किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में अब इसी सत्र से एमबीबीएस, बीडीएस सहित अंडर ग्रेजुएट एग्जाम ऑनलाइन कराने की तैयारी हैं। केजीएमयू में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो- तीन एग्जाम कराने के बाद केजीएमयू से संबद्ध सभी मेडिकल व नर्सिग कॉलेजों में ऑनलाइन एग्जाम एक साथ कराया जाएगा, जिसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने तैयारी लगभग पूरी कर ली है।
इकोफ्रेंडली एग्जाम का कराया ट्रायल
केजीएमयू प्रशासन ने हाल ही में ऑनलाइन एग्जाम के लिए प्रोफेसर्स की मौजूदगी में अपने नए सॉफ्टवेयर के लिए ट्रायल भी किया। जो सभी मानकों पर खरा उतरा है। इससे उत्साहित केजीएमयू प्रशासन अब और बड़े स्तर पर इसे ले जाने की तैयारी है। इसके लिए और कंप्यूटर भी खरीदे जाएंगे जिससे सभी छात्र- छात्राओं का एग्जाम एक साथ हो सके। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने 300 कंप्यूटर और खरीदने का प्रपोजल भेजा है। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि इन नए कंप्यूटर का खर्च अगले एक डेढ़ साल में ही निकल आएगा। जिससे हर साल केजीएमयू का लाखों रुपए भी बचेंगे और स्टूडेंट्स की एग्जाम फीस भी कम होगी.
बचेंगे 45000 पेज
एग्जाम पेपर लगभग 15 पेज का होता है। तीन हजार स्टूडेंट का मतलब है कि 45 हजार पेज के क्वेश्चन पेपर ही बनकर आते हैं। ये भी डबल कॉपी में बनाए जाते हैं। अभी तक हर साल एग्जाम में यह पेपर बर्बाद होता है। इसके साथ ही इन सभी के लिए ओएमआर सीट भी मंगाई जाती है। साथ ही ये शीट और पेपर बाहरी एजेसी से बनवाए जाते हैं। जिसके लिए केजीएमयू हर साल बड़े पैमाने पर पैसा खर्च करता है। पिछले दो साल से ये सभी एग्जाम मल्टीपल च्वाइस कर दिए गए और इसके लिए ओएमआर शीट भी बनने ली। फिर उसकी स्कैंनिंग में भी खर्च आता है.
बचाकर रखने पड़ते हैं पेपर
केजीएमयू प्रशासन के अनुसार क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट को कई साल तक बचाकर रखना पड़ता है। कभी भी कोई स्टूडेंट कोर्ट चला जाता है तो उसकी आंसर सीट और पेपर प्रस्तुत करना पड़ता। जरूरत खत्म होने के कारण भी इस पेपर को रद्दी मे भी नहीं बेच सकते क्योंकि गोपनीयता के कारण इसे नष्ट करना पड़ता है।
ये भी होगा फायदा
अभी आन लाइन एग्जाम की प्रक्रिया विश्व के ज्यादातर विकसित देशों मे लागू हो चुकी है। विश्वस्तरीय एग्जाम पैटर्न अपनाने की दिशा में ही केजीएमयू प्रशासन आनलाइन एग्जाम कराने की दिशा में बढ़ रहा है। केजीएमयू के आफिसर्स के अनुसार मेडिकल का आनलाइन पेपर लेने में फोटोग्राफ, एक्सरे, ईसीजी, इंस्ट्रूमेंट, प्रोसीजर, सब कुछ दिखाकर प्रश्न पूछे जा सकेंगे। वर्तमान में केजीएमयू प्रशासन इसके लिए टीसीएस की हेल्प ले रहा है। जल्द ही वो खुद के पैरों पर खड़ा होगा और सभी एग्जाम खुद कराएगा. Read more http://inextlive.jagran.com/lucknow/
इकोफ्रेंडली एग्जाम का कराया ट्रायल
केजीएमयू प्रशासन ने हाल ही में ऑनलाइन एग्जाम के लिए प्रोफेसर्स की मौजूदगी में अपने नए सॉफ्टवेयर के लिए ट्रायल भी किया। जो सभी मानकों पर खरा उतरा है। इससे उत्साहित केजीएमयू प्रशासन अब और बड़े स्तर पर इसे ले जाने की तैयारी है। इसके लिए और कंप्यूटर भी खरीदे जाएंगे जिससे सभी छात्र- छात्राओं का एग्जाम एक साथ हो सके। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने 300 कंप्यूटर और खरीदने का प्रपोजल भेजा है। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि इन नए कंप्यूटर का खर्च अगले एक डेढ़ साल में ही निकल आएगा। जिससे हर साल केजीएमयू का लाखों रुपए भी बचेंगे और स्टूडेंट्स की एग्जाम फीस भी कम होगी.
बचेंगे 45000 पेज
एग्जाम पेपर लगभग 15 पेज का होता है। तीन हजार स्टूडेंट का मतलब है कि 45 हजार पेज के क्वेश्चन पेपर ही बनकर आते हैं। ये भी डबल कॉपी में बनाए जाते हैं। अभी तक हर साल एग्जाम में यह पेपर बर्बाद होता है। इसके साथ ही इन सभी के लिए ओएमआर सीट भी मंगाई जाती है। साथ ही ये शीट और पेपर बाहरी एजेसी से बनवाए जाते हैं। जिसके लिए केजीएमयू हर साल बड़े पैमाने पर पैसा खर्च करता है। पिछले दो साल से ये सभी एग्जाम मल्टीपल च्वाइस कर दिए गए और इसके लिए ओएमआर शीट भी बनने ली। फिर उसकी स्कैंनिंग में भी खर्च आता है.
बचाकर रखने पड़ते हैं पेपर
केजीएमयू प्रशासन के अनुसार क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट को कई साल तक बचाकर रखना पड़ता है। कभी भी कोई स्टूडेंट कोर्ट चला जाता है तो उसकी आंसर सीट और पेपर प्रस्तुत करना पड़ता। जरूरत खत्म होने के कारण भी इस पेपर को रद्दी मे भी नहीं बेच सकते क्योंकि गोपनीयता के कारण इसे नष्ट करना पड़ता है।
ये भी होगा फायदा
अभी आन लाइन एग्जाम की प्रक्रिया विश्व के ज्यादातर विकसित देशों मे लागू हो चुकी है। विश्वस्तरीय एग्जाम पैटर्न अपनाने की दिशा में ही केजीएमयू प्रशासन आनलाइन एग्जाम कराने की दिशा में बढ़ रहा है। केजीएमयू के आफिसर्स के अनुसार मेडिकल का आनलाइन पेपर लेने में फोटोग्राफ, एक्सरे, ईसीजी, इंस्ट्रूमेंट, प्रोसीजर, सब कुछ दिखाकर प्रश्न पूछे जा सकेंगे। वर्तमान में केजीएमयू प्रशासन इसके लिए टीसीएस की हेल्प ले रहा है। जल्द ही वो खुद के पैरों पर खड़ा होगा और सभी एग्जाम खुद कराएगा. Read more http://inextlive.jagran.com/lucknow/
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