अगर इरादों में दम और हौसले बुलंद हो तो कोई भी काम कठिन नहीं होता। इन
दोनों के साथ थोड़ा सा हुनर मिल जाए तो कोई भी नारी सशक्त होने की सफलता की
इबारत लिख सकती हैं। रियासी जिले की पौनी तहसील में महिलाएं इसी वजह से न
केवल राज्य बल्कि देश के विभिन्न राज्यों के लिए प्रेरणा स्नोत हैं। यह
महिलाएं समूह में काम कर ईश्वर का भोग तैयार कर अपने घरों को खुशहाल बना
रही है।
आज सफलता की सीढिय़ां चढ़ कर आत्मनिर्भर और सशक्त हो रही महिलाओं में
शामिल चंचला देवी, पुष्पा देवी, गुड्डो देवी, कंचन शर्मा, कांता देवी,
शकुंतला देवी, गीता देवी, रानो देवी आदि की हालत व पहचान अबला, गरीब व मदद
के लिए दूसरों की मोहताज महिलाओं सी थी। लेकिन करीब दस वर्ष पूर्व देहरादून
की एक संस्था के प्रशिक्षित करने के बाद इलाके के सरपंच ने शिवखोड़ी रनसू
समूह के नाम से 14 महिलाओं का समूह बना कर ईश्वर के लिए भोग बनाने के काम
की शुरुआत की। इसके बाद से कभी गरीब समझी जाने वाली यह महिलाएं अब
आत्मनिर्भर हो चुकी हैं और समाज में इनका सम्मान व पहचान भी है। समूह में
शामिल महिलाएं दस वर्ष से नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह में एक बार लड्डू
का प्रसाद तैयार करती हैं। चार लड्डू वाले प्रसाद के छोटे डिब्बों को
शिवखोड़ी श्राइन बोर्ड प्रशासन 20 रुपये में प्रति डिब्बा की दर से बेचता
है। जबकि प्रशासन महिलाओं से इसे 16 रुपये प्रति डिब्बे के हिसाब से खरीदता
है।
ऐसे करतीं हैं काम -समूह में 14 महिलाएं शामिल हैं। इसमें से आठ महिलाएं
लड्डू के लिए बूंदी बनाने का काम करती हैं। दो महिलाएं तैयार की गई बूंदी
से लड्डू तैयार करती हैं। जबकि दो महिलाओं का एक समूह डिब्बा पैक करने के
काम करती हैं। इन महिलाओं की प्रमुख चंचला देवी है। महिलाओं का यह समूह
सप्ताह में दो घंटे काम करता है। एक घंटे में 50 पैकेट तक तैयार करती हैं।
यात्रा अधिक होने पर महिलाओं का यह समूह पांच से छह सौ तक पैकेट भी तैयार
करके देती हैं।
Source: Daily and Weekly Horoscope 2015
No comments:
Post a Comment