Thursday, December 18, 2014

The model will ferry Dshashwmed Mumbai industrialist

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर दशाश्वमेध घाट को मॉडल घाट के

तौर पर विकसित करने व सुंदर बनाने की जिम्मेदारी मुंबई के उद्योगपतियों को

सौंपी गई है। यह काम उद्योगपति अजय पीरामल की द ब्रज फाउंडेशन के माध्यम से

किया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को मुंबई व गुजरात के इंजीनियरों का दल दशाश्वमेध घाट का निरीक्षण करने भी पहुंचा।

दल में आर्किटेक्ट सुजग मोहंती, पीवीके रामेश्वर, जल विशेषज्ञ सुधीर जैन व

प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर गौरव गोला शामिल थे। बताते हैं कि एक सप्ताह में डीपीआर

बन जाएगा, इसके बाद जरूरी कोरम पूरा कर फरवरी माह से कार्य शुरू होगा। संस्था

से जुड़े पदाधिकारी विनीत नारायण ने बताया कि संस्था द्वारा वृंदावन में

सुंदरीकरण का कार्य किया गया है। अभी तक संस्था, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े

धरोहरों को सुंदर बनाने का कार्य करती रही है। इस दौरान वृंदावन का ब्रह्मकुंड,

सेवा कुंज व गोवर्धन पर्वत की तलहटी में रुद्रकुंड का जीर्णोद्धार किया गया है।

पहली बार गंगा किनारे काशी के दशाश्वमेध घाट को सुंदर बनाकर माडल के तौर पर पेश करना है। बताया कि संस्था द्वारा सुंदरीकरण कार्य खुद के बजट से कराया जाता है,द ब्रज फाउंडेशन ने ब्रज क्षेत्र के पर्यटन विकास का पहली बार संपूर्ण मास्टर

प्लान उप्र सरकार के लिए वर्ष 2008 में बनाया था, जिसपर अब कार्य हो रहा है। आओ सजाएं कान्हा का ब्रज-सीरियल में यू-ट्यूब पर संस्था के प्रयासों की झलक देखी जा सकती है।

घाट का निरीक्षण करने के बाद सीडीओ विशाख जी के नेतृत्व में प्रशासनिक

अधिकारियों संग बैठक की। इसमें शांतिलाल जैन, राकेश मिड्ढा, बाबू महाराज, मनीष

आदि उपस्थित थे।

पीएम मोदी को दिखाएंगे योजना -

डीपीआर बनने के बाद संस्था द्वारा इसे पीएम मोदी के समक्ष भी रखा जाएगा, इसके

बाद इस नक्शे को हाईकोर्ट में भी दाखिल कर अनुमति ली जाएगी। उम्मीद जाहिर की कि कोर्ट भी अनुमति दे देगा क्योंकि कोई नया निर्माण नहीं होना है।

नव निर्माण नहीं, जीर्णोद्धार -

संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि नव निर्माण नहीं होगा, पुराने व ऐतिहासिक

धरोहरों का जीर्णोद्धार होगा। इस दौरान आधुनिक तकनीक इस्तेमाल कर निर्माण के

मूल स्वरूप को बरकरार रखा जाएगा। घाट व निर्माण जिस पत्थर से बना है,

जीर्णोद्धार भी उसी पत्थर से होगा, सीढिय़ों व घाटों का पत्थर भी बदले जाएंगे।

घाट को बेहद आकर्षक रूप दिया जाएगा। डस्टबिन, हरियाली, वायरिंग, रंग-रोगन आदि कार्य प्रदेश सरकार के शासनादेश अनुसार होगा। 

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