक समेत फरार हो गया.

Uttrakhand Governer In The City At Csa University

KANPUR : सीएसए का किसान मेला स्टूडेंट्स के लिए ऐसा प्लेटफार्म है जो उन्हें और यूनिवर्सिटी को नेशनल-इंटरनेशनल लेविल पर पहचान दिलाता है. इसके लिए स्टूडेंट्स को ऐसे इनोवेशन करने होंगे जिससे किसानों को फायदा मिले और देश का विकास होगा. रिसर्च को प्रमुखता देनी होगी. महात्मा गांधी ने किसानों के हक की पहली जंग लड़ी थी. स्टूडेंट्स को भी ऐसा सकारात्मक रास्ता चुनना होगा. किसी भी देश की खुशहाली इसी में है. ये विचार सीएसए किसान मेला के समापन समारोह के चीफ गेस्ट, उत्तराखंड के गवर्नर डॉ. अजीज कुरैशी ने व्यक्त किए.

Its a lovely place...

गवर्नर डॉ. अजीज कुरैशी ने सबसे पहले कैंपस में पहुंच कर चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा को पुष्प अर्पित किए. इसके बाद उनका काफिला वाइस चांसलर प्रो. मुन्ना सिंह के आवास पहुंचा. यहां गवर्नर ने लंच किया. गवर्नर जब लंच के लिए लंच के लिए डायनिंग एरिया पहुंचे तो वहां का नजारा देख बोले. इट्स अ लवली प्लेस..टेंट के अंदर बैठने से गवर्नर साहब ने साफ इंकार कर दिया. डॉ कुरैशी बोले मैं पर्दे में नहीं बैठूंगा. बाहर लगी टेबल पर बैठ गए. जहां पर उनके साथ पूर्व विधान परिषद सभापति सुखराम सिंह, उत्तराखंड की साहित्यकार छाया शुक्ला मौजूद रहीं. खाने की टेबल पर शेरो-शायरी का दौर शुरू हुआ तो आखिर तक चलता रहा.

मैडम का पारा चढ़ा

अलीगढ़ से आयीं बीओजी मेंबर प्रतिभा राघव ने डायनिंग एरिया में पहुंच कर व्यवस्था पर नाराजगी जतायी. वो इस बात पर नाराज थीं कि उन्हें गवर्नर के साथ टेबल पर क्यों नहीं बैठाया गया. मैडम के तेवर देख डायरेक्टर एक्सटेंशन डॉ. समीर पाल ने किसी तरह से मौके की नजाकत को भांप कर उन्हें सफाई दी.

तो अब कृषि पंडित पुरस्कार

प्रोग्राम के शिरकत करने आए स्टेट मिनिस्टर का दर्जा प्राप्त सुखराम सिंह ने वाइस चांसलर को सुझाव दिया कि बेस्ट परफार्मेस देने वाले किसान को कृषि पंडित पुरस्कार दिया जाए. जिस पर वाइस चांसलर ने अपनी सहमति दे दी. प्रोग्राम का संचालन डॉ. नौशाद खान ने किया. चीफ गेस्ट ने विनर्स को प्राइज दिए. प्रोग्राम में बीओजी मेंबर परिमल बाजेपयी, डॉ एमपी यादव, डॉ. जितेन्द्र सिंह, डॉ. एके सिंह, डॉ. रेखा दयाल, डॉ पीके राठी, योगेन्द्र श्रीवास्तव, अनिल अवस्थी मौजूद रहे.

Source: Kanpur News

No Parole For Peolple In The Kanpur District Jail Since Last 20 Years

 KANPUR : सुप्रीम कोर्ट से सजायाफ्ता फिल्म अभिनेता संजय दत्त पैरोल पर जेल से बाहर हैं. उनकी पैरोल दो बार बढ़ाया भी जा चुकी है. आई नेक्स्ट ने ये जानने की कोशिश की कि कानपुर शहर में कितने लोगों को पैरोल मिल पाती है. आप जान कर चौंक जाएंगे कि कानपुर जेल में पिछले दो दशक से किसी सजायाफ्ता कैदी को पैरोल पर नहीं छोड़ा गया है, जबकि यहां पर सैकड़ो बन्दी और कैदी पैरोल पर छोड़े जाने के लिए प्रार्थना पत्र दे चुके हैं. हालांकि यहां पर विचाराधीन बंदियों को पैरोल मिलती रही है वह भी सिर्फ 72 घंटे के लिए. इस समय एक कैदी ने संजय दत्त की तरह पैरोल पर छोड़े जाने के लिए एप्लाई किया है.

