भगवान न करे यदि किसी मल्टी स्टोरी में आग लग गई तो अग्निशमन विभाग के पास ऐसे संसाधन उपलब्ध नहीं है। जिससे आग पर काबू पाया जा सके। बावजूद इसके अग्निशमन विभाग मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के लिए एनओसी दे रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब विभाग के पास आग को काबू पाने के संसाधन ही नहीं हैं तो एनओसी क्यों बांट रहा है?
जान जोखिम में डालने की एनओसी
आग लगने की घटनाओं को देखते हुए संडे को आई नेक्स्ट टीम ने अग्निशमन विभाग रियल्टी चेक किया तो हैरान करने वाली बाते सामने आई.्र इसमें पहला बिना सुरक्षा के इंतजाम के एनओसी दिए जाने का मामला रहा। किसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में आग लगने की स्थिति में अग्निशमन विभाग को रेस्क्यू ऑपरेशन करना होता है। जबकि विभाग के पास रेस्क्यू ऑपरेशन करने के लिए संसाधन ही मौजूद नहीं है। फिर भी विभाग ने बिल्डिगों को एनओसी जारी कर दी। बताते चलें कि विभाग बिल्डिंग को एनओसी आग के संसधानों की व्यवस्था होने पर देता है।
नहीं है प्रॉपर सुरक्षा के इंतजाम
अग्निशमन विभाग के पास बड़ी बिल्डिंग में आग बुझाने या लोगों को बचाकर बाहर निकालने के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म, हाइड्रोलिक लैडर और थर्मल इमेजिंग कैमरों की जरूरत होती है, लेकिन जिले में इनमें फायर ब्रिगेड के पास मात्र एक हाइड्रोलिक लैडर और एक थर्मल इमेजिंग कैमरा ही है। जबकि हाइड्रोलिक प्लेटफार्म नहीं है। इतना ही नहीं 45 लाख आबादी वाले बरेली जिले में मात्र 20 वाहन आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड के पास हैं। उनमें से भी तहसीलों में मौजूद वाहन 20 साल से भी पुराने हो चुके हैं। Read more http://inextlive.jagran.com/bareilly/
जान जोखिम में डालने की एनओसी
आग लगने की घटनाओं को देखते हुए संडे को आई नेक्स्ट टीम ने अग्निशमन विभाग रियल्टी चेक किया तो हैरान करने वाली बाते सामने आई.्र इसमें पहला बिना सुरक्षा के इंतजाम के एनओसी दिए जाने का मामला रहा। किसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में आग लगने की स्थिति में अग्निशमन विभाग को रेस्क्यू ऑपरेशन करना होता है। जबकि विभाग के पास रेस्क्यू ऑपरेशन करने के लिए संसाधन ही मौजूद नहीं है। फिर भी विभाग ने बिल्डिगों को एनओसी जारी कर दी। बताते चलें कि विभाग बिल्डिंग को एनओसी आग के संसधानों की व्यवस्था होने पर देता है।
नहीं है प्रॉपर सुरक्षा के इंतजाम
अग्निशमन विभाग के पास बड़ी बिल्डिंग में आग बुझाने या लोगों को बचाकर बाहर निकालने के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म, हाइड्रोलिक लैडर और थर्मल इमेजिंग कैमरों की जरूरत होती है, लेकिन जिले में इनमें फायर ब्रिगेड के पास मात्र एक हाइड्रोलिक लैडर और एक थर्मल इमेजिंग कैमरा ही है। जबकि हाइड्रोलिक प्लेटफार्म नहीं है। इतना ही नहीं 45 लाख आबादी वाले बरेली जिले में मात्र 20 वाहन आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड के पास हैं। उनमें से भी तहसीलों में मौजूद वाहन 20 साल से भी पुराने हो चुके हैं। Read more http://inextlive.jagran.com/bareilly/
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