Thursday, February 27, 2014

Ill Treatment At District Hospital Patients


KANPUR : उर्सला के औचक निरीक्षण के दौरान डीएम से डॉक्टर की शिकायत करना पेंशेट्स को महंगा पड़ गया. एक पेंशेंट को उर्सला से भगा दिया गया, वहीं दूसरी का इलाज करना ही बंद कर दिया गया है. उन्नाव की शांतिदेवी उर्सला के वार्ड-क् में कई दिनों से भर्ती थी. टयूजडे को डीएम डॉ. रौशन जैकब ने उर्सला अस्पताल का निरीक्षण किया था. 

उस दौरान उन्होंने कई वार्डो में जाकर पेशेंट्स से बात की थी. वार्ड-क् में भर्ती शांतिदेवी और नेहा ने डॉक्टरों के बाहर से दवाइयां मंगाने की शिकायत की थी. जिस पर डीएम ने डॉक्टरों को काफी फटकार भी लगाई थी. वेडनसडे को शांति देवी को अस्पताल से भगा दिया गया. वहीं नेहा के परिजनों की भी शिकायत है उसका इलाज नहीं किया जा रहा है. वहीं डीएम ने बुधवार को बाहर से दवाएं लिखने वाले तीन डॉक्टर्स अनिल निगम, डॉ. एके सिंह और जायसवाल समेत ड्यूटी के समय गायब रहने वाले डॉक्टर मुन्नालाल विश्वकर्मा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्हें जवाब देने के लिए ख्ब् घंटे की मोहलत दी गई है. 
डीएम ने पूछा क्यों न सील किए जाए हॉस्पिटल
यन्हृक्कक्त्र: निजी हॉस्पिटलों में टयूजडे छापेमारी के दौरान मिली खामियों पर सख्ती दिखाते हुए डीएम ने वेडनसडे को चार निजी हॉस्पिटलों को कारण बताओ नोटिस भेज कर पूछा है कि उनके हॉॅस्पिटल्स क्यों न सील किए जाए. वहीं मेट्रो हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ डीएम के फर्जी साइन करने के मामले में एफआईआर के निर्देश भी जारी किए हैं.
अस्पतालों को नोटिस जारी
जिन हॉस्पिटलों को नोटिस जारी हुआ है उसमें गुजैनी का प्रसाद हॉस्पिटल, बर्रा के गुंजन और गंगादेवी हॉस्पिटल और लखनपुर का मेट्रो हॉस्पिटल है. सभी को ख्ब् घंटे में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. 

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