Monday, December 22, 2014

The government has come up on the promise of restoration of temples

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के बाद वहां के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण के लिए भारतीय मदद के वादे पर सरकार बढ़ चली है। एएसआई और मंदिर के सहमति पत्र को विदेश मंत्रालय के पास भेजा जा चुका है। इसी तर्ज पर दक्षिण-पूर्व एशिया के प्राचीन मंदिरों के संरक्षण संबंधी वर्षों पुराने प्रोजेक्टों के संबंध में भी इस वित्तीय वर्ष में धन मुहैया कराया जाएगा-

काठमांडू में प्राचीनतम मंदिर है। इसका अस्तित्व 400 ईस्वी के आस-पास से माना जाता है। शिव के प्रमुख मंदिरों में शुमार। शिवलिंग स्थापित है, हर रोज पांच हजार भारतीय श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

यूनेस्को की वैश्विक विरासत स्थल की सूची में शामिल है

वादा-अगस्त में सरकार ने वहां पर धर्मशाला बनाने के साथ पुराने स्मारकों के संरक्षण और मंदिर परिसर में साफ-सफाई की सुविधा प्रदान करने के लिए मदद का वादा किया था

इरादा- विदेश मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से इस संबंध में आग्रह किया। एएसआइ ने पशुपतिनाथ मंदिर ट्रस्ट के साथ मिलकर सहमति पत्र बनाकर मंत्रालय के पास स्वीकृति के लिए भेजा है। उसमें जीर्णोद्धार के लिए 24.26 करोड़ रुपये की मांग की गई है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

पशुपति नाथ मंदिर, चाम मंदिर

इन मंदिरों का निर्माण चौथी-चौदहवीं सदी के दौरान वियतनाम में हुआ था। माइ सन जीर्ण-शीर्ण हालत में यहां के प्रसिद्ध शिव मंदिरों की शृंखला है। उसको यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की सूची में भी शामिल किया गया है।

प्रोजेक्ट : 2010 में इस आशय संबंधी प्रस्ताव बना था। इस साल अक्टूबर में भारत और वियतनाम ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। पांच वर्षों की इस परियोजना पर 14.21 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। 

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