Wednesday, January 28, 2015

Here is the mother temple in the desert

भारत-पाक के रिश्ते भले ही मधुर न हों लेकिन घन्टयाली देवी के चरणों में नतमस्तक होने दोनों देशों के भक्त मां के इस मंदिर में आते हैं।

पश्चिमी राजस्थान में थार मरुस्थल के अंतिम जिले जैसलमेर से करीब 110 कि.मी. दूर यह मंदिर पाकिस्तानी सीमा से सटे तनोट क्षेत्र स्थित 'घन्टयाली माता' मंदिर के नाम से जाना जाता है।

कहते हैं कि प्राचीन काल में कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोगों ने सीमावर्ती गांवों के पास रहने वालों पर अत्याचार किये व इस दौरान एक परिवार के सभी सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया गया। उस समय मात्र परिवार की एक गर्भवती महिला ही बची, जो अपने गांव को छोड़कर दूसरे स्थान पर चली गई।

कुछ समय के बाद उसने एक पुत्र को जन्म दिया। बड़ा होने के बाद जब उसने अपने परिवार के बारे में पूछा तो उसकी मां ने उसे सारी घटना के बारे में बताया। इस घटना को सुनकर उसने अपराधियों से बदला लेने की ठानी व एक दिन तलवार लेकर घन्टयाली गांव में आया जहां एक छोटा-सा मंदिर था।

यहां उसने माता को बालरूप में देखा। मां ने उसे अपने हाथों से जल पिलाकर उसकी प्यास बुझाकर आशीर्वाद दिया कि तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। मां ने कहा कि तुम केवल एक व्यक्ति को मारना, बाद में सभी एक-दूसरे पर हमला कर मारे जाएंगे। माता की बात सुनकर लड़के ने कहा कि यदि यह चमत्कार हो गया तो मैं यहां आकर अपना शीश आपके चरणों में चढ़ा दूंगा।

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