नियामताबाद ब्लॉक के लोहिया समग्र गांव जफरपुर में बिजली की समस्या से आजिज ग्रामीणों ने सोमवार को गांव में ही प्रदर्शन किया। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीण ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने और जर्जर तारों को बदलने की मांग कर रहे थे.
हो सकता है हादसा
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि गांव में म्फ् केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है। उक्त ट्रांसफॉर्मर से लगभग क्भ्0 घरों का कनेक्शन है। वर्षों पूर्व लगाए गए विद्युत के तार व खंभे एकदम जर्जर हो चुके हैं। जर्जर तारों व खंभों के कारण ग्रामीणों में हमेशा भय का माहौल बना रहता है। उनका कहना है कि जर्जर तारों के टूटकर गिरने से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि जब गांव को लोहिया समग्र गांव में चयन हुआ था तो ग्रामीणों में आस जगी थी कि गांव में व्याप्त समस्याओं से ग्रामीणों को छुटकारा मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कहा कि विगत दिनों कमिश्नर ने अधिकारियों को जर्जर तारों का बदलने का निर्देश दिया था लेकिन अधिकारियों ने कमिश्नर के आदेश को भी अनसुना कर दिया। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र जर्जर तारों व खंभों सहित ट्रांसफॉर्मर को नहीं बदला गया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में किशोर लाल विश्वकर्मा, रामविलास सोनकर, लक्ष्मी नारायण, संतोष जायसवाल, वीरेंद्र विश्वकर्मा, पंकज, निर्मला, पुष्पा, मितला, महदेई, दुर्गा देवी, रीता, शांति, शीला, मीरा, माधुरी, निशा, नीलम आदि शामिल थे.
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प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि गांव में म्फ् केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है। उक्त ट्रांसफॉर्मर से लगभग क्भ्0 घरों का कनेक्शन है। वर्षों पूर्व लगाए गए विद्युत के तार व खंभे एकदम जर्जर हो चुके हैं। जर्जर तारों व खंभों के कारण ग्रामीणों में हमेशा भय का माहौल बना रहता है। उनका कहना है कि जर्जर तारों के टूटकर गिरने से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि जब गांव को लोहिया समग्र गांव में चयन हुआ था तो ग्रामीणों में आस जगी थी कि गांव में व्याप्त समस्याओं से ग्रामीणों को छुटकारा मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कहा कि विगत दिनों कमिश्नर ने अधिकारियों को जर्जर तारों का बदलने का निर्देश दिया था लेकिन अधिकारियों ने कमिश्नर के आदेश को भी अनसुना कर दिया। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र जर्जर तारों व खंभों सहित ट्रांसफॉर्मर को नहीं बदला गया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में किशोर लाल विश्वकर्मा, रामविलास सोनकर, लक्ष्मी नारायण, संतोष जायसवाल, वीरेंद्र विश्वकर्मा, पंकज, निर्मला, पुष्पा, मितला, महदेई, दुर्गा देवी, रीता, शांति, शीला, मीरा, माधुरी, निशा, नीलम आदि शामिल थे.
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