हर साल औसतन पांच बन्दी..

कानपुर जेल में पिछले बीस साल में सैकड़ों बन्दी और कैदी पैरोल के लिए प्रार्थना पत्र दे चुके हैं, लेकिन किसी को भी शासन से पैरोल नहीं दी. रिकार्ड के मुताबिक यहां पर हर साल औसतन पांच कैदी पैरोल पर छोड़े जाने के लिए एप्लीकेशन देते हैं. पिछले साल यहां पर पांच कैदियों ने पैरोल के लिए शासन में एप्लीकेशन दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया. इस साल हत्या युक्त डकैती के एक मुल्जिम ने पैरोल मांगी है. जिसमें शासन ने जेल प्रशासन से पांच बिन्दुओं पर रिपोर्ट मांगी है.

संजय दत्त की तरह बनाया 'ग्राउण्ड'

जेल की सलाखों के पीछे कैद हत्या युक्त डकैती के मुल्जिम द्वारा शासन में पैरोल के लिए जो एप्लीकेशन दी है उसमें उसने बीमार मां की देखभाल और जेल में अपने अच्छे चाल-चलन का हवाला दिया है.

सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि किसी बन्दी या कैदी को ब्लड रिलेशन में किसी के मरने, बीमार होने, शादी या उसकी देखरेख के ग्राउण्ड में मिली है. फिल्म अभिनेता संजय दत्त को पत्नी की बीमारी के ग्राउण्ड के आधार पर पैरोल मिली है. इसी तरह कानपुर जेल के कैदी ने मां की बीमारी का हवाला दिया है. संजय दत्त को बार-बार पैरोल दिए जाने के खिलाफ सबसे बड़ा तर्क यही दिया जाता है कि उसको उदाहरण बनाकर बहुत से कैदी वैसी ही मांग कर सकते हैं.

डीएम भी दे सकते हैं पैरोल

जेल में बन्द किसी भी कैदी को पैरोल पर छोड़ने का पॉवर जिलाधिकारी के पास भी है. हालांकि वह सिर्फ अधिकतम 72 घंटे की पैरोल दे सकते हैं. यह पैरोल कैदी के ब्लड रिलेशन में किसी के मरने, बीमारी होने और शादी में दी जाती है. हालांकि डीएम बमुश्किल इसका यूज करते है. अगर कैदी के परिजन डीएम से मिलकर एप्लीकेशन भी देते हैं, तो उसमें वह जेल से रिपोर्ट मंगवाते हैं. जिसमें समय बरबाद होने से उसको पैरोल पर छोड़ने का मकसद ही खत्म हो जाता है.

कोर्ट से भी मिल सकती है पैरोल

सजायाफ्ता मुजरिमों को पैरोल शासन या प्रशासन ही दे सकता है लेकिन विचाराधीन बंदियों को पैरोल सिर्फ कोर्ट दे सकता है.

बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री एडवोकेट इंदीवर बाजपेई के मुताबिक पैरोल को कानूनी भाषा में 'शार्ट टर्म बेल' कह सकते हैं. जेल में बन्द विचाराधीन बन्दी (जिस पर जुर्म का आरोप सिद्ध न हुआ हो) को ब्लड रिलेशन में किसी के मरने या शादी होने पर कोर्ट से 24 से 72 घंटों की पैरोल मिल सकती है, लेकिन यह कोर्ट के विवेक पर निर्भर करता है. इसके लिए बन्दी को कोर्ट में एप्लीकेशन देनी होती है. जिसके बाद उसके वकील कोर्ट को बताते है कि उसने क्यो पैरोल मांगा है. कोर्ट से उसको पैरोल मिलती या नहीं, यह कोर्ट के विवेक पर निर्भर है.

