Kanpur. सिटी में टीनएजर्स जानकारी के अभाव में सेक्स प्रॉब्लम्स के शिकार हो रहे हैं. काउंसलिंग सेंटर्स और डॉक्टर्स के पास पहुंच रहे ऐसे टीनएजर्स और उनके पेरेंट्स की संख्या एलार्मिग तरीके से बढ़ रही है. काउंसलर्स और साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक युवाओं के इस तरह की प्रॉब्लम्स की सबसे बड़ी वजह दो नावों की सवारी है. दरअसल आज का युवा तेजी से बदलती माडर्न लाइफ स्टाइल के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है वहीं दूसरी तरफ फैमिली की वजह से ट्रेडिशनल टच को भी पूरी तरह से इग्नोर नहीं कर पाता है. इस ऊहापोह की स्थिति के कारण ही टीनएजर्स सेक्स और साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स की गिरफ्त में आ रहे हैं.
म्0 परसेंट टीनएजर्स सेक्स डिजीज से ग्रसित
उर्सला में किशोर परामर्श केंद्र के काउंसलर अवधेश और प्रियंका बताते हैं कि यहां आने वाले टीनएजर्स में से म्0 परसेंट टीनएजर्स सेक्स से रिलेटेड प्रॉब्लम्स के शिकार होते हैं, जिनकी यहां पर काउंसलिंग की जाती है. इनमें से ज्यादातर तो समाज में फैली हुई भ्रांतियों और मानसिक विकारों की वजह से परेशान होते हैं.
ये हैं प्रमुख कारण
-पोर्न मूवीज म्0 प्रतिशत
-सेक्स पावर की मेडिसीन ख्0 प्रतिशत
-स्मोकिंग-एल्कोहल का यूज 8 प्रतिशत
-बॉडी सप्लीमेंट्स 8 प्रतिशत
-अन्य कारण ब् प्रतिशत
रोज आ रहे हैं क्0 पेशेंट्स
सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. आनंद झा ने बताया कि टीन एजर्स में सेक्स संबंधी भ्रांतियां तेजी से बढ़ रही हैं. रोज 8-क्0 ऐसे पेशेंट्स आ रहे हैं. टीनएज में कई तरह के फिजिकल बदलाव होने लगते हैं. जिसे टीनएजर्स समझ नहीं पाते. माडर्न एरा में ये प्रॉब्लम और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. काउंसलिंग के जरिए उनकी प्राब्लम दूर की जाती है.
ये वजहें
-फैमिली प्राब्लम
-भागदौड़ की जिंदगी से टेंशन
-टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले मिथ्स
-माडर्न एरा में सेक्स की स्वछंदता
टेलीविजन है बड़ी वजह
टीनएजर्स में सेक्स प्राब्लम होने की बड़ी वजह टेलीविजन भी है. सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. आनंद झा ने बताया कि टीवी पर दिखाए जाने वाली पिक्चर्स टीनएज में काफी इफेक्ट डालती हैं. टीनएज उम्र का ऐसा पड़ाव होता है, जब न बचपन रहता है और न ही जवानी होती है. इस एज में दिमाग तेजी से किसी भी तरफ अट्रैक्ट होता है और हटता भी है. ऐसे समय में बच्चों पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है. टीवी पर दिखाई जाने वाली हिंसक मूवीज व सीरियल्स बचपन से ही निगेटिव थिंकिंग को बढ़ाते हैं, साथ ही टीवी से बच्चे अन्य एक्टीविटी से दूर हो जाते हैं.
सिटी में ब्भ्0 समलैंगिक रजिस्टर्ड
यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के सिटी में चल रहे एसटीआई सेंटर में अब तक ब्भ्0 समलैंगिकों को रजिस्टर्ड किया जा चुका है. जिसमें ज्यादातर टीनएज ग्रुप के हैं, इन्हें हाईरस ग्रुप भी कहा जाता है. काउंसलर प्रियंका ने बताया कि उर्सला में चलने वाले एसटीआई सेंटर में इन पेशेंट्स की काउंसलिंग की जाती है.
क्या कहते हैं आंकड़े
-क्भ्-क्9 वर्ष के टीनएजर्स में 8 परसेंट गर्ल्स व फ् परसेंट ब्वॉय सेक्स कर चुके होते हैं.
-देश में फ्भ् परसेंट ब्वॉय टीनएजर्स व क्9 परसेंट गर्ल्स टीनएजर्स को एचआईवी की जानकारी होती है.
-देश में ब्9,000 ब्वॉय टीनएजर्स और ब्म्,000 गर्ल्स टीनएजर्स एचआईवी से ग्रसित हैं.
सिटी में टीनएजर्स की ये प्राब्लम्स
- 90 परसेंट टीनएजर्स स्कूल से भागते हैं.
- 70 परसेंट स्ट्रेस, मूड स्विंग, व्यर्थता बोध जैसे लक्षणों के शिकार होते हैं.
- ब्0-भ्0 परसेंट टीनएजर्स को सिरदर्द, ओवरवेट की प्रॉब्लम होती है.
- ब्फ् परसेंट को एग्जाम से डर लगता है.
- ब्0 परसेंट टीनएजर्स सिब्लिंग राइवलरी से पीडि़त हैं.
- फ्म् परसेंट स्कूल से परेशान हैं.
- क्7 परसेंट टीनएजर्स पेरेंट्स के टोकने से परेशान रहते हैं.
क्या करें..
- अपने टीनएज बच्चे का मोबाइल चेक करते रहें, काल व मैसेज पर नजर रखें.
