Monday, June 13, 2016

हे भगवान, बारिश न हो

यूं तो 11 का अंक शुभ माना जाता है। लेकिन शहर के वार्ड 11 संजय नगर में यह अंक भी जनता के लिए शुभ नहीं साबित हो सका। पुराना शहर और सुभाषनगर एरिया से इतर संजयनगर की हालत थोड़ी बेहतर है। यहां सड़कें थोड़ी चौड़ी हैं। एरिया की बनावट और बसाहट भी पुराने शहर की तरह कंजस्टेड नहीं है। लेकिन मानसून में बारिश के दौरान संजयनगर की तस्वीर भी जलभराव से जूझ रहे शहरी इलाकों से इतर नहीं। हकीकत तो यह है कि संजय नगर वार्ड की शुरुआत होते ही जलभराव वाले एरिया शुरू हो जाते हैं। बारिश में हालात ऐसे हो जाते हैं कि लोग पानी भरने से अपने ही घरों में कैद हो जाते हैं.

नहीं मालूम कब उतरेगा पानी

संजय नगर वार्ड में बाईपास शुरू होते ही कॉलोनी में जबरदस्त जलभराव की समस्या होती है। पानी निकासी के लिए ड्रेनेज व्यवस्था इस वार्ड में भी बेहद खराब है। चंद घंटों की मूसलाधार बारिश कई बार 4- 5 दिनों मे गलियों में नहर सा हालात बना देती है। एरिया के लोग घरों के अंदर ही रुकने को मजबूर होते हैं। या कमर तक पानी से निकलकर काम- धंधे में जाने की मशक्कत करनी पड़ती है। वार्ड के लोगों का कहना है कि कई बार पानी घरों में इतना भर जाता है कि पता ही नहीं चलता कि कब यह उतरेगा.

समवेल से भी नहीं राहत

ड्रेनेज सिस्टम न होने से नगर निगम की ओर से संजय नगर में एक समवेल लगाया गया है। कॉलोनी व गलियों में पाइप डालकर इन्हें समवेल से जोड़ा गया है। जलभराव होने की स्थिति में समवेल से पानी खंींचकर निकासी की जाती है। जो नजदीक स्थित एक तालाब में छोड़ा जाता है। लेकिन बारिश के दौरान यह तालाब ही पानी से भर जाता है। जिससे तालाब का ओवरफ्लो पानी वापस कॉलोनी में आता है। वहीं लोगों की शिकायत है कि समवेल का पंप भी रेगुलर नहीं चलता। कई बार यह खराब हो जाता है। इससे जलभराव की दिक्कत बनी रहती है. Read more http://inextlive.jagran.com/bareilly/

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