Wednesday, January 7, 2015

Faith season shadow of terror

माघ मेला पर खराब मौसम के आतंक का साया दिख रहा है। इसी का नतीजा है कि इस वर्ष पिछले साल की अपेक्षा तकरीबन सवा लाख कल्पवासी कम पहुंचे हैं। पहले स्नान पौष पूर्णिमा पर भी कुछ ऐसी ही स्थिति दिखाई दी। 

माघ मेला में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु कल्पवास करने संगम पहुंचते हैं। कल्पवासी तीर्थ पुरोहितों और धार्मिक संस्थाओं के शिविरों में प्रवास करते हैं। अधिकांश कल्पवासी तीर्थ पुरोहित के शिविरों में निवास करते हैं। मेला अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्ष करीब तीन लाख श्रद्धालु मेला में कल्पवास करने पहुंचे थे। इस बार यह आकड़ा घटकर पौने दो लाख के करीब पहुंच गया। संगम क्षेत्र में कल्पवासियों के पहुंचने का सिलसिला पौष पूर्णिमा से दो-तीन दिन पहले शुरु हो जाता है। इस बार पौष पूर्णिमा पांच जनवरी को थी। इससे पूर्व के 15 दिन मौसम काफी खराब रहा। नए साल की शुरुआत बारिश के साथ हुई। यह कई दिन चली। पौष पूर्णिमा के दिन तो धूप निकल आई थी पर इससे पूर्व के तीन चार दिन बारिश से भरे रहे। बारिश ने ठंड बढ़ा दी और मेले को अस्तव्यस्त कर दिया। 1पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी कम रही। वहीं तीर्थ पुरोहित विधानचंद मिश्र का कहना है कि कम कल्पवासियों के आने से तीर्थ पुरोहित समाज चिंतित हैं।

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