Saturday, December 20, 2014

Cold wave had enormous faith

भले ही हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा हो, सड़क पर नंगे पांव चलने पर कंकड़ों की चुभन का भी उन्हें एहसास नहीं हो रहा था, कारण यह कि यमुना स्नान के बाद सीधे पंचकोसी परिक्रमा शुरू कर दी थी।

पौष माह की कड़कड़ाती ठंड और पिछले तीन दिनों से चल रही शीतलहर में हजारों आस्थावान पुरुष और महिलाओं के शरीर शीत से शुन्न से हो रहे थे लेकिन प्रभु बांके बिहारी के प्रति आस्था में कोई कमी नहीं दिखाई दी।

ऐसा नहीं कि इन्हें ठंड नहीं लग रही थी, लेकिन आस्थावानों में इसकी कतई परवाह नहीं दिखी। दोपहर ग्यारह बजे के करीब जगन्नाथ घाट के निकट कुछ महिलाएं सड़क किनारे जल रही फूंस के अलाव को देखकर रुक गयीं। कुछ ने कहा कि हाथ सेंक लें, और कुछ ही पलों में झुंड आग के चारों ओर फैल गया।

Source: Weekly Horoscope 2015

No comments:

Post a Comment