- फिर भी उसकी प्राइवेसी को स्पेस दें.
- टीनएज बच्चे के फ्रैंड्स सर्किल पर ध्यान रखें.
- उनके कमरे में टीवी व इंटरनेट न रखें.
- टीनएज बच्चा गल्ती करे तो उसे समझाएं. डांटें या पीटें नहीं. बच्चे के साथ फ्रेंडली बिहेव करें.
म्0 परसेंट टीनएजर्स सेक्स डिजीज से ग्रसित
उर्सला में किशोर परामर्श केंद्र के काउंसलर अवधेश और प्रियंका बताते हैं कि यहां आने वाले टीनएजर्स में से म्0 परसेंट टीनएजर्स सेक्स से रिलेटेड प्रॉब्लम्स के शिकार होते हैं, जिनकी यहां पर काउंसलिंग की जाती है. इनमें से ज्यादातर तो समाज में फैली हुई भ्रांतियों और मानसिक विकारों की वजह से परेशान होते हैं.
ये हैं प्रमुख कारण
-पोर्न मूवीज म्0 प्रतिशत
-सेक्स पावर की मेडिसीन ख्0 प्रतिशत
-स्मोकिंग-एल्कोहल का यूज 8 प्रतिशत
-बॉडी सप्लीमेंट्स 8 प्रतिशत
-अन्य कारण ब् प्रतिशत
रोज आ रहे हैं क्0 पेशेंट्स
सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. आनंद झा ने बताया कि टीन एजर्स में सेक्स संबंधी भ्रांतियां तेजी से बढ़ रही हैं. रोज 8-क्0 ऐसे पेशेंट्स आ रहे हैं. टीनएज में कई तरह के फिजिकल बदलाव होने लगते हैं. जिसे टीनएजर्स समझ नहीं पाते. माडर्न एरा में ये प्रॉब्लम और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. काउंसलिंग के जरिए उनकी प्राब्लम दूर की जाती है.
ये वजहें
-फैमिली प्राब्लम
-भागदौड़ की जिंदगी से टेंशन
-टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले मिथ्स
-माडर्न एरा में सेक्स की स्वछंदता
टेलीविजन है बड़ी वजह
टीनएजर्स में सेक्स प्राब्लम होने की बड़ी वजह टेलीविजन भी है. सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. आनंद झा ने बताया कि टीवी पर दिखाए जाने वाली पिक्चर्स टीनएज में काफी इफेक्ट डालती हैं. टीनएज उम्र का ऐसा पड़ाव होता है, जब न बचपन रहता है और न ही जवानी होती है. इस एज में दिमाग तेजी से किसी भी तरफ अट्रैक्ट होता है और हटता भी है. ऐसे समय में बच्चों पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है. टीवी पर दिखाई जाने वाली हिंसक मूवीज व सीरियल्स बचपन से ही निगेटिव थिंकिंग को बढ़ाते हैं, साथ ही टीवी से बच्चे अन्य एक्टीविटी से दूर हो जाते हैं.
सिटी में ब्भ्0 समलैंगिक रजिस्टर्ड
यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के सिटी में चल रहे एसटीआई सेंटर में अब तक ब्भ्0 समलैंगिकों को रजिस्टर्ड किया जा चुका है. जिसमें ज्यादातर टीनएज ग्रुप के हैं, इन्हें हाईरस ग्रुप भी कहा जाता है. काउंसलर प्रियंका ने बताया कि उर्सला में चलने वाले एसटीआई सेंटर में इन पेशेंट्स की काउंसलिंग की जाती है.
क्या कहते हैं आंकड़े
-क्भ्-क्9 वर्ष के टीनएजर्स में 8 परसेंट गर्ल्स व फ् परसेंट ब्वॉय सेक्स कर चुके होते हैं.
-देश में फ्भ् परसेंट ब्वॉय टीनएजर्स व क्9 परसेंट गर्ल्स टीनएजर्स को एचआईवी की जानकारी होती है.
-देश में ब्9,000 ब्वॉय टीनएजर्स और ब्म्,000 गर्ल्स टीनएजर्स एचआईवी से ग्रसित हैं.
सिटी में टीनएजर्स की ये प्राब्लम्स
- 90 परसेंट टीनएजर्स स्कूल से भागते हैं.
- 70 परसेंट स्ट्रेस, मूड स्विंग, व्यर्थता बोध जैसे लक्षणों के शिकार होते हैं.
- ब्0-भ्0 परसेंट टीनएजर्स को सिरदर्द, ओवरवेट की प्रॉब्लम होती है.
- ब्फ् परसेंट को एग्जाम से डर लगता है.
- ब्0 परसेंट टीनएजर्स सिब्लिंग राइवलरी से पीडि़त हैं.
- फ्म् परसेंट स्कूल से परेशान हैं.
- क्7 परसेंट टीनएजर्स पेरेंट्स के टोकने से परेशान रहते हैं.
क्या करें..
- अपने टीनएज बच्चे का मोबाइल चेक करते रहें, काल व मैसेज पर नजर रखें.
- फिर भी उसकी प्राइवेसी को स्पेस दें.
- टीनएज बच्चे के फ्रैंड्स सर्किल पर ध्यान रखें.
- उनके कमरे में टीवी व इंटरनेट न रखें.
- टीनएज बच्चा गल्ती करे तो उसे समझाएं. डांटें या पीटें नहीं. बच्चे के साथ फ्रेंडली बिहेव करें.
Source: Kanpur News in Hindi
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