माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) के पावन पर्व पर माताओं ने
पुत्र की सलामती को व्रत रखा। गुरुवार को दिनभर निर्जला व्रत रखकर
भजन-कीर्तन में तल्लीन रहीं। शाम को चंद्रोदय पर विधि-विधान से विघ्नविनाशक
की स्तुति की। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर उन्हें तिल, गुड़,
रामदाना, सिंघाड़ा, पंचमेवा, शकरकंद, गाजर, बैगन, गन्ना आदि अर्पित कर आशीष
लिया।
दिल्ली में चांद दिखा का...। नाही...इहां
इलाहाबाद में त बादर (बादल) छाए हैं तोहरे इहां दिखा का...चांद। नहीं
गोरखपुर में दिखा अहै। सोनवभद्र से इहै सूचना मिली अहै। ...चला कहूं त
दिखा। अब हमहू अघ्र्य दै कर कइ लेत अही फलाहार।
Source: Daily and Weekly Horoscope 2015
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