Sunday, January 11, 2015

Turned-'identical Civil Court: Swarupanand

गंगा भारतीय संस्कृति की प्राण हैं, जिनकी रक्षा के लिए हर व्यक्ति को सहयोग की भावना जागृत करनी होगी। जगद्गुुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने रविवार को 'गंगा यमुना जल प्रदूषण निवारण प्रदर्शनीÓ का शुभारंभ करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संगम क्षेत्र में प्रस्तावित फ्लाईओवर को प्रकृति के खिलाफ बताया। कहा कि इससे गंगा में प्रदूषण व दुर्घटनाएं बढ़ेंगी, इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने कहा कि गंगा की निर्मलता के लिए उन्हें अविरल करना होगा।

महामना मदनमोहन मालवीय ने गंगा की अविरलता को संघर्ष करके अंग्रेजी हुकूमत को झुकने पर मजबूर कर दिया था। सांसद केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गंगा में गंगोत्री के जल के बजाय नहर का पानी आना चिंताजनक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा की रक्षा के लिए जो प्रयास शुरू किया है, उसका परिणाम जल्द सबके सामने आएगा। इस दौरान आधा दर्जन पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। प्रदर्शनी के संयोजक प्रो. दीनानाथ शुक्ल 'दीनÓ ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला।

No comments:

Post a Comment