शहर में भले ही अभी मेट्रो चालू नहीं हुई है, लेकिन जालसाजों ने मेट्रो में नौकरी लगवाने का झांसा देकर बेरोजगारों को चपत लगाना शुरू कर दिया है। एक गिरोह ने 12 बेरोजगारों को मेट्रो समेत सरकारी डिपार्टमेंट में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 12 लाख की ठगी कर दी। उन्होंने रुपए ऐंठने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। वे नौकरी ज्वाइन करने पहुंचे तो उन्हें ठगी का पता चला। उनकी शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया।
मेट्रो में नौकरी का झांसा
सिद्धार्थनगर में रहने वाले संजीव कुमार त्रिपाठी नौकरी की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कई वेबसाइट के जरिए नौकरी के लिए आवेदन भी किया है। उनके घर के पास एक युवक ने नौकरी लगवाने का झांसा देकर उन्हें न्यू आजाद नगर में रहने वाले सुशील कुमार श्रीवास्तव से बात कराई। सुशील ने नौकरी लगवाने के नाम पर उसने एक लाख रुपए जमा करवा लिए। साथ ही उसने संजीव के जरिए 12 और बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा लिया। उसने मेट्रो, कांशीराम हॉस्पिटल समेत अन्य डिपार्टमेंट नौकरी लगवाने का झांसा दिया था।
नगदी, फर्जी दस्तावेज बरामद
एक- एक लाख रुपए लेकर उनको फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी थमा दिया था। वे जब नौकरी ज्वाइन करने गए तो तब उन्हें ठगी का पता चला। उन्होंने 17 मई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी क्राइम ब्रांच जांच कर रही थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने रविवार को सुशील और उसके साथी अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उनके कब्जे से एक लाख की नगदी, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, मोहर समेत कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुआ है। Read more http://inextlive.jagran.com/kanpur/
मेट्रो में नौकरी का झांसा
सिद्धार्थनगर में रहने वाले संजीव कुमार त्रिपाठी नौकरी की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कई वेबसाइट के जरिए नौकरी के लिए आवेदन भी किया है। उनके घर के पास एक युवक ने नौकरी लगवाने का झांसा देकर उन्हें न्यू आजाद नगर में रहने वाले सुशील कुमार श्रीवास्तव से बात कराई। सुशील ने नौकरी लगवाने के नाम पर उसने एक लाख रुपए जमा करवा लिए। साथ ही उसने संजीव के जरिए 12 और बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा लिया। उसने मेट्रो, कांशीराम हॉस्पिटल समेत अन्य डिपार्टमेंट नौकरी लगवाने का झांसा दिया था।
नगदी, फर्जी दस्तावेज बरामद
एक- एक लाख रुपए लेकर उनको फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी थमा दिया था। वे जब नौकरी ज्वाइन करने गए तो तब उन्हें ठगी का पता चला। उन्होंने 17 मई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी क्राइम ब्रांच जांच कर रही थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने रविवार को सुशील और उसके साथी अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उनके कब्जे से एक लाख की नगदी, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, मोहर समेत कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुआ है। Read more http://inextlive.jagran.com/kanpur/
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