इस तरह चलती है पैरोल की फाइल

एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि कोई भी कैदी पैरोल के लिए जेल या शासन में एप्लीकेशन दे सकता है. अगर वह जेल में एप्लीकेशन देता है, तो उसे जेल प्रशासन शासन भेज देते है. जिसके बाद शासन से डीएम, जेल और थाने से पांच बिन्दुओं में रिपोर्ट मांगी जाती है. जिसके बाद फाइल फिर शासन भेज दी जाती है. जिसके बाद शासन रिपोर्ट के आधार पर पैरोल का आदेश देता है. जेल प्रशासन से उसके जेल में रहने की समय के चाल चलन, उसको पहले पैरोल दी जा चुकी है या नहीं, उस पर कोई अन्य मुकदमा दर्ज है या नहीं, अगर दर्ज हो है, तो किस धारा में है आदि की रिपोर्ट मांगी जाती है. इसी तरह थाने से उसके परिवार के बारे में रिपोर्ट मांगी जाती है.

थाने में लगानी पड़ती है हाजिरी

शासन या कोर्ट से किसी भी बन्दी या कैदी को पैरोल पर छोड़ा जाता है, तो उसको कुछ शर्तो का पालन करना पड़ता है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने पांच प्वाइंट तय किए है. जिसके तहत उसको हर दिन थाने में हाजिरी लगानी होती है. वह बिना परमीशन शहर के बाहर नहीं जा सकता है. वह बिना परमीशन किसी भी एक्टीविटी में भाग नहीं ले सकता है. वह आम आदमी की तरह बाहर रह सकता है, लेकिन वह किसी अपराध में संलिप्त पाया जाता है, तो उसको तुरन्त गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है. इसके अलावा अगर कोर्ट कोई पाबंदी लगाता है, तो पैरोल पर रिहा बन्दी को उसका पालन करना पड़ता है.

पिछले सात साल में पैरोल के लिए दी गई एप्लीकेशंस का रिकार्ड

ईयर पैरोल मांगने वाले बंदियों की संख्या

2008 07

2009 03

2010 05

2011 04

2012 06

2013 05

2014 01 (फरवरी तक..)

मुंबई (महाराष्ट्र)) में पैरोल का अलग नियम है. यहां पर शासन, कोर्ट और डीएम को पैरोल देने का अधिकार है. इसमें शासन और डीएम कैदी को पैरोल देते हैं. जबकि कोर्ट से विचाराधीन बंदी को पैरोल मिलता है. जरूरी नहीं है कि उनको पैरोल मिल जाए. मेरे कार्यकाल में अभी तक किसी भी कैदी को पैरोल नहीं दी गई है.

-पीडी सलोनिया, जेल अधीक्षक

Choas In Juvenile Jail Of The City

KANPUR : बर्रा में गुरुवार को बाल सुधार गृह में बीमार किशोर को एक्सपाइरी दवा देने पर साथियों ने बवाल कर दिया. उन्होंने वहां पर खराब खाना दिए जाने और शिकायत करने पर पीटे जाने का भी आरोप लगाया. इधर, सूचना पर एसओ फोर्स समेत मौके पर पहुंच गए. उन्होंने गुस्साएं किशोर बंदियों को समझाकर शान्त कराया. बर्रा के गुजैनी इलाके के तात्याटोपे नगर में बाल सुधार गृह है. यहां पर किशोर बंदी चंद्रपाल कई दिनों से बीमार चल रहा है, लेकिन अभी तक उसको किसी अच्छे डॉक्टर को नहीं दिखाया गया है. 

गुरुवार की सुबह उसकी अचानक तबियत बिगड़ने पर साथियों ने दवा चेक की, तो पता चला कि उसको एक्सपाइरी दवा दी गई है. जिसका पता चलते ही उसके साथी भड़क गए. उन्होंने खाने का बहिष्कार बवाल कर दिया. जिससे वहां पर अफरा तफरी मच गई. इधर, सूचना पर एसओ और आला आफिसर्स वहां पहुंचे, तो किशोर बंदियों ने उनको घेरकर बीमार साथी को अस्पताल में एडमिट कराने की मांग करने लगे. 

बंदी असलम, अंशुमान, संदीप और आरिफ ने आफिसर्स को बताया कि यहां पर उन लोगों के साथ जानवरों की तरह व्यवहार किया जा रहा है. उनको खराब खाना दिया जाता है. यहां तक उनके बीमार साथी को अस्पताल में एडमिट कराने के बजाय एक्सपाइरी दवा दी जा रही है. जिससे उसकी हालत बिगड़ गई है. जिसे सुनने के बाद आफिसर्स ने गुस्साएं किशोर बंदियों को समझाकर शान्त कराया. एसओ का कहना है कि वह बवाल की सूचना पर मौके पर गए थे, लेकिन पहले ही मामला शान्त हो गया था. यह उनका इंटरनल मामला है. इसके बारे में वह कुछ नहीं बता सकते है. 

