भारतीय जनता पार्टी
के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अगर केंद्र में
उनकी सरकार बनती है तो काफ़ी समय देश की व्यवस्था में हुए उन गड्ढ़ों को
भरने में ही लग जाएगा, जो पिछले 60 सालों में आई सरकारों ने बनाए हैं. इसके
बाद ही देश के विकास का काम शुरू हो पाएगा.
इस अवसर पर संगठन ने एक मांग पत्र मोदी के सामने रखा. इस पर मोदी ने कहा कि आपकी सभी मांगे व्यावहारिक हैं और इनको पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में जगह दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि व्यापारियों में भाजपा की लोकप्रियता इतनी है कि उसे व्यापारियों की ही पार्टी माना जाता है.
मोदी ने कहा कि आज देश के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री से लेकर चपरासी तक का कायाकल्प करने की ज़रूरत है. यह कायाकल्प इस तरह का होना चाहिए कि आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश एक बार फिर जवान नज़र आए.
क़ानूनों का मकड़जाल
"देश के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री से लेकर चपरासी तक का कायाकल्प करने की जरूरत है. यह कायाकल्प इस तरह का होना चाहिए कि आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश एक बार फिर जवान नज़र आए"
-नरेंद्र मोदी, भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार
उन्होंने कहा कि पिछले 60 साल से देश क़ानूनों के मकड़जाल में फंसा हुआ है. बेकार के क़ानूनों से मुक्ति पाने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि देश में सरल, सहज और आम आदमी को फ़ायदा पहुँचाने वाले क़ानून होने चाहिए.
राज्यों का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को दिल्ली से चलाने का फ़ैशन अब बंद होना चाहिए और राज्यों पर भरोसा कर उन्हें और अधिकार देने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा कि दुनिया में छाने और संबंध बनाने का ज़रिया व्यापार ही है. संबंध इसी से जुड़ते हैं. इसलिए भारत के विदेश मंत्रालय को अब व्यापार और वाणिज्य कूटनीति पर ध्यान देना चाहिए.
देशभर से जुटे व्यापारियों को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार दुनिया में छाई आर्थिक मंदी की बात करती है लेकिन इससे डरने की ज़रूरत नहीं, ज़रूरत है इसका सामना करने की. इसके लिए सरकार को व्यापारियों को सुविधाओं से लैस करना चाहिए.
इस अवसर पर भाजपा नेता ने व्यापारियों को सलाह दी कि मिलावटख़ोरों को अपने बीच से दूर करें.
Source: Hindi News
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