Thursday, December 18, 2014

NO ice sheet covered Kedarnath Dham

उत्तराखंड में पिछले दिनों हुई बर्फबारी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम लकदक हो गया है। बर्फ ने सड़को और भवनों को अपने आगोश में ले लिया है। बर्फबारी के बाद पूरा केदारनाथ धाम पर बर्फ की चादर सी ढक गई है।

बर्फ ने सड़को और भवनों को अपने आगोश में ले लिया है। बर्फबारी के बीच केदारनाथ में आवश्यक सामग्री हेलीकाप्टर से भेजा जा रहा है। केदारनाथ में बर्फ हटाने के कार्यों में जुटे हुए हैं नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के मजदूर और कर्मचारी। यहां तक कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो में जुटे कर्मचारियों के लिए बनाये गए आवासों पर भी बर्फ जम गए हैं। केदारनाथ में बर्फ काटने वाली मशीन व पुनर्निर्माण कार्यों में काम करने के लिए भारी मशीनें एमआई-26 से 15 दिसंबर तक पहुंचाई जानी थी। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका है।

मौसम खुलने के साथ ही सर्द बयार के बीच गुनगुनी धूप भले ही सुहा रही हो, लेकिन सोमवार तक हुई बर्फबारी के चलते पर्वतीय इलाकों में उत्पन्न दुश्वारियां अभी भी दूर नहीं हो पाई हैं। एक तो कड़ाके की ठंड और उस पर बर्फबारी से दर्जनों मीटर मार्ग बंद। ऐसे में पहाड़ के तमाम इलाकों में जीवन की गाड़ी पटरी पर नहीं लौट पाई है। उधर, मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में गुरुवार को मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन न्यूनतम तापमान में गिरावट का क्रम जारी रहेगा।

शनिवार से लेकर सोमवार तक पूरे राज्य में मेघों का डेरा रहा और इस दरमियान चोटियां बर्फ से लकदक हो गईं। वहीं, सूबे के सभी इलाकों में ठीक-ठाक बारिश हुई। परिणामस्वरूप राज्यभर में ठिठुरन खासी बढ़ गई है। हालांकि, मंगलवार और फिर बुधवार को राज्यभर में मौसम साफ रहने से लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन कड़ाके की ठंड झेल रहे पर्वतीय इलाकों में दुश्वारियां अभी कम नहीं हुई हैं। बर्फबारी के कारण मोटर मार्ग बंद रहने से आवाजाही तो बाधित हुई है, कई इलाकों में बिजली गुल है। यही नहीं, कुछ क्षेत्रों में खाद्यान्न का संकट भी गहराने लगा है।

आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार रहने के निर्देश-

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को सर्दी से बचाव के लिए जगह-जगह अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण बाधित होने वाले सड़क मार्ग को तत्काल खुलवाने के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जिलास्तर पर राहत-बचाव एवं आपदा प्रबंधन की टीम को तैयार रखा जाए, ताकि किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एन रविशंकर को जिला उत्तरकाशी तथा अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा को अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ क्षेत्र में स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने जिले में घटित होने वाली किसी भी प्रकार की घटना की जानकारी तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। भारी बर्फबारी के कारण किसी को कोई भी असुविधा नहीं होनी चाहिए। 

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