काशी विश्वनाथ मंदिर में अब योग्य सेवादार भी पुजारी बनाए जाएंगे,
उनके साथ ही नि:शुल्क शास्त्रियों को भी अवसर मिलेगा। वाहन चालक व परिचारक भी योग्यता अनुसार इस पद पर प्रोन्नति पाएंगे। परिसर स्थित विग्रहों में पूजन आदि सुचारू बनाए रखने के लिए मंदिर प्रशासन ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है।
मंदिर में फिलहाल 51 के सापेक्ष 21 पुजारी ही तैनात हैं। इनमें से नौ पुजारी
तीन पालियों में गर्भगृह में ड्यूटी देते हैं। इससे परिसर स्थित 12 विग्रहों के
लिए एक-एक पुजारी ही बचते हैं। उन्हें मंदिर खुलने से शयन आरती तक यानी भोर के चार बजे से रात 11 बजे तक लगातार ड्यूटी देनी होती है। उनके बीमार होने या किसी कारण से अवकाश पर जाने से विग्रह पूरी तरह खाली रह जाता है। हालांकि ऐसे समय में मंदिर की रीति नीति और पूजन विधि जानने वाले सेवादार इसकी कमान संभालते रहे हैं। पिछले दिनों मंदिर प्रशासन ने पुजारियों की कमी के संबंध में शासन का ध्यान दिलाया। वहां से प्रस्ताव मांगे जाने पर अधिकारियों को ऐसे सेवादारों का भी ध्यान आया। तय किया गया कि मंदिर में तैनात 20 सेवादारों में से पुजारी बनने की योग्यता रखने वालों को भी यह मौका दिया जाएगा। नि:शुल्क सेवा देने वाले शास्त्रियों से भी कमी पूरी की जाएगी, साथ ही वाहन चालक और परिचारकों को भी प्रोन्नत कर यह जिम्मेदारी दी जाएगी। बाद में सेवादार, परिचारक व वाहन चालक समेत रिक्त पदों को खुली भर्ती के तहत भरा जाएगा।
व्यवस्था सुचारू करने का प्रयास -
शासन को भेजे गए प्रस्ताव में गर्भगृह में तीन पालियों में नौ, 12 विग्रहों के
लिए तीन पालियों के लिए 36 और छह रिजर्व पुजारी की मांग की गई है। इन 51 पदों पर रीति नीति से परिचित सेवादारों व अन्य को तैनात करने का भी प्रस्ताव है।
-अजय अवस्थी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्रीविश्वनाथ दरबार।
उनके साथ ही नि:शुल्क शास्त्रियों को भी अवसर मिलेगा। वाहन चालक व परिचारक भी योग्यता अनुसार इस पद पर प्रोन्नति पाएंगे। परिसर स्थित विग्रहों में पूजन आदि सुचारू बनाए रखने के लिए मंदिर प्रशासन ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है।
मंदिर में फिलहाल 51 के सापेक्ष 21 पुजारी ही तैनात हैं। इनमें से नौ पुजारी
तीन पालियों में गर्भगृह में ड्यूटी देते हैं। इससे परिसर स्थित 12 विग्रहों के
लिए एक-एक पुजारी ही बचते हैं। उन्हें मंदिर खुलने से शयन आरती तक यानी भोर के चार बजे से रात 11 बजे तक लगातार ड्यूटी देनी होती है। उनके बीमार होने या किसी कारण से अवकाश पर जाने से विग्रह पूरी तरह खाली रह जाता है। हालांकि ऐसे समय में मंदिर की रीति नीति और पूजन विधि जानने वाले सेवादार इसकी कमान संभालते रहे हैं। पिछले दिनों मंदिर प्रशासन ने पुजारियों की कमी के संबंध में शासन का ध्यान दिलाया। वहां से प्रस्ताव मांगे जाने पर अधिकारियों को ऐसे सेवादारों का भी ध्यान आया। तय किया गया कि मंदिर में तैनात 20 सेवादारों में से पुजारी बनने की योग्यता रखने वालों को भी यह मौका दिया जाएगा। नि:शुल्क सेवा देने वाले शास्त्रियों से भी कमी पूरी की जाएगी, साथ ही वाहन चालक और परिचारकों को भी प्रोन्नत कर यह जिम्मेदारी दी जाएगी। बाद में सेवादार, परिचारक व वाहन चालक समेत रिक्त पदों को खुली भर्ती के तहत भरा जाएगा।
व्यवस्था सुचारू करने का प्रयास -
शासन को भेजे गए प्रस्ताव में गर्भगृह में तीन पालियों में नौ, 12 विग्रहों के
लिए तीन पालियों के लिए 36 और छह रिजर्व पुजारी की मांग की गई है। इन 51 पदों पर रीति नीति से परिचित सेवादारों व अन्य को तैनात करने का भी प्रस्ताव है।
-अजय अवस्थी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्रीविश्वनाथ दरबार।
Source: Weekly Horoscope 2015
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