बीआरडी के बाल रोग विभाग के आईसीयू में ऑटोमेटिक सेक्शन मशीन एक सप्ताह से खराब है। इससे मासूमों की जान खतरे में है। पूर्वाचल के सबसे बड़े अस्पताल में संसाधनों की कमी से मासूमों की जिंदगी पर बन आई है। मासूमों की जान बचाने के लिए डॉक्टर रोजाना सात से आठ बार इसे मैनुअल चलाने को विवश हैं.
यह है मामला
वार्ड 100 बेड के आईसीयू में 12 मासूम वेंटिलेटर पर हैं। हर बेड के बगल में ऑटोमेटिक सेक्शन मशीन लगी है। बीते दस दिन से मशीन खराब पड़ी है। इसके कारण डॉक्टरों को मरीज की जान बचाने के लिए मैनुअल सेक्शन करना पड़ रहा है। इसके लिए मरीज को हर चार घंटे बाद वेंटिलेटर सपोर्ट से हटाया जाता है। मैनुअल सेक्शन का काम दो रेजिडेंट पांच से छह मिनट के अंदर कर देते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इससे अधिक देर होने पर मासूम की मौत हो सकती है। Read more http://inextlive.jagran.com/gorakhpur/
यह है मामला
वार्ड 100 बेड के आईसीयू में 12 मासूम वेंटिलेटर पर हैं। हर बेड के बगल में ऑटोमेटिक सेक्शन मशीन लगी है। बीते दस दिन से मशीन खराब पड़ी है। इसके कारण डॉक्टरों को मरीज की जान बचाने के लिए मैनुअल सेक्शन करना पड़ रहा है। इसके लिए मरीज को हर चार घंटे बाद वेंटिलेटर सपोर्ट से हटाया जाता है। मैनुअल सेक्शन का काम दो रेजिडेंट पांच से छह मिनट के अंदर कर देते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इससे अधिक देर होने पर मासूम की मौत हो सकती है। Read more http://inextlive.jagran.com/gorakhpur/
No comments:
Post a Comment