Thursday, February 27, 2014

Ill Treatment At District Hospital Patients


KANPUR : उर्सला के औचक निरीक्षण के दौरान डीएम से डॉक्टर की शिकायत करना पेंशेट्स को महंगा पड़ गया. एक पेंशेंट को उर्सला से भगा दिया गया, वहीं दूसरी का इलाज करना ही बंद कर दिया गया है. उन्नाव की शांतिदेवी उर्सला के वार्ड-क् में कई दिनों से भर्ती थी. टयूजडे को डीएम डॉ. रौशन जैकब ने उर्सला अस्पताल का निरीक्षण किया था. 

उस दौरान उन्होंने कई वार्डो में जाकर पेशेंट्स से बात की थी. वार्ड-क् में भर्ती शांतिदेवी और नेहा ने डॉक्टरों के बाहर से दवाइयां मंगाने की शिकायत की थी. जिस पर डीएम ने डॉक्टरों को काफी फटकार भी लगाई थी. वेडनसडे को शांति देवी को अस्पताल से भगा दिया गया. वहीं नेहा के परिजनों की भी शिकायत है उसका इलाज नहीं किया जा रहा है. वहीं डीएम ने बुधवार को बाहर से दवाएं लिखने वाले तीन डॉक्टर्स अनिल निगम, डॉ. एके सिंह और जायसवाल समेत ड्यूटी के समय गायब रहने वाले डॉक्टर मुन्नालाल विश्वकर्मा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्हें जवाब देने के लिए ख्ब् घंटे की मोहलत दी गई है. 
डीएम ने पूछा क्यों न सील किए जाए हॉस्पिटल
यन्हृक्कक्त्र: निजी हॉस्पिटलों में टयूजडे छापेमारी के दौरान मिली खामियों पर सख्ती दिखाते हुए डीएम ने वेडनसडे को चार निजी हॉस्पिटलों को कारण बताओ नोटिस भेज कर पूछा है कि उनके हॉॅस्पिटल्स क्यों न सील किए जाए. वहीं मेट्रो हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ डीएम के फर्जी साइन करने के मामले में एफआईआर के निर्देश भी जारी किए हैं.
अस्पतालों को नोटिस जारी
जिन हॉस्पिटलों को नोटिस जारी हुआ है उसमें गुजैनी का प्रसाद हॉस्पिटल, बर्रा के गुंजन और गंगादेवी हॉस्पिटल और लखनपुर का मेट्रो हॉस्पिटल है. सभी को ख्ब् घंटे में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. 

Many High Percentage Polling Booths Suspicious

KANPUR : क्या आप यकीन करेंगे कि चुनाव के दौरान शहर के किसी पोलिंग बूथ पर महज ख्-फ् परसेंट और कहीं पर 90 परसेंट तक मतदान हुआ हो. चौंकाने वाले यह आंकड़े लोकसभा चुनाव-ख्009 के हैं. आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इन पोलिंग बूथों को लेकर ऑफिसर्स खासे चौकन्ने हैं. इसीलिए इन पोलिंग सेंटर्स के बारे में एक दर्जन बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है. डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर शत्रुघ्न सिंह के अनुसार सभी बूथों पर जबर्दस्त उतार-चढ़ाव का पता लगाने का जिम्मा रिटर्निग ऑफिसर्स (आरओ) व इलेक्टोरल रिटर्निग ऑफिसर्स (ईआरओ) को सौंपा गया है.
कुछ प्रमुख पोलिंग बूथ और वहां मतदान का परसेंटेज -
पोलिंग बूथ वोटिंग परसेंटेज
सरदार पटेल हरिहर धाम 7.ब्
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री इंटर कॉलेज क्ख्.8
जू. हाईस्कूल बिरोह क्ब्.7
श्रम हितकारी केन्द्र शास्त्री नगर म्ब्.7ख्
सरस्वती ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज 7ब्.97
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इन प्वाइंट्स पर मांगी गई डिटेल -
- क्रिटिकल बूथों की संख्या
- वल्नरेबिल बूथों की संख्या
- ऑनलाइन बीएलओ डाटाबेस फीडिंग
- ऑनलाइन डी-डुप्लीकेट सर्वे रिपोर्ट डाटाबेस की फीडिंग
- तैयार किये गये डुप्लीकेट ईपिक की संख्या
- पोलिंग सेंटर्स का रैम्प, बिजली, पानी, ट्वॉयलेट आदि का सत्यापन
- क्भ्00, क्भ्भ्0, क्म्00 पर सहायक मतदेय स्थलों का विवरण
- विधानसभा का एरिया
- सर्विस मतदाताओं की सूचना का प्रेषण
- वीडियो-कैमरा-डिजिटल कैमरा, वीडियोग्राफी से संबंधित सूचना
- सेक्टर-जोनल व रूट चार्ट से संबंधित
- कम्यूनिकेशन प्लान की तैयारी

