माघमेला क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं पर उग्र आंदोलन करने वाले दंडी संन्यासियों के पास सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन पहुंचा। संन्यासियों का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बात करके उनसे ढाई हजार क्यूसेक पानी गंगा में छुड़वाने का आश्वासन दिया। मेला प्रभारी एके सिंह भी मौके पर पहुंचे और संन्यासियों की मांगों की सूची बनाकर उस पर काम शुरू करा दिया जिससे दोपहर करीब एक बजे के दो दिनों से चल रहा क्रमिक अनशन समाप्त हो गया।
अखिल भारतीय दंडी स्वामी संन्यासी प्रबंधन समिति के बैनर तले गुरुवार से दंडी संन्यासी गंगोली शिवाला मार्ग पर क्रमिक अनशन पर बैठ गए। वह गंगा का जलस्तर नहीं बढऩे, मेला क्षेत्र में बिजली, पानी, चकर्ड प्लेट और राशन की उचित उपलब्धता न होने से नाराज थे।
समिति के संरक्षक जगदगुुरु स्वामी महेशाश्रम का दावा है कि रविवार की सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से उनके पास फोन आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बात करके बताया कि टिहरी से ढाई हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है जो शीघ्र ही माघ मेला क्षेत्र में पहुंच जाएगा। बाद में मेलाधिकारी ने मौके पर आकर संतों व कल्पवासियों की समस्या दूर करने का काम शुरू कर प्रदर्शन खत्म करने की गुजारिश की जिसके बाद संन्यासी वहां से उठे। अनशन स्थल पर अध्यक्ष विमलदेव आश्रम, महामंत्री स्वामी ब्रह्मश्रम, स्वामी शंकराश्रम, दिव्यस्वरूप ब्रह्मचारी, रामदेव आश्रम, लालेश्वर आश्रम, मिथिलेशाश्रम, दयालु, राधेस्वरूप ब्रह्मचारी, आनंददेव आदि मौजूद रहे।
Source: Daily Horoscope 2015
अखिल भारतीय दंडी स्वामी संन्यासी प्रबंधन समिति के बैनर तले गुरुवार से दंडी संन्यासी गंगोली शिवाला मार्ग पर क्रमिक अनशन पर बैठ गए। वह गंगा का जलस्तर नहीं बढऩे, मेला क्षेत्र में बिजली, पानी, चकर्ड प्लेट और राशन की उचित उपलब्धता न होने से नाराज थे।
समिति के संरक्षक जगदगुुरु स्वामी महेशाश्रम का दावा है कि रविवार की सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से उनके पास फोन आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बात करके बताया कि टिहरी से ढाई हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है जो शीघ्र ही माघ मेला क्षेत्र में पहुंच जाएगा। बाद में मेलाधिकारी ने मौके पर आकर संतों व कल्पवासियों की समस्या दूर करने का काम शुरू कर प्रदर्शन खत्म करने की गुजारिश की जिसके बाद संन्यासी वहां से उठे। अनशन स्थल पर अध्यक्ष विमलदेव आश्रम, महामंत्री स्वामी ब्रह्मश्रम, स्वामी शंकराश्रम, दिव्यस्वरूप ब्रह्मचारी, रामदेव आश्रम, लालेश्वर आश्रम, मिथिलेशाश्रम, दयालु, राधेस्वरूप ब्रह्मचारी, आनंददेव आदि मौजूद रहे।
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