कुंभ के समय वीआइपी घाट पर हैलीपैड बनाने की योजना धरातल पर नहीं उतर पाई। अब यह योजना अर्धकुंभ में भी शामिल है। शहर के बीच में हैलीपैड बनने से प्रशासन व आम नागरिकों को सुविधा होगी। हैलीपैड न होने को लेकर विवाद हो चुका है। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला होने के कारण हरिद्वार में आम लोगों के साथ ही वीआइपी मूवमेंट भी बना रहता है।
सिडकुल बनने के बाद उद्योग लगे तो बड़े-बड़े उद्योगपति भी यहां आने लगे। शहर के पास एक हैलीपैड नहीं है। व्यवस्था बनाने के लिए साल 2009 से प्रशासन ने गुरुकुल कांगड़ी विवि के दयानंद स्टेडियम के खेल मैदान को हैलीपैड के तौर पर प्रयोग करना शुरू किया। साल 2010 में कुंभ मेला होना था, लिहाजा शहर के बीच में ही हैलीपैड बनाने का प्रस्ताव बनाया।
कुंभ से पहले वीआइपी घाट के पास हैलीपैड बनना था। कुंभ स्नान का लोभ वीआइपी भी नहीं छोड़ पाते हैं। प्रशासन की मंशा थी कि वीआइपी घाट पर ही हैलीपैड होने से वीआइपी सीधे वहीं उतरकर गंगा स्नान कर सकते हैं। इसके लिए सड़क मूवमेंट की जरूरत नहीं पड़ती। कुंभ के समय सड़कों पर भीड़ के चलते वीआइपी वाहनों का आवागमन संभव नहीं हो पाता। कुंभ बीतने के बाद यह प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में चला गया। पिछले माह गुरुकुल हैलीपैड पर मुख्यमंत्री व दक्षिण अफ्रीका के उद्योगपतियों का हैलीकॉप्टर एक ही समय उतरने को लेकर विवाद हो गया था। सिटी मजिस्टेट कार्यालय व पुलिस आमने सामने थे। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट का तबादला कुमाऊं रेंज में कर दिया गया।
अब फिर से प्रशासन को अर्धकुंभ में हैलीपैड की जरूरत महसूस हुई है। इसके लिए वीआइपी घाट पर हैलीपैड बनाने को कहा गया। इसके साथ ही डामकोठी के पास प्रस्तावित नये राज्य अतिथि गृह में भी हैलीपैड का प्रस्ताव है। 18 वीआइपी के लिए रोड मूवमेंट की जरूरत कम पड़ेगी 18 सरकारी हैलीपैड होने से विवाद से बचा जा सकेगा 18 हरकी पैड़ी आदि क्षेत्र में किसी दुर्घटना के बाद घायलों को हवाई मार्ग से निकाला जा सकेगा 18 निजी संस्थाओं की अनुमति आदि पर निर्भरता नहीं रहेगी 18 सुरक्षा के इंतजाम करने में आसानी होगी
प्रशासन की ओर से हैलीपैड बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। वीआईपी घाट व नए बनने वाले राज्य अतिथि गृह में हैलीपैड़ प्रस्तावित है। डी सेंथिल पांडियन, डीएम हरिद्वार
सिडकुल बनने के बाद उद्योग लगे तो बड़े-बड़े उद्योगपति भी यहां आने लगे। शहर के पास एक हैलीपैड नहीं है। व्यवस्था बनाने के लिए साल 2009 से प्रशासन ने गुरुकुल कांगड़ी विवि के दयानंद स्टेडियम के खेल मैदान को हैलीपैड के तौर पर प्रयोग करना शुरू किया। साल 2010 में कुंभ मेला होना था, लिहाजा शहर के बीच में ही हैलीपैड बनाने का प्रस्ताव बनाया।
कुंभ से पहले वीआइपी घाट के पास हैलीपैड बनना था। कुंभ स्नान का लोभ वीआइपी भी नहीं छोड़ पाते हैं। प्रशासन की मंशा थी कि वीआइपी घाट पर ही हैलीपैड होने से वीआइपी सीधे वहीं उतरकर गंगा स्नान कर सकते हैं। इसके लिए सड़क मूवमेंट की जरूरत नहीं पड़ती। कुंभ के समय सड़कों पर भीड़ के चलते वीआइपी वाहनों का आवागमन संभव नहीं हो पाता। कुंभ बीतने के बाद यह प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में चला गया। पिछले माह गुरुकुल हैलीपैड पर मुख्यमंत्री व दक्षिण अफ्रीका के उद्योगपतियों का हैलीकॉप्टर एक ही समय उतरने को लेकर विवाद हो गया था। सिटी मजिस्टेट कार्यालय व पुलिस आमने सामने थे। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट का तबादला कुमाऊं रेंज में कर दिया गया।
अब फिर से प्रशासन को अर्धकुंभ में हैलीपैड की जरूरत महसूस हुई है। इसके लिए वीआइपी घाट पर हैलीपैड बनाने को कहा गया। इसके साथ ही डामकोठी के पास प्रस्तावित नये राज्य अतिथि गृह में भी हैलीपैड का प्रस्ताव है। 18 वीआइपी के लिए रोड मूवमेंट की जरूरत कम पड़ेगी 18 सरकारी हैलीपैड होने से विवाद से बचा जा सकेगा 18 हरकी पैड़ी आदि क्षेत्र में किसी दुर्घटना के बाद घायलों को हवाई मार्ग से निकाला जा सकेगा 18 निजी संस्थाओं की अनुमति आदि पर निर्भरता नहीं रहेगी 18 सुरक्षा के इंतजाम करने में आसानी होगी
प्रशासन की ओर से हैलीपैड बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। वीआईपी घाट व नए बनने वाले राज्य अतिथि गृह में हैलीपैड़ प्रस्तावित है। डी सेंथिल पांडियन, डीएम हरिद्वार
Source: Daily Horoscope 2015
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