Again A Case Of Human Trafficing Found On Central Station

KANPUR: सेंट्रल स्टेशन पर ट्यूजडे रात को फिर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला पकड़ा गया. बेचने के लिए दिल्ली ले जाई जा रहीें दो नाबालिग लड़कियों को जीआरपी ने छुड़वाया. यह लड़कियां फरक्का एक्सप्रेस से दिल्ली ले जाई जा रही थीं. जीआरपी ने इन्हें ले जा रहे युवक इम्तियाज शेख को भी गिरफ्तार कर लिया है.

लड़कियां और शेख वेस्ट बंगाल के मुर्शीदाबाद के रहने वाले हैं. सीओ जीआरपी सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि इन लड़कियों का क्0 हजार रुपए में सौदा किया गया था. एक लड़की की उम्र केवल 7 साल तो दूसरी की क्फ् साल है.

Tuesday, February 25, 2014

Students Will Take The Class In Csa

KANPUR : अब सीएसए के हास्टल वार्डेन डेली हास्टल का जायजा लेंगे. वीसी ने कहा कि वार्डेन स्टूडेंट्स से मिलते ही नहीं हैं. यह सिस्टम अब नहीं चलेगा. इस इश्यू को लेकर वीसी ने वार्डेन की मीटिंग ख्8 फरवरी को कॉल की है. स्टूडेंट्स की कम्प्लेन पर एक मेस संचालक से क् लाख रुपए की रिकवरी की गयी है. वीसी ने कहा स्टूडेंट्स की खाने की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. टाइम टू टाइम लंच और डिनर मेस में जाकर चेक करेंगे. फैकल्टी की प्रॉब्लम से जूझ रहे सीएसए में मेरीटोरियस स्टूडेंट्स को क्लास लेने का मौका मिलेगा इसकी तैयारी की जा रही है.

फूड की क्वालिटी चेक करेंगे

सीएसए वाइस चांसलर प्रो. मुन्ना सिंह ने बताया कि एक हास्टल के स्टूडेंट्स ने मेस संचालक की कम्प्लेन की जिस पर इनक्वॉयरी करायी गयी मैटर सही पाए जाने पर मेस संचालक से क् लाख भ् हजार रुपए की रिकवरी की गयी. अगर कहीं से कम्प्लेन आयी तो जांच कराकर कार्रवाही की जाएगी. हास्टल में लंच व डिनर की क्वालिटी टाइम टू टाइम चेक की जाएगी. फैकल्टी की प्रॉब्लम इस हालत में पहुंच गयी है कि स्टूडेंट्स की डिग्री अमान्य होनी की कंडीशन में आ गयी है. यूनिवर्सिटी में ख्7 प्रोफेसर के पद हैं जिसमें कि सिर्फ भ् पद भरे हैं. आने वाले टाइम में मेरीटोरियस स्टूडेंट्स सीएसए में क्लास लेते नजर आएंगे.

स्टूडेंट्स को गीजर का तोहफा

सीएसए के सभी हास्टल में स्टूडेंट्स के लिए गीजर का अरेजमेंट वाइस चांसलर कर रहे हैं. स्टूडेंट्स को वो सभी सुविधाएं दी जाएंगी जिसकी उन्हें जरुरत है. हास्टल वार्डेन के रोल पर वाइस चांसलर थोड़ा नाराज दिखे. यही वजह है कि वार्डेन की मीटिंग ख्8 फरवरी को बुलायी है. सीएसए में किसान मेला ख्भ् से ख्7 फरवरी के बीच आयोजित किया जा रहा है. मंगलवार को स्टेट मिनिस्टर भगवती ंिसंह इसका इनॉग्रेशन करेंगे.

