यूपी के सीएम अखिलेश यादव के सामने हुआ पूरा हंगामा.
फिर से किया शर्मशार
कुछ दिनों पहले पेपस स्प्रे छिड़क कर संसद को शर्मशार करने की घटना को अभी हफ्ता भी नहीं बीता होगा और यहां यूपी विधानसभा में फिर ऐसा ही कुछ कारनामा हो गया. बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में विधायकों ने अपने कपड़े उतारकर अपना विरोध प्रदर्शन किया है. प्रदर्शन कर रहे विधायक चीनी मिल के मालिकों का विरोध कर रहे थे. वहीं ये पूरी घटना यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और आजम खान की आंखों के सामने हुई.
गन्ना किसानों के लिए
बुधवार को सदन की कार्यवाई शुरु होने के कुछ देर बाद ही हंगामा शुरु हो गया. हंगामा करते बीएसपी के विधायक पोस्टर्स लेकर वेल में घुस गए. विधायकों ने यूपी सरकार पर चीनी मिलों के मालिकों के साथ मिलें होने का आरोप लगाया है. हंगामें में बीएसपी को आरएलपीडी का खूब समर्थन मिलता दिखा. सदन में चल रहे शोर शराबे के बीच आरएलपीडी के दो विधायक कपड़े उतारकर हाथों में पोस्टर लिए बेंचों पर चढ़ गए. सभी ने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया. यूपी में गन्ना को अपनी साइड में करने को लेकर पोलिटिक्स अपने चरम पर है. वहीं कांग्रेस और बीजेपी भी पीछे नहीं है और दोनों ही पार्टियां गन्ना किसानों के वोट हासिल करने में लगी हैं.
कुछ दिनों पहले पेपस स्प्रे छिड़क कर संसद को शर्मशार करने की घटना को अभी हफ्ता भी नहीं बीता होगा और यहां यूपी विधानसभा में फिर ऐसा ही कुछ कारनामा हो गया. बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में विधायकों ने अपने कपड़े उतारकर अपना विरोध प्रदर्शन किया है. प्रदर्शन कर रहे विधायक चीनी मिल के मालिकों का विरोध कर रहे थे. वहीं ये पूरी घटना यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और आजम खान की आंखों के सामने हुई.
गन्ना किसानों के लिए
बुधवार को सदन की कार्यवाई शुरु होने के कुछ देर बाद ही हंगामा शुरु हो गया. हंगामा करते बीएसपी के विधायक पोस्टर्स लेकर वेल में घुस गए. विधायकों ने यूपी सरकार पर चीनी मिलों के मालिकों के साथ मिलें होने का आरोप लगाया है. हंगामें में बीएसपी को आरएलपीडी का खूब समर्थन मिलता दिखा. सदन में चल रहे शोर शराबे के बीच आरएलपीडी के दो विधायक कपड़े उतारकर हाथों में पोस्टर लिए बेंचों पर चढ़ गए. सभी ने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया. यूपी में गन्ना को अपनी साइड में करने को लेकर पोलिटिक्स अपने चरम पर है. वहीं कांग्रेस और बीजेपी भी पीछे नहीं है और दोनों ही पार्टियां गन्ना किसानों के वोट हासिल करने में लगी हैं.
Source: Hindi News
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