इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष ऋचा सिंह ने इविवि प्रशासन द्वारा थमाई गई नोटिस पर पलटवार कर दिया है। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम जारी खुली चिट्ठी में खुद को दी गई नोटिस के बाद यह कदम उठाया है। विवि के डीएसडब्ल्यू की ओर से जारी नोटिस में ऋचा से कहा गया था कि उन्होंने पीएम को लिखे गए लेटर में जो भी आरोप लगाए हैं। उसका पूरा एविडेंस विवि प्रशासन को दें। लेकिन ऋचा ने जवाब भेजे जाने से इंकार कर दिया है।
आरोपियों को नहीं देंगी कागज
ऋचा ने विवि प्रशासन को अपना जवाब भेजने के बजाय सभी सबूतों के साथ पीएमओ और एमएचआरडी कार्यालय को जवाब भेजा है। इसकी छाया प्रति संबंधित उच्च अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों समेत सभी प्रमुख पार्टियों के सांसदों को भी भेजी गई है। ऋचा का कहना है कि जब कुलपति से लेकर विवि में प्रमुख पदों पर आसीन लोगों के खिलाफ जांच की मांग की जा रही है तो कोई भी कागज उपलब्ध कराना जांच को प्रभावित करना होगा। कहा कि आरोपी स्वयं अपनी जांच नहीं करा सकता.
तो विवि बचाओ आन्दोलन होगा ऋचा ने विश्वविद्यालय से कार्रवाई की धमकी की नोटिस को भी प्रधानमंत्री को भेजा है। पीएम को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि कैसे उन्हें कुलपति के इशारे पर परेशान करने की कोशिश की जा रही है। ऋचा ने कहा है कि अगर लोकतंत्र में सवाल करने के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार का हनन कर हम पर कुलपति किसी भी तरह की कार्रवाई करते हैं तो विवि में लोकतांत्रिक माहौल को बनाये रखने और तानाशाही के खिलाफ विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन किया जाएगा।
छात्रसंघ का कार्यकाल खत्म
उधर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू ने ऑफिसियल नोटिस जारी करके बताया है कि छात्रसंघ के सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो गया है। बताया है कि इविवि छात्रसंघ नियम 2012 राज्य (8/नोट/4) के अनुसार छात्रसंघ के पदाधिकारियों का कार्यकाल अकादमिक सत्र जिसके अन्तर्गत वह निर्वाचित हुये थे, उनका कार्यकाल उक्त नियम के आलोक में 15 मार्च 2016 को समाप्त हो गया है। नोटिस जारी होने के बाद छात्र व शिक्षक दबी जुबान में सवाल उठा रहे हैं कि इस तरह की नोटिस पहले तो कभी जारी नहीं की गई। नोटिस का विरोध करते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि वे इसपर विस्तृत चर्चा के लिए छात्रसंघ के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। Read more http://inextlive.jagran.com/allahabad/
आरोपियों को नहीं देंगी कागज
ऋचा ने विवि प्रशासन को अपना जवाब भेजने के बजाय सभी सबूतों के साथ पीएमओ और एमएचआरडी कार्यालय को जवाब भेजा है। इसकी छाया प्रति संबंधित उच्च अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों समेत सभी प्रमुख पार्टियों के सांसदों को भी भेजी गई है। ऋचा का कहना है कि जब कुलपति से लेकर विवि में प्रमुख पदों पर आसीन लोगों के खिलाफ जांच की मांग की जा रही है तो कोई भी कागज उपलब्ध कराना जांच को प्रभावित करना होगा। कहा कि आरोपी स्वयं अपनी जांच नहीं करा सकता.
तो विवि बचाओ आन्दोलन होगा ऋचा ने विश्वविद्यालय से कार्रवाई की धमकी की नोटिस को भी प्रधानमंत्री को भेजा है। पीएम को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि कैसे उन्हें कुलपति के इशारे पर परेशान करने की कोशिश की जा रही है। ऋचा ने कहा है कि अगर लोकतंत्र में सवाल करने के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार का हनन कर हम पर कुलपति किसी भी तरह की कार्रवाई करते हैं तो विवि में लोकतांत्रिक माहौल को बनाये रखने और तानाशाही के खिलाफ विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन किया जाएगा।
छात्रसंघ का कार्यकाल खत्म
उधर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू ने ऑफिसियल नोटिस जारी करके बताया है कि छात्रसंघ के सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो गया है। बताया है कि इविवि छात्रसंघ नियम 2012 राज्य (8/नोट/4) के अनुसार छात्रसंघ के पदाधिकारियों का कार्यकाल अकादमिक सत्र जिसके अन्तर्गत वह निर्वाचित हुये थे, उनका कार्यकाल उक्त नियम के आलोक में 15 मार्च 2016 को समाप्त हो गया है। नोटिस जारी होने के बाद छात्र व शिक्षक दबी जुबान में सवाल उठा रहे हैं कि इस तरह की नोटिस पहले तो कभी जारी नहीं की गई। नोटिस का विरोध करते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि वे इसपर विस्तृत चर्चा के लिए छात्रसंघ के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। Read more http://inextlive.jagran.com/allahabad/
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