Dm Instructs Police To Be Vigilent For Human Rights In The Police Station

 KANPUR : पहले थाना दिवस में बाबूपुरवा थाने की कई कमियां सामने आ गईं. थाना दिवस में जन सुनवाई की व्यवस्था देखने पहुंचीं डीएम ने जिम्मेदार अफसरों को हवालात को मानवाधिकार मानकों के अनुसार ठीक कराने के निर्देश दिये.

ख्याल रखें अधिकारों का..

जनसमस्याओं के समय पर निस्तारण के लिए डीएम ने कानपुर में नई व्यवस्था शुरू की है. इसके लिए तहसील दिवस के बाद पड़ने वाले सेटरडे को थाना दिवस आयोजित किया जाएगा. ख्ख् फरवरी को थाने में पब्लिक की शिकायतों को किस तरह सुना जा रहा है. यह देखने डीएम डॉ. रोशन जैकब थाना बाबूपुरवा पहुंच गईं.

साफ-सफाई की हिदायत

थाने में साफ-सफाई की व्यवस्था प्रॉपर नहीं थी. इस पर डीएम ने थानाध्यक्ष से समुचित साफ-सफाई करवाने की हिदायत दी. साथ ही थाने को व्यवस्थित करने के भी निर्देश दिये. इस दौरान उन्होंने पब्लिक कम्प्लेंट रजिस्टर भी चेक किया. इसमें दर्ज मामलों के निस्तारण को लेकर की गई कार्यवाही की जानकारी भी पुलिस अफसरों से ली. नई व्यवस्था के तहत उन्होंने सभी थानों में थाना दिवस के आदेश भी जारी किये.

शिकायतें करें रजिस्टर

डीएम ने क्लियर-कट इंस्ट्रक्शन्स दिये कि थाना दिवस में आने वाले मामलों को रजिस्टर किया जाए. इन सब मामलों का एक हफ्ते के अंदर-अंदर निस्तारण करने के लिए रिस्पॉन्सिबिलिटी तय की जाए. शिकायतों के निस्तारण का अंकन भी दर्ज शिकायत के साथ अंकित किया जाए, जिससे शिकायतकर्ता को की गई कार्यवाही की सही जानकारी मिल सके.

Inext News Puts Impact On District Administration

KANPUR : जर्जर हो चुके फूलबाग गांधी भवन का मेंटीनेंस और कायाकल्प जल्द से जल्द करवाने के आदेश जिला प्रशासन ने सैटरडे को जारी कर दिये हैं. इस संबंध में डीएम ने केडीए व एएसआई अफसरों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये.

खबर का असर

ख्ख् फरवरी को आई नेक्स्ट ने पेज-क् पर 'बुलंद इमारत, जर्जर हालत' हेडलाइन के साथ फूलबाग गांधी भवन (केईएम हॉल) के जर्जर हालात की खबर को प्रमुखता के साथ पब्लिश किया था. तहसील दिवस से लेकर तमाम सरकारी आयोजन इसी हॉल के अंदर आयोजित होते हैं. लेकिन बिल्डिंग की जर्जर होती हालत कभी भी हादसे का सबब बन सकती है. प्रशासन ने इस खबर को बेहद गंभीरता से लिया है. इसी कड़ी में बिल्डिंग का मेंटीनेंस जल्द से जल्द करवाने के आदेश जारी किये गये हैं.

क्वालिटी से समझौता नहीं..

डीएम डॉ. रौशन जैकब ने समग्र विकास योजना के तहत केईएम हॉल का ब्यूटीफिकेशन भी करवाने के आदेश अफसरों को दिये हैं. उन्होंने बताया कि गांधी भवन का कायाकल्प केडीए को करवाना है. हिस्टॉरिकल बिल्डिंग होने की वजह से यह काम एएसआई की देखरेख में होना है. इस बाबत सबको हिदायत भी दी गई है कि जल्दबाजी के चक्कर में मेंटीनेंस वर्क की क्वालिटी से कोई समझौता न होने पाए.

