Tuesday, January 13, 2015

'संगम' तट पर बन रहा 13 वर्ष बाद यह दुर्लभ योग

तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के 'संगम' तट पर लगे माघ मेले में कुंभ जैसे गृह योग बना रहा है। माघ मेले के महत्व में खासा इजाफा करेगा।

जानकारों का कहना है कि इसके चलते माघ मेले में कुंभ मेले का पुण्य कमाया जा सकता है। यह स्थिति पूरे एक माह तक रहेगी। इस दौरान संगम में स्नान, जप, तप व व्रत आदि अनुष्ठान कई गुना पुण्य देने वाले साबित होंगे। बारह वर्षीय कुंभ हो या हर साल आयोजित होने वाला माघ मेला, इनकी स्थिति सूर्य और गुरु की चाल पर ही निर्भर होती है।

मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करने पर ही संक्रांति का विशेष स्नान होता है। उस समय सूर्य उत्तरायण भी हो जाता है। इस बार सूर्य का मकर में प्रवेश 14 जनवरी को हो रहा है, जबकि गुरु पिछले जून से ही अपनी उच्च राशि कर्क में विचरण कर रहा है।

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