Thursday, January 15, 2015

त्रिवेणी तट पर आस्था-आनंद का 'संगम

माघ मेला के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति पर संगम की रेती पर आगाध आस्था के साथ अलौकिक, अद्भुत आनंद का संगम हुआ। इस पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। हाड़ कंपाने वाली ठंड के बावजूद

भारी भीड़ बरबस संगम की ओर श्रद्धा और जोश के बीच बढ़ती गई। संगम तट पर पहुंचते ही 'हर-हर गंगे, जय मां गंगेÓ का उद्घोष करते हुए गंगा मइया की

गोद में गोता लगाकर जन्मजन्मांतर के पाप से मुक्ति की कामना का क्रम आवेग पर दिखा।

मेला प्रशासन ने 14 लाख लोगों के स्नान करने का दावा किया है।

सौर्य कलेंडर को मानने वालों ने बुधवार को मकर संक्रांति का स्नान किया। जबकि सूर्य का धनु से मकर राशि में प्रवेश बुधवार की रात 1.20 बजे ही हो

गया। मकर संक्रांति का उदया तिथि का स्नान गुरुवार की भोर से शुरू हुआ। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने संगम के जल से अपने शिविर में स्नान किया। वहीं जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद

सरस्वती, देवतीर्थ स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती, महंत

माधवदास, रामतीर्थदास, महामंडलेश्वर मनोहरदास, महंत

ब्रजभूषणदास, महंत वैष्णव दास, महंत नरेंद्र गिरि, ब्रहमचारी रामानंद,

दंडी संन्यासी जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम, स्वामी विमलदेव आश्रम, स्वामी

ब्रहमाश्रम आदि सहित प्रमुख संत-महात्मओं ने संगम में डुबकी लगाई।

Source: Daily and Weekly Horoscope 2015

No comments:

Post a Comment