Source: Kanpur News

Bikes Purchased For Foresters

KANPUR: काफी दिनों बाद जू के एनिमल्स के लिए अच्छी खबर है. बाड़े में बंद जानवरों को कोई भी तकलीफ होने पर उन्हें इमीडिएट हेल्प मिलेगी. चाहे दिन हो या रात. क्योंकि अब फॉरेस्टर्स व गार्ड चंद मिनटों में ही 7 किलोमीटर एरिया में फैले जू के किसी भी कोने में पहुंच जाएंगे. जू एडमिनिस्ट्रेशन ने फॉरेस्टर्स के लिए ब् नई बाइक खरीदीं हैं. इसके साथ ही आने वाले टाइम में विजिटर्स को जू में साइकिल से सफर करने का मौका मिल सकता है. इसके लिए डायरेक्टर प्रपोजल तैयार कर रहे हैं. बच्चों के लिए छुक छुक ट्रेन चलाने की तैयारियां भी तेज हो गई हैं. शनिवार को टेक्निकल टीम ट्रैक का परीक्षण करेगी. अहमदाबाद से ट्रैक के लिए पटरियां मंगाई जा चुकी हैं.

जानवरों को राहत मिलेगी

एरिया के लिहाज से एलेन फॉरेस्ट देश का सबसे बड़ा जू है. अब तक किसी जानवर को कोई दिक्कत होती थी तो वहां तक पहुंचने में फॉरेस्टर और गॉर्ड को काफी समय लग जाता था. जिससे एनिमल की तबियत बिगड़ जाती थी. लेकिन फॉरेस्टर्स को बाइक मिल जाने से अब यह दिक्कत खत्म हो जाएगी. जू डायरेक्टर कुरुविला थामस ने बताया कि ब् बाइक परचेज की गई हैं. इस सिस्टम से जानवरों को काफी राहत मिल जाएगी.
ट्रैक बिछाने का काम शुरू

बच्चों के लिए छुक छुक ट्रेन का तोहफा स्टेट गवर्नमेंट ने दिया था जिस पर दिसंबर ख्0क्फ् से काम चल रहा है. ट्रेन का ट्रैक ख्.क् किमी के एरिया में बिछाया जाएगा. इस पूरे प्रोजेक्ट पर क्ख्क्8.ब्0 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

अहमदाबाद से आई पटरियां
बाल रेल चलाने का प्रोजेक्ट एम्यूजमेंट राइट एंड फन व‌र्ल्ड को दिया गया है. कंपनी के टेक्निकल जीएम सीआर घोष ने बताया कि शनिवार को ट्रैक का टेक्निकल एग्जामिन किया जाएगा. ट्रेन का इंजन बैट्री से चलेगा. एक बार फुल चार्ज होने पर इंजन 8 घंटे चलेगा. एक बार में 8ख् पैसेंजर सफर कर सकेंगे. पटरियां अहमदाबाद से लाई गई हैं. फन ट्रेन के तीन स्टॉपेज बनाये जा रहे हैं. ट्रेन का टिकट जू के अंदर बने प्लेटफॉर्म से मिलेगा. ट्रेन में गार्ड होगा जो झ्ाडी दिखाएगा. हर स्टेशन पर सिगनलिंग सिस्टम होगा. जब तक ग्रीन सिग्नल नहीं मिलेगा ट्रेन आगे नहीं बढ़ेगी.

'फॉरेस्टर्स को आने-जाने के लिए बाइक दी गई हैं. इससे एनिमल्स को काफी राहत मिलेगी. अगर लेट नाइट कोई दिक्कत आती है तो गार्ड और फारेस्टर बाइक से तुरंत मौके पर पहुंचेंगे. बाल ट्रेन का काम तेजी से शुरू हो गया है. उम्मीद है कि जल्द ही ट्रैक बिछ जाएगा. '

-कुरुविला थामस, डायरेक्टर जू

'जू के डेवलपमेंट का वर्क तेजी से कराया जा रहा है. बच्चों की ट्रेन का टेंडर हो चुका है. नवंबर ख्0क्ब् से बच्चे इस ट्रेन का लुत्फ जू में उठाएंगे. ट्रेन ट्रैक का टेक्निकल परीक्षण शनिवार की टीम करेगी. '
आर एम अग्निहोत्री, प्रोजेक्ट मैनेजर

Source: Kanpur News in Hindi